यशस्वी जनआंदोलन

 यशस्वी जनआंदोलन खडा करने के लिए प्रभावी यंत्रणा और आत्मियता चाहिए !!

✍️ लेखांक : - २३६१


विनोदकुमार महाजन


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कौनसा भी जनआंदोलन खडा करने के लिए और उसे यशस्वी बनाने के लिए , प्रभावी योजना चाहिए ! प्रभावी रणनीति भी चाहिए !

और योजना को अमल में लाने के लिए प्रभावी यंत्रणा चाहिए !

और प्रभावी यंत्रणा बनाने के लिए , कार्यकर्ताओं के प्रती उच्च कोटि की हमारी निजी तौर पर आत्मियता चाहिए !

तभी आंदोलन यशस्वी हो सकता है !


आज की घडी में ,संपूर्ण भारत में तथा संपूर्ण विश्व में , मोदिजी ने जो एक प्रभावी तथा शक्तिशाली जनआंदोलन खडा किया है , यह एक अतुलनीय कार्य तो है ही !


और ऐसा जबरदस्त आंदोलन खडा करने की संपूर्ण क्षमता मोदिजी में है ही है ! और ऐसा मोदिजी को ईश्वरी वरदान भी प्राप्त है ,इसमें कोई भी संदेह नहीं है !


बालासाहब ठाकरे जी ने भी शिवसेना नाम का जनआंदोलन भी ऐसे ही अपने बलबूते पर बनाया था ! कार्यकर्ताओं के प्रति उच्च कोटि की आत्मीयता ,यह गुण बालासाहब का विशेष था !


अब मोदिजी को भी देखिए !

सुयोग्य नियोजन !

कार्य के प्रति उच्च कोटि की आत्मियता !

सभी कार्यकर्ताओं के लिए उच्च कोटि की आत्मीयता !

योग्य रणनीति !

भविष्य देखने की दूरदृष्टि और दिव्यदृष्टि !

छोटे छोटे कार्यकर्ताओं के प्रति अपार स्नेह तथा प्रेम !


कर्मचारियों के पैर धोना क्या यह साधारण बात है ?

जवानों को मिठाई खिलाना कोई साधारण बात है ?

अनेक राष्ट्रप्रमुखों को स्नेह से और प्रेमपूर्वक ,बडे आदरपूर्वक गले लगाना क्या कोई साधारण बात है ?


मोदिजी का एक एक पैलू देखो !

और एक एक कदम देखो !

उनका हर कदम विचारपूर्वक रखा जाता है !

हर कदम निष्ठा पूर्वक ,नियोजन पूर्वक रखा जाता है !

हर शब्द ,हर वाक्य विचारपूर्वक बोला जाता है !

हर कृति प्रभावी व्यूहरचना के अनुसार की जाती है !

हर निर्णय सोचसमझकर लिया जाता है !


उनका भगवत् गीता पर उच्च कोटि का प्रेमभाव और कृष्ण भगवान की नितीयों पर अतूट विश्वास, श्रद्धा, प्रेम क्या दर्शाता है ?

लगभग हर देश के राष्ट्र प्रमुखों को मोदिजी भगवत् गीता भेंट देते है !


कितना जबरदस्त  ,

धुरंधर ,सत्यप्रेमी ,

सनातन प्रेमी राजनितीज्ञ !


सबकुछ आश्चर्य ही आश्चर्य !

हर कदम नापतोलकर !

हर शब्द नापतोलकर !


राष्ट्रीय कार्य हो अथवा अंतरराष्ट्रीय !

मोदिजी के हर कार्य में जबरदस्त नियोजन ,चुस्ती, स्फूर्ति ,आत्मविश्वास होता है !

सभी के प्रती आदर , उच्च कोटि का प्रेमभाव, स्नेहभाव ,आत्मियता होती है !


और इतना होने के बावजूद भी उस महात्मा को गर्व नहीं है ,अहंकार नहीं है ,लालच नहीं है ,मोहमाया नहीं है !

सबकुछ राष्ट्र के लिए ,मानवता के लिए ,ईश्वर के लिए ही समर्पित है !


संपूर्ण समर्पित आदर्श जीवन !


ऐसे ईश्वर तुल्य , ऋषितूल्य , विश्ववंदनीय ,महामानव ,

रत्नपारखी , ईश्वरी कृपा प्राप्त ,युगपुरुष को कौन हरा सकता है ?


असंभव !

त्रिवार असंभव !!

शतवार असंभव !!!


मेरे जैसे अनेक साधारण व्यक्तीयों को मोदिजी ने ,उनके अंदर के गुणों को परखकर , उच्च स्थानों पर विराजमान किया है !


मोदिजी के व्हिव्हिआयपी ग्रुपपर मेरे जैसे साधारण , देहात में पैदा होनेवाले व्यक्ति को , मोदिजी ने मुझे लिया है ...यह मेरा कितना बड़ा सौभाग्य है ?


प्रत्यक्ष ईश्वर का सहवास ?


और मोदिजी की यह कितनी जबरदस्त शक्तिशाली क्षमता है ?


मोदिजी मतलब ?

आश्चर्य ही आश्चर्य है !

ऐसा महानायक शायद विरला ही जन्म लेता है !

भगवान श्रीकृष्ण , राजा विक्रमादित्य , आचार्य चाणक्य , राजे शिवछत्रपती , बाजीराव पेशवा के बाद ,

शायद ईश्वरी इच्छा से ही इस महान जननायक ने , महानायक ने धरती पर , ईश्वरी कार्य के लिए ही जन्म लिया होगा !

सचमुच में मोदिजी का वर्णन करने के लिए शब्द भी कम पड जाते है !

इतना अतुलनीय , दैदीप्यमान उनका कार्य है !


ईश्वर निर्मित सनातन संस्कृति को विश्व के कोने कोने में पहुंचाने के लिए मोदिजी का अलौकिक कार्य ,

पराक्रम ,बुध्दीकौशल्य ,

ईश्वरी वरदान सचमुच में एक आश्चर्य है !


मुझे भी ,

सनातन संस्कृति को अनेक प्रभावी मार्गों द्वारा , विश्व के कोने कोने में पहुंचाने के लिए ,

मोदिजी का आत्मीय सहयोग और आशिर्वाद प्राप्त होगा , ऐसी आशा करता हूं !


हर देश में सनातनप्रेमीयों के लिए गुरूकुल निर्माण ,गौशाला निर्माण के साथ ही अनेक किताबों द्वारा ,सांस्कृतिक फिल्म निर्माण द्वारा ,टिवी चैनल और अखबारों द्वारा ,सत्य सनातन धर्म के कार्य के लिए , मोदिजी का आशिर्वाद प्राप्त होगा यही अआशा करता हूं !


ईश्वर निर्मित सत्य सनातन धर्म की जयजयकार हो !


हरी ओम्

जय श्रीकृष्ण

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