आनंद भारतीजी

 विश्व क्रांती के लिए...

विश्व श्रीकृष्णा हिंदु एकता मंच

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हरिद्वार के श्री.आनंद भारतीजी तथा गुरूजी को,उनके गुरू गोपाल शरण जी ने आध्यात्मिक दिक्षा दी,और विशेषता तंत्र विद्याओं में पारंगत बनाया।इसके साथ ही हिंदुराष्ट्र निर्माण का गुरू का अधूरा सपना पूरा करने को कहा।

गोपाल शरण जी ने तंत्र साधना पश्चिम बंगाल स्थित माँ तारा के सामने की।


संयोग वश गोपाल शरणजी तथा आनंद भारती जी की मुलाकात इ.स.2014 में देवघर झारखंड में ईश्वरी इच्छा से हो गई।और मौन मंत्र साधना तथा तंत्र साधना में विश्व कल्याण हेतु आनंदजी को समर्थ बनाया।

अभी तक सात साल खडतर साधना करके 4700 से भी जादा लोगों पर आनंदजी ने कृपा की है।

आशीर्वाद के साथ साथ आयुर्वेदिक दवा द्वारा भी अनेक लोगों पर,अनेक असाध्य बिमारियों पर इलाज भी किया है।2009 में आयुर्वेद का प्रशिक्षण बिलास सिंग द्वारा लेकर,आयुर्वेद का प्रचार - प्रसार भी जादा मात्रा में किया है।प्राईवेट मेडिटेशन द्वारा भी अनेक लोगों को फायदा पहुंचाया गया है।

आनंद जी में एक विशेषता यह भी है की,समाधि लगाने पर ध्यान अवस्था में,अलौकिक शक्तीयों द्वारा, सामने प्रकाशन सितारा दिखाई देता है,जिसमें साक्षात शंकर महादेवजी के दर्शन हो जाते है।और उनको विशेष अनुभूति मिलती है और सबकुछ दिखाई देता है।

अनेक समस्याओं के साथ साथ घरेलू विवादों में भी विशेष मार्गदर्शन किया जाता है।

अनेक लोग अच्छे अनुभव आने के बारे में भी बताते है।

इसके साथ ही आप की समस्या पर भी फोन पर देश विदेश से लोग बाते करके अनेक समस्याओं का हल प्राप्त करते है।आयूर्वेद, यंत्र, मंत्र, स्टोन द्वारा भी अनेक लोगों को फायदा होता है।

आनंद जी के परदादा के पिताजी रामधन पूरी से लेकर दादाजी, पिताजी तक का यह आध्यात्मिक सिलसिला आजतक शुरू है।परदादा रामधन पूरी बुधौली स्टेट नवादा बिहार के महंत तथा राजा थे।

अनेक पिढियों का चलता आया यह उच्च संस्कारों का धन आनंदजी बडी उम्मीद के साथ अगली पिढी को तथा देश विदेश में फैले हुए अनेक जरूरत मंदों को बाँट रहे है।

परिवार की आजतक की खासियत यह रही है की आज भी बडा संपन्न परिवार बडे आनंद से एकत्र परिवार के तहत रहता है।वह भी बिना स्वार्थ के।

आज के जमाने में ऐसा माहौल क्वचित ही दिखाई देता है।


संपूर्ण सनातन संस्कृति विश्व के कोने कोने में फैलाने के लिए

आनंदजी ने 

विश्व श्रीकृष्णा हिंदु एकता मंच

नाम से एक राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय संगठन बनाया है,जो सरकार द्वारा रजिस्टर है।

शिघ्र हिंदु राष्ट्र निर्माण के लिए

पचास कोटि हिंदुओं का स्वाक्षरी अभियान संगठन द्वारा आरंभ हो गया है।सभी को स्वाक्षरी करने के लिए आमंत्रित किया जाता है।


धर्म जागृती के लिए आनंदजी ने अभीतक अनेक जगहों पर भागवत कथा आयोजन, गरीब लोगों की शादियों में आर्थिक सहयोग तथा मुक्त में दवाइयों को लोगों में बाँटना ऐसा ईश्वरी कार्य अभीतक आनंदजी ने संपूर्ण देश में किया है।और भविष्य में भी यह कार्य देशविदेशों में बढाने का संकल्प है।

बचपन से ही सात्विक वृत्ति तथा उदारता और मन का बडप्पन और सभी के कल्याण के विचारधारा की वजह से लोकप्रियता मिली है।

हरिद्वार में हिमालय के करीब अनेक सालों तक कार्य सफलता के लिए साधना की है।


कार्य को सफल बनाने के लिए महादेव की अवघड साधना में विशेष रूची एवं प्रावीण्य हासिल करके तंत्र मार्ग में अनेक आदर्श स्थापित किए है।


इसी माध्यम से आप सभी को अवगत कराया जाता है की,

जादा से जादा मात्रा में हमारे विश्व व्यापक संगठन में जुडकर अनेक निजी समस्याओं पर विजय प्राप्त करने तथा सामाजिक, आध्यात्मिक पुनरूत्थान के लिए एक नया आदर्श समाज निर्माण के हमारे कार्यों को

तन,मन,धन से संपूर्ण सहयोग करें।


जय श्रीकृष्णा

हरी ओम्


लेखन तथा संपादन,

विनोदकुमार महाजन,

राष्ट्रीय महासचिव,

अंतरराष्ट्रीय प्रभारी

विश्व श्रीकृष्णा हिंदु एकता संगठन

तथा,

प्रधान संपादक,

विश्व शांती

मासिक पत्रिका

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