कठोर शब्द

 *कठोर शब्द !!* 

✍️ २४०७


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जब कोई महापुरुष हमें कठोर शब्दों द्वारा ताडन करते है तब वह हमारा भाग्य बदलने के लिए

ही प्रयास करते है !

इसीलिए सिध्दपुरूषों के और महापुरुषों के कठोर शब्द अमृतसमान होते है !

मगर साधारण लोग इसका दिव्य अर्थ समझने में असमर्थ होते है !

और उस महापुरुष को ही उल्टी गाली देने लगते है !

और ऐसे करने से उनका भाग्य बदलना तो दूर की बात है...

महापुरुषों को अपमानीत करने के कारण , उनका संपूर्ण जीवन ही भयंकर दुखदाई बन जाता है !


इसीलिए किसी को परपीड़ा देने से पहले , उस व्यक्ति को और उसके दैवीय उद्देश्यों को समझना चाहिए !


जैसे माँ अपनी संतानों पर सदैव दिव्य प्रेम करती है ,

मगर उसके कल्याण के लिए कभी कभी  कठोर शब्दों द्वारा

प्रहार भी करती है ! अथवा कभी कभी मार भी देती है !


महापुरुषों का ह्रदय भी , समाज के प्रती तथा समाज हित के प्रती , निरंतर माँ जैसा ही होता है !


हरी ओम्


 *विनोदकुमार महाजन* 


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