हे ईश्वर
हे भगवान,
तुने ऐसा क्यों किया...?
हे भगवान तुने ऐसा क्यों किया ?
रंगबिरंगी दुनिया का मेला आखिर तुने क्यों बनाया ?
चौ-याशी लक्ष योनियों का
मायाबाजार तुने आखिर
क्यों सजाया ?
साँप को जहरीला और बाघ,सिंह को क्रूर माँसाहारी तुने कैसे बनाया ?
साँप और नेवले का बैर आखिर
तुने क्यों लगाया ?
पंचमहाभूतों का सभी का देह
मगर रचना अलग अलग
सभी की आत्मा एकसमान
सभी में श्वासों का
एक ही प्रमाण तुने
मेरे भगवन् कैसे बनाया ?
हे भगवान, ऐसा खेल आखिर
तुने क्यों रचाया ?
सजीवों के पुनर् उत्पादन का बीज बोने का सभी में
सूत्र भी एकसमान
और जन्म मृत्यु का प्रमाण भी
एकसमान
आहार, निद्रा,भय,मैथून
का सभी में सूत्र भी एकसमान
सभी का जन्म भी तेरे हाथों में
और मृत्यु भी तेरे ही हाथों में
ऐसा नियम भी तो
तुने ही बनाया
देव भी तुने ही बनाया
दानव,मानव का खेल भी
तूने ही रचाया
संपूर्ण ब्रम्हांड का वैविध्य भी
प्रभो तुने कैसे बनाया ?
मुझमें भी तु तुझमें भी मैं
सभी प्राणीयों में भी
तेरा ही वास
ऐसा करिश्मा प्रभु
तुने ही बनाया
दुनिया का मेला भगवान
तुने ही बनाया
तेरे शरण में जो भी आया
उसका उध्दार भी तुने ही
करवाया
हरी ओम्
विनोदकुमार महाजन
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