आँखे खोल इंन्सान, आँखे खोल

 आँखें खोल इंन्सान, आँखें खोल

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आँखें खोल इंन्सान,

आँखें खोल.....।

विशेषत: 

उन्मादी इंन्सान,

अहंकारी इंन्सान,

राक्षसी इंन्सान,

हैवानियत के रास्ते से चलना वाला इंन्सान,

ईश्वरी सिध्दातों को नकारनेवाला इंन्सान,

क्रूर इंन्सान,

निष्पाप पशुपक्षियों की हत्या करनेवाला इंन्सान।

आँखें खोल।


कोरोना तो निमित्त है।

उन्मादी इंन्सानों को आँखें खोलने के लिए ईश्वर द्वारा एक सबक है।

शायद....

ईश्वर का कोप भी है।


आज इसी वजह से हर इंन्सान घरों में कैद है।

मगर निष्पाप ,ईश्वरी कानून से चलनेवाला हर पशुपक्षी मस्त है।

स्वस्थ भी है।निश्चिंत भी है।


भगवान ने उन्मादी इंन्सानों की उन्मादी नशा उतरवाने के लिए शायद दी हुई कठोर सजा है।कठोर दंड है।


शायद स्वार्थी इंन्सान इस सदमें से बाहर आयेगा।फिर नया जीवन आरंभ करेगा भी।

और.....

फिर भी....

इंन्सानों का उन्माद नही कम होगा तो....???

शायद....!!!

भगवान और थोडे दिनों बाद...

समस्त मानवसमुह को भयंकर कठोर दंडित करेगा।

आँखें खोल इंन्सान,

आँखें खोल।

आज भी समय तेरे हाथ में है।


ग्लोबल वार्मींग,जहरीली खेती,जहरीला अनाज, जहरीले फल सब्जियां, नैसर्गिक आपदायें,बिगडा हुवा नैसर्गिक संतुलन, संकटों में आये पेड जंगल,इंन्सानों की क्रूरता की वजह से भयभीत पशुपक्षी....


भाईयों,

यह सब क्या दिखाते है ?

उन्मादी इंन्सानों ने बारबार गलतियां की।

और सजा संपूर्ण विश्व का संपूर्ण मानवसमुह भुगत रहा है।

आज घरों में कैद है।

भयभीत है।


याद कर क्रूर इंन्सान....।

याद रख

वह निष्पाप गौमाता की हत्याएं।

उसको तडपा तडपा कर मार डालना।

उसका खून पिना,माँस खाना।

और उपर से महाभयानक पाप।

उस माँस का भी ब्यापार करना।

हे हैवानियत भरे इंन्सान,

क्या तुझे भगवान,

इतना होने के बाद भी...

माफ करेगा ???

क्षमा करेगा ???


और ऐसा उन्मादी इंन्सान सचमुच में क्षमा करनेलायक भी है ?

या आज की तरह भगवान द्वारा इंन्सानों को कठोर दंडित करना ही उचित है ?


हर एक पशुपक्षियों को,सजीवों को भगवान ने जीने का हक दिया है।

फिर यह स्वार्थी, उन्मादी इंन्सान उसका जीने का हक क्यों छीन रहा है ?

और फिर उपर से भगवान को दया की बिनती भी क्यों कर रहा है ?

किस मुंह से कर रहा है ?

सचमुच में भगवान को माफी माँगने योग्य भी हैवानियत भरा इंन्सान रहा है ?


और इतना भयंकर, भयानक होने के बावजूद भी भगवान हैवानियत भरे,राक्षसी इंन्सानों को क्षमा करेगा ?


शायद करेगा भी...

क्योंकि भगवान दयालु होता है..


इसिलिए मेरे प्यारे सभी भाईयों,

सोचो,

समझो,

जागो,

जानो,

पहचानो।

हमारी हिंदु सनातन संस्कृति को विश्व में क्यों महान है ?

जो पशुपक्षियों सहीत, सभी सजीवों पर,पेड जंगलों पर,कुदरत पर,ईश्वरी सिध्दातों पर....


प्रेम और प्रेम ही करने को सिखाती है।


इसीलिए मेरी,

वसुधैव कुटुम्बकम वाली...

भारतीय,सनातन हिंदु संस्कृति विश्व में महान भी है।

ईश्वर निर्मित भी है।

अनादी अनंत भी है।


इसिलए संपूर्ण विश्व को अब ऐसी महान संस्कृति का स्विकार करके एक उच्च कोटि का,आनंदित, चैतन्यदाई, पशुपक्षियों सहीत सभी पर प्रेम के आदर्श रास्तों से तथा सिध्दातों पर चलकर,

एक सुखमय तथा सर्वसमावेशक जीवन जीने का,

एक ही माध्यम सर्वश्रेष्ठ है।


और आज मैं दावे के साथ कहता हुं की,

संपूर्ण विश्व...

कुछ समय बाद....।

भविष्य में.....

विश्व का संपूर्ण मानव समूह सनातन हिंदु संस्कृति का ही,

बडे गर्व से और आनंद से स्विकार करेगा।


इसीकी शुरुआत अभी से आरंभ हो चुकी है।


तबतक के लिए, और आज के लिए,


आँखें खोल इंन्सान, आँखें खोल।

समस्त मानवसमुह के कल्याण के लिए, सभी सजीवों के कल्याण के लिए, सभी पशुपक्षियों की रक्षा के लिए,

पेड जंगलों की रक्षा के लिए,

कुदरत का कानून स्विकारने के लिए,

ईश्वर की शरण में जाने के लिए..


हे उन्मादी इंन्सान,

आँखें खोल।

इसीमें ही तेरी भलाई है।

सभी की भलाई है।

समस्त मानवसमुह का कल्याण है।

समस्त विश्व का कल्याण भी है।


आँखें खोल प्यारे,

आँखें खोल।


हरी ओम्।  

🕉🚩🚩🚩

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विनोदकुमार महाजन।

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