सद्गुरू का सानिध्य

 *मेरे सद्गुरु आण्णा !!* 

✍️ २४१७


मेरे आण्णा के सानिध्य में

परम शांती का भंडार था

अन्न , वस्र्त ,निवारा ,धन ,

वैभव है या नही इसकी कोई

चिंता नही थी !

मस्त , आनंदी जीवन था !

साक्षात स्वर्ग ! 

साक्षात स्वर्गीय आनंद !

आण्णा के रूप में 

साक्षात ईश्वर ही मेरे 

साथ था !

निरंतर !

जन्मजन्मातर से लेकर

जन्मजन्मातर तक यह

दिव्य प्रेम , यह दिव्य

शांती का भंडार 

अबाधित है !

मेरे सद्गुरू आण्णा का

साकार - निराकार का सहवास

अबाधित है !


सद्गुरू कृपा और ईश्वरी कृपा का सर्वोच्च वरदान तो यही है !

और क्या चाहिए ?


हरी ओम्


 *विनोदकुमार महाजन*

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