सबकुछ ईश्वर का है

 सद्गुरु के चरण और ईश्वर की शरण में .....

✍️ २३५०


विनोदकुमार महाजन

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मेरे जीवन में , जिसे मैं बारबार मेरा कहता हूं ,

वास्तव में मेरा कुछ भी नहीं है !

जो भी कुछ है वह सबकुछ मेरे सद्गुरु का और ईश्वर का है !


और इसिलिए मेरा सबकुछ सद्गुरु के चरणों में और ईश्वर के शरण में ,समर्पित है !


यह पंचमहाभूतों का देह भी मेरा नहीं है ! आत्मा भी ईश्वर का है !

मेरा सुखदुख , मेरा पापपूण्य , मेरा कर्मभोग , मेरा हर जन्म भी ईश्वर के अधिन है !

इसिलिए मेरा जो भी कुछ है , वह सबकुछ सद्गुरु चरणों पर और ईश्वर को शरण जाकर ,समर्पित करता हूं !


मैं जो वैश्विक कार्य कर रहा हूं , वह भी उसी परमात्मा का कार्य है ! इसिलिए यश - अपयश ,

मान - अपमान , 

गरीबी - अमीरी , अमृत - जहर , 

सुख - दुख सबकुछ सद्गुरु का और ईश्वर का है !

इसिलिए सबकुछ उनके पवित्र चरणकमलों पर , संपूर्णता शरण में जाकर , समर्पित करता हूं !


और उन्हीं के आदेश के अनुसार ही अगला वैश्विक कार्य का रास्ता तय करता हूं !


।। श्रीकृष्ण: शरणं मम् ।।

हरी ओम्

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