विश्व स्वधर्म
*विश्व स्वधर्म सुर्ये पाहो !!*
विविध माध्यमोंद्वारा
सनातन संस्कृति को
विश्व के कोने कोने में
पहुंचाने की मैं अब
पूर्ण क्षमता रखता हूं !
और मेरे सद्गुरु आण्णा
तथा गुरु दत्तात्रेय की
संपूर्ण कृपा तथा वरदहस्त
से मेरा यह अलौकिक दिव्य
ईश्वरी कार्य आरंभ हो गया है !
जो साथ देगा उसका भी
धन्यवाद रहेगा !
और जो साथ नहीं देगा
उसका भी धन्यवाद रहेगा !
जो विरोध करेगा उसका
भी धन्यवाद रहेगा !
मेरे ईश्वरी कार्य को
रोकने की किसी भी
सैतानी ताकतों की
अब क्षमता नहीं है !
*विश्व स्वधर्म सुर्ये पाहो !!*
हरी ओम्
*विनोदकुमार महाजन*
Comments
Post a Comment