ईश्वर है रखवाला
सत्य के रास्तों पर चलनेवालों को जालिम दुनिया हमेशा तडपाती है !
और सत्य का रास्ता भी तलवार की धार पर चलने जैसा ही होता है !
और ऐसे क्षणों में मन में अशांति निर्माण होती है...
तो.....
निचे की पंक्तियाँ जरूर पढनी चाहिए !
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ऐ जालिम दुनियावालों
तुम कितने भी भरभरके
जालिम जहर के प्याले
देने से क्या फायदा ?
मेरे पास तो पहले से ही
सद्गुरु कृपा के और
ईश्वरी वरदान के अमृत के
कुंभ भरभरके भरे पडे हुए है !
तुम लाख कोशिश करों मुझे तडपाने की ?
मगर उसका भी क्या फायदा ?
जब हिरण्यकशिपु भक्त प्रल्हाद को मारने की बारबार कोशिश करता है ?
तब प्रल्हाद का रखवाला ही
धधगता ईश्वरी तेज उसका नारसिंव्ह ही खुद दिनरात
प्रल्हाद के पास रहता है ?
और प्रल्हाद की दिनरात चींता भी करता है ?
तो ईश्वर भक्तों को तडपाने वाले तुम कौन हो ?
भक्त प्रतिपालक भगवान नारसिंव्ह की जय हो !
हरी ओम्
विनोदकुमार महाजन
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