नम्रता कुमारी पांडेय
दिदी
गायत्री साधना की बेहतरीन जानकारी आपने इकठ्ठा की है।और यह मौलिक ज्ञान ग्रुपपर दिया है
इसके लिए धन्यवाद
मगर क्या आज्ञाचक्र से सीधा सहस्त्राकार तक पहुंचने के लिए अथवा हठयोग की सिध्दीयाँ प्राप्त करने के लिए
केवल शक्तीपात दिक्षा की ही जरूरत है ?
अथवा केवल हठयोगी ही ऐसी दिक्षा दे सकते है ?
तो ऐसे हठयोगी कहाँ मिलेंगे ?
वैश्विक ईश्वरी कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए
तेज:पूंज और शक्तीशाली ईश्वरी शक्ति के सहयोग की जरूरत तो होती ही है
और हठयोग द्वारा ऐसी शक्ति प्राप्त करना संभव है
क्या माता गायत्री हठयोग के लिए सहयोग कर सकेगी ?
विवेकानंद तो
शायद हठयोगी नहीं थे
रामकृष्ण परमहंस जी ने विवेकानंद जी को
शक्तीपात दीक्षा द्वारा ही शक्तीमान बनाया था
और तभी उनके वैश्विक कार्य में गति प्राप्त हो गई थी
मगर कुछ हठयोगियों ने तो केवल ईश्वरी चींतन में ही जीवन बीताया था
क्या आपके द्वारा हठयोग की दीक्षा प्राप्त हो सकेगी ?
अभी तो आज्ञाचक्र से ईश्वरी शक्तियों के संपर्क में हूं
मगर फिर भी
वैश्विक कार्य में बाधाएं क्यों आ रही है ? कुछ समझ में नहीं आ रहा है !
तेज गती चाहिए ही चाहिए
इसके लिए अखंड खडतर साधना भी शुरू है
जय श्रीराम
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