इच्छा मंजिल तक पहुंचने की

 एक इच्छा मंज़िल तक पहुंचा देगी : - तुरंत हिंदुराष्ट्र निर्माण और अखंड भारत,विश्वगुरू भारत...


मौन और एकान्त, आत्मा के सर्वोत्तम मित्र हैं।

मौन होकर,एकांत में रहकर, अपने मंजिल तक पहुंचने के लिए योजना बनाकर सदैव प्रयत्नशील रहना होगा।

सौ प्रतिशत यशप्राप्ती होकर रहेगी।

                                                             परीक्षा संसार की,प्रतीक्षा परमात्मा की और समीक्षा स्वंय की करनी आवश्यक है..!

किंतु हम परीक्षा परमात्मा की करते हैं,प्रतीक्षा सुख की और समीक्षा दूसरों की करते हैं...

इसिलिए सदैव दुखी रहते है।


मेहनत की दिशा में वही जाता है 

जिसको सफलता की भूख हो।


हरी ओम्

🕉🕉🕉

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🙏🙏🙏


विनोदकुमार महाजन

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