हमारा घर
पृथ्वी पर मेरे सच्चे
रिश्तेदार कौन कौन है
यह तो पता नही
मगर मेरे सभी रिश्तेदार तो
स्वर्ग में है
जो मुझे निरंतर शक्ति, प्रेरणा,
चैतन्य, दिव्यत्व, प्रेम का अमृत
देते रहते है
क्योंकि हमारा असली घर तो
वही स्वर्ग ही है
चार दिन की ड्यूटी पर
हम यहाँ आये है
ड्यूटी पूरी होने के बाद
हमें तो हमारे घर वापिस
एक दिन जाना ही है
हरी ओम्
विनोदकुमार महाजन
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