कल्की आयेगा

 भगवान कहते है....!

-------------------------------

भगवान कहते है,

संपूर्ण ब्रम्हांड पर,चराचर पर मेरा सदैव, नित्य, सनातन वास्तव्य था,है और आगे भी रहेगा।

रही पृथ्वी की बात।तो यहाँ पर भी मेरा ही राज्य था।मगर न जाने क्यों कलियुगी भयानक इंन्सान ने मुझे ही चुनौती दी।मुझे,मेरे सत्य को,मेरे सत्य सनातन को,मेरे संस्कृति को तबाह करने की कोशिश की।

अनेक जगहों पर मेरे मंदिर भी गिराये,और सत्य को,मैंने बनाई हुई संस्कृति को,जमीन के निचे दफनाकर असत्य की हैवानियत और उसका नंगानाच शुरू हो गया।

कृष्ण अवतार में मैं गाय को माता मानकर उसकी पूजा करता था,उस गौमाता की खुलेआम हत्याएं करके उनके खून की नदियाँ बहाई जा रही है।

हे हैवानियत भरे राक्षसी इंन्सान मैं तेरा यह चार दिन का सारा खेल निराकार रूप से देख रहा हुं।

जब मैं उग्र बनूंगा तब तेरा सारा यह हैवानियत भरा खेल मैं समाप्त कर दुंगा।

मैं पापियों का नाश करने के लिए, अधर्म का नाश करने के लिए, कब आऊंगा, कब अवतरित हो जाउंगा और कार्य पूरा करके,धर्म की पुनर्स्थापना करके,फिर से स्वर्ग को कब वापिस लौट जाऊंगा, इसका किसिको पता भी नही चलने दुंगा।

इतना तो पक्का तय है की,मैं आउंगा, जरूर आऊंगा।पापियों का कर्दनकाल बनकर मैं आउंगा।

मैं गीता का वचन जरूर निभाउंगा।

उन्मत्त, उन्मादी इंन्सान.......! 

संभल जा।


भगवान कहते है...

सत्य को,

सत्य सनातन को,ईश्वरी सिध्दांतों को,

जो भी ललकारे गा...

उसका अंत मैं कर दुंगा।

युगों युगों से यह मेरा खेल....

चलता रहा है।

आगे भी चलता रहेगा।

-----------------------------

विनोदकुमार महाजन।

Comments

Popular posts from this blog

ऊँ कालभैरवाय नम :

मोदिजी को पत्र ( ४० )

हिंदुराष्ट्र