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Showing posts from September, 2021

लक्ष्मी नृसिंह प्रसन्न

 बिएनएन और सिएनएन के चौतरफा यश के लिए तथा वैश्विक कार्य सफलता के लिए जागृत नारसिंव्ह ने दिए शुभ संकेत : -  हमारे चैनल के एडिटर इन चिफ श्री.विनोदकुमार महाजन इस जागृत स्थान पर आकर जब तपस्या कर रहे थे तब अनेक शुभ संकेत मिल गये। इस जागृत स्थान का महत्व यह है की आज से लगभग सात हजार पांचसौ एक्काशी साल पहले वेदव्यासजी के पिता पाराशर ऋषि को इस अद्भुत भगवान ने दर्शन दिये थे।तब आगे महाभारत हुवा था। संयोग से फिरसे हमारे एडिटर इन चिफ श्री विनोदकुमार महाजन जी को इस जागृत भगवान के पहले सपनों में और बाद में प्रत्यक्ष दर्शन हुए है।मतलब भविष्य में महाभारत जैसी कोई अद्भुत ऐतिहासिक घटना होने का यह ईश्वरी संकेत है ऐसा माना जा रहा है।गुरूचरीत्र के अध्याय पंधरह ओवी पचहत्तर पर भी इस अद्भुत स्थान का महत्व है।महाराष्ट्र के महान संत रामदास स्वामीजी ने भी यहाँ हनुमानजी की स्थापना की है।नामदेव महाराज जी के पूर्वज भी यहाँ रहते थे। कृष्णा कोयना के नदी किनारे जमीन के निचे यह अद्भुत मूर्ति स्थानापन्न है। विशेष संयोग यह है की श्री विनोदकुमार महाजन नारसिंह जी को उनके घर में रहने को आने के लिए कह रहे थे तभी उनको यहाँ पर

हमारा चैनल

 सन्माननीय श्री.अजयकुमार पांडेय जी के दो लोकप्रिय न्यूज चैनल, देश के लिए बिएनएन और विश्व के लिए सिएनएन चैनल के एडिटर इन चिफ सन्माननीय श्री.विनोदकुमार महाजन संपूर्ण देशवासियों को सचेत करना चाहते है की, कुछ राष्ट्र द्रोही शक्तियां देश तोडऩे की अनेक नई योजनाएं बना रहे है। इसिलए संपूर्ण देशवासियों को अब सजग रहकर एकजूट होना अती आवश्यक हो गया है।जातीपाती में झगडा लगाकर, फूट डालो और राज करो का अंजेडा तो चल ही रहा है।इसके साथ ही भाषावाद तथा प्रांतवाद का भी झगडा लगाना अब ऐसी शक्तियों ने आरंभ किया है। महाराष्ट्र को लोगों को युपी के खिलाफ भडकाना अथवा छत्तीसगढ़ के खिलाफ हरियाणा के लोगों को भडकाना ऐसी भयंकर कुटिल योजना बनाई जा रही है।इसीलिए हम बिएनएन और सिएनएन की तरफ से संपूर्ण देशवासियों को सचेत तथा सावधान करना चाहते है। इसके लिए संपूर्ण देशवासियों को जोरशोर से जागृत करना ही हमारे चैनल का दाईत्व है।जो हम निभा रहे है।और भविष्य में भी निभाते रहेंगे। प्रखर राष्ट्रवाद का प्रथम नाम, बिएनएन और सिएनएन न्यूज चैनल। संकल्पना : - विनोदकुमार महाजन

गणेशजी

 बिएनएन और सिएनएन की हिंदुराष्ट्र निर्माण के लिए गणेशजी को प्रार्थना... संपूर्ण पृथ्वी पर सनातन संस्कृति का ही राज था,इसके अनेक प्रमाण आज भी मिलते है और इसी विषय के अनुसार हम सभी देशवासी भगवान गणेशजी को गणेश आगमन पर... हिंदुराष्ट्र निर्माण तथा अखंड हिंदुराष्ट्र के निर्माण के लिए ,बिएनएन और सिएनएन द्वारा प्रार्थना करते है। समाज में नवचैतन्य निर्माण द्वारा राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तरपर क्रांति की लहर लाने के लिए हमारे माध्यम द्वारा संपूर्ण प्रयास जारी रहेगा। बिएनएन और सिएनएन के दर्शक तथा हितचिंतक तथा हमारे पत्रकारों की संपूर्ण टीम तथा समस्त कर्मचारी गण तथा संपूर्ण देशवासियों को गणेश उत्सव की अनेक हार्दिक बधाइयां।

ज्वाला नारसिंह

 जागृत ज्वाला नारसिंह मंदिर ------------------------------------- यह एक अत्यंत जागृत तथा अद्भुत मंदिर है।महाराष्ट्र में कृष्णा कोयना नदी के किनारे नरसिंहपुर में यह मंदिर है।यहाँ आकर जो साधना करता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती है।अनेक महापुरुष तथा सिध्दपुरूषों ने यहाँ आकर दर्शन किए है। रामदास स्वामी, राजे शिवाजी जैसे अनेक महात्माओं ने यहाँ भगवान के दर्शन किये है। सांगली,सातारा के नजदीक और कोल्हापुर से कर्हाड होकर आप यहाँ आ सकते है। इ.स.पूर्व ५५६१ महाभारत पूर्व वेदव्यास जी के पिताजी पाराशर ऋषि को दर्शन देनेवाली यह मूर्ति आज भी यहाँ गर्भगृह में मौजूद है। बिएनएन और सिएनएन के एडिटर इन चिफ श्री.विनोदकुमार महाजन जी को भी इस अद्भुत भगवान नारसिंह जी ने आश्चर्यजनक दर्शन दिए है।बिएनएन और सिएनएन की संपूर्ण विश्व में जल्दी सफलता हो इसिलए और संपूर्ण वैश्विक कार्यों में तुरंत सफलता मिले इसिलिए श्री.विनोदकुमार महाजन जी आज यहाँ पर कठोर तपस्या कर रहे है। तुरंत यशस्वी होने के लिए और सकल मनोरथ पूर्ती के लिए ज्वाला नारसिंह जी के चरण कमलों पर विनम्र प्रार्थना है। रामदास स्वामीजी ने यहाँ हनुमानजी की भी स

मैं सत्य हुं

 मैं सत्य हुं। ------------------------------ जी हाँ,मैं सत्य हुं। असत्य ने सत्य को हमेशा प्रताडित किया है, पिडाएं दी है। बारबार मुझे समाप्त करने की,मुझे दफनाने की,जमीन में गाडने की कोशिश की है। फिर भी मैं मरा नही हुं, फिर भी मैं जींदा ही हुं,और जींदा ही रहुंगा। क्योंकि मेरा,याने की सत्य का रखवाला खूद भगवान होता है। ठीक इसी तरह से मेरी, सत्य की संस्कृति तबाह करने की,उसे जमीन में दफनाने की,जमीन में गाडने की बारबार कोशिशें की गई है। आज भी मेरे ,मेरे संस्कृति के अनेक अवशेष जमीन के निचे, दफनायें हुए है। मैं नही भूला,नही भूल सकता, उस अन्याय-अत्याचार को,उस प्रताडऩा को। समय और नियती इंतजार कर रही है,प्रतिक्षा कर रही है, मुझे मेरे संस्कृति को,मेरे आदर्शों को,मेरे सिध्दांतों को, कुचलाने की,दफनाने की, जहाँ जहाँ पर कोशिश हुई है, मैं नही भूला उस समय को, मैं नही भूला हूं उस अत्याचार को,और .. उन भयंकर अत्याचारियों को। मैं इंतजार में हुं , जमीन के निचे से उपर आकर, फिर से मेरी संस्कृति को "विश्वपटलपर",... फिर से पुनर्स्थापित करूं। मैं इंतजार में हुं, जिस जिसने भी मुझे दफनाने की कोशिश की है,