ईश्वर है रखवाला

 सत्य के रास्तों पर चलनेवालों को जालिम दुनिया हमेशा तडपाती है !

और सत्य का रास्ता भी तलवार की धार पर चलने जैसा ही होता है !


और ऐसे क्षणों में मन में अशांति निर्माण होती है...

तो.....

निचे की पंक्तियाँ जरूर पढनी चाहिए !


*****

ऐ जालिम दुनियावालों

तुम कितने भी भरभरके

जालिम जहर के प्याले 

देने से क्या फायदा ?

मेरे पास तो पहले से ही

सद्गुरु कृपा के और

ईश्वरी वरदान के अमृत के 

कुंभ भरभरके भरे पडे हुए है !


तुम लाख कोशिश करों मुझे तडपाने की ?

मगर उसका भी क्या फायदा ?


जब हिरण्यकशिपु भक्त प्रल्हाद को मारने की बारबार कोशिश करता है ?

तब प्रल्हाद का रखवाला ही

धधगता ईश्वरी तेज उसका नारसिंव्ह ही खुद दिनरात

प्रल्हाद के पास रहता है ?


और प्रल्हाद की दिनरात चींता भी करता है ?


तो ईश्वर भक्तों को तडपाने वाले तुम कौन हो ?


भक्त प्रतिपालक भगवान नारसिंव्ह की जय हो !

हरी ओम्


विनोदकुमार महाजन

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