देश के महत्वपूर्ण प्रश्न ?

(१)राम मंदिर का तुरंत निर्माण।
(२)कश्मीर में धारा ३७० तुरंत हटाकर,कश्मिरी पंडितों का तुरंत पुनर्वसन।
(३)समान नागरी कानुन।
(४)जनसंख्या नियंत्रण कानुन।
(५)रोहिंग्या,बांग्ला और पाकिस्तानी घुसपैठियों को तुरंत बाहर निकालना।
(६)पाकिस्तान को तुरंत जबरदस्त सबक सिखाना,जिस वास्ते आतंकवाद का सदा के लिए खात्मा,और देश में छिपे गद्दार पाकिस्तानी प्रेमियों को तुरंत लगाम।
(७)नक्षलवाद, दहशतवाद का सदा के लिए खातमा।
(८)सही और सच्चा राष्ट्र प्रेमियों का इतिहास फिर से लिखना।
(९)सुसंस्कृत समाज निर्मिती के लिए, संस्कार तथा संस्कृती पूजक कार्यक्रमों की सख्ती करना।
(१०)अभिव्यक्ती स्वातंत्र्य तथा आजादी के नामपर देश में माहौल खराब करनेवाले सभी प्रसार माध्यमों पर पाबंदी लाना,तथा मानवतावादी, भाईचारा बढाने के कार्यक्रम दिखाने के लिए,सख्ती करना।
(११)झूट,अफवाएं फैलाकर समाज में संभ्रम फैलानेवालों पर तुरंत कानुनी कठोर कार्रवाई करना।
(१२)गोहत्या बंदी कानुन तुरंत लाना और गौहत्या करनेपर तुरंत मृत्युदंड की सजा सुनाना।
(१३)गुनहगारों को तुरंत दंडित करना।
(१४)और भी ऐसे अनेक अनुत्तरित प्रश्नों का तुरंत हल निकालना।
जब तक उपरी सभी प्रश्नों का तुरंत हल निकाला नही जाता,तब तक देश में शांती,आबादी का प्रगती, विकास का माहौल नही बनेगा।
क्या सचमूच में ऐसा माहौल बनकर,समाज एकसंध बनकर,समाज प्रगती, शांती,भाईचारा, सुसंस्कृत समाज निर्मिती की ओर बढेगा ?
क्या ऐसा माहौल सख्ती से बनाने के लिए,
हमें....
"तानाशाह ",
का इंतजार करना पडेगा ?
जो देश में सुशासन लाकर,सभी को आनंदी, सुखी,संपन्न, सुसंस्कृत बनाने में सक्षम हो ?
क्या देश उसी दिशा की ओर बढ रहा है ?
क्या तभी देश का अराजक समाप्त होकर,अधर्म का नाश होकर,
धर्मराज्य आयेगा?।रामराज्य आयेगा?।
समय ऐसे आदर्श तानाशाह का इंतजार कर रहा है ?
यही एकमात्र उपाय, भारतभूमी के लिए बचा है ?
अगर हाँ तो,वह तानाशाह... आदर्श ईश्वरी सिध्दांतों पर चलनेवाला...
कब आयेगा ?
कौन होगा ?
कहाँ होगा ?
अन्याय और अत्याचार की जब परिसिमा होती है,जैसे की आज हो रही है,वह भी पवित्र देवी देवताओं की भूमि पर, तो ईश्वरी ईच्छा से 
"परिवर्तन",किया जाता है।
या फिर...
समाज परिवर्तन के लिए,
समाज ही खुद क्रांति करता है।और अन्याय, अत्याचार, असत्य, हैवानियत को,स्वर्थांध के राक्षसी गुणों को...
सदा के लिए जमीन में दफनाता है।
क्या इस देश में क्रांति का बिगुल बज चुका है ?या फिर ईश्वरी इच्छा से परिवर्तन होनेवाला है ?
एक बात तो पक्की तय है की,
समय करवट बदल रहा है।
अधर्मी, पापियों के सदा के नाश के लिए, ईश्वरी इच्छा से,परदे के पिछे,मतलब अदृष्य शक्तीद्वारा,
कुछ सामर्थ्य शाली योजना बन रही है,या बनाई जा रही है।
और यह कार्य जरूर कोई,
"युगपुरुष",ही करेगा।
शायद....
यही भगवान की भी इच्छा होगी।
और...
ईश्वरी इच्छा कौन टाल सकता है ???
भविष्य का इंतजार करते है।समय का इंतजार करते है।

हरी ओम।
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--  विनोदकुमार महाजन।

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