सद्गुरू चरण चाहिए
*मेरे सद्गुरू के चरणकमल चाहिए*
ना धन चाहिए, ना मान चाहिए
ना संन्मान चाहिए
बस्स...सद्गुरू चरणों पर
समर्पण चाहिए
ना यश चाहिए, ना किर्ती चाहिए
ना मोहमाया का बाजार चाहिए
बस्स्...जनम जनम में
सद्गुरू चरणों की सेवा चाहिए
ना सोने का राजमहाल चाहिए
ना राजऐश्वर्य चाहिए
मैं तो हुं सद्गुरू चरणों की धूल
मेरे ह्रदय का फूल
सद्गुरू चरणों में ही समर्पित है
ना बडप्पन चाहिए ना प्रतिष्ठा
केवल और केवल मुझे
मेरे सद्गुरू के चरण चाहिए
ना भूक की सुदबुध है,ना प्यास की चिंता है
मुझे तो *मेरे सद्गुरू*
" *आण्णा* "
के ही जनम जनम में चरणकमल
चाहिए
हरी ओम्
विनोदकुमार महाजन
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