सनातन

 *भारत के मुसलमानों, अब समय आया है,तुम्हारे घरवापसी का।तुम्हारे पुर्वज हिंदु थे।इसीलिए तुम भी हिंदु ही हो।इसीलिए अपने पुराने घर में वापिस लौट आ जाना।

हिंदुस्तान में भी और संपूर्ण विश्व में,

घर वापसी अभियान तेजी से आरंभ हो चुका है।

विशेष उल्लेखनीय बात यह है की,तुम्हारा डि.एन.ए.भी हिंदुओं का ही है।


चलो एक नये सबेरे की ओर।

विश्व क्रांति की ओर।

विश्व मय हिंदुत्व की ओर।


इसी के साथ ही संपूर्ण विश्व में फैला हुवा मानव भी सनातन ही है,यह मेरा पूरा विश्वास है।

तो...सभी धर्मीय भाईयों,

चलो अपने पुर्वजों की ओर।

चलो अपने मूल सिध्दांतों की ओर।

चलो विश्व परिवर्तन की ओर।


हम जल्दी ही ला रहे है...

विश्व परिवर्तन अभियान...

सभी धर्मीयों के लिए


V.K.M.( विनोदकुमार )


( हिंदू संवाद मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष सप्तमी तिथि - ०३ )*


*मुस्लिम क्यों छोड़ रहे इस्लाम?*


भारत में शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने इस्लाम त्याग दिया। न तो यह इस तरह का इकलौता मामला है और न ही इस तरह की घटनाएं अब इक्का-दुक्का हैं। दुनिया भर में मुस्लिमों के एक बड़े हिस्से का इस्लाम से मोहभंग हो रहा है। वाशिंगटन स्थित प्रतिष्ठित प्यू रिसर्च सेंटर के एक सर्वेक्षण के अनुसार 6 प्रतिशत भारतीय मुसलमानों को अल्लाह पर भरोसा नहीं है। आखिर क्या है इस्लाम से ईमानवालों के इस मोहभंग का कारण? एक पड़ताल

https://m.facebook.com/groups/hindusamwad/permalink/4510823065680550/

फिलस्तीन में जन्मे हसन मोसाब यूसुफ ने अपने जीवन का एक लम्बा समय कुख्यात इस्लामिक आतंकवादी संगठन ‘हमास’ के लिए काम करते हुए बिताया है। उसने अपनी आत्म-कथा लिखी है - ‘सन आफ हमास’। इसमें उसने बताया है कि उसके पिता ‘हमास’ के संस्थापक सदस्य थे, इसलिए इस्लाम के लिए जिहाद करना उसे विरासत में मिला था। अपने प्रारंभिक जीवन में उसे इस बात पर गर्व भी था। किंतु धीरे-धीरे कुरान से और उसमें जिसकी इबादत’ की जाती है, उस अल्लाह से, हसन मोसाब यूसुफ का विश्वास उठने लगा। परिणामत: उसने इस्लाम को त्याग दिया। उसके इस्लाम छोड़ने से इस्लाम के दुकानदारों में एक खलबली मची है। आज वह कहता है कि कुरान में जिस अल्लाह नामक गॉड का वर्णन है वह विश्व का सबसे बड़ा आतंकवादी है, इसके बाद हसन को मारने के लिए फतवे दिए जा रहे हैं।


मोसाब के आस्था परिवर्तन से परिचित लखनऊ के एक युवा समीर( नाम परिवर्तित) कहते हैं,

‘‘भारत में यही स्थिति सैयद वसीम रिजवी की है। जबसे उन्होंने इस्लाम और कुरान पर प्रश्न उठाने आरम्भ किए, वे मौलानाओं और मुफ्तियों की घृणा के पात्र बन गए हैं। उन्हें प्रतिदिन जान से मार दिए जाने की धमकियां दी जा रही हैं। उन्हें ‘रसूल का गुस्ताख’ और ‘वाजिब-उल-कत्ल’ कहा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि इस्लाम या मुहम्मदवाद की स्थापना करने वाले मुहम्मद को उनके अनुयायी रसूल या पैगम्बर यानी अल्लाह का दूत कहते हैं और मध्य-युग के इस्लामी कानून शरिया के अनुसार, रसूल की ‘तौहीन’ करने वाले की सजा मौत बताते हैं।


वसीम रिजवी का इस्लाम त्यागना एक बड़ी घटना है। हालांकि दुनिया में इस्लाम त्यागने की घटना पहले से होती रही है। नवंबर, 2015 में ट्विटर पर एक हैशटैग ट्रेंड हुआ था- #एक्समुस्लिमबिकॉज। इसमें यूरोप के अनेक मुसलमानों ने अपने सीने पर एक तख्ती लगाकर अपनी तस्वीर ट्वीट की थी कि उन्होंने इस्लाम क्यों छोड़ा। यूरोप से चली यह हवा अब आंधी का रूप ले चुकी है और इसने भारत में भी दस्तक दे दी है। इस्लाम छोड़ने वाले यद्यपि भयवश खुले में नहीं आते। पिछले वर्ष तक इस्लाम त्यागने वाले दो-तीन यू-ट्यूबर ही भारत के थे। अब इनकी संख्या काफी बढ़ गई है। वे कुरान और हदीस के जानकार हैं। कई तो अरबी के भी अच्छे जानकार हैं और अपने वीडियो से भारतीय मुसलमानों को सच से रू-ब-रू करा रहे हैं।  


जाहिर है, शिक्षा और तकनीक के माध्यम से विचारों को साझा करने वाले इस बेमिसाल दौर में मौलानाओं और मुफ्तियों को डर केवल हसन मोसाब यूसुफ या सैयद वसीम रिजवी से नहीं है। उन्हें डर है उन लाखों व्यक्तियों से, जिनका जन्म तो किसी मुसलमान परिवार में हुआ था लेकिन अब वे स्वयं को मुसलमान नहीं कहते। इस्लाम छोड़ने वालों को इस्लाम में मुलहिद या मुरतद (काफिर) कहा जाता है। सोशल मीडिया के इस दौर में इन मुलहिदों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। ये वे लोग हैं जो मौलानाओं की मजहबी तकरीरों की अपेक्षा तथ्यों का आकलन करते हैं, सवाल उठाते हैं।


प्रश्न यह उठता है कि ऐसा क्या है जो इन पढ़े-लिखे और अपनी व्यक्तिगत सोच रखने वालों को मोहम्मदवाद से विमुख कर देता है?


अब तक जिन लोगों ने इस्लाम छोड़ा है, उनमें से ज्यादातर की प्रतिक्रियाओं में उभरने वाली साझी बात यह है कि सबसे पहले तो उन्हें पैगम्बरवाद की मूल अवधारणा ही तर्कहीन प्रतीत होती है।


पाकिस्तान में जन्मे आज के कई यूट्यूबर रोज अपने पूर्व मुस्लिम (Ex Muslim) होने की घोषणा गर्व के साथ करते हैं और विदेश में अज्ञात स्थानों से प्रसारण करते हुए उलेमाओं और मुफ्तियों के सामने प्रतिदिन कुछ प्रश्न बार-बार उठा रहे हैं। इस प्रकार के वीडियो की सूची बेहद लंबी है और उन्हें देखने वालों की संख्या हर रोज अंतहीन कतार की तरह बढ़ती ही जा रही है।


इन यूट्यूब वीडियो में रोजाना उठने वाले कुछ सामान्य प्रश्न मुस्लिम युवाओं को उद्वेलित भी करते हैं और नए तार्किक विमर्श के लिए तैयार भी।


क्या कहते हैं इस्लाम छोड़ने वाले?

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