जय हिंद
।। जय हिंद,जय भारत ।।
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जी हाँ,मेरे प्यारे सभी दोस्तों।
जय हिंद, जय भारत।
अब यही नारा लेकर हम सभी,
हमारी टीम, हमारा बिएनएन और सिएनएन न्यूज चैनल आगे बढ रहा है।
हर पल,हर दिन।
नये उत्साह से,नई उमंग से,नई आशा लेकर।
हम सभी साथ साथ, कदम से कदम मिलाकर, कदम कदम आगे बढ रहे है।
जय हिंद
का मतलब,
हिंदुस्ताँ,हिंदुस्तान।
जहाँ हिंदुओं की जादा आबादी वही पवित्र आध्यात्मिक भूमि का,ईश्वरी वरदान प्राप्त भूप्रदेश।जहाँ देवी देवताओं का,महापूरूषों का,अवतारी पुरूषों को,सिध्दपुरूषों का,ऋषीमुनियों का,चमत्कारी महात्माओं का,साधुसंतों का,महामानवों का,प्रदेश ऐसी विश्व स्तर पर महती जतानेवाला,आत्मतत्त्व की खोज करके,परमात्मा से निरंतर जुडने वाले महान लोगों का,उच्च संस्कृती की पूजा करनेवाले आदर्श समाज का,पशुपक्षी, पेडजंगलों की,कुदरत की पूजा करनेवाला प्रदेश।
नर को नारायण और नारी को नारायणी मानकर उनकी पूजा करनेवाली पवित्र भूमी।मानवता के नाते सहिष्णुता का स्विकार करके सभी जात,धर्म, पथ,पंथीयों से भी सदैव प्रेम, भाईचारा रखनेवाला एक उच्च कोटी के समुह तथा समाज का प्रदेश।
इससे भी और आदर्शों को भी और सिध्दांतों को स्विकार करके उसके आदर्शों पर चलनेवाला समाज।
जय हिंद का समाज।
विश्व बंधुत्व का स्विकार करनेवाला, वसुधैव कुटुंबकम्
का अर्थ सही तरीके से जीने वाला,
सत्य वादी,सत्य के लिए मरमिटनेवाला समाज।
सत्य सनातन समाज।हजारो सालों से आदर्श सिध्दांतों पर चलकर,
अखंड हिंदुस्थान को सोने की चिडियाँ बनानेवाला समाज,
अनादी अनंत काल से चलता आया,ईश्वर निर्मित समाज।
इसी महान संस्कृती में अनेक अवतारी पुरुष आये ,सत्य सनातन का कार्य, गौरव बढाया, समय समय पर धर्म ग्लानी का नाश करके,धर्म पुनर्स्थापना भी की।और फिर भी
किसीने धर्म संस्थापक की उपाधी नही लगाई।
यही है हमारी सबसे अलग महानता।
विविधता में एकता का अद्भुत अद्भुत संगम देखनेवाली एक सभ्य,ईश्वर पूजक,गौपूजक महान संस्कृती।
केवल चार शब्दों में इसकी महती और महानता का वर्णन मैं कैसे कर सकता हूं ?
जय हिंद के साथ
जय भारत का भी हमारा नारा है।जो नारा लेकर हम विश्व के कोने कोने में फैलकर हमारी संस्कृती, सिध्दांतों को विश्व के कोने कोने में पहुंचायेंगे।
अखंड भारत का इरादा लेकर,
संतों के शांती का प्रतीक और क्रांतिकारियों के क्रांती का प्रतीक, भगवान को भी प्यारा भगवान का भगवा ध्वज हाथ में लेकर हम,मन मन जगाने के लिए आगे बढ रहे है।
हर एक का आत्मा जगाने के लिए, हर एक का चैतन्य जगाकर, उसीमें आत्मशक्ती और आत्मचेतना की लहर बढाने के लिए,
भारत
निधी
न्यूज
के माध्यम से,
हम निरंतर आगे ही बढ रहे है।
विश्वचेतना जागृती अभियान आरंभ कर रहे है।
भारत को सोने कि चिडियाँ वाला गौरव फिर से प्राप्त करने के उद्देश्य से,
हम सभी आगे बढ रहे है।
सोनभद्र।
मतलब सोने की चिडियाँ वाला देश।
हर जगह पर,जगह जगह पर सोनभद्र द्वारा संपन्नता का प्रतीक बताने वाला एक महान देश।
बाबर,मुघल, अंग्रेज जैसे अनेक अत्याचारी, लुटेरे, अत्याचारी, आक्रामक इस देश में आये और देश को बारबार लूटकर चले गये।मगर यहाँ के सोनभद्र तो जैसे के तैसे ही रहे।कितना लूटेंगे अत्याचारीयों ?
यहाँ पर तो सुसंस्कारों के साथ साथ धन का भी सदैव खजाना ही खजाना है।क्योंकि यह देश और देश के नागरिक सदैव ईश्वरी कृपा प्राप्त ही रहे है।चाहे उपासना पध्दति अलग अलग ही क्यों ना हो ?
और हमारे ऋषीमुनी ?
कितने दूरदर्शी, कितने अभ्यासु ?
सोनभद्र की महती तो आज पता चली।मगर हमारे ऋषीमुनियों ने तो न जाने कितने अनंत काल से सोनभद्र के बारें में बताया है।
है ना अद्भुत, अनाकलनीय, आश्चर्यकारक ?
और संपूर्ण मानवसमुहों सहीत,संपूर्ण सजीव तथा विश्व कल्याण के लिए भी हमारे महान तपस्वी ऋषीमुनियों ने न जाने कितने अनगिनत शास्त्र लिखे।कितने अनगिनत खोज किये।
और हमारे ही कुछ मुर्ख लोग और आक्रमणकारी इसे थोतांड और अंधश्रद्धा बोलते है ?हमारी संस्कृति को समाप्त करने की भाषा बोलते है ?
धिक्कार है ऐसे महापातकियों का।
हमें मिटाने की भाषा बोलने वाले अनेक उन्मत्त पापी यहाँ आयें और मिट्टी में मिल गये।
सत्य को,ईश्वर को,ईश्वरी सिध्दांतों को कौन और कैसे मिटायेगा ?
ऐसे महान संस्कृति में हम पैदा हुए है।इसका अभिमान तो हर एक भारतीयों को तो होना ही चाहिए।हम सभी को भी है।
और इसिलिए तो हम अब
” जय हिंद,जय भारत ”
का नारा लेकर आये है।आगे बढ भी रहे है।
हरेक की आत्मचेतना जगाकर, हरेक का आत्मसन्मान बढाने के लिए हम निरंतर आगे बढ ही रहे है।
साक्षात महाँकाल
और
साक्षात महाविष्णू
की
अगर यही इच्छा होगी
तो….
हम
विश्व पटल पर नितदिन आगे भी बढेंगे,
और हमारे मकसद में
कामयाब भी होंगे।
इसिलिए मेरे प्यारे सभी देशवासियों,
अब एक ही नारा,एक ही आवाज,
बोलो सब मिलकर,
।। जय हिंद,जय भारत ।।
हरी हरीः ओम्
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लेखन,
श्री.विनोदकुमार महाजन,
नैशनल चिफ हेड,
बिएनएन और सिएनएन न्यूज।
संकल्पना,
श्री.अजयकुमार पांडेय,
डायरेक्टर,
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