मनुष्यों से प्रेम
मनुष्यों से प्रेम ?
✍️ २४२३
ईश्वर से प्रेम किजिए
निसर्ग से भी प्रेम किजिए
निष्पाप पशुपक्षीयों पर भी
निस्सीम प्रेम किजिए !
मगर इंन्सानों से प्रेम ?
शायद...
कभी भी मत किजिए !
क्योंकी ईश्वर , निसर्ग ,
पशुपक्षी तुम्हें प्रेम के
बदले में ?
प्रेम ही देंगे !
निष्पाप,निष्कपट,पवित्र !
मगर स्वार्थी इंन्सान ?
शायद...प्रेम के बदले में ?
विश्वासघात ही करेगा !
अखंड सावधान !!
हरी ओम्
विनोदकुमार महाजन
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