एक था पप्पू

 एक था पप्पू!!!!!

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मंदीर मंदीर घुमनेवाला

नौटंकी करनेवाला

"ईश्वरपुत्रों",को फँसानेवाला

मतों के लिए दर दर भटकने वाला

फिर भी नही जीतनेवाला

भाईयों,

एक था पप्पू।

"अंदर से",दंगा भडकानेवाला

उनका भी अभिनंदन करनेवाला

देशद्रदोहियों को

चिन पाकिस्तान को

साथ देनेवाला और

राष्ट्रप्रेमियों को सदैव

गालियां देनेवाला

एक था पप्पू,

भाईयों, एक था पप्पू।

ऐसे पप्पू से सावधान रहना

इसकी ,"गहरी चाल",

अब तुम समझना।

इसके बहकावे में मत आना।

हमारा अस्तित्व मिटाने के लिए

इसके दादा परदादा ने भी

बेखुबी से ऐसा ही

ढोंग रचाया था।

भोलेभाले लोगों को

गहरी चाल से 

फँसाया था।

इसिलए यारों,

अब सदा के लिए सावधान ही रहना।

हमें नेस्तनाबूद करने का इसका

षड्यंत्र पहचानना।

इसके नौटंकी पर

भरौसा मत करना।

असली,"देवदूत",को

तुम्हे होगा पहचानना।

और उसीके आदर्श सिध्दांतो का प्यारे दोस्तों,मेरे प्यारे यारों

तुम स्वीकार करना।

"असली और नकली",

को अब तुम्हे 

होगा पहचानना।

पप्पू के बातों में

मत आना।

देवदूत पर पूरा भरौसा

करके...

अपना और अपनों का

भविष्य आनंददायक बनाना।

हरी ओम।

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--  विनोदकुमार महाजन।

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