क्विक एक्शन फोर्स

 लडते रहेंगे या...???


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इतिहास साक्ष है,हम आपस में जब जब लडते रहे,तब भयंकर अनर्थ ही हुवा है।


आजतक हमने बहुत कुछ खोया है।


जाती-पाती का झगड़ा, सत्ता-संपत्ति का झगड़ा, निजी स्वार्थ, अती अहंकार, लालच ऐसे अनेक कारणों से सदियों से हम लडते आये है।झगडते आये है।


और ठीक आज कि तरह षड्यंत्रकारीयों ने इसका अचूक फायदा उठाकर हमें नेस्तनाबूद करने की साजिशें रची है।


भाईयों, लडते रहेंगे-बँटते रहेंगे तो निश्चित रुप से कटते ही रहेंगे।


जैसे की पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और भी अनेक प्रदेश ऐसी गलत निती से ही हमने गंवाएं है।


फिर भी हम सावधान नही हो सके।


आज भी कश्मीर में,केरला में,पश्चिम बंगाल में और ऐसे अनेक प्रदेशों में हम कट रहे है-पिछे हट रहे है।


क्या वजह है?


सत्य के प्रति, धर्म के प्रति अज्ञान या उदासीनता?अति उदासीनता?


आत्मा-परमात्मा की खोज करनेवाले, अंतिम सत्य क्या है यह सच्चाई बताने वाले, हमारे ही धर्म के बारे में इतना अज्ञान क्यों?


धर्म जागृति के लिए अब हम सबको मतभेद भूलकर एक होना होगा।भगवान के भगवे के निचे आना होगा।


सबको जगाना होगा।उदासीनता को दूर भगाना होगा।


कानून के ही दायरें में रहकर,"शांती से क्रांति",के मार्ग से मार्गक्रमण करना होगा।


सोचो...पाकिस्तान में,बांग्लादेश में आज भी हिंदुओं पर अत्याचार होते है।


इतना ही नही,हमारे ही देश में अनेक जगहों पर हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे है।


संपूर्ण विश्व में फैले हुए सत्य वादी, शक्तीशाली हिंदु मौन-स्तब्ध और शांत क्यों है?


विश्व के कौनसे भी कोने पर हिंदुओं पर अगर थोडासा भी अन्याय-अत्याचार हुवा तो शिघ्र अति शिघ्र उस हिंदु तक पहुंचने में और उसकी सहायता करने में हम असफल क्यों हो रहे है?


संपुर्ण विश्व के हिंदुओं की आवाज अब एक करनी होगी,बुलंद करनी होगी।


अब हमें सत्य की,सत्य सनातन की रक्षा करनी ही होगी।जी हाँ-करनी ही होगी।


सत्य वादियों को,सनातन प्रेमियों को हमारा ईश्वरी तेज जगाना ही होगा।


देश और विदेश के सभी हिंदुओं को तुरंत सहायता करने के लिए,


शक्तीशाली...


"क्विक एक्शन फोर्स",


बनाकर एक रणनीति द्वारा सत्य की रक्षा करनी ही होगी।


हैवानियत कि हार और ईश्वरी सिध्दांतो की जीत के लिए अब हमें...


"वचनबद्ध, कटिबद्ध",होना ही होगा।


अब आपस में...


लडाई झगडा नही...


बँटना कटना नही...


सत्ता-संपत्ति-स्वार्थ के लिए भी...झगडना नही।


जातिवाद के नाम पर भी...झगडना नही।


इतना ही नही संपूर्ण विश्व में फैले हुए मानवता के पुजारियों को भी...ईश्वरी कानून के रखवालों को भी...


इसमें शामिल करना होगा।


जात-पंथ-पथ-धर्म का झगड़ा समाप्त करके...


मानवतावादी हिंदुत्व का स्वीकार करना ही होगा।समय कि यही पुकार है।


हरी ओम।


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--  विनोदकुमार महाजन।

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