दुष्ट लोग...

 👺 दुष्ट लोग...👹

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सज्जन लोग हमेशा दयालु, परोपकारी होते है।

मगर दुष्ट लोग..?

हमेशा हिंसक, क्रूर होते है।

दुसरों की विनावजह निंदा करना,दुसरों को सदैव अपमानित करना,बुरा कहना ही दुष्टों के जीवन का उद्देश्य होता है।और कलियुग में तो दुष्टों के कंठों में ही जहर होता है।

दुष्ट लोग कभी किसी से माफी भी नही माँगते है।इर्ष्या, नफरत, जलन,द्वेष, बुराईयां ही इनका वैशिष्ट्य होता है।

जब प्रत्यक्ष परमात्मा भगवान श्रीकृष्ण दुष्ट, पापी दुर्योधन के पास कृष्ण शिष्टाई करने को गया था तब,

उन्मत्त, अहंकारी, दुष्ट दुर्योधन भगवान को ही मारने की धमकी दे रहा था।

दुष्ट लोग हितैषी, कल्याणकारीयों को भी नही छोडते है।साँप की तरह डसते रहते है,या डसने के मौके की तलाश में रहते है।

भाईयों, ऐसे होते है दुष्ट-दुरात्मे पापी लोग।

इनसे हमेशा दुरी बनाये रखनेपर ही हमारी भलाई होती है।

तो.👺दुष्टों से,👹हमेशा सावधान रहेंगे, सजग रहेंगे।

दुष्टों से दोस्ती,

मतलब संकटों का मामला।

हरी ओम।

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विनोदकुमार महाजन।

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