फसाद की जड
फसाद की जड
✍️ २२६९
विनोदकुमार महाजन
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फसाद की जड कहाँ है ?
एक " जहरीला पेड ! "
यही पेड का जहर संपूर्ण देश में और संपूर्ण विश्व में ,हाहाकार मचा रहा है !
आतंकवाद का भयावह जहरीला पेड !
यही फसाद की जड है !
इसकी जड ही उखाड़ फेंकेंगे तो ?
संपूर्ण देश की और संपूर्ण विश्व की समस्या ही एक झटके में ही खतम !
संपूर्ण देश में भी और संपूर्ण विश्व में भी बिल्कुल शांति !
मगर इसे जड से उखाड़ फेकेगा कौन ? और कैसे ?
यही तो समस्या है !
हर एक देश के हर एक राष्ट्रप्रमुखों को मिलकर ,योजना बनानी होगी !
और एक ही झटके में, एक ही रात में ,कठोर कानून द्वारा ?
जहरीले पेड की जड खतम !
और त्रस्त ,भयभीत विश्व में शांति का माहौल !
सभी आतंकीयों के ,घुसपैठियों के मतदान से लेकर ,सभी अधिकार, एक ही झटके में खतम ! उनकी सारी धन - संपत्ति ?
सरकार जमा !
संपूर्ण विश्व में !
बस्स्...हो गया काम !
अनेक " जहर से त्रस्त देश "
जड की काट ढूंड रहे है !
भविष्य उसी की ओर तेजिसे बढ रहा है ?
जी हाँ !
यह तो होना ही है !
एक भी गोली चलायेबिना,
रक्तविहीन वैश्विक क्रांति !
नजदीक है !?
इसी कार्य को अंजाम देने के लिए,
" कल्की " अपना काम गुप्त रूप से कर ही रहा है ?
गुप्त रूप से अपना जाल बिछा रहा है ?
कौनसा ??
" जड खतम ,पेड खतम ! "
और " संपूर्ण जहर " भी खतम !
" वैश्विक समस्या भी ?
एक ही झटके में खतम ? "
मगर कल्की आखिर है कहाँ ?
" ईश्वर जाने ! "
मगर फिर भी ऐसा तो होता ही जा रहा है !
निश्चित !
प्रभुइच्छा बलीर्यसी !
( हिंदु होकर ,महान हिंदु धर्म में पैदा होकर भी, हिंदुत्व के लिए कुछ करने की इच्छा नहीं है, अथवा हिंदु होकर हिंदुत्व पर ही प्रहार करनेवालों के लिए....
यह समाचार निश्चित ही आनंददाई नहीं है !
इसिलिए... हो सके तो पढीये !अन्यथा हमेशा की तरह, छोड दिजिए !
आखिर धर्म के लिए , समय भी कहाँ है ऐसे लोगों के पास ? )
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इसीलिए ?
ईश्वर ही अब देख लेगा !
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