गुप्त शत्रु से सावधान

 गुप्त शत्रु से सावधान रहे...

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अब एक भयंकर जटिल समस्या में हम सभी,समाज, देश तथा सारा विश्व अटक गया है।

सूक्ष्म तथा गुप्त शत्रु।

जो हमारे दरवाजे में भी हो सकता हैँअगल बगल में भी हो सकता है।

जितनी सावधानी बरतेंगे उतना सुरक्षित भी रहेंगे।


जी हाँ भाईयों,

यह गुप्त शत्रु है 

कोरोना...!


भयंकर चाणाक्ष रहकर हमें इसको हराना है।

कुछ दिनों के लिए हम सभी एकांत में रहेंगे, सामाजिक, सामुहिक दूरी बनाए रखेंगे, मन को काबू में रखकर समाज में रहेंगे...

मास्क,सोशल डिस्टंशिंग, सैनीटाइजर, हँड ग्लोज इत्यादि साधनों का नियमित प्रयोग करेंगे,

सभी सामाजिक, सामुहिक कार्यक्रमों पर कुछ दिनों के लिए पाबंदी लगायेंगे तो...

निश्चित रूप से इस गुप्त, अदृष्य, सुक्ष्म शत्रु की हार होकर ही रहेगी।


सावधान रहें, सतर्क रहे।

हम भी सुरक्षित रहेंगे, सभी को सुरक्षित रखेंगे।


कोरोना को हराना है।

हमें जीतना ही है।


हरी ओम्

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विनोदकुमार महाजन

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