सावधान रहकर हमें केवल जीतना ही है
**सावधान,
शत्रू भयंकर शातिर दिमाग का है**
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हाँ मेरे सभी देशप्रेमी भाईयों,
शत्रू *भयंकर शातिर दिमाग का* है।आप पुछेंगे,
" कौनसा शत्रू ❓"
वही,
जो अनेक सालों से देश के साथ, देशप्रेमीयों के साथ,देशवासियों के साथ,भयंकर, क्रूर षडयंत्र करता आ रहा है।
राष्ट्र द्रोही ताकतें।
पाकिस्तान प्रेमी ताकतें।
जगह जगह पर,हर जगह पर हमें बरबाद करने के लिए, गुप्त रूप से अनेक सालों से घात लगाये बैठा है।
एक जबरदस्त चौतरफा जाल बिछाकर,हमें बरबाद करने की भयंकर शातिर निती अपना रहा है।अनेक जगहों पर गुप्त रूप से षडयंत्र कारी जहरिले साँप हमें बरबाद करने के लिए,बैठे है।
अतएव सावधान होकर ,उनके जाल में न फँसकर, हमें जीत की रणनीती बनानी होगी।
*और केवल जीतना ही है*
" साँप भी मरे लाठी ना टुटे "
ऐसी चाणाक्ष, चाणक्य निती,कृष्ण निती से सावधानी से चलना होगा।
" *क्योंकि हमें अब,केवल और केवल जीतना ही है।"*
*अखंड हिंदुराष्ट्र बनाना और संस्कृति का पुनर्निर्माण करना*
यही हमारे जीवन का उद्देश्य है
और हम,
*इसिमें कामयाब होकर ही रहेंगे।*
भाईयों,
ईश्वरी सिध्दांतों के अनुसार, तथा तीव्र इच्छा शक्ति के अनुसार
हमारे जीवन में
*नामुमकिन कुछ भी नही है*
पाकिस्तान निर्मिती के सयय में हमारे साथ भयंकर षड्यंत्र हुवा है...
*या....जानबूझकर शातिर दिमाग से बनाया गया है...❓*
यह अभ्यास का विषय है।
इसिलए हमें कहीं भी,
*अटकना,लटकना,भटकना नही है*
आजतक हमारे अनेक आदर्श महापुरुषों को,इसी प्रकार से भयंकर षड्यंत्र द्धारा अटकाया, भटकाया, लटकाया गया है।
अतएव
*अखंड सावधान, सचेत रहकर,
*एक एक कदम हमें यशस्वीता की ओर बढाना है।**
बाकी मेरी आत्मा की आवाज सुनने के लिए मेरे सभी देशप्रेमी भाई,सक्षम है ही।
हरी ओम्
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आप सभी का,
*विनोदकुमार महाजन*
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