सुंदरता...

 *मन की सुंदरता...* 


सुंदरता अच्छे कपडों से या धन से नही होती है यारों।इसके लिए चाहिए सुंदर मन.।।।

जो सदैव सभी से निरपेक्ष, दिव्य प्रेम करता है।

विचारों की,संस्कारों की सुंदरता ही सर्वश्रेष्ठ होती है।और आपके सुंदर विचारों को,सुंदर मन को अगर कोई नही पहचानता है..तो हमेशा के लिए ऐसे व्यक्तियों से,सदा के लिए दू...र चले जाईये।उनसे दुबारा कभी भी न मिलने के लिए।

हरी ओम्


विनोदकुमार महाजन


अब पढिये, निचे की सुंदर कथा।👇👇👇


सुंदरता "संस्कारों" में चाहिये....

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एक हवा हवाई की हवाई यात्रा.....  सभ्रांत प्रतीत होने वाली एक अतीव सुन्दरी महिला ने हवाई यात्रा के लिए जब एक विमान में प्रवेश किया और अपनी सीट की तलाश में अपनी नजरें घुमाईं तब उसने देखा कि उसकी सीट एक ऐसे व्यक्ति के बगल में है जो जिसके की दोनों ही हाथ नहीं है। महिला को उस अपाहिज व्यक्ति के पास बैठने में बड़ी झिझक हुई !


उस 'सभ्रांत सुंदर' महिला ने एयरहोस्टेस को बुलाकर कहा कि वह उसके लिए नियत सीट पर सुविधापूर्वक यात्रा नहीं कर पायेगी, क्योंकि साथ की सीट पर एक दोनों हाथ विहीन व्यक्ति बैठा हुआ है। उस सुन्दरी ने एयरहोस्टेस से सीट बदलने हेतु आग्रह किया।

असहज हुई एयरहोस्टेस ने पूछा, "मैम क्या मुझे कारण बता सकती है" ?

उस महिला ने जवाब दिया : "मैं ऐसे लोगों को पसंद नहीं करती अतः मैं ऐसे व्यक्ति के पास बैठकर यात्रा नहीं कर पाउंगी "। 


दिखने में सभ्रांत और विनम्र प्रतीत होने वाली महिला के यह उद्गार सुनकर एयर हॉस्टेज़ अचंभित हो गई। सुन्दरी ने एक बार फिर एयरहोस्टेस से जोर देकर कहा कि मैं उस सीट पर नहीं बैठ सकती और मुझे कोई दूसरी सीट दे दी जाए। एयरहोस्टेस ने खाली सीट की तलाश में चारों ओर नजर घुमाई, पर कोई भी सीट खाली नहीं दिखी।

 

एयरहोस्टेस ने महिला से कहा कि "मैडम इस इकोनोमी क्लास में कोई सीट रिक्त नहीं है, किन्तु फिर भी यात्रियों की सुविधा का ध्यान रखना हमारा दायित्व है, अतः मैं वायुयान के कप्तान से बात करती हूँ, कृपया तब तक आप थोडा धैर्य रखें "। ऐसा कहकर होस्टेस कप्तान से बात करने चली गई।


कुछ समय बाद कप्तान से बात करकर लौटी उस होस्टेस ने लौटकर उस महिला को बताया, "महोदया ! आपको जो असुविधा हुई, उसके लिए हमें बहुत खेद है। इस पूरे विमान में, केवल एक सीट खाली है और वह भी प्रथम श्रेणी में है। मैंने हमारी पूरी टीम से बात की और हमने एक असाधारण निर्णय लिया। एक यात्री को इकोनॉमी क्लास से प्रथम श्रेणी में भेजने का कार्य हमारी कंपनी में पहली बार हो रहा है।


वो 'सुंदर' महिला ये सुनकर अत्यंत प्रसन्न हो गई, किन्तु इसके पहले कि वह अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करती और एक शब्द भी बोल पाती ! एयरहोस्टेस ने उस (अपाहिज) दोनों हाथ विहीन व्यक्ति की ओर बढ़ गई और विनम्रता पूर्वक उनसे पूछा "सर, क्या आप प्रथम श्रेणी में जा सकेंगे ? क्योंकि हम नहीं चाहते कि आप एक अशिष्ट यात्री के साथ यात्रा करने की त्रासदी भुगतें"। यह सुनकर विमान के बाकी सभी यात्रीयों ने ताली बजाकर इस निर्णय का स्वागत किया। वह अतीव सुन्दरी महिला तो अब शर्म से नजरें ही नहीं उठा पा रही थी।


तब उस अपाहिज व्यक्ति ने खड़े होकर कहा, "मैं एक भूतपूर्व सैनिक हूँ और मैंने एक ऑपरेशन के दौरान देश की सीमा पर हुए बम विस्फोट में अपने दोनों हाथ खोये थे। सबसे पहले, जब मैंने इन देवी जी की चर्चा सुनी, तब मैं सोच रहा था: मैंने भी किन लोगों की सुरक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डाली और अपने हाथ खोये ? लेकिन जब आप सभी की प्रतिक्रिया देखी तो अब अपने आप पर गर्व महसूस हो रहा है कि मैंने अपने देश और देशवासियों की खातिर अपने दोनों हाथ खोये"। और इतना कह कर, वह प्रथम श्रेणी में चले गए।


वो 'सुंदर' महिला पूरी तरह से शर्मिंदा होकर सर झुकाए सीट में गढ़ गई। उस अतीव सौंदर्य का भी कोई मूल्य नहीं अगर विचारों में उदारता न हो। किसी ने बहुत सही कहा है, सुन्दरता चेहरे में, महंगे कपडो में या महंगे स्मार्ट फोन से नही होती। बडप्पन, बडी सोच और लोगों का सम्मान करने से आता है। संस्कार अच्छे होने चाहिए, साहब...🙏🙏

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