आभार

 जिनको मैंने मेरा ,अपना समझकर , हमेशा दिव्य ईश्वरी प्रेम किया , उन्होंने भी मेरे खिलाफ भयंकर षड्यंत्र करके , नफरत का और बदनामीयों का जहर जिन्होंने निरंतर फैलाया , उन सभी का आभार ! धन्यवाद !!


इसके कारण ही मैं ईश्वर के नजदीक जल्दी पहुंच गया !!!


हरी ओम्


विनोदकुमार महाजन

Comments

Popular posts from this blog

मोदिजी को पत्र ( ४० )

हिंदुराष्ट्र

साप आणी माणूस