सत्पुरुष

 सत्पुरुषों का सदैव 

संन्मान करने के बजाए

कुछ लोग उनके साथ भी

गंदी राजनीति और

हेराफेरी करते है !


कहाँ से कहाँ तक ?

पहुंच गया इंन्सान ?

हे भगवान अब इन्हे ?

तु ही बचाना !!


हरी ओम्


विनोदकुमार महाजन

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