साँपों पर प्रेम...???
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साँपों पर प्रेम करेंगे...?
महँगा पडेगा।
साँपों से दोस्ती करेंगे.?
महँगा पडेगा।
साँपों से संवाद करेंगे.?
कुछ भी फायदा नही होगा।
साँपों से वाद- विवाद करेंगे, झगडा करेंगे.?
निष्पन्न क्या होगा.?
मनस्ताप और हानी।
ठीक इसी तरह जहर से दोस्ती.?
और इसी तरह भयंकर जहरीले इंन्सानों से दोस्ती भी..???
जी हाँ भाईयों,
भयंकर महँगी ही पड सकती है।
और सौ बार सोच-समझकर मेरे प्रश्न का उत्तर देना।
क्या पाकिस्तान और देश में छिपे पाकिस्तान प्रेमी गद्दारों पर,
सच्चा प्रेम, दोस्ती...
क्या सही साबित हो सकेगी..???
जरूर अपनी पवित्र आत्मा को प्रश्न पुछना।
तो...?तो...?
तो क्या करना होगा ?
ऐसे भयंकर घातकी और जहरीले लोगों से हमेशा,चौबीसों घंटे सावधान ही रहना होगा।
और दूरी ही बनाये रखना ठीक रहेगा।
इतिहास बताता है की,
हमारी ऐसी गलतियों से
हमारा अती भयंकर नुकसान ही नही हुवा है,
बल्कि हम भयंकर ही नही,
हमारा सबकुछ खो चुके है।
हमारी संस्कृति, सभ्यता, मंदिरों पर,हमारी मानवतावादी दृष्टि पर,
अती भयंकर हमले होकर,
हमारी ईश्वर तुल्य,आदर्श संस्कृति को ही तबाह करने की कोशिश हो गई है।
एक लुटेरा बाबर,हमारे अस्तीत्व पर,हमारे आदर्श मर्यादा पुरूषोत्तम रामजी के मंदिर पर,
आक्रमण करता है,
और आज भी देश में छुपे अनेक बाबर पर,
हम प्रेम करतै है,
उनपर विश्वास, भरौसा करते है,
तो...?
हमारे जैसा मुर्ख दुनिया में दुनिया में दुसरा
कोई भी नही होगा।
और...
ऐसे बाबर प्रेमियों को ही अगर चुनाव में जीताते है...तो...?
क्या तुम्हें ईश्वर भी बचा सकेगा ...???
सोचो,जागो,
आज भी समय आपके हाथ में है...।
नही तो...???
अनर्थ हो जायेगा।
मेरी बात बिल्कुल सही लग रही है ना ?
मेरा मनोगत पढकर,
दिल से,आत्मा से,
गहराई से असलियत जानकर, सोचकर,
सही निर्णय लेंगे ना...?
फैसला आपके हाथ में है।
अस्तीन के साँपों को,
पहचानो,
अस्तित्व शून्य होने से,
पहले सावधान हो जावो।
तो बोलो सब मिलकर,
जय रामजी की।
हरी हरी: ओम।
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आप सभी का,
विनोदकुमार महाजन।
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