सुख की तलाश में !

 सदैव खुश रहने का रामबाण ईलाज : - टेंशन फ्री रहना !

( लेखांक : - २०५९ )


विनोदकुमार महाजन

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सुखी जीवन और सुखी मनुष्य !

एक अवर्णीय जीवन !

आनंदी जीवन ईश्वर का वरदान होता है !

और हर एक मनुष्य अथवा हर एक प्राणी भी सुख के लिए सदैव प्रयत्नशील रहता है !


और सुख किसे नही चाहिए ?

सबको चाहिए !

मुझे भी और आपको भी !

मगर सचमुच में सुखी होने का रामबाण ईलाज क्या है ?


सदैव टेंशन फ्री रहना !

मस्त रहना,आनंदी रहना !

और सबसे महत्वपूर्ण बात,

सभी के जीवन में सुखों की बहार लाने के लिए सदैव तत्पर तथा प्रयत्नशील रहना !

दुखितोंको आधार देना !

उनके चेहरे पर खुशियां और आनंद देखना !

पशुपक्षी सहीत सभी पर निष्पाप, ह्रदय से,निष्कपट प्रेम करना !


आखिर जीवन है ही क्या ?

दुख जादा और सुख कम !

सुख कब आता है और निकल जाता है,समझ में भी नही आता है !

और दुख ?

निरंतर हमारा पिछा करता रहता है !

और हम सदैव दुखों से दूर भागने की कोशिश करते रहते है !


मगर आखिर दुखों से मुक्त होकर सुखी होने का कुछ तो भी रामबाण ईलाज तो होगा ही ना ?

जरूर !

सदैव मस्त रहना !

कलंदर रहना !

हर मुसिबतों की घडी में हँसते,मुस्कुराते रहना !


हँसते हँसते, कट जाए रस्ते !


मगर सचमुच में यह इतना आसान नही है !


तो इसके लिए क्या करना होगा ?


आजकल की संघर्ष पूर्ण, तनाव भरी जींदगी सभी के लिए, विशेषत: सामान्य लोगों के लिए, मध्यम वर्गीयों के लिए,

बहुत ही क्लेशदायक होती है, रहती है !

सुबह से शाम तक तनाव भरा जीवन !


जल्दी उठना, चाय नाष्टा के बाद काम पर जाना !

अनेक बार आँफिस में किरकिरी !

बाँस की मनमानी और तानाशाही !

सभी बाँस थोडे ही समझदार होते है ?

कुछ बाँस तो जानबूझकर इतना परेशान करते है की,पुछो मत !

मगर करते भी क्या है ?

नोकरी जो करनी है !


फिर घर आते है तो ?

घरवाली की विनावजह की तुनतुन,किरकिरी !

विनावजह का गुस्सा !

कभी कभी दोनों तरफ से भयंकर आकांड तांडव !

और...? तनाव ही तनाव !


बच्चों के अभ्यास का,उनके करीअर का,उनके भविष्य का टेंशन !

घर के किसी सदस्य की बिमारी !

और उपर से कर्जेपर लिया हुवा मकान का टेंशन!

और हर महीना का उसका बैंक का हप्ता !


तो सुख कहाँ ढुंडोगे साहब ?

टेंशन ही टेंशन ! सब टेंशन !

और ऐसे टेंशन में भला सुखी, आनंदी भी कैसे रह सकते है ?

और कौन रह सकते है ?


जरूर रह सकते है !

मन थोड़ा बडा चाहिए !

बस्स् , हो गया काम !

जब टेंशन होता है अथवा आता है...तब...

हँसकर टेंशन का मुकाबला किजिए !

टेंशन को सिरिअसली लेने के बजाए, हँसते रहिए !

टेंशन देनेवाले को भी हँसाईये !

सदैव दिलखुलाश रहिए !

मस्त रहिए !


अपनों से जादा दुखी लोगों की ओर देखिए !

ईश्वरी चिंतन,मनन,नामस्मरण किजिए !

ईश्वर से बाते किजिए !

भजन गाईये!फिल्मों के लोकप्रिय गाने गुनगुनाते रहिए !

मस्त शिटी बजाईये !

अथवा थोड़ा निसर्ग के सानिध्य में घूमकर आईये !

पशुपक्षियों से आनंद से बाते किजिए !


अच्छे अच्छे मित्र जोडिए !

उनके साथ दिलखुलाश बातें किजिए !

टेंशन फ्री,मस्त,ठहाके लगाकर हँसीए !


चाहे कितना भी बडा टेंशन हो...

समाप्त हो जायेगा !


आजकल टेंशन समाप्ति के लिए, कुछ लोग तो नशे के आदि भी हो रहे है !

नशे के आदि होना, मतलब खुद कमजोर हो जाना !

मन की कमजोरी !

और जादा तनावपूर्ण जीवन को स्विकारना !


साथीयों,

जीवन एक चुनौती है !

हर पल ,हर क्षण,हर क्षेत्र चुनौतियों से भरा है !

चुनौतियों से दूर भागो मत !

चुनौतियों का स्विकार करके,उसपर स्वार होकर, एक आनंदी, मस्त जीवन जीना भी एक कला है !

ऐसी कला अवगत करना आसान नही है !

मगर नामुमकिन भी नही है !


हर मुसीबतों की घडी में मस्त,कलंदर बनकर जियेंगे,

तो निश्चित रूप से दुखों से मुक्त भी होंगे ! सुखी भी होंगे !

और दुसरों को सुखी भी करेंगे !


आखिर मन की परिभाषा में सुख होता ही क्या है ?

और सभी प्रकार के सुख,पैसों से थोडे ही मिलते है ?

पैसा तो जीवनोपयोगी साधन है,मगर जीवन का अंतिम साध्य तो नहीं है !


विपरीत परिस्थितियों में,

विपदाओं की घडी में,

संकटों की स्थिति में,

मन की स्थिति शांत रखना, संयमित रखना और उसीपर स्वार होकर,

जीवन बडे आनंद से गुजरना ही जीवन का आनंद है !


हर्षोल्लास की घडी में आनंदित होना कोई विशेष बात नहीं है,

बल्कि विपरीत परिस्थितियों पर विजय हासिल करके,सदैव आनंदित होना,और दुसरों को भी आनंदित करना ही जीवन का कौशल है !

और इसके लिए साधना की भी जरूरत है !


आपने साधु को कभी दुखी,हताश, उदास,निराश देखा है ?

विपदाओं को भी आपदाओं में बदलने का सहजस्वभाव साधुओं में होता है !

हमारे जीवन में भी परिवर्तन के लिए और हमारा जीवन भी आनंदी करने के लिए, देखने के लिए भी,साधु का जीवन सदैव प्रेरणादायक होता है !


निरंतर मन की स्थिति साधु जैसी बनाने की कोशिश करेंगे, तो निश्चित रूप से, एक तनाव मुक्त, स्वस्थ, मस्त,आनंदी जीवन जियेंगे !

टेंशन फ्री जीवन जियेंगे !


खुद सुखी होंगे !

दुसरों को भी सुखी करने का प्रयास करेंगे !


इसीका नाम जीवन है !

इसीका नाम कलंदर बनकर जीना है !


हरी ओम्

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