सद्गुरु चरणकमल चाहिए

सद्गुरू चरणकमल चाहिए !!

नितदिन ,निरंतर ,
हरदिन , हरपल ,
मुझे मेरे सद्गुरू के
चरणकमल चाहिए !

ना धन चाहिए - ना वैभव चाहिए !
ना बंगला चाहिए - ना गाडी चाहिए !
ना मान चाहिए - ना संन्मान चाहिए !
ना यश चाहिए - ना किर्ती चाहिए !
ना सुख चाहिए - ना दुख चाहिए !
ना खाना चाहिए - ना पाणी चाहिए !
ना स्वर्ग चाहिए - ना मोक्ष चाहिए !
ना स्वर्गीय सुख चाहिए - ना राजऐश्वर्य चाहिए !

मुझे तो केवल मेरे सद्गुरू के पवित्र चरणकमल चाहिए !

यही सभी सुखों की बहार है !
यही साक्षात अमृत की वर्षा है !

मुझे तो केवल
मेरे सद्गुरू आण्णा के 
जनमजनम तक
पवित्र चरणकमल ही चाहिए !!
हरी ओम्

विनोदकुमार महाजन
( बापू )

Comments

Popular posts from this blog

मोदिजी को पत्र ( ४० )

हिंदुराष्ट्र

साप आणी माणूस