फ्री का लालच और सामाजिक स्वास्थ्य

 फ्री में खाने की जनता को

बहुमात्रा में आदत सी लगती

जा रही है उसीसे

फ्री के लालच में कुछ लोग

अपना बहुमुल्य

वोट

भी बेच रहे है और समाज तथा

देश को विपरीत दिशा में

ले जा रहे है

आत्मसंन्मान,स्वाभिमान, आत्मा की आवाज,

ऐसे लालची लोगों को कुछ भी

मायने नही रखते है

और ना ही भविष्य की चिंता

अथवा अगली पिढी की चिंता

ऐसे लोगों को होती है


इसिलिए देश को और विशेषतः

सत्यवादीयों को

इमान बेचनेवालों से तथा बिकाऊ लोगों से हमेशा सतर्क एवं सावधान रहना चाहिए


और इसपर कुछ प्रभावी तोड भी निकालनी चाहिए

अन्यथा ऐसे बिकाऊ तथा स्वाभिमान शून्य लाचार लोग

भविष्य में देश का भयंकर नुकसान कर सकते है

विशेषतः गुप्त रूप से हैवानियत

तथा आसुरीक सिध्दांत बढाने के लिए

फ्री का लालच देकर एक शस्त्र के रूप में,हत्यार जैसा इसका

अगर कोई प्रयोग कर रहा है तो

यह देश के तथा देश वासियों के

भविष्य के लिए भयंकर हानिकारक हो सकता है


संपूर्ण देश तथा समाज को

लालची तथा इमान बेचनेवालों

से सदैव सावधान तथा सतर्क रहना जरूरी है


फ्री बिजली, पाणी के चक्कर में

देश का भविष्य तबाह करने की अगर

निती कोई बनाता है अथवा गहरी चाल चलता है तो इसपर

कानूनी काट तो निकालनी ही पडेगी


मेरा कहने का मतलब समझ गये ना ?


विनोदकुमार महाजन

Comments

Popular posts from this blog

मोदिजी को पत्र ( ४० )

हिंदुराष्ट्र

साप आणी माणूस