मनुष्य शरीर में जहर ??

दिनबदिन हर घर में,घर घर में अनेक जटिल बीमारीयां बढती जा रही है।हर एक का आरोग्य धोखे में आ रहा है।
जलप्रदूषण, वायूप्रदुषण,बढता जागतीक तापमान, और रासायनिक खेती द्वारा मनुष्य समुह ही नही तो संपूर्ण सजीव प्राणी जगत संकटों के घेरे में आता जा रहा है।
इसीलिए हमें इस समस्या से बाहर आने के लिए, नैसर्गिक जीवन प्रणाली को अपनाना होगा।पेड-जंगलों का संवर्धन तथा बडी मात्रा में पेड लगाना-जंगल बढाना.. यही हमारा दाईत्व तो है ही-विश्व के सभी देशों का भी यह दाईत्व है।
पेड जंगल बढेंगे तो तापमान भी कम होगा,पर्जन्य मान भी बढेगा, ओझोन की मात्रा भी बढेगी, सभी सजीवों को शांतिपूर्ण जीवन भी मिलेगा।
माँ भारती और माँ धरती हरीभरी हो जायेगी तो...वायूप्रदुषण, जलप्रदूषण भी कम होगा।
और सब से महत्वपूर्ण बात यह है की,रासायनिक खेती द्वारा हमारा शरीर हरदिन जहरीला बनता जा रहा है,
यही तुरंत रोकना होगा और रासायनिक खेती पूरे देश में...
बैन करके
जैविक खेती की ओर ह सभी को बढना होगा।समाज तथा सरकार का यह उत्तरदायित्व है।
हम सभी को माँ भारती और माँ धरती को.खुशहाल बनाना ही होगा।तभी हमारी अगली पिढी का भविष्य अच्छा रहेगा।और हमारी अगली पिढी भी हमें सदैव धन्यवाद ही देगी।
इसिलए हमारे देश में ही नही तो संपूर्ण विश्व स्तर पर हमें,

"पेड लगाओ-जंगल बचाओ",

अभियान बडी मात्रा में आरंभ करना होगा।सरकार को जैविक खेती के लिए बाध्य करना होगा।
समाज के विविध क्षेत्रों में अनेक प्रभावशाली योजनाओं द्वारा समाज जागृती का वातावरण हमें बनाना होगा।
विशेषत:रासायनिक खेती पर बैन लगाने के लिए, और जैविक खेती की ओर समाज को ले जाने के लिए, पेड जंगल बढाने के लिए,
हमें विश्वव्यापक सक्रिय अभियान चलाना होगा।
इस कार्य के लिए हमारे देश के ही नही तो संपूर्ण विश्व के सरकारों को हमें बाध्य करना होगा।
"कदम कदम बढायेंगे, कुदरत को हराभरा बनायेंगे।"
"कुदरत का कानून लायेंगे, सभी सजीवों को अभय दिलायेंगे।"
हरी ओम।
---------------------------------  विनोदकुमार महाजन।

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