अपनों ने ही रूलाया तो क्या करें ?
विपत्तियों के भयंकर क्षण में हिंदु एक दुसरे की सहायता करता है...?या भाग जाता है...?या हिंदु ही सच्चे हिंदुओं को रूलाता है ?
आपकी राय क्या है ?
अपनों से ही बहुत दुखदर्द झेले हमनें,अपनों ने ही रूलाया बारबार हमें मुसीबतों में...अपनों ने ही जहर के प्याले भी दीये भरभर के...तो...?
दुखदर्द किसे बताएं ?
हरी ओम्
विनोदकुमार महाजन
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