दूर्जनों के खेल

 दूर्जनों के " जहरीले खेल "

उनके मृत्यु तक अखंड

शुरू ही रहते है !

इसिलिए ईश्वर भी ऐसे

दूर्जनों को मृत्युदंड देकर ही

उनके ...

" सभी को केवल पीडा ,दुखदर्द ही देनेवाले खेल "

सदा के लिए समाप्त कर देता है !


हरी ओम्


विनोदकुमार महाजन

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