अच्छा और बुरा,
देव और दानव,
अमृत और विष,
स्वर्ग और नरक,
सांप और नेवला,
सज्जन और दुर्जन,
राम और रावण,
कृष्ण और कंस,
पुरब और पश्घिम,
कभी भी एक जगह,
नही रह सकते।
क्यों?क्योंकी,
भगवान की सब माया,
उसीका सब खेल।
दो विरुध्द शक्तीयों मे,
सदा संघर्ष का ही,
चलता है खेल।
@विनोदकुमार महाजन।

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