भाईयों

 भाईयों....

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भाईयों,
पाँच राज्यों के चुनाव नतिजे से मैं बहुत दुखी हुवा।सचमूच में मोदिजी इतना जबरदस्त ऐतिहासिक कार्य कर रहे है तो भी,हमारे भारतीय समाज ने..विषेशतः मेरे ही हिंदु समाज नें मोदीजी की जो घोर उपेक्षा की है,अथवा उनकी अंतरात्मा को भयंकर दुख दिया है,इसिलिए मैं समझ गया की,सचमूच में हिंदु समाज कितना मृत या निद्रीस्त या ग्लानि में है।और ऐसे समाज को जगाना और चैतन्य दाई,ओजस्वी समाज निर्मिती करना सचमुच में मुमकिन है ?
अगर दुसरे धर्मों में मोदीजी जन्म लेते तो उनको,सम्राट घोषित करके,सरपर लेकर नाचते वो लोग।
और हमारे यहाँ ?
इतनी घोर विडंबना ?हमारे ही लोगों द्वारा ?
सहा नही जाता भाईयों।
हमारा दुखदर्द यही है की,जब हमारे समाज में कोई महात्मा, महापुरुष, सिध्दपुरूष, अवतारी पुरुष,साधुसंत पैदा होता है...
तो....
उस महात्मा को भयंकर दुख झेलना पडता है,निंदा सहनी पडती है,यातनाएं सहनी पडती है,कठोर सत्वपरीक्षाएं तथा अग्नीपरीक्षाएं देनी पडती है।
और उसके मृत्यु के बाद...???
विडंबना देखो,उसके मंदिर खडे किए जाते है,मुर्तीयाँ बिठाईं जाती है,आरती की जाती है,और...
मंदिरों को सोने का कलश तक लगाया जाता है।
काफी दुखदायक और सोचनीय बात है यह।
और दुसरे धर्मों के व्यक्ति हमारे देश में आकर बसते है तो...
उन्हें सर पर लेकर हम नाचते है।
जैसे की...???
मदर...❌❌❌
घोर विडंबना...।

मोदीजी के कार्य के सामने मैं तो बहुत ही छोटासा, मामूली इन्सान हुं।फिर भी अनेक लेखों द्वारा, कभी सांकेतिक भाषा में,कभी विचित्र भाषा में,कभी...
"कोडवर्ल्ड",
में,
समाज को जगाने की लगातार कोशिश करता हुं।और अगर भारतीय समाज मोदीजी जैसे महात्मा को पिडा देता है,तो मैं कौनसे खेत की मुली हुं...?
अगर मैं दुसरें धर्म में होता,और इतना तेजस्वी लिखता तो
शायद...
मुझे सम्राट घोषित करके,सरपर लेकर लोग नाचते।( शायद यह मेरा भ्रम भी हो सकता है।)
इसिलए,
(जब से भाजपा को पाँच राज्यों में सत्ता से दूर रखा है,वहाँ के लोगों ने तबसे...)
मैं सोच रहा हुं,की अब व्हाट्सएप, फेसबुक के सभी राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय सभी ग्रुप धीरेधीरे छोटकर लिखना ही बंद कर दुं।
शायद मेरे विचार ही किसिको पसंद नही आते हो,
शायद मेरे लेख इतने भडिमार मेसेज के वास्ते कोई पढता ही न हो,
इसीलिए भाईयों,
मैं व्हाट्सएप और फेसबुक पर लिखना ही नही छोड रहा हुं,तो सभी ग्रुप और सोशल मिडिया ही छोडऩे की सोच रहा हुं।
शायद मैं ही गलत हो सकता हुं,या फिर गलत लिखता हुं।
मैंने जो ग्रुप बनाएं है,वही ग्रुप सभी छोड सकते है।जिसे ग्रुपपर रहना है,वह रह सकते है।कोई और एडमिन भी ग्रुप का संचालन करेंगे।
अब लिखना है तो केवल मेरे वेबसाइट पर ही लिखूंगा।
वेबसाइट द्वारा ही अगली रणनीति तथा विश्व कार्य का नियोजन किया जायेगा।
मेरी वजह से किसी की आत्मा को ठेंस पहुंची है तो,हो सके तो क्षमा भी करना।
हरी ओम।
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--  विनोदकुमार महाजन।

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