कानून व्यवस्था

 कानून व्यवस्था ?

✍️ २४०२


विनोदकुमार महाजन


✅✅✅✅✅


जहाँ बहुसंख्यक समाज

होता है , और उनके हितों के कानून जब होते है तब 

उसे लोकतंत्र कहा जाता है !


और इसी को ही कानून व्यवस्था

भी कहा जाता है !


मगर यहाँ पर तो बहुसंख्यक ( हिंदु ) समाज पर अन्याय

करनेवाले ही कानून अगर है तो ?

यह कैसा लोकतंत्र है ?

और यह कैसी कानून व्यवस्था है ?

यह तो " फेल लोकतंत्र " है !

यह तो अराजक है !

लोकतंत्र के नाम पर दिशाभूल है ? फरेब है ? धोखा है ?


इसिलिए बहुसंख्यक समाज के

हितों के कानून तुरंत बनाकर उनके संपूर्ण सुरक्षा का प्रबंध

करना ही होगा !!


तभी लोकतंत्र बचेगा !

जी हाँ !!


देश बचावो !

हिंदु धर्म की , संस्कृति की और

सभ्यता की सुरक्षा के कानून

तुरंत बनने ही चाहिए !


कौन बनायेगा ??


देश की है यही पूकार !

न्याय चाहिए न्याय !

तुरंत न्याय !


कौन देगा ?


बस हो गया अत्याचार !

बस हो गया हाहाकार !


हिंदु मंदिरों का पैसा ?

सबका !

और विशिष्ट समुदाय के

लोगों के प्रार्थना स्थानों का

पैसा ? केवल उनका ?


यह कैसा अंधा कानून है ?

और कैसा अंधा लोकतंत्र है ?


कौन देगा न्याय ?

कब देगा न्याय ?

वह भी तुरंत , विनाविलंब !

और न्याय नहीं मिलेगा तो ?


क्रांति का बिगुल बज चुका है !

हम संपूर्ण क्रांति लायेंगे !

अत्याचारी कानून हटायेंगे !

नया जमाना लायेंगे !

बहुसंख्यक समाज के हितों का

कानून लायेंगे !


बेबंदशाही नहीं चलेगी !


संपूर्ण देश की है यही माँग !

हिंदुत्व रक्षा की कानून व्यवस्था

तुरंत लागू हो !


हर हर महादेव !!

जय जय श्रीराम !!


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