नरेंद्र त्रिपाठी ( १ )

 नरेंद्र त्रिपाठी सर

आप भी मेरे गुरु के ही स्थान पर है।
इसीलिए आपको सर्वप्रथम कोटि कोटि प्रणाम करता हूं ।
उपर आपने मुझे जो अनुमोदन किया है , वह बहुत ही मौलिक है।

मैं आपके पास जितनी जल्दी हो सके ,आने की कोशिश करूंगा।

आप जैसे पवित्र आत्मा का दिव्य प्रेम देखकर ,
आत्मानंद की उच्चानुभूती महसूस होती है।

जब भाग्य बदलने का समय नजदीक आता है तो स्वयं ईश्वर आप जैसे पुण्यात्माओं के दर्शन कराता है।

फिरसे एक बार धन्यवाद।
हरी ओम्
🙏🙏🙏

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