संपूर्ण लेखांक भाग ३१

 mahajanv326: हिंदुत्व ही क्यों?

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जी हाँ दोस्तों,हिंदुत्व।जहाँ सबसे जादा आबादी हिंदुओं की है वहाँ पर हिंदुत्व ही राष्ट्रीयत्व होगा ना?बात तो सिदी सी है।है ना?
तो फिर यहाँपर तथ्यहीन समाजवाद, निधर्मीवाद,साम्यवाद किसने और क्यों थोपा?
क्या इसी बहाने से देश को फिर से खंडीत बनाने का किसी का षड्यंत्र था सचमुच में?अगर हाँ तो क्यों और किसका?
विश्व पटल पर आज भी हिंदु संस्कृती, सभ्यता, शालीनता,संस्कार,देवी देवताओं की पूजा श्रेष्ठ समझी जाती है।
सभी प्राणीयों का कल्याण, भूतदया, पंचमहाभूत,आत्मतत्त्व, परमात्मतत्व,ब्रम्हांड ,जन्म-मृत्यु-पुनर्जन्म का रहस्य, पिशाच योनी,आयुर्वेद, प्राणायाम, योगा,अध्यात्म, अनेक शास्त्रों का अभ्यास हिंदु धर्म सिखाता है।इसिलए विश्व-कल्याण, विश्व-मानवता कि जीत,पशुपक्षियों पर प्रेम, भाईचारा, वसुधैव कुटुंबकम, सभी पर प्रेम-आत्मीयता हिंदु धर्म का प्राण है।फिर भी हमारे ही कुछ भूले-भटके लोग,हमपर-हमारी संस्कृति पर हमले क्यों करते है?
यहाँ तो देवी देवताओं की, मंदिरों की,संस्कृति की,संस्कारों की सभ्यता की पूजा की जाती है। 
यहाँ तो सच्चाई, अच्छाई, नेकी की पूजा की जाती है।यही सत्य है।और यही सत्य अनेक काल से चलता आ रहा है।
इसिलए यहाँ का प्राण हिंदुत्व ही है।यही राष्ट्रीयत्व भी है और इसीमें ही सभी का,सभी प्राणियों का,पशुपक्षियों का,सृष्टी का,सभी जाती धर्मों का कल्याण भी है।
इसिलए भाईयों, देश में सिर्फ और सिर्फ हिंदुत्व ही चलेगा।समाजवाद, साम्यवाद, निधर्मीवाद यहाँ पर कभी भी न चलेगा, न फुलेगा,न फलेगा।
और इसीलिए ही यहाँ हिंदुराष्ट्र ही चाहिए।
बाकी सब बकवास है।
सभी प्रश्नों का उत्तर भी एक ही है-वह है-
"हिंदुराष्ट्र।"
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--  विनोदकुमार महाजन।
[08/03, 10:06 PM] mahajanv326: लेनीन का पुतला क्यों?
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अनेक सदियों से यह देश संस्कृति पूजक रहा है।यहाँ देवी देवताओं की पूजा होती है।मठ मंदीर बनायें जाते है।महापुरुषों के पुतले यहाँ पर खडे होते है।
तो फिर...
कोई परकीय जिसने हमारे संस्कृति पर हमले करनेवाले इस देश में पैदा किए।ऐसे संस्कृति भंजकों के पुतले इस देश में कैसे खडे हो सकते है?
साम्यवाद इस देश की विचारधारा न कभी थी।और भविष्य में भी न कभी रहेगी।और पूरे विश्व पटल पर साम्यवाद विचारधारा को समाज त्याग रहा है।भले ही चीन ने आज साम्यवाद का जबरन स्वीकार किया है।भविष्य में वहाँ पर भी साम्यवाद नही टिकेगा।तो फिर हमारे संस्कृति पूजक देश में साम्यवाद और साम्यवादियों को समाज क्यों और कैसे स्विकारेगा?और संस्कृति नाशकों के पुतले भी कैसे रहेंगे?अगर स्वयं स्फूर्ति से विश्व में साम्यवाद का धिक्कार हो रहा है।तो हमारे यहाँ जबरन साम्यवाद किसीने हमपर थोंप दिया, तो संस्कृति पूजक समाज इस विपरीत विचारधारा का स्विकार कैसे और क्यों करेगा?
भाईयों, इतना ही नही तो भविष्य में झाँककर देखो तो क्या दिखाई देता है?
जिसनें हमें धोके में रखा, या हमारे संस्कृति पर आघात किए,षड्यंत्र किए।हमारी आदर्श संस्कृति को बदनाम करने की कोशिश की,समाज ऐसे मुखौटा धारीयों को कभी भी क्षमा नही करेगा।भयंकर षड्यंत्र द्वारा हमारे देवी देवताओं को,धर्म को,सहिष्णुता को अगर किसीने बदनाम किया है,साधुसंतों को बदनाम किया है,तो.....
ऐसे मुखौटा धारीयों को समाज-देश कभी भी क्षमा नही करेगा।आज जो लेनीन के साथ हो रहा है,कल ऐसे मुखौटा धारीयों का भी हाल हो सकता है।
क्योंकि सत्य का मुखौटा धारण करके असत्य जब सत्य को मिटाने की कोशिश करता है,तो...
योग्य समय आते ही सत्य असत्य को सदा के लिए मिटा देता ही है।
यह इंन्सानों का नही,ईश्वरी कानून है।निसर्ग, नियती, ईश्वर असत्य को कभी भी क्षमा नहीं करता।
इतिहास साक्ष है,गवाह है।
क्योंकि यहाँ रामजी को मंदिरों में पूजा जाता है,और रावण के पुतले स्वयंस्फूर्ती से यहाँ जलाये जाते है।
इसीलिए ईश्वरपुत्रों को अगर आज कोई धोकाधडी से खेल रहा है,तो भविष्य में...
समाज को सत्य का ज्ञान होते ही,रावण जैसे लोगों का बुरा हाल इस देश में भविष्य में होनेवाला ही है।वर्तमान की घटनाएं यही दर्शाती है की,एक दिन तो यह होनेवाला ही है।
पर्दे के पिछे रहकर संस्कृति भंजन का असुरी कार्य करनेवालों को समय-समाज-देश और भविष्य कभी भी क्षमा नही करेगा।

इस लेख पर आप सभी की प्रतिक्रिया जरूरी है।

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[12/03, 5:41 AM] mahajanv326: रामदेव जी बाबा को अहंकार हो गया है।
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मेरे दिल में और मेरे जैसे करोड़ों भारतीयों के दिलों में रामदेव बाबा के प्रति उच्च कोटि का आदरभाव था।और आज भी है।क्योंकि राष्ट्रनिर्माण,स्वदेशी तथा हिंदुत्व के लिए बाबाजी ने संपूर्ण समर्पित जीवन बनाया था।
मगर....
बाबाजी ने अब हिंदुत्व और राष्ट्रनिर्माण का कार्य छोडकर "केवल बिजनेस मन"का ही रोल आरंभ किया है,ऐसा ही लग रहा है।और अब तो बाबा न जाने क्यों ऐसे वादग्रस्त विधान कर रहे है की,लग रहा है की क्या बाबा सचमुच में योगी है?
क्योंकि योगी,सिध्दपुरूष,ब्रम्हज्ञानी महात्माओं की बाणी निस्वार्थ, तेजस्वी, समाज को एकसंध करनेवाली और  जबरदस्त होती है।
और अब बाबाजी के बाणी से अब केवल ब्यापार और अहंकार ही नजर आ रहा है।
हुवा यह की,बाबाजी ने एक वाक्य कहा,"यह शनि-राहु-केतु"सब बकवास है।
ठीक है।कोई बात नही।एक बार हम बाबाजी की ही बात सही मान लेते है।तो उनके बाणी के अनुसार क्या सभी धर्मग्रंथ
झूट और थोतांड है?क्योंकि अनेक ग्रंथों में शनि-राहु-केतु, इसका जीक्र हुवा है।
तो अगर बाबाजी सही कह रहे है तो धर्मग्रंथ झूटे है।और अगर धर्मग्रंथ सही है तो बाबाजी झूटे है।
और मुझे नही लगता की,धर्मग्रंथ झूटे है।सभी शास्त्रीय तथा तर्कसंगत वैज्ञानिक विवेचन धर्मग्रंथों में किया होता है।सभी प्रश्नों का मनोवैज्ञानिक उत्तर भी यहाँ मिलता है।
बाबाजी के प्रति अनेक भारतीयों के मनों में श्रध्दा, विश्वास, प्रेम, आत्मीयता है।इसीलिए मैं बाबाजी को नम्र प्रार्थना करता हुं की बाबाजी कृपया कोई भी और कभी भी वादग्रस्त विधान मत किजिए।नही तो शनि ग्रह ऐसा है की ऐन समय पर बडों बडों कि बोलती बंद करता है।अहंकारी रावण जैसे उन्मत्तों का सर्वनाश कर सकता है।तो.....?
आपने बनाया हुवा,करोडों भारतीयों का मन जीतकर, निर्माण किया हुवा साम्राज्य, वैभव,नाम,किर्ती सबकुछ आपके अहंकार कि वजह से रातोरात ढह जायेगा।
बाबाजी धर्मग्रंथों को प्रमाण रखकर समाज में अज्ञान तथा गलतफहमियां मत फैलावो बाबाजी।
नही तो...भयंकर अनर्थ हो जायेगा।जनता जनार्दन ने आपको बडे विश्वास से सर पर रखा है।ऐसी अज्ञान बाणी से आपको जनता फिर से निचे उतारने में देर नही करेगी।अहंकार बहुत भयंकर शत्रु है बाबाजी।अहंकार ने बडों बडों का घात किया है।खुद भगवान भी धरती पर अवतरित होते है तो अहंकार शून्य होते है।निरपेक्ष, निष्पाप, निरागस।और निष्पापता ईश्वरी गुण होता है।और अहंकार असुरी गुण होता है।अतएव सावधान हो जाईये बाबाजी।और वादग्रस्त विधान करना छोड दिजिए।हरी ओम।🙏🕉
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--  विनोदकुमार महाजन।
[15/03, 12:01 AM] mahajanv326: ऐसा क्यों हुवा???
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राजस्थान, मध्यप्रदेश और अब युपी।उपचुनाव के नतीजे सामने है।
एक बात तो जाहीर है की,जहाँ पर मोदीजी और अमीत शाहजी ध्यान नही देते,वहाँ पर चुनाव के नतीजे कुछ अलग ही आते है।और...जहाँ पर यह दोनों प्रभाव निर्माण करते है,वहाँ पर जीत होती ही है।
ऐसा क्यों???उनकी विशिष्ट रणनीती।
चलो कोई बात नही।जो हुवा सो अच्छा हुवा।अब अगले चुनाव के लिए सभी को एक अच्छा सबक तो मिला।इससे एक बात तो पक्की तय हो गई है की,अगर उन्नीस का चुनाव जीतना ही है तो,
"रणनीती"कितनी सशक्त, तगडी और शक्तीशाली बननानी ही होगी।अगर सभी विरोधी दल एक भी हो जायेंगे तो भी विजयमाला भाजपा को ही मिलेगी,ऐसी सशक्त रणनीती की अब जरूरत ही नही तो अती अत्यावश्यक बात है।
क्योंकी सत्य की जीत के लिए इसकी सख्त जरुरत है ही है।इसिलीए आज से और अभी से ,"अखंड सावधान",रहकर रणनीती बनाने की जरूरत है।
मोदीजी और अमितजी अगर ऐसी सशक्त रणनीती बनाने में अगर माहिर भी है,तो भी समय कठीण है।मतदाता कुछ भी कर सकता है।अतएव अखंड सावधानी बरतना अत्यावश्यक है।
अती आत्मविश्वास, बेसावधपण,अहंकार ऐसी बातों पर विषेश ध्यान देने की जरूरत है।
विरोधी दल किसी भी हालात में मोदीजी को उन्नीस में आने देना नही चाहते है।इसिलीए जीतने के लिए वे सभी एक तो हो सकते है ही,मगर इससे भी बढकर यह बात है की,यह विरोधी शक्तीयाँ  कुछ भी करने को तैयार हो सकती है।उनके लिए यह जीने-मरणे की लडाई है।साम-दाम-दंड-भेद तो अपनाएंगे ही।
इसिलीए उनका चक्रव्यूह शक्तीशाली तो रहेगा ही।उनके सभी चक्रव्यूह भेदकर आगे जाना और जीत खिंचकर ले आना,यह बात इतनी आसान नही है।
दोनों प्रतीद्वंद्वीयों को यह लडाई बहुत ही महत्वपूर्ण है।
किसकी रणनीती कैसी होती है,और दुसरों का चक्रव्यूह भेदन कौन किस तरीके से करता है,और जीत को खिंच के लाता है,इसिपर सभी निर्भर है।
फिलहाल तो संपूर्ण देश में मोदीजी और अमितजी की रणनीती सबसे बढीया,बेहतरीन और यश दिलानेवाली है।"भविष्य",देखना जिसे आता है,वह आराम से भाजपा की जीत ही बताएगा।और जीत तो तय है,होनेवाली भी है।
फिर भी,.....
"अखंड सावधानता",रखनी होगी।प्रतीपक्ष की रणनीती जानकर,उससे भी बढकर रणनीती बनानी होगी।
क्योंकी प्रतीपक्ष बहुत ही सावधान, धूर्त, कुटनिती में माहिर है।
इसिलीए भाईयों, सावधान हो जाईये।
एक कहावत है,"छोटीसी गलती भी जीवन का रुख बदल सकती है।"
दिमाग तेज तर्रार,रणनीती जबरदस्त, अखंड सावधानता,प्रतीपक्ष की हर गहरी चाल पर सुक्ष्म नजर,और उनका चक्रव्यूह भेदन करके अपनी रणनीती में विजय प्राप्त करनी ही होगी।
सत्य का रखवाला खुद भगवान होता है।अगर पांडव पाँच और कौरव सौ होते है,फिर भी जीत पांडवों की ही होती है,यह सत्यवचन है।फिर भी हमें जागरूक तो रहना ही है।क्योंकी भयंकर बनवास और अज्ञात वास दुख-दर्द-वेदना-अपमान-उपहास-उपमर्द और दर दर की ठोकरे हमें याद रखनी ही होगी।
अतएव सावधान, अखंड सावधान।
सत्य की जीत के लिए,
अखंड सावधान।
हरी ओम।
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--  विनोदकुमार महाजन।
[15/03, 11:22 AM] mahajanv326: मत-मतमतांतर और...
मतविभाजन।
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मत,मतांतर,मतभेद से अनेक प्रश्न निर्माण होते है।फिर उसमें स्वार्थ, मोह,अहंकार,अज्ञान,दंभ,लालसा जुड जायेगी तो और अनर्थ।
फिर उसमें भी जातीवाद मिले तो और भी भयंकर।
इससे होगा मतविभाजन।चाहे राष्ट्रनवनिर्माण हो या फिर असुरी वृत्तियों द्वारा निर्मित अधर्म का विरोध हो।
सभी जगहों पर मतविभाजन से भयंकर हानी तो होगी ही।
एक सुत्र,एक धागा,एक ध्वज,एक विचार, एकमत द्वारा ही राष्ट्रनिर्माण हो सकता है।
अनेक मत,अनेक पंथ,अनेक पथ होकर भी संस्कृति को एक धागे से जोडना होगा।वह धागा है,"राष्ट्रवाद और भगवा ध्वज।"
कई बार आपसी संघर्ष, बैर ही कलह की वजह बनती है,और मतविभाजन द्वारा नुकसान होता है।
शब्द दुधारी शस्त्र है।इसिलए शब्दों के शस्र्तों का इस्तेमाल भी संभलकर होना चाहिए।
कोई कहेगा,"शनि-राहु-केतु",सब बकवास है,तो तुरंत मतविभाजन का धोका होगा।और एकसंघ संस्कृति बनाने में बाधाएं आयेगी।
इसीलिए मत-मतांतर-मतभेद-मतविभाजन- भूलकर एक होने की जरुरत है।
तभी राष्ट्रपुनर्निमाण संभव होगा।
इसिलए मतभेद भुलकर एक भगवे के निचे आना ही होगा।
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--  विनोदकुमार महाजन।
[17/03, 4:49 AM] mahajanv326: सच का साथ,दुष्टों का
विनाश!!!!!!!
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भाईयों, अब समय आ गया है हर एक की आत्मा जगाने का।आत्मसन्मान, आत्मगौरव बढाने का।
अगर हम सब को ,हमारी अगली पिढी को(अगर) सन्मान से जीना है तो सभी को सत्य का साथ देना ही होगा।सभी को एक होकर असुरी शक्तीयों का जमकर विरोध करना ही होगा।
नही तो.....।।।।।।।।???
कुछ भी हो सकता है।
अब हम खुद को जागना है।आसपास के सभी को जगाना है।
इसिलीए हमें आज से,अभी से,सच का साथ देना ही होगा।और दुष्टों का विरोध करना ही होगा।
हम शुद्ध मन से,शुध्द भाव से सभी पर प्रेम करें,और दुसरा हमें मिठी मिठी बातें करके फँसाएं,कपटनिती द्वारा हमारा घात करें,हमारे सर्वनाश का सपना देखे,ऐसा अब नही चलेगा।और हम नही चलने देंगे।
इसिलीए अब एक ही रास्ता बचा है,
"सच का साथ,दुष्टों का विनाश।"
सावधान होकर जहरीले आस्तिन के साँपों को पहचानो।नही तो अनर्थ हो जायेगा।तुम्हारे ही अंदर रहकर तुम्हारा ही सर्वनाश कर देंगे यह बडे बडे आस्तिन के साँप।
जागो,आस्तिन के साँपों को जानो पहचानो।
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--  विनोदकुमार महाजन।
[17/03, 11:56 PM] mahajanv326: दो सिट क्या मिली और उडने लगे आसमान में।
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भाईयों जब कोई छोटा बच्चा एक रूपये माँगने बजाय दस पैसे मांग लेता है।और उसे दस पैसों के बजाय दो पैसे जब दिये जाते है,तब वह छोटासा बच्चा बहुत खुश हो जाता है।
ठीक इसी प्रकार का माहौल देश में आज देखने को मिल रहा है।
दो सिटे क्या मिली?और बन गए राजा!!!

आया समझ में कुछ???

मगर दो पैसे भी अकेले को नही मिले है।दो छोटे बच्चों की कमाई।कितने खुश हो रहे है ना ये दोनो बेटे,और दोनों के अनेक दोस्त भी।जैसे की स्वर्ग जीत लिया।
और इसी वास्ते देश में तो इतना उछाल कुद हो रहा है की,सोचो मत।
और कुछ मिडिया वाले तो इतने जोर शोर से और खुशी से नाच रहे है की इनकी खुशी का कोई अंत नही।
मगर यह सभी एक बात भूल रहे है की,
अरे इन्हे तो दो ही पैसे मिले है?
नाचो नाचो।खूब नाचो।खूब खुशीयाँ मनाओं।
अभी कुछ दिनों बाद,"जोर का झटका धीरे से लगेगा",लगेगा ना तो,...
उछाल कूद,नाच गाना,जोर शोर सबकुछ खतम हो जायेगा इनका।
तब तक खुशियाँ मनाते रहो।आनंद से नाचते गाते रहो।
आगे चलकर सभी छोटे छोटे बच्चे एक भी होंगे, और पैसों के लिए रोने लगेंगे तो भी,...
जनता जनार्दन ...
इनको कुछ भी देनेवाली नही है।
क्योंकि सब जानते है की,यह सभी तो नालायक बच्चे है।इनके हाथ में एक फुटी कौडी भी देना नही चाहिए।
नही तो...ये बच्चे सारा खेल बिगाड़ देंगे।देश को बर्बाद कर देंगे।
कुछ दिनों बाद ,"पुरा का पुरा रूपैया.... कोई...."जादूगर",ही ले जाने वाला है।"
तब तक खुशीयाँ मनाते रहो,छोटेसे बच्चों।
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--  विनोदकुमार महाजन।
[18/03, 12:59 AM] mahajanv326: मैं सिध्दयोगी हुं।
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मैं अनादी हुं,मैं अनंत हुं।
मैं सिध्द हुं,मैं सिध्दयोगी भी हुं।
मैं साकार हुं,मैं निराकार भी हुं।
मैं ब्रम्हज्ञानी हुं,मैं आत्मज्ञानी भी हुं।
सभी सजीवों में मैं हुं।
चराचर में भी मैं ही हुं।
सो अहम्...अहम् ब्रम्हास्मी।
मैं सभी में हुं और सभी
मुझमें भी है।
मैं अनादी हुं,मैं
अनंत हुं।मैं योगी हुं।
मैं सिध्दयोगी भी हुं।
मैं ही हरी हुं,मैं ही
हर भी हुं।
पंचमहाभूत भी मैं ही हुं।
सजीव निर्जीवों में
बसनेवाला मैं ही हुं।
मैं द्वैत हुं,अद्वैत भी 
मैं ही हुं।
मैं पुर्ण ब्रम्ह भी हुं।
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--  विनोदकुमार महाजन।
[19/03, 5:48 AM] mahajanv326: माया का खेला।
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युगों युगों से चलता आया है,
सुर और असुरों का
बैर का सिलसिला।
और आगे भी चलता रहेगा यह युगों युगों
तक का खेला।
आखिर यह तो है सब
भगवान के माया का खेला।
आज भी चलता है देखो
देश विदेश में ऐसा ही
कुछ बखेड़ा।
सारे असुर एक हो रहे है,
ईश्वरी सिध्दांतो को
उखाड फेंकने की
पुरजोर कोशीश में है।
मगर क्या करें?
सारे विश्व के असुर
एक भी हो जाए
तोभी शक्तीशाली 
सुर शक्तीयों के सामने,
अदृष्य ईश्वरी शक्ती के सामने,
इनकी क्या और 
कैसी चलेगी?
और ईश्वर चलने भी कैसे देगा?
आखिर ईश्वरी शक्ती को
कौन उखाड़ फेकेंगा?
युगों युगों से
अनेक आये और मिट्टी में मिल गए,
ईश्वरी सिध्दांतो को
उखाडऩे की कोशिश करने वाले।
मगर अब...
और अभी समय आया है ,असुरी शक्तीयों को
सदा के लिए और जड से उखाड के 
फेंकने का।
समय तो करवट
बदलता ही रहता
है ना दोस्तों?
भगवान की सब माया
भगवान की सब लिला
सब उसी का खेला।
अगाध, अतर्क्य।
---------------------------------  विनोदकुमार महाजन।
[19/03, 10:57 AM] mahajanv326: न खाउंगा, न खाने दुंगा।
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"न खाउंगा, न खाने दुंगा",और एक दिव्य मंत्र,"सबका साथ,सबका विकास।"
ऐसे दिव्य मंत्र की वजह से बडी बडी खानेवाली मछलियां तडप रही है,तरस रही है।
इसीलिए एक भी हो रही है।एक होकर बडे बडे नारे भी लगा रही है।
क्या करें?आजतक तो बहुत खाया।जनता जनार्दन का,भोलेभाले लोगों का खून भी चूसचूसकर पिया,और अब...
एकाएक...खानापीना बंद,भ्रष्टाचार बंद,पाप का पैसा बंद,हराम का धन बंद,गरीबों का खून चूसना बंद....।।।
तो ऐसी मछलियां तो छटपटाएगी ही ना?
देशवासियों का खून चूसनेवाले बडे बडे मच्छर तडपेंगे,तरसेंगे ही ना?और जनता को,
"मुखौटा धारण करके,मिठी मिठी बातें करके,दहला-फुसलाकर,या फिर चिल्ला चिल्लाकर, गलतफहमीयां,बहकावा,नाटक,ड्रामेगिरी,एक्टिंग की,(राष्ट्रप्रेम की,गरीबों के प्रती प्रेम की)पुरजोर से कोशिश करेंगे ही ना?
मगर करे तो क्या करें?
जनता पहले जैसी  बहकावे में आकर निर्णय लेनेवाली थोडे ही रही है?
नाटककारों का असली नाटकीय मुखौटा तो जनता जानती है।सब पहचानती है।
इसिलए----?अब धुर्त, लबाड,भेडिये, मछलियां, मच्छर एक भी हो जायेंगे...
और..
"देवदूत",पर हमले करेंगे तो भी...
जी हाँ...तो भी....
"देवदूत",ही जीतनेवाला है और है।
ईश्वर और उसकी रचना के आगे ...
बडे बडे कुकर्मीयों की..
क्या चलेगी?धाराशायी हो जायेंगे...।
बस्स....थोड़ा...
समय का इंतजार बाकी है।
(कहानी समझ में आई ना दोस्तों?कहानी बडी अजीब है,और दिलचस्प भी है।मजेदार भी है।....
समझनेवाले समझ गए, ना समझें वो अनाडी है।)😀
हरी ओम।
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--  विनोदकुमार महाजन।
[20/03, 5:29 AM] mahajanv326: क्या जमाना भी आ गया।
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क्या कलियुगी उलटा
जमाना भी आ गया।
कौरव ही अब 
पांडवों को कौरव
कहने लगे।
शपथपत्र पर राम को
काल्पनिक कहनेवाले भी अब रामनाम
जपने लगे।
रामसेतु काल्पनिक बोलनेवाले ही अब
रामजी की पूजा
करने लगे।
मंदीरों को बुरा कहने वाले भी अब
जनेऊ पहनकर
मंदीर मंदीर भटकने लगे।
मतों की लालच में
सत्ता संपत्ति पाने के लिए, अब नौटंकी का
सहारा लेने लगे।
हे मेरे राम अब तुही
इनको बचाले।
रामराम।रामराम।
राममंदिर के विरोध में
कोर्ट में लडने वाले भी
रामभक्ति का नाटक
करने लगे।
क्या जमाना भी आ गया
उल्टा चोर ही
कोतवाल को डांटने लगे।
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--  विनोदकुमार महाजन।
[22/03, 2:12 PM] mahajanv326: डाकिया डाक लाया।
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बचपन!!!
कितना सुंदर, लाजवाब, बेहतरीन, आनंददायी, मजेदार था ना?
मेरा,आपका सभी का।वह रिश्ते नातों का प्यार।अनेक त्योहारों की बहार।वह आंगन में खेले जानेवाले खेल।वह मस्ती।वह खुशी से झुमना,नाचना, गाना।
पडोस के लोग भी घर के ही सदस्य जैसे।
प्यार ही प्यार।खुशियां ही खुशियां।
कुवें में तैरना,गुल्ली डंडा, कबड्डी, तिरकामटा,लगोर।
क्या बचपन भी था।पुछो मत।
छुट्टियों के दिन सभी रिश्ते नाते आते थे।प्यार बाँटते थे।प्यार देते थे।प्यार लेते थे।
और जब रिश्तेदार छुट्टियां मनाने के बाद वापिस अपने घर,गाँव जाते थे,तब...?
बेसब्री से डाकिया का इंतजार।रिश्तेदारों की चिट्ठी का बेसब्री से इंतजार।
कब डाकिया आयेगा, कब चिट्ठी लायेगा।कब मैं चिट्ठी पडूंगा, और आनंदित बन जाउंगा।
कितना बेहतरीन, आनंदी जीवन था न वह भी?
खत का इंतजार, चिट्ठी का इंतजार।डाकिया का इंतजार।
और अब...?
डाकिया कि जगह फेसबुक, व्हाट्सएप ने ले ली।वह डाकिया का इंतजार, वह प्यार, रिश्ते, पडोसन का प्यार?
सब समाप्त!!!
न आना,न कहाँ जाना।फ्लैट सिस्टम में अपने अपने घरों में दरवाजे बंद करके कैद होना।
मौन,मजबूर, हताश।
और डाकिया?
आता है कभी कभी पार्सल, रजिस्टर लेकर।मगर उसका भी इंतजार खतम।
वह मस्ती से मस्त होकर नाचना, घुमना बंद।
व्हाट्सएप, फेसबुक पर एक सेकेंड में फटाक से हजारों मेसेज।
क्या यही जीवन हो गया?
क्या जीवन का आनंद समाप्त हो गया?क्या रिश्ते नाते भी केवल स्वार्थ और पैसों से ही मतलब रखने वाले हो गए?
घोर कलियुग आ गया।
कलियुग ने पूरा सत्यानाश कर दिया।
सारा का सारा खेल बिगाड़ दिया।
क्या जमाना भी आ गया,यारों क्या जमाना भी आ गया।
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--  विनोदकुमार महाजन,
पत्रकार, पुणे।
[22/03, 10:51 PM] mahajanv326: एक था राजा।(बोधकथा:- जब बुरा समय आता है तो कोई किसी का नही होता)
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राजा को ईश्वर का अंश ही मानते है।और राजा भी इसी योग्य प्रजापर जी जान से प्रेम करने वाला ही होना चाहिए।
प्यारे दोस्तों, ऐसे ही राजा की एक कथा है।
राजा बहुत ही दयालु,प्रजाहितदक्ष,अपनी सभी प्रजा पर सच्चा प्रेम करने वाला था।
उसके राज्य में ना कोई दुखी था,ना कोई गरीब था।
राजा प्रजा की समस्या समझने के लिए कभी भेष बदलकर घुमता था।तो कभी रात में भी घुमता था।तो कभी भेष बदलकर झोपडियों भी जाकर वहाँ की स्थिती का निरीक्षण करता था।
सभी पर जी जान से प्रेम करनेवाला, भेदभाव रहीत समाज में प्रेम,शांती बढाने की कोशिश में दिनरात मेहनत करता था।
[23/03, 6:32 AM] mahajanv326: अकेला शेर लड रहा है।
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सभी भेडिये एक हो रहे है,एक शेर के लिए।सभी भेडिए के झुंड से लड रहा है अकेला शेर।
शेर के गुट के कुछ लालची शेर भी अंदर से इस शेर को पिडा,तकलिफें,यातनाएं दे रहे है।इनके साथ भी यह शेर हिम्मत से लड रहा है।
उसका नाम है,नरेंद्र।ऐसे कठीण समय में कहाँ है कट्टर हिंदुत्ववादी कहनेवाले शेर?
कुछ तो मौन है,कुछ तो अंदर से पिडा दे रहे है,और कुछ भेडिए के झुंड को बडावा दे रहे है।तो कुछ बडे उद्योगपती बनकर हिंदुत्व पर ध्यान ही नही दे रहे है।सिर्फ पैसा कमाना।तो कुछ असली शेर विरोधियों द्वारा कुनितीद्वारा जेरबंद किए हुए है।
फिर भी यह शेर,हिम्मतबाज शेर अकेला लड रहा है।
देश के लिए, धर्म के लिए समय कठीण ही नही भयंकर है।ऐसे समय में सभी शेरों को एक होकर कठीण समय का मुकाबला करना चाहिए।हिम्मतबाज शेर की शक्ती बढानी चाहिए।
विनाशकारी भेडियों की बढती शक्ती को सभी ने एक होकर ऐसे विनाशकारी शक्ती का सदा के लिए बिमोड करना चाहिए।
समय पर जाग जावो।निजी स्वार्थ,मत्सर, द्वेष,आपसी कलह छोड दो,एक हो जावो।
ईश्वरी सिध्दांत, देश,धर्म,संस्कृती, संस्कार, अध्यात्म, मठ,मंदीर खतरे में है।
उठो विरपुत्रों।संस्कृती को बचाने के लिए एक हो जावो।शेर की शक्ती बढाओ।
निजी स्वार्थ के लिए शेर नही लड रहा है।हम सभी के लिए, हमारी अगली पिढी को सुरक्षित रखने के लिए शेर लड रहा है।उसकी शक्ती बढाओ।
हरी ओम।
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--  विनोदकुमार महाजन।
[25/03, 12:19 AM] mahajanv326: रामदेव बाबा और अण्णा हजारे।
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मैंने रामदेवजी बाबा पर कुछ दिन पहले एक लेख लिखा था।जिसमें मैंने, रामदेव बाबाजी ने शनी,राहु,केतु का उल्लेख किया था,उसका उसी लेख में जिक्र किया था।
मुझे उनके बिहार आश्रम से उस लेख के बारे में फोन आया था।
उनका कहना था की मैंने ऐसा क्यों लिखा?
उत्तर में मैंने उनको प्रत्यक्ष चर्चा के लिए आमंत्रित किया था।
अब एक टिव्ही के इंटरव्ह्यू में बाबाजी को प्रश्न पुछा था की,आप कौनसे दल से हो?
बाबाजी ने फिरसे विचित्र जवाब दिया था।
बाबाजी उत्तर में कह रहे थे,"निर्दलिय,सर्वदलिए"
तो क्या बाबाजी ने उद्योगपती बनने के बाद हिंदुत्व छोड दिया?
अब अण्णा हजारे जी पर थोडा सोचते है।दिल्ली में चल रहे अण्णा के आंदोलन को जनता का कोई प्रतिसाद नही मिल रहा है।
अण्णा के साथ ऐसा क्यों हो रहा है?क्या उनकी लोकप्रियता घट गई है?अगर हाँ तो क्यों?
क्योंकी हमेशा ऐन चुनाव के दरम्यान ही अण्णा आंदोलन क्यों करते है?केवल प्रसिद्धी के लिए?या कोई अन्य कारण?
अण्णा को ना भाजपा से,ना काँग्रेस से,ना आम आदमी पार्टी से प्रेम है?तो फिर अण्णा के सिध्दांत कौनसे है?उनकी वास्तविक विचारधारा क्या है?
क्योंकी हर एक व्यक्ती एक को ठोस विचार की स्विकार तो करनी ही होती है?
और सभी पार्टीयों का विरोध तो फिर अण्णा की विचारधारा कौनसी?
हिंदुत्ववादी, समाजवादी, निधर्मीवादी ,साम्यवादी या फिर साम्राज्य वादी?
क्योंकी जब तक ठोस विचार धारा तय नही होती और उस विचारधारा के अनुसार वर्तन नही होता है तो ऐसे व्यक्तियों को समाज क्यों और कैसे स्विगारेगा?
चाहे वह व्यक्ती रामदेव जी बाबा हो या अण्णा हजारे जी हो।
हर एक तो सिध्दांत होने ही चाहिए।और उस सिध्दांतो के अनुसार जीवन होना ही चाहिए।तभी समाज ऐसे व्यक्तियों के कार्य को  स्विकार करेगा।
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--  विनोदकुमार महाजन।
[28/03, 11:32 AM] mahajanv326: महामित्र!!!!!
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महाराष्ट्र शासनाने राबविलेल्या,"महामित्र",
या अत्यंत प्रभावी योजनेस समाजामधुन भरभरुन प्रतीसाद मिळाला याबद्दल शासनाचे व सहभागी होणारांचे अभिनंदन.
विविध स्तरावरील, तळागाळातील,शहरी-ग्रामीण भागातील मान्यवरांनी,बुध्दीवंतानी यात हिरिरीने सहभाग घेतला.
सोशल मिडिया हे एक प्रभावशाली माध्यम म्हणून उदयास येत आहे.अनेक "नवरत्ने",आपले विचार प्रभावीपणे या माध्यमातून मांडत असतात, आणी समाज प्रबोधन करत असतात.
दुर्दैवाने अशा मान्यवरांसाठी एकत्र येण्यासाठीचे प्रभावी व्यासपीठ आजपर्यंत उपलब्ध नव्हते.
नेमकी हीच समाजाची गरज ओळखून माननीय मुख्यमंत्री श्री.देवेंद्रजी फडणवीस व त्यांच्या टिमने ,"महामित्र",द्वारे असे प्रभावी व्यासपीठ उपलब्ध करून दिले,त्याबद्दल मा.मुख्यमंत्री व त्यांची यशस्वी टिम यांचे मानावे तेवढे आभार थोडे आहेत.
विविध माध्यमातून व विविध उपक्रमामधून समाजाची जडनघडन व प्रगती, विकास करण्यासाठी अशा प्रभावी माध्यमाची आज समाजास नितांत गरज आहे.
सोशल मिडियामधुन आलेल्या अनेक मान्यवरांमध्ये,भविष्याचा अचूक वेध घेवुन ,"नवसमाज व नवराष्ट्र",घडविण्याची नक्कीच क्षमता व शक्ती असते.
अशा प्रभावी विचारांना ,"महामित्र",द्वारे एकत्र आणल्याबद्दल संपूर्ण टिमचे मन:पुर्वक अभिनंदन!!!!!
भविष्यामध्ये असेच नवनवीन उपक्रम राबवून, समाजघडणीसाठीचे योग्य निर्णय घेतले जातील हिच अपेक्षा.
लेखन,
श्री.विनोदकुमार महाजन,
पत्रकार, पुणे.
मोबाईल नंबर:-
09890349751.
[30/03, 12:23 PM] mahajanv326: जब धारा 370 हटेगी,
पूरे देश में दिवाली मनाई जायेगी।
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भाईयों, आप सभी को ज्ञात है धारा 370 के बारे में।एक ही देश में कश्मीर को अलग दर्जा और अलग कानून क्यों?
यह मेरा नही पूरे देश का सवाल है।और सवाल सही भी है।आखिर क्यों और कबतक सहेंगे हिंदुस्थानी ऐसा विचित्र कानुन?क्या वजह है कश्मीर को अलग दर्जा देने की???
भारतीय जनता को सही उत्तर चाहिए ही।इतने दिनों तक ऐसा विपरीत कानुन देश में क्यों चलता आया और किसने चलाया?
कोई भी हो।भविष्य और भारतीय समाज ऐसे गलत कानुन जबरन थोंपने वालों को कभी भी क्षमा नही करेगा।
और अब.....समय आया है ऐसा विचित्र कानुन रद्द करने का।
ऐसे सही निर्णय लेने पर सर्वोच्च न्यायालय और मोदी सरकार को पूरा देश सदा के लिए सरपर लेकर नाचेगा ही नाचेगा।पूरे देश में मोदीजी की और उनके सरकार की लोकप्रियता हजारो प्रतीशत से बढेगी ही।
और पूरा देश बडे आनंद से झूम उठेगा,नाचेगा और...
संपूर्ण देश में हर्षोल्लास से दिवाली भी धूमधाम से मनाई जायेगी।
आखिर देर से सही देश को और संपूर्ण देशप्रेमियों को,देशवासियों को यथोचित न्याय तो मिला।
जय श्रीराम।
हर हर मोदी।
घर घर मोदी।
हरी ओम।
---------------------------------  विनोदकुमार महाजन।
[30/03, 3:50 PM] mahajanv326: सोशल मिडिया।
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जी हाँ मित्रों,सोशल मिडिया।यह एक बहुत ही शक्तीशाली हथियार है लोकतंत्र में।
"सच्चे का बोलबाला और झुठे का मुंह काला",करने की,सच्चाई की जीत करने की,जबरदस्त शक्ती है इस हथियार में।
इलेक्ट्रॉनिक्स मिडिया और प्रिंट मिडिया से भी जादा ताकदवर।
इससे अनेक अच्छे अच्छे विचार मिलते है,समाज प्रबोधन होता है,अच्छे अच्छे मित्र भी मिलते है।(जैसे की आप जैसे प्रिय मित्र भी मुझे मिल गए..👍😀)
देश में ही नही तो विदेश में भी अनेक मित्र हमें मिल जाते है।
मुझे तो व्हाटस्अप, फेसबुक पर हजारो लेख लिखने का मौका मिल गया।अनेक देशों में संपर्क हो गए।अनेक देशों में मेरे लेख,विचार गए।कितनी शक्ती है ना इस माध्यम में।
एक टिव्ही चैनल के लिए मैं पुणे जिला ब्युरो चिफ हुं,एक राष्ट्रीय हिंदी अखबार जो नौ राज्यों से प्रकाशित होता है,इसका मैं महाराष्ट्र ब्युरो चिफ भी था।और एक राष्ट्रीय पार्टी है,जिसका मुझे मिडिया शक्ती के लिए,
ओल इंडिया प्रेसिडेंट भी बनाया है।
इतना ही नही तो,एक लोकप्रिय एप है,"माय मंदीर",जिसके दस लाख से जादा फोलोवर्स है-जिसमें भी मेरे लेख लोगों को पढने को मिलते है।और एक है,"शेअर चैट",जिसके भी करोडों फोलोवर्स है,जिसमें मेरे भी अनेक लेख लोग पढते है।"लाईव्ह महाराष्ट्र",नाम का एक मराठी न्युज एप है,इसमें भी मुझे लिखने का मौका मिलता है।
यह सभी केवल सोशल मिडिया द्वारा ही संभव हुवा है।
मेरे व्हाटस्अप ग्रुपपर तो अमरिका,मौरिशस जैसे देशों से भी मुझे मित्र मिल गए।
इतना ही नही अनेक मान्यवरों के साथ मेरी इसी माध्यम द्वारा मित्रता हो गई।
सन्माननीय प्रधानमंत्री के भतीजे वडोदरा से,माननीय श्री.हेमेंद्र मोदीजी भी मेरे व्हाटस्अप ग्रुप के सदस्य हो गए।
ऐसे ही इस माध्यम की शक्ती पहचानकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री जी माननीय श्री.देवेंद्रजी फडणविस जी ने भी,सोशल मिडिया का,"महामित्र",नाम का मराठी ग्रुप बनाया है।जिसमें मुझे भी स्थान मिल गया।यह भी मेरा बहुत बडा सौभाग्य है।
सोशल मिडिया में सिर्फ क्रांती ही नहीं तो,"राष्ट्र क्रांती और विश्व क्रांती",करने की भी शक्ती है।
इसिलीए मेरे प्यारे सभी दोस्तों  सच्चाई, अच्छाई, नेकी,मानवता की जीत के लिए, कुदरत और ईश्वरी कानुन की जीत के लिए, इसी प्रभावी माध्यम से दिन प्रतिदिन अपनी शक्ती बढाते रहो।
कदम कदम बढायेंगे,हाथ में हाथ मिलाएंगे।हर एक को साथ लेकर,एक काफिला बनाएंगे।
हमारा सच्चाई का काफिला...
दूर दूर तक,देश विदेश में,संपूर्ण विश्व में....
लोकप्रिय बनाएंगे।
कदम कदम बढायेंगे।
इंन्सानियत की जीत करके रहेंगे।👍🙏🕉
हरी ओम।
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--  विनोदकुमार महाजन।
[02/04, 11:31 PM] mahajanv326: बाल भी बाका नही होगा।
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कुछ लोगों ने देश में भयंकर षड्यंत्र द्वारा देश तोडने की साजिश की।भयंकर दंगा फसाद भडकाया।
और वह भी पापी पाकिस्तान के इषारे पर।एक "देवदुत",को हराने की साजिश!!!
सचमुच में यह भेडिये इतने डर रहे है ऐसे"देवदुत",को?देश में कुछ भी करने को तैयार हो रहे है।
दंगा फसाद कर रहे है।आग लगा रहे है।जान ले रहे है।
मगर पापियों एक बात पक्की याद रखना।यह आगं तुम सभी पापीयों को एक दिन जरूर ही बुमरैंग करके तुम्हे ही जलाकर राख कर देगी।खाक कर देगी।मिट्टी में मिला देगी।
वजह जानते हो? पूरा देश मौन होकर तुम्हारी पाप की हरकते देख रहा है।निजी स्वार्थ के लिए-सत्ता-संपत्ती के लिए तुम कितने गिर सकते हो,यह बात पूरा देश देख रहा है।
तुम लोगों को नही जला रहे हो।इस आग में एक दिन तुम सभी पापी जलकर भस्म होनेवाले ही हो।
क्योंकी"जैसी करनी,वैसी भरनी",यह तो ईश्वर का कानुन है,कुदरत कानुन है।
रही बात उस"देवदूत",की।वह तो एक खडतर तपस्वी, त्यागी है।तुम सभी एक भी होंगे तो भी उस पुण्यात्मा का तुम बाल भी बाका नही कर सकते।उसे हराने की बात तो दूर।
आगे आगे देखिए उस पुण्यात्मा का दिमाग।
तुम सभी एक होकर"चक्रव्यूह",में फँसाने की लगातार कोशीश कर रहे हो।मगर उसी चक्रव्यूह में तुम सभी खूद फँसते जा रहे हो।
अभी तो खेल आरंभ हो चुका है।बस्स...ईश्वर भी यही चाहता होगा।
दंगा फसाद करनेवालों का पापी चेहरा,असली चेहरा पूरा देश,पूरा विश्व तो देख ही रहा है।भगवान भी पापियों का यह तमाशा देख रहा है।
पापीयों जब तुम्हारे पाप के घडे भर जायेंगे, तो भगवान भी तुम्हे नही बचायेगा।
और तुम्हारे पाप के घडे भरने का वक्त ईश्वरी इच्छा से नजदिक आया है।
तबतक जितने तमाशे करने है,जितने मजे करने है,करलो।
बुरे का फल बुरा ही होता है।इसिलीए जो कबर आज तुम दुसरों के लिए खोद रहे हो-तुम खुद उसिमें एक दिन जाकर गिरनेवाले ही हो।
बस्...और थोडा इंतजार।।।।
हरी ओम।
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--  विनोदकुमार महाजन।
[05/04, 6:18 AM] mahajanv326: तुझे जितना ही है।
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तेरी चिंता मैं समझता हुं।हे सत्यवचनी, सत्यवादी इंन्सान।क्यों व्यर्थ की चिंता करता है?क्यों परेशान होता है?
कभी भी हताश-उदास मत होना।आने दो कितने भी तूफान।आने दे कितनी भी आँधियाँ।होने दो हैवानियत की कितनी भी गंदी हैवानियत।
हे सत्य के रास्ते पर चलने वाले पथीक।जीवन में तु कभी भी हार मत मानना।
मंजील की ओर चलता जा,बढता जा।
हे ईश्वरपुत्र,मैं हमेशा तेरे साथ हुं,ऐसा ईश्वर भी तुझे कहता है।सत्य की लडाई जितने के लिए पुकारता भी है।
हे,"सत्य-धर्म",वादी,
संकटों के,मुसिबतों के आने दो कितने भी पहाड।पार करने पडेंगे अनेक जहर के सागर,हजम करना पडेगी कितनी भी जहर की शिशियाँ,....
तो भी प्यारे.. मत हारना,मत उदास होना।
मंजील की ओर कदम कदम बढते ही रहना।
एक दिन मिलेगी तुझे तेरी मंजील।बनेगा पृथ्वी का स्वर्ग भी एक दिन।होगी सत्य की-ईश्वरी सिध्दांतो की जीत।
आ जायेगा ईश्वरी कानून धरती पर...तेरे ही हाथों से।
तब दुनिया तुझे कहलाएगी,"युगपुरुष।"
इसिलए चलता जा।चलता जा।मंजील की ओर बढता जा।
(मोदीजी को यह मेरा मनोगत समर्पित)
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--  विनोदकुमार महाजन।
[05/04, 3:31 PM] mahajanv326: एक था पप्पू!!!!!
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मंदीर मंदीर घुमनेवाला
नौटंकी करनेवाला
"ईश्वरपुत्रों",को फँसानेवाला
मतों के लिए दर दर भटकने वाला
फिर भी नही जीतनेवाला
भाईयों,
एक था पप्पू।
"अंदर से",दंगा भडकानेवाला
उनका भी अभिनंदन करनेवाला
देशद्रदोहियों को
चिन पाकिस्तान को
साथ देनेवाला और
राष्ट्रप्रेमियों को सदैव
गालियां देनेवाला
एक था पप्पू,
भाईयों, एक था पप्पू।
ऐसे पप्पू से सावधान रहना
इसकी ,"गहरी चाल",
अब तुम समझना।
इसके बहकावे में मत आना।
हमारा अस्तित्व मिटाने के लिए
इसके दादा परदादा ने भी
बेखुबी से ऐसा ही
ढोंग रचाया था।
भोलेभाले लोगों को
गहरी चाल से 
फँसाया था।
इसिलए यारों,
अब सदा के लिए सावधान ही रहना।
हमें नेस्तनाबूद करने का इसका
षड्यंत्र पहचानना।
इसके नौटंकी पर
भरौसा मत करना।
असली,"देवदूत",को
तुम्हे होगा पहचानना।
और उसीके आदर्श सिध्दांतो का प्यारे दोस्तों,मेरे प्यारे यारों
तुम स्वीकार करना।
"असली और नकली",
को अब तुम्हे 
होगा पहचानना।
पप्पू के बातों में
मत आना।
देवदूत पर पूरा भरौसा
करके...
अपना और अपनों का
भविष्य आनंददायक बनाना।
हरी ओम।
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--  विनोदकुमार महाजन।
[05/04, 8:59 PM] mahajanv326: दंगा भडकानेवालों को
सख्त सजा करो।।।
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दंगा करते समय अगर पुलिस के हाथ को कोई लग गया तो उसको तुरंत कानुनन सख्त और कडी सजा होनी चाहिए।
जैसे की अगर दंगाई सरकारी सेवा में। हो,तो उसे तुरंत नौकरी से निकाला जाए।जानमाल का नुकसान उस दंगाई की संपत्ति बेचकर किया जाए।
उसको सारी शासकीय सुविधाएं कुछ सालों के लिए तुरंत बंद कि जाए।जैसे की उसका राशन कार्ड,आधार कार्ड, मतदान कार्ड, ड्राईविंग लायसेंस तुरंत कुछ सालों के लिए जप्त किया जाए।
और समाज में भी उसे तुरंत बहिष्कृत किया जाए।
ऐसी सजाएं दंगाईयों को तुरंत दि जायेगी तो किसी की हिम्मत नही होगी दंगा भडकाने की,और विकास कार्यों मैं बाधा पहुंचाने की।किसिके जानमाल के नुकसान करने की।
अती गंभीरता से इसपर शासन द्वारा विचार करके, तुरंत अंमलबजावणी करने की जरुरत है।
तभी ऐसी देशद्रोही शक्तीयों पर अंकुश लगेगा।
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--  विनोदकुमार महाजन।
[07/04, 7:34 AM] mahajanv326: अब तो सभीको सोचना ही होगा।जागना भी होगा।
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मेरे प्यारे सभी भाईयों, आज मैं ऐसा वास्तव लिखुंगा की पढकर इसपर आप सभी को गौर से विचार करना ही पडेगा।लेख अगर लंबा भी हुवा तोभी पूरा पढना ही पढेगा।
सोचो,धिरे धिरे हम पिछे पिछे क्यों हटते जा रहे है?
मतलब.....?
एक समय ऐसा भी था जब पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और ऐसे अनेक देश जहाँपर नितदिन मंदीरों में घंटियां बजती थी,सुबह को मंगल आरतियां होती थी।
हमारे संस्कृति पूजकों के अनेक मठ मंदिर वहाँ मौजूद थे।
और क्या हो गया की,मठ-मंदिर वहाँ से जमिनदोस्त हो गए,धाराशायी हो गए,नेस्तनाबूद हो गए?
सत्य और सत्यवादी जमीन में दफना दिये गए।
हर जगह से मंगल धून गायब होती गई।क्यों?
और आज भी कश्मीर, केरला, पश्चिम बंगाल जैसे अनेक प्रदेश है जो हमारे अस्तित्व को ही चुनौती दे रहे है।और हम ऐशोआराम, पैसा कमाना और आपसी लडाई झगडा,स्वार्थ मोह से अंधे बन गए है।
इतिहास को भी हम भुलेंगे तो अस्तित्व कैसे रखेंगे?और उज्वल भविष्य कैसा रखेंगे?
आप सभी मेरे प्यारे भाईयों, आप के अंदर की आत्मा की आवाज सुनो-जानो-पहचानो।
समय कठिण है,हमारा अस्तित्व खतरे में है।और हम गहरी निंद में है।
"उनकी",और "हमारी",निती पर गौर से सोचो।
हमें नेस्तनाबूद करके हमें जमीन में दफनाने के तरिके, हमारे मंदीरों को दफनाने के तरिके, हमारी संस्कृति नेस्तनाबूद करने के तरीकों को गौर से सोचो।सत्य को समाप्त करने के असत्य के तरिके।
बिल्कुल ठंठे दिमाग से सोची समझी गहरी साजिश और हमारे एक एक प्रदेश पर कब्जा।
क्या रणनिति है?
और हम?
हम तो लडते झगडते है।जाती के नाम पर,पैसों के लिए।और...?
मर मिट जाते है।
जब हमारे कोई उच्च कोटि के महात्मा सभी जातियों को एक करने की,परकियों को भी हमारे संस्कृति की ओर आकर्षित करने की,जोडने की रणनीति बनाते है तो?
उन पुण्यात्माओं को गहरी साजिश द्वारा अटकाया, लटकाया जाता है।और हम?
ऐसे महात्माओं को भी भला बूरा कहते है,और"उनके",चंगुल में फँस जाते है।
ठीक इसी तरिके से उन्होंने आधी पृथ्वी पर कब्जा किया है।और हम???
अस्तित्व शून्य बनते जा रहे है।
दुख की बात तो यह है की,हमारे ही कुछ नमकहराम जयचंद हमपर अंदर बाहर से सभी प्रकार के हमले करके हमें परेशान कर रहे है।और हम दुर्भाग्य से एक होकर उन नमहरामिओं का सदा के लिए बंदोबस्त करना भी दूर, उनका विरोध भी नही कर रहे है।उल्टा ऐसे जहरीले पौधों से हम निकटता बढा रहे है।
गहराई से बात समझ में आ रही है ना?
निद्रिस्त रहेंगे तो नेस्तनाबूद हो जायेंगे, बरबाद हो जायेंगे।मिट्टी में मिल जायेंगे।
जैसे की,पाकिस्तान की मंगल आरती,मंदीरों की घंटी,मंगल सूर सब गायब हो गए है।
क्या हम हिंदुस्तान में भी ऐसी ही स्थिति आने का इंतजार कर रहे है?
नही,बिल्कुल नही।
हम सभी एक होंगे।ठंडे दिमाग से शक्तिशाली विश्व संगठन बनाएंगे।
संस्कृति बचायेंगे ही नही संस्कृति बढायेंगे भी।हमारे भुप्रदेश कि रक्षा करेंगे।और जहाँ से हमें भगाया गया है,वहाँ फिर से,ठंढे दिमाग से ,चाणक्य निती से,कृष्ण निती से फिर से हमारे संस्कृति की पुनर्स्थापना करेंगे।करके रहेंगे।
क्या नामुमकिन लग रहा है?
संकल्प में बहुत शक्ति होती है भाईयों।और संकल्प पूर्ति के लिए जब चौबीसों घंटे भगवान हमारे साथ होता है तो?
तो नामुमकिन भी मुमकिन में बदल ही जाता है।जी हाँ दोस्तों।इतिहास गवाँ है।
बिल्कुल ठंडे दिमाग से,शांती से क्रांति।विश्व क्रांति।
क्या सोच रहे हो?सच्चाई लग रही है ना?
या मैं कुछ गलत लिख रहा हुं?बकवास कर रहा हुं?
आपके अंदर कि आत्मा को पुछो।जागृत और सावधान हो जावो।
हमारे अंदर नामुमकिन को भी मुमकिन में बदलने की दिव्य शक्ति मौजूद है।
है या नही?यह बात आप ही बताईये।
तो....?
बन जावो तैयार...
"विश्व विजेता-हिंदू धर्म",बनाने के लिए।हो जावो संगठित।बढाओ शक्ती।
संपूर्ण विश्व के सत्य वादियों को अनेक मार्गों से कर दो एक।
बोलो।
देंगे साथ???
भाईयों, अब कार्यसफलता के लिए अगले जन्म का इंतजार नही।
केवल और केवल इसी जन्म में कार्यसिद्धि।
हरी ओम।
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--  विनोदकुमार महाजन।
[07/04, 10:21 PM] mahajanv326: भयंकर संतापजनक।
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फिल्मों में नाचने वाले ,हिरण के हत्या करने वाले को,कुछ लोग और टिवी वाले देवदूत समझकर नाच रहे है।आनंदोत्सव मना रहे है।पटाखे फोड रहे है।
और....
एक तपस्वी, वयोवृध्द, समाजहितकारी महान संत उन्हे जमानत न देकर जेल में सडाया जा रहा है।
धिक्कार।धिक्कार।धिक्कार।
अती अत्याचार का भयंकर विकट नाच।
जागो।जागो।जागो।
ऐसे भयानक, भयंकर अत्याचार में क्रांति तो होगी ही होगी।
शायद ईश्वर भी ऐसी घटनाओं से भयंकर क्रोधित होगा।
शायद धधगता अग्नीतेज लेकर,नारसिंव्हा बनकर पाप का कलंक मिटाने
वो आयेगा।
भयंकर, अति भयंकर।
अन्याय, अत्यार का आगडोंब।
भाईयों, और कितने दिनों तक सोते रहेंगे?
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--  विनोदकुमार महाजन।
[09/04, 1:10 PM] mahajanv326: भेडिये।
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भेडिये, जी हाँ भाईयों भेडिये।ईंन्सानरूपी भयंकर क्रुर भेडिये।समाज में अशांती निर्माण करना,खून खराबा करना,खून बहाना,लूटपाट करना,रक्तपात करन,संयमी और शांतीपूर्ण समाज में विनावजह विद्रोही स्थिति पैदा करना,एकसंघ ,शांतिप्रिय, शिस्तप्रिय समाज में भय,चिंता, अस्थिरता निर्माण करना।ऐसा ही ऐसे भेडियों का मकसद होता है।
विकास कार्यों में विनावजह बाधाएँ उत्पन्न करके समाज का और खुद का भी घात करना,ऐसे दुष्ट प्रवृत्ती के दुष्टात्में इसमें सामील होते है और असुरी आनंद में रहते है।
ईश्वर का डर,कानून का डर,समाज का डर इन्हे नही रहता है।
ऐसे पापात्माएं सचमुच में पृथ्वी पर बोझ ही होते है।
हमेशा खून के प्यासे,ईंन्सानियत के दुष्मन इनका सभी समाज को संगठित होकर, शक्तिशाली होकर इन भेडियों के खिलाफ कानुनन कार्रवाई करनी ही चाहिए।नही तो ये भेडिये और खूंखार हो जाते है और इन्हे रक्त की लत लग जाती है।
इसिलए देश के और विदेश के सभी मानवतावादियों, समय से पहले जागरुक होकर,ऐसे उन्मत्त, उन्मादी, भयंकर पातकी भेडियों का बंदोबस्त सभी को करना ही होगा।
नही तो ये मानवता के दुष्मन संपूर्ण विश्व से ही मानवता का नाश कर देंगे।
अतएव सावधान।सावधान।
ऐसे भेडिए समाज में खूलेआम घुमते फिरते है।
जानो पहचानो।
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--  विनोदकुमार महाजन।
[16/04, 5:58 AM] mahajanv326: क्या चल रहा है?

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भाईयों, सचमुच में क्या चल रहा है आज देश में?

अराजक?

जी हाँ भाईयों, अराजक।और यह अराजक ऐसा तैसा नही है।अती भयंकर षडयंत्र द्वारा प्रायोजित अराजक।

मोदीजी और उनकी पूरी टीम जीस तरीके से देश और देशवासियों के लिए विकास कार्य कर रही है,शायद लबाड, ढोंगी घबरा गए है।

और....

मोदीजी को 2019 में हराने का भयंकर अती भयंकर षडयंत्र।

कुछ भी करो बदनाम करो,विकास कार्यों में बाधाएं उत्पन्न करो,षडयंत्र भयंकर षडयंत्र करो और मोदीजी को बदनाम करो।

किसी भी तरीके से,किसी भी बहाने से।बदनामी और बदनामी।

ऐसा ही माहौल खडा किया जा रहा है ना देश में?

मगर भाईयों, हमें राष्ट्र प्रेमीयों को यह लडाई बहुत ही हिम्मत से लडनी है।ठंडे दिमाग से लडनी है।और मोदीजी को राष्ट्रीय तथा आंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत ही शक्तीशाली बनाना ही है।

अब उन्नीस में केवल जीत नही महाजीत हासिल करनी है।

और जनता...?

सब जानती है,पहचानती है।देश के लुटेरे कितनी भी नौटंकी करे,ड्रामेगिरी करे,

जनता जनार्दन केवल और केवल,सिर्फ और सिर्फ मोदीजी को ही भारी बहुमतों से जीताएगी।

क्योंकी कुछ असामाजिक तत्व,कुछ बिकाऊ मिडियावाले,गद्दार, नमकहराम,राष्टद्रोहियों को हमें सोशल मिडिया द्वारा ठिकाणे पे लाना है।उनकी असलिएत समाज को दिखानी है।उनके नाटकी मुखौटे देशवासियों को दिखाने है।

और मोदीजी को जीताना है।सभी जात-धर्म-पंथ-पथवालों को,सही मायने से....

"सबका साथ-सबका विकास"चाहिए तो...देश का अराजक समाप्त करना चाहिए तो...राष्ट्रीय विकास चाहिए तो...सुख-शांती बनानी है तो...

पापियों के मुंह पर तमाचा मारना है तो...

तो केवल और केवल मोदीजी को ही चुनना है।

जी हाँ भाईयों।किसी के बहकावे में आकर,किसी के चंगुल में फँसकर,किसीके नौटंकी में आकर अब हमें फँसना नही है।

केवल और केवल मोदीजी और मोदीजी।

फैला दो यह मेसेज दशदिशाओं में।करलो सत्य की,इंन्सानियत की जीत।

जय श्रीराम।

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--  विनोदकुमार महाजन।
[17/04, 11:20 AM] mahajanv326: भाईयों, सोशल मीडिया द्वारा असत्य पर प्रहार करो।
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भाईयों, आज कुछ राष्ट्रद्रोही ताकदें,कुछ असामाजिक तत्व देश में असत्य फैलाकर सत्य को परेशान कर रहे है।
असत्य ही सत्य का मुखौटा धारण कर रहा है।अतएव सावधान।कुछ मिडिया वाले भी इसमें जमकर हिस्सा ले रहे है।
इसपर कानूनी इलाज क्या है?या किसिको इनके झूट के खिलाफ जनहित याचिका दायर करके अंकुश लगेगा?
चाहे कुछ भी हो,ऐसी ताकदों को हमें प्रखर राष्ट्राभिमानियों को एक होकर रोखना होगा।जमकर विरोध करना होगा।
गुजरात चुनाव में एक टिवी चैनल बार बार एक गलत न्यूज और सर्वे दिखा रहा था।इस सर्वे में बिजेपी की करारी हार और काँग्रेस की प्रचंड बहुमतों से जीत दिखाई थी।
मगर....?आज सत्य आप सभी के सामने है।मेरे कहने का मतलब यह है की,ऐसे गलत सर्वे दिखाने वाले टिवी चैनल पर क्या कार्रवाई हो गई?
कुछ भी नही।आज भी वह चैनल झूटी अफवाएं फैला रहा है।
तो क्या करें?
(1)सबसे पहले ऐसे चैनल देखना बिल्कुल बंद कर दो।
(2)इनको विज्ञापन देना बंद कर दो।
(3)ऐसे झूट फैलाने वाले चैनल,व्यक्ति, संस्था का संपूर्ण रुप से बहिष्कार करो।
(4)सोशल मिडिया का जबरदस्त शक्तिशाली हथियार हमारे हाथ में है।इसके द्वारा ऐसे असामाजिक तत्वों का जमकर विरोध करो।
(5)अज्ञान समाज तथा व्यक्तियों को इनके झूट के बारे में सदोदित जागृत करो।
(6)आर्थिक दृष्टि से कनिष्ठ, मध्यम और उच्च समाज को हमेशा संपर्क करके इनको जागृत करो।और राष्ट्र के प्रति सचेत रहने को कहो।
जिनका नोटबंदी के बाद काला धन बरबाद हो गया है,आगे चलकर अगर संपत्ति का भी कानून बन जायेगा तो इन सभी की हालत बहुत ही दयनीय होनेवाली है।इसीलिए कुछ घटक बौखला गए है।
आगे चलकर कुछ राष्ट्र विघातक शक्तियों को "अंदर",जाने का भी डर सता रहा है।
सत्ता मिलना तो दूर...
इसिलए ऐसे व्यक्ति या संगठनों से हमेशा सावधान ही रहना होगा।
आजादी के बाद जिन्होंने सत्ता का दुरुपयोग करके "माया",जमा की और...
अब यही काली माया ,काली कमाई जाने का डर सता रहा है तो....?
आप ही सोचिए।
और हाँ,और एक बात फिल्म इंडस्ट्री के नकली चेहरों को पहचानकर उनसे भी बहिष्कार करों।उनकी फिल्में मत देखना।
अगर राष्ट्र निर्माण के कार्य में और अगली पिढी को सुख-शांती-समाधान-आनंद से-चैन से....जीना है...
हमारा भविष्य उज्ज्वल बनाना है तो...सत्य की रक्षा करो।
देश को विश्व पटल पर आगे ले जानेवाले और राष्ट्रीय उत्थान के लिए लड रहे,"उस सच्चे देशभक्त के साथ",...
संपुर्ण शक्ती के साथ खडे रहो।
सच्चे का बोलबाला और...?
झुटे का मुँह काला...
ऐसी स्थिति संपूर्ण देश में बनाकर....
"सबका साथ.. सबका विकास"...
का नारा बुलंद करो।
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--  विनोदकुमार महाजन।
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भाईयों, राष्ट्रविरोधी अराजक शक्तियों पर,असत्य फैलाने वाले मिडिया पर सभी एक होकर,
जमकर विरोध करो...प्रहार करो...।
विस्तार से...👆
लिंक ओपन करके लेख पढो।
--  विनोदकुमार महाजन।
[25/04, 10:26 PM] mahajanv326: साजिश।।।
साजिश।।।
साजिश।।।
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हिंदुओं को बदनाम करने की,हिंदुओं में फूट डालने की,हिंदु संतों को बदनाम करने की शायद साजिश चल रही है ऐसा ही लग रहा है।
कौन है साजिश करनेवाले पर्दों के पिछे के सुत्रधार???
देखो...
रोंहिंग्या का समर्थन और कश्मीरी पंडितों का विरोध...
विषेशत: अनेक टिवी चैनलों पर ऐसा माहौल जानबूझकर खडा किया जा रहा है।
एक न्यूज देखो...
सलमान की सजा...उसका मिडिया द्वारा विष्लेषण... जैसे की कोई देवदूत अवतरित हुवा है...ऐसा विष्लेषण....।
और हिंदु संतों का विष्लेषण...???
जैसे की अती भयंकर हो रहा है...
कुछ मीडिया वाले, कुछ राजकीय विष्लेशक,कुछ व्यक्ति हरदिन हिंदु समाज में फूट डालने की कोशिश में लगे है।
इनपर अंकुश लगने के लिए इनपर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की और उन्हें तुरंत कानूनी सजा होने का प्रावधान की आज सख्त जरूरत है।
दुसरी दुखपूर्ण बात देखो...
भारत तेरे तुकडे होंगे के..
नारे लगाने वाले खुलेआम घुम रहे है।सभा,मिटिंग अटैंड कर रहे है।और मिडिया वाले भी इनके पिछे खडे हो रहे है।
और...कुछ निरपराध लोग विनावजह जेलों में सड रहे है।
ऐसा विरोधाभास क्यों और कितने दिनों तक चलेगा?हम कितने दिनों तक चलने देंगे?
राष्ट्रद्रोही शक्तीयोंपर,पाकिस्तान प्रेमी नमकहरामों पर-गद्दारों पर,देश में अराजक फैलाने वालोंपर कौन,कैसे और कब अंकुश रखेगा?
कौन समस्त भारतीयों को ऐसे निच,नमकहरामी,अराजकता वादियों के चंगुल से छुटकारा देगा???
हमारा ही नमक खाकर हमसे गद्दारी करनेवाले हरामखोर,नमकहरामों पर, राष्ट्रद्रोहियों पर कौन अंकुश लगायेगा???
न्याय चाहिए न्याय।तुरंत।
कब मिलेगा???
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--  विनोदकुमार महाजन,पत्रकार।
[26/04, 9:19 AM] mahajanv326: लडते रहेंगे या...???
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इतिहास साक्ष है,हम आपस में जब जब लडते रहे,तब भयंकर अनर्थ ही हुवा है।
आजतक हमने बहुत कुछ खोया है।
जाती-पाती का झगड़ा, सत्ता-संपत्ति का झगड़ा, निजी स्वार्थ, अती अहंकार, लालच ऐसे अनेक कारणों से सदियों से हम लडते आये है।झगडते आये है।
और ठीक आज कि तरह षड्यंत्रकारीयों ने इसका अचूक फायदा उठाकर हमें नेस्तनाबूद करने की साजिशें रची है।
भाईयों, लडते रहेंगे-बँटते रहेंगे तो निश्चित रुप से कटते ही रहेंगे।
जैसे की पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और भी अनेक प्रदेश ऐसी गलत निती से ही हमने गंवाएं है।
फिर भी हम सावधान नही हो सके।
आज भी कश्मीर में,केरला में,पश्चिम बंगाल में और ऐसे अनेक प्रदेशों में हम कट रहे है-पिछे हट रहे है।
क्या वजह है?
सत्य के प्रति, धर्म के प्रति अज्ञान या उदासीनता?अति उदासीनता?
आत्मा-परमात्मा की खोज करनेवाले, अंतिम सत्य क्या है यह सच्चाई बताने वाले, हमारे ही धर्म के बारे में इतना अज्ञान क्यों?
धर्म जागृति के लिए अब हम सबको मतभेद भूलकर एक होना होगा।भगवान के भगवे के निचे आना होगा।
सबको जगाना होगा।उदासीनता को दूर भगाना होगा।
कानून के ही दायरें में रहकर,"शांती से क्रांति",के मार्ग से मार्गक्रमण करना होगा।
सोचो...पाकिस्तान में,बांग्लादेश में आज भी हिंदुओं पर अत्याचार होते है।
इतना ही नही,हमारे ही देश में अनेक जगहों पर हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे है।
संपूर्ण विश्व में फैले हुए सत्य वादी, शक्तीशाली हिंदु मौन-स्तब्ध और शांत क्यों है?
विश्व के कौनसे भी कोने पर हिंदुओं पर अगर थोडासा भी अन्याय-अत्याचार हुवा तो शिघ्र अति शिघ्र उस हिंदु तक पहुंचने में और उसकी सहायता करने में हम असफल क्यों हो रहे है?
संपुर्ण विश्व के हिंदुओं की आवाज अब एक करनी होगी,बुलंद करनी होगी।
अब हमें सत्य की,सत्य सनातन की रक्षा करनी ही होगी।जी हाँ-करनी ही होगी।
सत्य वादियों को,सनातन प्रेमियों को हमारा ईश्वरी तेज जगाना ही होगा।
देश और विदेश के सभी हिंदुओं को तुरंत सहायता करने के लिए,
शक्तीशाली...
"क्विक एक्शन फोर्स",
बनाकर एक रणनीति द्वारा सत्य की रक्षा करनी ही होगी।
हैवानियत कि हार और ईश्वरी सिध्दांतो की जीत के लिए अब हमें...
"वचनबद्ध, कटिबद्ध",होना ही होगा।
अब आपस में...
लडाई झगडा नही...
बँटना कटना नही...
सत्ता-संपत्ति-स्वार्थ के लिए भी...झगडना नही।
जातिवाद के नाम पर भी...झगडना नही।
इतना ही नही संपूर्ण विश्व में फैले हुए मानवता के पुजारियों को भी...ईश्वरी कानून के रखवालों को भी...
इसमें शामिल करना होगा।
जात-पंथ-पथ-धर्म का झगड़ा समाप्त करके...
मानवतावादी हिंदुत्व का स्वीकार करना ही होगा।समय कि यही पुकार है।
हरी ओम।
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--  विनोदकुमार महाजन।
[26/04, 9:23 AM] mahajanv326: लडते रहेंगे या...???

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इतिहास साक्ष है,हम आपस में जब जब लडते रहे,तब भयंकर अनर्थ ही हुवा है।

आजतक हमने बहुत कुछ खोया है।

जाती-पाती का झगड़ा, सत्ता-संपत्ति का झगड़ा, निजी स्वार्थ, अती अहंकार, लालच ऐसे अनेक कारणों से सदियों से हम लडते आये है।झगडते आये है।

और ठीक आज कि तरह षड्यंत्रकारीयों ने इसका अचूक फायदा उठाकर हमें नेस्तनाबूद करने की साजिशें रची है।

भाईयों, लडते रहेंगे-बँटते रहेंगे तो निश्चित रुप से कटते ही रहेंगे।

जैसे की पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और भी अनेक प्रदेश ऐसी गलत निती से ही हमने गंवाएं है।

फिर भी हम सावधान नही हो सके।

आज भी कश्मीर में,केरला में,पश्चिम बंगाल में और ऐसे अनेक प्रदेशों में हम कट रहे है-पिछे हट रहे है।

क्या वजह है?

सत्य के प्रति, धर्म के प्रति अज्ञान या उदासीनता?अति उदासीनता?

आत्मा-परमात्मा की खोज करनेवाले, अंतिम सत्य क्या है यह सच्चाई बताने वाले, हमारे ही धर्म के बारे में इतना अज्ञान क्यों?

धर्म जागृति के लिए अब हम सबको मतभेद भूलकर एक होना होगा।भगवान के भगवे के निचे आना होगा।

सबको जगाना होगा।उदासीनता को दूर भगाना होगा।

कानून के ही दायरें में रहकर,"शांती से क्रांति",के मार्ग से मार्गक्रमण करना होगा।

सोचो...पाकिस्तान में,बांग्लादेश में आज भी हिंदुओं पर अत्याचार होते है।

इतना ही नही,हमारे ही देश में अनेक जगहों पर हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे है।

संपूर्ण विश्व में फैले हुए सत्य वादी, शक्तीशाली हिंदु मौन-स्तब्ध और शांत क्यों है?

विश्व के कौनसे भी कोने पर हिंदुओं पर अगर थोडासा भी अन्याय-अत्याचार हुवा तो शिघ्र अति शिघ्र उस हिंदु तक पहुंचने में और उसकी सहायता करने में हम असफल क्यों हो रहे है?

संपुर्ण विश्व के हिंदुओं की आवाज अब एक करनी होगी,बुलंद करनी होगी।

अब हमें सत्य की,सत्य सनातन की रक्षा करनी ही होगी।जी हाँ-करनी ही होगी।

सत्य वादियों को,सनातन प्रेमियों को हमारा ईश्वरी तेज जगाना ही होगा।

देश और विदेश के सभी हिंदुओं को तुरंत सहायता करने के लिए,

शक्तीशाली...

"क्विक एक्शन फोर्स",

बनाकर एक रणनीति द्वारा सत्य की रक्षा करनी ही होगी।

हैवानियत कि हार और ईश्वरी सिध्दांतो की जीत के लिए अब हमें...

"वचनबद्ध, कटिबद्ध",होना ही होगा।

अब आपस में...

लडाई झगडा नही...

बँटना कटना नही...

सत्ता-संपत्ति-स्वार्थ के लिए भी...झगडना नही।

जातिवाद के नाम पर भी...झगडना नही।

इतना ही नही संपूर्ण विश्व में फैले हुए मानवता के पुजारियों को भी...ईश्वरी कानून के रखवालों को भी...

इसमें शामिल करना होगा।

जात-पंथ-पथ-धर्म का झगड़ा समाप्त करके...

मानवतावादी हिंदुत्व का स्वीकार करना ही होगा।समय कि यही पुकार है।

हरी ओम।

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--  विनोदकुमार महाजन।
[18/05, 9:38 PM] mahajanv326: मैं ऐसा क्यों हुं ???
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( इस व्यंग का किसी से कोई संबंध नहीं है।अगर है तो यह एक केवल योगायोग ही समझना)
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ओ मेरी माँ,प्यारी प्यारी मेरी माँ...
मैं ऐसा क्यों हुं,मैं ऐसा क्यों हुं....???
लोग मुझे बार बार..
मंदबुद्धी कहकर 
चिढाते है..बुलाते है।
कभी कोई मुझे...
पप्पू भी कहता है।
ओ मेरी माँ....
कोशिश करनेवालों की
हार नही होती...
ऐसा कहते है...मगर..थ.
फिर भी...बार बार
कोशिश करनेपर भी..
लगातार हारता  ही 
क्यों हुं..ओ मेरी माँ।
मैं ऐसा क्यों हुं....???
बार बार बडा सपना...
देखकर भी मैं...
हारता ही क्यों हुं..?
ओ मेरी प्यारी माँ...।
---------------------------
--  विनोदकुमार महाजन।
[28/05, 1:35 PM] mahajanv326: *ऑल मीडिया प्रेस एसोसिएशन* 

पत्रकार एवं समाजसेवियों का संयुक्त परिवार ।
परम आदरणीय समाजसेवियों,
एवं सम्मानित पत्रकार बंधुओं।
              हम सभी मिलकर समाज की बुराइयों को दूर करने, भ्रष्टाचार की पोल खोलने, गरीब, कमजोर, महिलाएं, वृद्धजनों एवं पिछड़े व पीड़ित लोगों की मदद के लिए काम कर रहे हैं ।
किंतु हमारे साथ एक समस्या जुड़ जाती है।
वह यह है कि जब कोई दबंग व्यक्ति किसी को सताता है। उसका शोषण करता है अथवा प्रताड़ित करता है,  तो हम और आप मिलकर उस पीड़ित की मदद करते हैं।
 इसपर होता क्या है? कि वह दबंग व्यक्ति अथवा भ्रष्ट अधिकारी या भ्रष्ट शासन , हमसे दुश्मनी करने लगता है।
     क्योंकि हमने उसके द्वारा सताए गए व्यक्ति की मदद की है जिससे उस दबंग को चुनौती मिलती है ।
उसकी दबंगता को ठेस पहुंचती है,  तो निश्चित तौर पर वह हमारा दुश्मन बनेगा ही।
 अब यहां समस्या यह उतपन्न हुई कि हम यह सोच कर पीड़ित की मदद कर रहे थे, कि यह तो धर्म व समाज हित का कार्य है।
            किंतु उस दबंग व्यक्ति ने भ्रष्ट अधिकारी ने या तानाशाही शासन और प्रशासन ने हमें ही प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।
      हमें ही अपने षड्यंत्रों में फंसाना शुरू कर दिया।
       यहां तक की अपने रास्ते से हटाने को वह हमारी हत्या भी कराने लगा ।
         अब या तो हम उस दबंग से लड़ते हुए अपना सब कुछ बर्बाद करके धर्म व समाज के नाम पर शहीद हो जाएंगे।
      या फिर टूट कर के अंधे, गूंगे बहरे बन जाएंगे।
 तथा मजबूरी में उस दबंग की चापलूसी करने लगेंगे।
      क्योंकि हमारे पास इतनी ताकत नहीं है कि हम उस दबंग का मुकाबला कर सकें।
 वह दबंग कोई बहुत बड़ा प्रशासनिक अधिकारी भी हो सकता है। जिसके एक इशारे मात्र पर हमको झूठे मुकदमों में फंसाया जा सकता है ।
       वह दबंग किसी शासन सत्ता का एमएलए, सांसद अथवा मंत्री भी हो सकता है, जिसके कहने मात्र से प्रशासनिक अधिकारी हमें बहुत बड़ी क्षति पहुंचा सकते हैं।
      या वह दबंग कोई बहुत बड़ा गुंडा माफिया हो सकता है । जो कि हमारे साथ मारपीट जैसी घटनाएं, यहां तक की हत्या भी करा सकता है।
         इसी  डर की वजह से हम लोग पीड़ितों, गरीबों, कमजोरों, शोषित आदि की मदद नहीं कर पाते हैं ।

मित्रो,
          काफी सोच विचार के बाद हमने इन दबंग तानाशाही गुंडा माफिया भ्रष्ट शासन व प्रशासन का तोड़ निकाला है ।
    या यूं कहिए कि इलाज ढूंढा है।
 जिसका नाम है-----
 *ऑल मीडिया प्रेस एसोसिएशन*
 जो ना केवल एक राष्ट्रीय संस्था है बल्कि  पत्रकार एवं समाजसेवियों का संयुक्त परिवार है।
 इस संस्था में भारत के प्रत्येक प्रदेश के कोने कोने से हजारों की तादात में सच्चे समाज सेवी एवं निर्भीक पत्रकार साथी ही जुड़ रहे हैं।
 जिनकी एकजुटता की ताकत के सहारे हम समाज-विरोधी, देशद्रोही एवं न्यायविरोधी, ताकतों से लड़ रहे हैं।

 यदि आप भी हमारी इस लड़ाई में शामिल होना चाहते हैं आपका स्वागत है।
 आइए और हमारे साथ जुड़ जाइए ।
*ऑल मीडिया प्रेस एसोसिएशन*
 एनसीटी दिल्ली की भारत सरकार द्वारा पंजीकृत संस्था है। 
सम्पूर्ण भारत मे कार्य करने के लिए दिल्ली की भारत सरकार  के द्वारा  प्रमाण पत्र जारी किया गया है ।

हमारे इस परिवार में जुड़ने के लिए एवं संस्था के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए आप हमें निम्नलिखित नंबरों पर फोन कर सकते हैं


 मुकेश कुमार कुशवाहा   
    राष्ट्रीय अध्यक्ष 
         भारत
9720626184

राष्ट्रीय सलाहकार:-
विनोदकुमार महाजन,
पत्रकार।
09890349751

राष्ट्रीय संयोजक
अनुराग दत्त गौड़
9319571711

राष्ट्रीय प्रबंधक
विजय पांचाल
9039272226

राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष
लोकेश वन
9312129407

राष्ट्रीय उपप्रबंधक
कान्तिलाल मेघवाल
9636125006

  विनय कुमार वर्मा 
  राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी 
    97598 10151

राष्टीय सलाहकार
राजेन्द्र यादव
7409266638

दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष
बिनोद झा
9716176131

दिल्ली प्रदेश सचिव
विपिन गोस्वामी
9278459759

दिल्ली प्रदेश उपसचिव
सुमन कुमार
9716454394

दिल्ली प्रदेश मीडिया प्रभारी
रामानंद तिवारी
7011330906

बिहार प्रभारी/ राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य
देवांशु
7903544567

छत्तीसगढ़ प्रभारी/ राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य
सुदामा राजवाड़े
7869283557

महाराष्ट्र प्रभारी/ राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य
योगेंद्र वाघ
9423056182

झाड़खंड प्रभारी/ राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य
दिनेश शर्मा उर्फ कीनू
9431346933

उत्तर प्रदेश अध्यक्ष
रोहित जायसवाल
9565282199

उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष
अनुराग तिवारी
9369641285
   
उत्तर प्रदेश सचिव
अखिलश पाण्डेय
8572985005

उत्तर प्रदेश कोषाध्यक्ष
शेलेन्द्र पाण्डेय
9455808100

उत्तर प्रदेश मीडिया प्रभारी
डॉ0 नीरज गुप्ता 
9839440520

मध्यप्रदेश अध्यक्ष
गोपाल सैनी
7000640481

मध्यप्रदेश महिला अध्यक्ष
दीपिका राठौर
9691045394

मध्यप्रदेश सचिव
अनिल सैनी
9926268848

मध्यप्रदेश उपाध्यक्ष
जितेंद्र तोमर
8982195161



राजस्थान अध्यक्ष
जैसाराम
9588976778

राजस्थान महिला अध्यक्ष
अंजना भट्ट
6350110415

राजस्थान महिला सचिव 
लीला राजपुरोहित
9602705894

बुंदेलखंड अध्यक्ष
प्रीतम सिंह उर्फ प्रिंस सर
7000476281

उत्तराखंड अध्यक्ष
महेश नारायण
8279549146


यदि आपमें भी है इसी तरह की राष्ट्र सेवा करने का साहस, उमंग, जोश तो तत्काल हमें उक्त नंबर पर संपर्क कर हमारी संस्था से जुड़ सकते हैं।
    धन्यवाद।
[30/05, 3:43 PM] mahajanv326: थोडा सोचते है...🤔
-------------------------------
क्या दुसरों को भगाकर
उसकी जमीन,मंदिर
या प्रार्थना स्थल हडपना....
धर्म है...???
सभी का धन हडपना
क्या कोई धर्म है...???
और उपर से मस्त..
रहना...मस्त जीना..
और दुसरों को ही
तत्वज्ञान सिखाना...
क्या कोई धर्म है...??
इंन्सानियत का गला रेतना...
उपर से खुद को..
"देवदुत"बताना..
क्या कोई धर्म है...???
क्या दुसरों की औरतों को भगाकर गुलाम,
दासी बनाना...
उसके साथ जबरदस्ती
करना...बलात्कार करना...
क्या धर्म है....???
और अगर है तो--???
ये कैसा धर्म...
कौनसा धर्म...???
बताओ..बताओ...
भाईयों...
सोच समझकर बताओ...
प्राणीयों में भी भगवान
देखकर उसकी पूजा 
करने के बतौर...
उसको ही काटकर खाना...
उपर से हिंसा का भी..
समर्थन करना...
खुद के झुट के लिए
दंगा फसाद करते रहना
भी कोई धर्म है...???
बताओ...बताओ...
मेरे सभी प्यारे मित्रों
सभी पथ-पंथ-जाती
के मित्रों....
क्या यह सचमुच में
धर्म है...???
या ईश्वरी सिध्दांतों के
खिलाफ चलने वाली..
या फिर गुनहगारों की
टोली है...???
पुराण काल में असुर
इंन्सानों का माँस
आनंद से खाते थे...
अब भी " कुछ"हैवान..
इंन्सानों को ही काटकर
खा रहे है...
तो क्या यह धर्म है...????
बस्स...युं ही मन में
प्रश्न आया और
आपको पुंछ लिया...
उत्तर तो देना पडेगा साथियों....
क्या सचमुच में यह
धर्म ही है....???
या हैवानियत का...
राक्षसों का ....
अधर्म है....???
और धर्म के नाम पर
अधर्म फैलाकर..
इंन्सानियत को मारना
ईश्वरी कानून का भी..
विरोध करना...
क्या सचमुच में धर्म ही है....????
बात तो कडवी है...
मगर सच्ची भी है...
इसिलिए विश्व के सभी
ईश्वर प्रेमियों को...
इंन्सानियत के 
रखवालों को इसपर...
विचार करके...
सही क्या गलत क्या..
इसपर रास्ता निकालना
ही होगा....
क्या सचमुच में इसका 
हल ढुंढने के लिए...
"कल्की"को आना होगा...???
और पृथ्वी पर लगे...
"पाप के कलंक को..."
अब धोना होगा...???
भविष्य इसका इंतजार..कर रहा है...
आओ सब मिलकर
इसपर "वैश्विक मंथन",
करके हल निकाले...।
हरी ओम...
हरी हरी:ओम...।
🙏🕉
-------------------------------
--  विनोदकुमार महाजन।
[30/05, 11:01 PM] mahajanv326: सभी मान्यवरों की अनुमति मिलेगी मेरे पोष्ट पर ऐसा सोचकर एक मनोगत व्यक्त कर रहा हुं।
ओल मिडिया प्रेस के सभी राष्ट्रीय तथा राज्य के पदाधिकारी तथा सदस्यों का सभी को परिचय हो इसिलए एक परिचय पत्रिका निकाली जायेगी तो सभी का परिचय बढेगा।
इसमें हमारे संगठन के कार्यों का भी विस्तार से परिचय दिया जायेगा तो इसके द्वारा समाज के अनेक घटकों को अपने संगठन कि जानकारी होगी और कार्य विस्तार के लिए गती मिलेगी।
इस पुस्तिका का खर्चे का कुछ अंश मैं खुद उठाने को तैयार हुं।
🙏
--  विनोदकुमार महाजन।
[31/05, 11:59 PM] mahajanv326: मेरे हिंदु भाईयों,
-- तुम्हें क्या चाहिए..??
-------------------------------
मेरे हिंदु भाईयों, और हिंदुधर्म प्रेमी सभी भाईयों, सोचो-जागो।
तुम्हें क्या चाहिए??आबादी या बरबादी???
मेरे सभी हिंदु भाईयों, मैं आज तुम्हारी आत्मा को पुकार रहा हुं।
क्या मेरा यह मनोगत पुरा पढोगे?
विषय है हम सभी हिंदुओं के आत्मसम्मान की।
गौर से सोचो...
इस देश में हम बहुसंख्यक होकर भी आत्मसम्मान से जीने की बजाय अपमानित होकर क्यों जी रहे है?
कहाँ है हमारा तेज,कहाँ है हमारा आत्मसम्मान?
हम सभी तेजस्वी ईश्वर पुत्र होकर भी,मजबूर, हताश,निराश, उदास क्यों है?
संताप आता है मुझे..क्योंकि हम बहुसंख्यक होकर भी हमारे सम्मान का एक राममंदिर नही बाँध सकते है।
कितने दिनों तक हम हमारे ही देश में लाचार, हिन,दिन,स्वाभिमान शुन्य जीवन जीयेंगे?
हमारे ही कुछ गद्दार जयचंद, पाकिस्तान प्रेमी नमकहरामों का हम क्यों साथ दे रहे है?कितने दिनों तक ऐसे गद्दारों का हम साथ देंगे?
आजादी के बाद जिन्होंने हमें धोके में रखकर हमारी संस्कृति तबाह करने की अनेक कुटिल योजनाएं बनाई, उनका साथ हम कितने दिनों तक देंगे?
आत्मा, मन,बुध्दि को प्रश्न पुछो.।
हमारे ही कुछ नमकहराम जयचंद रोहिंग्या के प्रती प्रेम जताते है,और हमारे ही विस्थापित कश्मीर पंडितों का नफरत करते है।कश्मीरी पंडित दर दर कि ठोकरे खा रहे है,दर दर,मारे मारे भटक रहे है।उन सभी का पुनर्वसन कश्मीर में करने की हमारी जिम्मेदारी नही है क्या?
हमारे ही कुछ गद्दार राम मंदिर निर्माण का विरोध करते है,और पाकिस्तान के प्रति प्रेम दिखाते है।
ऐसे निच नमकहरामों को आप सभी,मेरे प्यारे हिंदु भाई एक होकर,सबक क्यों नही सिखाते है?कहाँ गया तुम्हारा तेज,चैतन्य, आग?
पुछो आत्मा को हमारे।हम किस दिन का इंतजार कर रहे है?यहाँ पर फिर से पाकिस्तान बनाने का?हमारी संस्कृति ,मंदीर ,भव्यत्व,दिव्यत्व पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे जमीन में दफनाने का हम इंतजार कर रहे है क्या?
अनेक गद्दार, देशद्रोही हमारे देवी देवताओं को,राम-कृष्ण को बदनाम करते है,गाली देते है।कितने दिनों तक हम मुक बनकर तमाशा देखते रहेंगे?अन्याय-अत्याचार सहते रहेंगे?
जातीवाद-मतभेद भुलकर हमें अब एक होना ही होगा।यह हमारे अस्तित्व की लडाई है।निंद से जागो।गहराई से सोचो।कार्यरत हो जावो।आज भी उज्वल भविष्य के लिए,समय हमारे हाथ में है।आज नही जागेंगे तो अनर्थ अटल है।पाकिस्तान जैसी स्थिति होने से पहले जागो।
सोचो सुभाषचंद्र बोसजी के बारें में,वल्लभ भाई के बारे में,सावरकरजी,आचार्य कृपलानी, करपात्रीजी जैसे अनेक प्रखर देशप्रेमिओं के बारे में? क्या हुआ उनके साथ?क्यों और किसने किया?
और इतना होने के बावजूद भी,हमारा अस्तित्व ही खतरे में आ रहा है,तब भी हम क्यों और कैसे सोते रहेंगे?
याद रखना, पाकिस्तान जैसे अनेक देशों में हरदिन सुबह को मंदिरों में घंटी बजती थी,मंगल आरती होती थी।आज वहाँ से सब गायब है।
क्या हमारे देश में भी फिर से ऐसी स्थिति बनने का हम इंतजार कर रहे है?
नही,हरगिज नही।ऐसा कभी भी नही होगा।हम होने नही देंगे।
आजादी के बाद हमारे साथ इतना भयंकर षड्यंत्र किया गया है की,उस षडयन्त्र को,उस चक्रव्यूह को हम आज भी नही तोड़ रहे है।
निती ही ऐसी बनाई है की,हम आपस में लडते लडते समाप्त हो जाए,और पाकिस्तान प्रेमी अंदर-बाहर का शत्रु धिरे धिरे अपनी शक्तीयाँ बढाये।ठीक ऐसा ही हो रहा है ना?
हमें आपस में कुटनीति से लडते झगडते रखकर, कुछ असुरी तत्व अपनी शक्ति गुप्त रुप से,भयंकर विचित्र तरिके से बढा रहे है।
और हम....???
दुर्दैववश ऐसे गद्दारों का,राष्ट्रद्रोहियों का,गद्दार जयचंदो का साथ दे रहे है-और...
हमारा ही नाश कर रहे है।
जब जब हम बँटे है,तब तब हम कटे है।वहाँ पर हमारी संस्कृति जमीन के निचे,क्रुरतासे दबाई गई है।
अब ऐसा नही होना चाहिए।अब हमें एक होना है।
सत्य के लिए, ईश्वर के लिए, ईश्वरी सिध्दांतों के लिए।हमारे अस्तित्व के लिए, हमारी आदर्श संस्कृति फिर से खडी करने के लिए।
जहाँ जहाँ पर सत्य जमीन के निचे गाड दिया है,उस सत्य कि जीत हमें फिर से करनी है।संपूर्ण विश्व में।
हम तेजस्वी है,ओजस्वी है,त्यागी है,संयमी है,विचारी है,विवेकी है।विवेक का आनंद हमारे अंदर सदैव जागृत है।
फिर भी हम निद्रिस्त क्यों,असाहय क्यों,मजबूर क्यों,हताश-उदास,तेजशून्य क्यों?
हम तो तेजस्वी है।और फिर से हमें हमारा तेजस्वी समाज जागृत करना है।और...
संपुर्ण विश्व पर...
भगवान का भगवा...
लहराना है।
इसिलए उन्नीस के चुनाव में हमें हमारी संस्कृति कि रक्षा करनेवाली सरकार चुननी है।प्रखर राष्ट्रवादी, राष्ट्रप्रेमी।
कर्नाटक हमारे गलत विचार धारा कि वजह से हाथ आते आते चला गया।
अब उन्नीस में हमें हमारी अस्मिता, सत्य कि रक्षा करनेवाली, विकास करनेवाली पार्टी को ही केवल चुनना है।
चारसौ के पार हमें जाना है,पहुंचना है।
समझे या ना समझे???
गद्दार, नमकहराम,जयचंदो को,पाकिस्तान प्रेमियों को हमें सबक सिखानी है।
क्या यह मुमकिन नही है?
हम सभी एक हो जायेंगे, आपस में बैर,लडाई, झगडा छोड देंगे तो सब मुमकिन है।
"वह अकेला ईश्वर पुत्र",हमारे लिए दिन रात एक कर रहा है,हमारे अस्तित्व के लिए लडाई लड रहा है।विश्व के कोने कोने में घुमकर हमारी संस्कृति, अस्मिता बढा रहा है।
जानो,जागो,मेरा कहना मानो-खुद को पहचानो।
ईश्वर के लिए एक हो जाओ।
हरी ओम।
( लेख बहुत लंबा हो गया।क्षमस्व।आप सभी ने पुरा लेख पढा।आभार।)
हरी ओम।
-------------------------------
--  विनोदकुमार महाजन।
[01/06, 1:35 PM] mahajanv326: हिंदुओं मेरे प्रश्न का..उत्तर चाहिए...
देंगे उत्तर...???
------------------------------
तुम्हे हिंदु राष्ट्र.....
चाहिए या नही ?
तुम्हें राम मंदिर.....
चाहिए या नही ?
तुम्हे स्वाभिमान.....
चाहिए या नही ?
तुम्हे विकास.....
चाहिए या नही ?
तुम्हें उज्ज्वल भविष्य..
चाहिए या नही ?
तुम्हें संस्कृति कि रक्षा..
चाहिए या नही ?
तुम्हें सत्य कि जीत....
चाहिए या नही ?
तुम्हारी अगली पिढी,
सुख चैन से जीना...
चाहिए या नही ?
तुम्हे खुद कि चिंता...
है या नही ?
अगर नही तो....?
विषय समाप्त....।
अगर हाँ तो...
जागो,उठो,संगठित बनो,एक हो जावो।
भविष्य में मँडरा रहे,
अती भयंकर अस्मानी,
सुलतानी संकटों का..
एक संगठित शक्ती से
विरोध करो।
इसके लिए सुशासन चुनो.....
गद्दारों का,जयचंदो का
साथ छोडो।
जागेंगे तो बचेंगे...
नही तो.....?
भविष्य अंधकार मय 
ही नही तो...
भयंकर अती भयंकर है।
अध्यात्म बचाने के लिए
संस्कृति, मंदिरों को बचवो।
जींदा लाश ना बनो...
अंदर का अग्नीतेज,
ईश्वरी तेज जगावो।
इंन्सानियत बचावो,
सत्य बचावो,
सत्य धर्म बचावो।
वचनबद्ध बनो,कटिबद्ध बनो....
यही समय कि पुकार है।
यही माँ भारती कि पुकार है।
यही माँ धरती कि पुकार है।
क्या सोच रहे हो...?
हाँ या ना....?
फैसला आपके हाथ में है।
भविष्य भी आपके ही हाथ में है।
बरबादी चाहिए या फिर.. आबादी चाहिए।
सोचो......
गलती कि तो तुम्हें
भगवान भी नही बचायेगा।
सही फैसला लिया तो..
अगली पिढी सुसंस्कारित होकर
आराम से,आनंद से 
जियेगी भी और...
तुम्हारा आभार भी प्रकट करेगी।
हरी ओम।
-------------------------------
--  विनोदकुमार महाजन।
[02/06, 12:44 AM] mahajanv326: आखिर क्या चाहिए ?
-------------------------------
मेरे प्यारे सभी भाईयों,
सचमुच में तुम्हे क्या चाहिए....?
देश का विकास चाहिए
या देश को भकास बनाने वाले
जयचंद चाहिए ?
सबका साथ सबका विकास चाहिए या फिर
सिर्फ गरीबी हटाव के
झुटे नारे देकर
तुम्हे फँसाने वाले
नौटंकी बाज और
लुटेरे चाहिए।
देश में तुम्हे शांती चाहिए या फिर
सदा के लिए अराजक
अशांती चाहिए ?
तुम्हे आबादी चाहिए 
या बरबादी चाहिए ?
तुम्हे आखिर क्या चाहिए ?
मोदीजी जैसा जबरदस्त
शक्तीशाली नेता
हमारे भाग्य से मिला है।
हमारे भाग्य,देश के भी
भाग्य मोदीजी बदल देंगे।
मोदीजी के कार्य का
आईना हमारे सामने
साफ है।
एक संन्यस्त व्यक्ती
हमारे भविष्य के लिए
हमारे उज्ज्वल जीवनशैली के लिए
दिनरात एक कर रहा है।
और हम दुर्भागी उस
महात्मा को,उस पुण्यात्मा को ही
कोस रहे है।
और हमारा खून चुँसनेवालें भेडियों को
बडा कर रहे है।
आखिर क्यों और कबतक चलेगा
हमारे ही बर्बादी का
यह अती भयंकर सिलसिला?
हम कब जागेंगे ?
असलियत के बारे में
कब सोचेंगे ?
एक जागतिक दर्जे का
युगपुरुष समान नेता
हमें मिला है।
फिर भी हम जयचंदो के पिछे क्यों जा रहे है।
हमें ही लुटनेवाले
बेईमान, नमकहराम,गद्दारों को
हम बडा क्यों कर रहे है ?
उनके ही झोली में
मतों का दान क्यों
कर रहे है ?
हमारी बरबादी करनेवालों के पिछे
हम क्यों दौड रहे है ?
क्या सचमुच में हम
अंधे है ?
या फिर मुरख भी है ?
क्या हमारी लायकी
अंग्रेज तथा मुगलों की
गुलामी करने की ही है ?
क्या सचमुच में हमें
आबादी की बजाए
दारिद्र्य तथा नारकिय 
जीवन ही मंजूर है ?
बरबादी ही मंजूर है ?
क्या हमें गुलाम बनानेवाले ही चाहिए ?
हमें,हमारे राष्ट्र को
संपन्न,शक्तीशाली बनाने वालों को
या फिर ऐसी कोशीश
करनेवालों को
केवल और केवल उपहास, विडंबन, अपमान ही करते रहेंगे?
नफरत ही करते रहेंगे ?
अगर ऐसा है...
तो भाईयों, भगवान भी
तुम्हारी कभी भी
सहायता नही कर सकेगा।
तुम्हारी सहायता के लिए अगर भगवान भी
आया तो भी
हताश होकर स्वर्ग चला
जायेगा।
और कहेगा...
सडते रहो,सडते रहो
नरक में सडते रहो।
नारकिय जीवन
जीते रहो।
दारिद्र्य, गरीबी में
तडपते रहो।
तडप तडप कर
मरते रहो।
तुम्हारी यही लायकी है।

बहुत बुरा लगा ना पढकर ?
भाईयों, क्या करें ?
आत्मा तडपती है
देश की ऐसी स्थिती
इतनी भयंकर स्थिती
देखकर।
दिल में,आत्मा में
आग लगती है भाईयों,
देश की ऐसी भयंकर
स्थिती देखकर।
मन जलता है।
देश की बर्बादी इन आँखों से देखी नही जाती यारों।
क्या करें....?
सोचो,जागो।
मोदीजी का साथ दो।
नही तो....?
अनर्थ हो जायेगा।
भविष्य अंधकारमय
बन जायेगा।
फैसला आपके हाथ में है।
हरी ओम।
-------------------------------
--  विनोदकुमार महाजन।
[02/06, 11:51 PM] mahajanv326: हिंदुओं को अब...
न्याय चाहिए।
-------------------------------
बहुत अन्याय, अत्याचार किए मुगलों ने,अंग्रेजों ने हिंदुओं पर।हमारे साधुसंतोंपर,महापुरुषोंपर।और आजादी के बाद भी षड्यंत्रकारीयोंद्वारा भी।
बहुत अपमान, आघात झेले है हमारे राजे शिवाजी, महाराणा प्रताप,पृथ्वीराज चौहान,गुरु गोविंदसिंह जैसे अनेक महापुरुषों ने धर्मरक्षा के लिए, सत्य की रक्षा के लिए।
हमारी संस्कृति तबाह करने की साजिश रचनेवाले, हमारे मंदिरों को गिराने वालों ने यहाँ पर अती भयंकर अत्याचार किये है हमपर।
और हम....?
दयालु, सहिष्णु, परोपकारी होकर,बांग्लादेश, पाकिस्तान का तुकडा हमारे भाईयों को देकर भी----
हम हमारे भाईयों पर आज भी पवित्र प्रेम करते रहे।और वो...?
हमें हमारा पूजनीय, वंदनीय रामजी का मंदिर उनकी-खुदकी जन्मभूमि पर ...निर्माण करने के लिए सहायता न कर सके....।
क्यों.....???
हम बहुसंख्यक होकर भी उनको जादा अधिकार देते रहे।
इतना ही नहीं, हमारा भाई समझकर हम उनको सरपर लेकर आजतक नाचते रहे।
हमारे साथ छल होने के बाद भी हम उनसे सच्चा प्यार करते रहे।
वास्तव है ना...?
तो....
वो....
हमें हमारा अधिकार देने के लिए, मंदिर निर्माण के लिए, राष्ट्रनिर्माण के लिए हमारी सहायता करने आगे क्यों नही आते?
हम जीतना उनसे प्रेम करतेहै,उतना दिल खोलकर हमसे प्यार क्यों नही करते ?
अगर अब ऐसा नहीं होगा।
हमारे हितों के लिए, हिंदु हितों के लिए, मंदिर निर्माण के लिए, राष्ट्रनिर्माण के लिए अब हम संघर्ष करेंगे।
इसके लिए हमें अब तलाश है ईश्वरी गुणसंपन्न महात्मा कि जो सख्ती से हमें न्याय दे सके।
यहाँ का अराजक कठोर कानून बनाकर समाप्त कर सके।
और सभी जाती,पथ,पंथ,धर्म को भी सक्ती से समान न्याय दे सके।
समय के अनुसार वह कठोर तानाशाह भी हमें चलेगा जो सख्ती से राम मंदिर का निर्माण कर सके।जो धारा 370 हटा सके।जो सभी जातीयों के लिए समान न्याय व्यवस्था निर्माण कर सके।
जो देश कि स्थिति को सख्ती से निपटा सके,गुनहगारों को,राष्ट्रद्रहीयों को तुरंत कडी से कडी सजा दे सके।
हमें इंतजार है ऐसे महापुरुष का।जो देश को सख्ती से बदल सके।
नौटंकी बाजों का नाटक अब बस हुवा।अब हिंदुओं को न्याय चाहिए न्याय।तुरंत न्याय।
जो भी बहुसंख्यक हिंदु हितों का विचार करेगा,कार्य करेगा, वही हमारा महापुरुष होगा।
हरी ओम।
---------------------------------  विनोदकुमार महाजन।
[03/06, 1:13 PM] mahajanv326: महाठगबंधन की तोड निकालो।
-------------------------------
कैराना लोकसभा उपचुनाव ठगबंधन ने जीत लिया।अब इसकी तोड हमें निकालनी होगी।
सबसे पहले ठगबंधन के बारे में सोचते है।
(1)मतविभाजन द्वारा संभाव्य हार पर उन्होने थोडा बहुत उपाय किया है।
(2)मतदाताओं में संभ्रम फैलाकर नोटा का जादा फायदा करने की कोशिश कि गई है।
(3)हिंदुओं में जातपात के नामपर फुट डालकर मतदाताओं को अपनी ओर आकृष्ट करने का बखूबी से प्रयत्न हो गया है।
(4)बिकाऊ मिडिया को लोगों में जादा से जादा संभ्रम फैलाने कि पुरजोर कोशिश कि गई है।
(5)आगे चलकर और भी अनेक षड्यंत्र किये जा सकते है।
इसपर तोड क्या है...?
(1)समाज में संभ्रम फैलाने वाले शक्तीयों पर नजर रखकर उनपर समय समय पर योग्य कानूनी कारवाई करना।
(2)भ्रष्टाचारी, अपराधियों पर तुरंत कडी कारवाई करना।
(3)संभ्रम में आकर नोटा कि ओर आकृष्ट होनेवालों को समय समय पर सही मार्गदर्शन करना।और उनकी निगेटिव मानसिकता को पोझिटिव में बदल देना।
(4)हिंदुधर्म में जातिपाति में निरंतर सलोखा बढाये रखना।आपस में संभ्रम फैलाने वालों से दूर रहने को कहना।
(5)जुग्गी झोपडी में,देहात में,गाँव शहर में लोगों के प्रती विश्वासार्हता निर्माण करना।
(6)उनकी विश्वासार्हता मतपेटियों तक पहुंचाना।
(7)इस कार्य के लिए प्रचंड शक्तीशाली कार्यकर्ताओं की फौज खडी करना।उन्हे बारबार मार्गदर्शन करना।उनके संपर्क में सदैव रहना।और हर समय में उनसे रिपोर्ट कार्ड लेना।
(8) हमारे पास अनेक जागृत कार्यकर्ताओं की फौज पहले से ही मौजूद है।
(9)ऐसी जागृत"संघशक्ति",द्वारा देश में इतिहास रचने कि अभी से,और आज से शुरुआत करना।
तो.....???
निश्चित रुप से चारसौ पार।
(10)मृतप्राय समाज को बारबार नवसंजीवनी देकर उनको सत्य के प्रती जागरूकता लाना।अनेक प्रभावी वक्तों द्वारा,तेजस्वी-ओजस्वी भाषणों द्वारा लोगों में चैतन्य की लहर पैदा करना।(सबसे शक्तीशाली माध्यम)।
फिर चाहे ठगबंधन हो या महाठगबंधन हो जीत तो पक्की है।
हरी ओम।
-------------------------------
--  विनोदकुमार महाजन।
[04/06, 1:40 PM] mahajanv326: बहुत ही अच्छे, सोचनीय विचार व्यक्त किये है सर आपने।
संपूर्ण वास्तव लिखा है।
सचमुच में पत्रकार जब अकेला लडता है तो उसे विश्वसनीय शक्ती की जरूरत होती है,जो सदैव सच्चा साथ दे।
और और हम सभी का यह संगठन वास्तव में सच्चाई जानकर, सभी पत्रकारों कि रक्षा के लिए खडा हुवा है।
संगठन तो बहुत हो रहे है।मगर हमारे जैसा जागृत संगठन बहुत कम देखने को मिलेगा।
कुशवाहा सरजी,
आप एक एक कदम आत्मविश्वास से आगे बढायें।हम सदैव और जीवनभर के लिए तन-मन - धन से आपके साथ खडे है।
हरी ओम।
👍🙏💐
--  विनोदकुमार महाजन।
[07/06, 11:50 AM] mahajanv326: भाजप,शिवसेना एक झाली,हिंदुत्वाचा विजय झाला.
👍
रामराज्य अब आयेगा,घर घर भगवा छायेगा।
....................
अमित शाह,उध्दव ठाकरे भेटीत संजय राऊतांना टाळले.
👍🕉
आता,
"सामना"
हिंदुत्व विरोधकांसाठी.
आमचिही 
"सामनासाठी",....
वर्णी लावा...
👍
महाराष्ट्र, देश अन् जग हादरवु...
🙏🕉💐
[09/06, 7:18 AM] mahajanv326: ✒ पत्रकारों का शक्तीशाली राष्ट्रीय  संगठन...।✒
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ALL MEDIA PRESS
यह एक राष्ट्रीय पत्रकारों का शक्तीशाली संगठन है।
संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री.मुकेश कुमार कुशवाहा जी ने इस संगठन को संपुर्ण राष्ट्रीय स्तर पर अधिकाधिक शक्तीशाली बनाने की कोशिश कि है।
मुझे ऐसे संगठन के लिए,
"राष्ट्रीय सलाहकार",
के रुप में कार्य करने का मौका परम आदरणीय कुशवाहा सर ने मुझे दिया है,यह मैं मेरा सौभाग्य समझता हुं।
आपने मुझ पर जो विश्वास जताया है और ऐसे राष्ट्रीय संगठन में मुझे इतना बडा पद दिया है तो मैं...
आत्मविश्वास के साथ कहता हुं कि मैं भी इस पद कि श्रेष्ठता बढाने कि पुरी कोशिश करूंगा।और संपूर्ण देश में पत्रकारों पर जो उत्पीड़न के मामले चल रहे है,या पत्रकारों को फँसाने कि कोशिशें कि जा रही है..इस मामले मैं शहर से ग्रामीण इलाकों के सभी पत्रकारों को मेरे कार्य द्वारा न्याय दिलाने कि कोशिश करुंगा और संगठन कि शक्ती बढाने कि कोशिश करुंगा।✒✒
हरी ओम।
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--  विनोदकुमार महाजन,
राष्ट्रीय सलाहकार,
आँल मिडिया प्रेस असोसिएशन।
[11/06, 9:44 PM] mahajanv326: मोदीजी.....
कर दो और एक धमाका.....
-------------------------------
मोदीजी, नोटबंदी से देश में बहुत बडा धमाका हुवा।और पूरे देश में हडकंप मच गया।अनेक काले धन वाले,चोर-लुटेरे-भ्रष्टाचारी बरबाद हो गए।अनेकों कि काली माया समाप्त हो गई।
और....सत्ता, संपत्ति के बिना नही रहने वाले बेचैन हो गए।
जो काले धन वाले लुट गए वह मछलियां आज भी तडप रही है।
इसीलिए आज से और अभी से आपको आगे चलकर रोकने साजिशें रच रही है।कोशिशें कर रहे है।
उनका केवल एक ही अजेंडा है,एक ही मकसद है।आपको हर किमत पर हटाना या हराना।इसीलिए सभी प्रकार के हथकंडे अपनाने कि कोशिशें कि जा रही है।
मगर देश कि जनता आपको ही चाहती है,आप पर ही भरौसा करती है।और आपको ही चुनना चाहती है।
आज देश की आप जरूरत हो मोदीजी।
अब आप भी जितने के लिए, नोटबंदी कि तरह और एक जबरदस्त धमाका किजिए मोदीजी।
ऐसा धमाका होना चाहिए कि, सभी "मायावी"एक भी हो जाए तो भी जित न सकेंगे।
किजिए एक जबरदस्त नयी योजना।जो देशवासियों को,गरीबों को,किसानों को,महिलाओं को,बेरोजगारों को,ग्रामीणों को एक फटके में आबादी आबाद कर सकें।न्याय दे सकें।और...
चोर,लुटेरे, डाकू, गद्दार, राष्ट्रद्रहीयों को,पाकिस्तान प्रेमियों को एक ही झटके में बरबाद कर सकें।
कोई तो भी ऐसी जबरदस्त शक्तिशाली योजना बनाओ की,
लुटेरों से देश भी बचे,लुटेरे बरबाद भी हो और...जनता को न्याय भी मिले।आबादी भी मिले।
और आपका और अमितजी का दिमाग इसमें माहिर है इसपर मुझे पूरा भरौसा है।
लगाईये सिक्सर।कीजिए एक शक्तिशाली धमाका।बनाईये शक्तीशाली-जबरदस्त योजना।
देश भी आबाद- देश का दुश्मन भी बरबाद।गद्दार भी बरबाद।
हरी ओम।
------------------------------
--  विनोदकुमार महाजन।
[12/06, 6:38 AM] mahajanv326: साठ साल का हिसाब कब देंगे ???
-------------------------------
साठ सालों तक जिन्होंने
अती पाप किया वह
अब चार साल का
हिसाब माँग रहे है।
साठ साल में जिन्होंने
काला धन कमाया
वह अब चार साल का
हिसाब माँग रहे है।
साठ साल जिन्होंने
गरीबों का खून चुँसा
वह अब चार साल का
हिसाब माँग रहे है।
अरबो खरबों की संपत्ति
साठ साल में जमा करनेवाले भी
अब च

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