छोटासा घौसला
खुद का छोटासा घौसला
बनाइये
जिस घर में तुम्हारे प्रती
प्रेम,आदरभाव नही
जिस घर में तुम्हारे शब्दों की
किमत नही
जिस घर में केवल पैसों की ही
पूजा होती है
जिस घर में इंन्सानियत नाम की
कोई चिज नही
जिस घर में तुम्हारे इमानदारी की
किमत नही
जिस घर में तुम्हारी सच्चाई, नेकि,अच्छाई को
दुर्लक्षित किया जाता है
जिस घर में ईश्वर के बजाय
असुरी सिध्दांतों को
बढावा दिया जाता है
श्रेष्ठत्व होकर भी जहाँ
तुम्हारी कदर नही
उल्टा तुम्हें ही प्रताडित
किया जाता है
जिस घर में तुम्हारे उच्च
ध्येयवाद को भी ठुकरा
दिया जाता है,प्रताडित, अपमानित किया जाता है
वहाँ पर करोड़ों का धन
और सभी प्रकार की सुविधाएं होने के बावजूद भी
आप तुरंत ऐसा घर सदा के लिए
छोड दिजिए
और आजाद पंछी की तरह
मुक्त हो जाईये और
अपना खुद का छोटासा
घौसला बनाईये
जहाँ तुम्हारी ईमानदारी पर
कोई शक ना कर सके
अथवा तुम्हें कोई प्रताड़ित
अपमानित ना कर सके
हरी ओम्
विनोदकुमार महाजन
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