सद्गुरू चरण

 *सद्गुरु चरणों पर* 

 *संपूर्ण समर्पण चाहिए* 


🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉


इस जनम तो क्या,

दस जनम में भी

मुझे कर्म को हराना

मुमकिन नहीं था !


मगर मेरे सद्गुरु ने

कृपा की और मेरा,

संचीत,प्रारब्ध ही 

बदल गया !


मेरे सद्गुरु जीत गये !


मेरा संचीत कर्म जो

ब्रम्हराक्षस बनकर मेरा

पिछा कर रहा था और

भयंकर कष्ट दायक,नारकीय

जीवन भोगने के लिए

मजबूर कर रहा था,

मेरे सरपर बैठकर मुझपर

निरंतर प्रहार कर रहा था,

वह कर्म आखिर हार 

ही गया !


गुरुमंत्र के चौबीस सालों की

खडतर तपश्चर्या से मेरा

कर्म आखिर हार गया !


मेरे सद्गुरु हमेशा कहते थे,

 *सद्गुरु कृपा से अनेक* 

 *असाध्य कार्य भी साध्य* 

 *हो जाते है !* 


इसीलिए साथीयों,

दुखों से मुक्ति के लिए

अखंड गुरूमंत्र का

जाप किजिए !


संपूर्ण निष्ठा से !


आपको जरूर दुखों से

मुक्ति भी मिलेगी,

और नवजीवन भी मिलेगा !


जैसे की तुम्हारा अब

पुनर्जन्म ही हो गया है,

ऐसा महसूस होगा !


इसीलिए चाहिए सद्गुरु के

पवित्र चरणकमलों पर,

अतूट निष्ठा और अहंकार

शून्य संपूर्ण समर्पण भाव !


फिर जीवन की लडाई

आसान हो जायेगी !


 *हरी ओम्* 


🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉


 *विनोदकुमार महाजन*

Comments

Popular posts from this blog

मोदिजी को पत्र ( ४० )

हिंदुराष्ट्र

साप आणी माणूस