कटुसत्य

 एक बार ,

छोटे बच्चों को

उनके बचपन में माँ बाप का

सहारा नही मिलेगा तो भी चलेगा

मगर अगर बचपन में माँ बाप ही

छोटे छोटे बच्चों का भयंकर

मानसिक उत्पीडन करेंगे

बच्चों के मनोमस्तिक पर भयानक प्रहार करेंगे

तो ऐसे बच्चों का पूरा जीवन

बरबाद हो जाता है,उध्द्वस्त हो जाता है

ऐसे बच्चे समाज से भी बहिष्कृत होते है

और मानसिक भयंकर अवस्था में ऐसे बच्चे या तो आत्महत्या करते है अथवा

पागल बनकर भयंकर नारकीय जीवन जिते है

उनके दिमाग में जीवनभर के लिए वह बचपन की मानसिक यातनाएं घुमती रहती है


जिसको बचपन में माँ बाप का

साया और प्यार मिला

ऐसे बच्चे सचमुच में भाग्यवान होते है


आखिर नशीब अपना अपना

प्रारब्ध का सब भयंकर खेल


हरी ओम्


विनोदकुमार महाजन

Comments

Popular posts from this blog

मोदिजी को पत्र ( ४० )

हिंदुराष्ट्र

साप आणी माणूस