Posts

Showing posts from November, 2022

कपाळावर गंध का लावावे ?

 कपाळावर गंध का लावावे ? ( लेखांक : - २११७ ) सौजन्य : - बापू नगरकर, राजगुरू नगर संकलन : - विनोदकुमार महाजन खालील लेख जरूर वाचा,व संस्कृती संवर्धनासाठी सगळ्यांना जागृत करा.. हर हर महादेव *अंघोळ झाल्यावर कपाळ मोकळे ठेवू नये आपले पूर्वज सांगत असत, त्याला शास्त्राधार काय होता ते जाणून घेऊया.* *धर्मशास्त्र सांगते, गंध ही केवळ धर्माची नाही तर मनुष्याच्या अस्तित्त्वाची खूण आहे;* *वाचा गंध लावण्याचे फायदे!* अलीकडेच आंतरराष्ट्रीय स्तरावर बुद्धिबळ खेळणाऱ्या आर. प्रज्ञानंधा या भारतीय खेळाडूला परदेशात मुलाखतीच्या दरम्यान विचारण्यात आले, 'तू कपाळावर ही विभूती का लावतोस?'  त्यावर सोळा वर्षीय प्रज्ञानंधा म्हणाला, 'माझी आई मला सांगते म्हणून!' मित्रांनो, सोळा वर्षीय प्रज्ञानंधाच्या जागी आपण असतो, तर कदाचित आपणही हेच उत्तर दिले असते. कारण बालपणापासून आपल्यावरही हा संस्कार आपल्या आई आजीने घातला आहे.  त्यानुसार आपण कपाळाला गंध लावतोसुद्धा! मात्र ते का लावावे? किंवा ते लावल्याने होणारे फायदे कोणते? की ती केवळ धार्मिक खूण आहे, याबद्दल सविस्तर जाणून घेऊ.  *'देह देवाचे मंदिर' असे आपण म

अदृश्य नागपाश ने हमें घेर के रखा है ?

 क्या...⁉सत्य को और सत्यवादीयों को,अदृश्य... नागपाश ( 🐍 ) ने...घेर के रखा है ???❓⁉ ( लेखांक : - २११६ ) विनोदकुमार महाजन ------------------------------ सत्य का और सत्यवादीयों का रखवाला साक्षात ईश्वर होता है...ऐसा कहते है ! मगर क्या लगभग हर सत्यवादीयों के नशीब में घोर उपेक्षा, अवहेलना, अपमान, मनस्ताप ही लिखा होता है ❓ सोचकर उत्तर देना पडेगा ! क्योंकि साधारणतः देखते है तो... हर सत्यवादीयों को अनेक सालों तक, अनेक जटिल समस्याओं का मुकाबला करना ही पडता है ! शायद सभी सत्यवादीयों को और सत्यप्रेमीयों को मेरी यह बात माननी ही होगी ! सत्यवादीयों को जिस प्रकार से यश युं ही नहीं मिलता है.. ठीक उसी प्रकार से,हर क्षेत्र में भयंकर कडा संघर्ष, घनघोर विपत्तियों का सामना तो करना ही पडता है ! कार्य जीतना महान, संघर्ष भी उतना ही भयंकर करना पडता है ! हर पल संघर्ष ! पग पग पर संघर्ष ! अपनों द्वारा, समाज द्वारा, रिश्तों द्वारा,नियती द्वारा भी... की गई भयंकर उपेक्षा, अपमान, मनस्ताप,अवहेलना लगभग सभी सत्यप्रेमीयों के नशीब में होता ही है ! ईश्वर भी भयंकर कठोर परीक्षाएं लेता है ! अनेक आर्थिक मुसिबतें,अनेक प्रकार की

असंभव को संभव बनाना है !

 असंभव को संभव बनाना ही पडेगा !!! ( ले : - २११५ ) विनोदकुमार महाजन -------------------------------- जब सद्गुरु की कृपा होगी, ईश्वर की भी कृपा होगी, तब अगर .... अपनों ने भी  कितना भी जालीम जहर भी दे दिया, समाज और रिश्तेदारों ने भी अगर भयंकर नरकयातनाएं भी दी , तो भी वह इंन्सान चट्टानों की तरह से शक्तिशाली बनकर खडा रहता ही है ! और अपने मंजिल तक एक दिन जरूर पहुंच ही जाता है ! अनेक संत,महापुरुषों को अपनों ने, समाज और रिश्तेदारों ने भयंकर यातनाएं देकर भी,उन्होंने अनेक सिध्दीयाँ हासिल की, और चट्टानों की तरह खडे होकर, समाज को सदैव नवसंजीवनी देने का निरंतर प्रयास किया ! अगर इरादे है बुलंद, हौसले है बुलंद तो... नियती भी हमारे उद्दीष्टों में सहायक होती है और सभी बाधाएं तथा सभी रूकावटें दूर करती है ! और बढती उमर भी बुलंद हौसले होनेपर बाधक नही हो सकती है ! भक्तिवेदांत प्रभुपाद जी ने अपने सत्तरवें साल में भगवत् गीता का वैश्विक अभियान आरंभ किया ! और आज संपूर्ण विश्व भक्तिवेदांत जी प्रभुपाद के कार्यों से प्रेरित हो रहा है ! बडे धूमधाम से कृष्णभक्ति में एकरूप हो रहा है ! क्योंकि...  अपने बुलंद इरादों प

जब हमारे हौसले बुलंद होंगे

 जब हमारे हौसले बुलंद होंगे, तब नियती भी झुक जायेगी ! ( ले : - २११४ ) विनोदकुमार महाजन --------------------------- जी हाँ , मानवी मन बहुत शक्तिशाली होता है ! तीव्र इच्छाशक्ती से मानवी मन में अनेक सकारात्मक उर्जा भरी जाती है ! और असंभव लगनेवाले कार्य, संभव में बदल जाते है ! और जब ऐसा हो जाता है तो..लोग इसे चमत्कार कहते है ! और आश्चर्य चकित भी रहते है...जब असंभव को संभव में बनानेवाला कोई दिखाई देता है ! ऐसे अनेक आश्चर्यकारक अनुभव हमें देखने को मिलेंगे, जिन्होने असंभव को संभव में बदल दिया ! आने दो कितने भी विनाशकारी तूफान... या फिर पार करने पडेंगे अनेक जहर के सागर... अथवा आने दें कितनी भी भयंकर मुसिबतें,मुसिबतों के पहाड... अथवा आने दो सामने कितने भी भयंकर जालीम सर्प,या अजगर... हम जब ठान लेते है और जीत के लिए,हरदिन... हर कदम...यशस्वीता की ओर बढते रहते है...जबरदस्त तगडी रणनीती के तहत काम करते है....तो.... शायद, नियती भी हार सकती है ! हिंदुराष्ट्र बनाने का प्रयास भी हम सभी प्रखर राष्ट्रप्रेमी मिलकर,हरपल जारी रखेंगे ! और हिंदुराष्ट्र बनाकर ही रहेंगे ! अखंड भारत का प्रयास भी जारी ही रखेंगे ! ह

जब हौसले बुलंद होते है !

 हिंदुराष्ट्र बनाने का प्रयास हम हरपल जारी रखेंगे ! और हिंदुराष्ट्र बनाकर ही रहेंगे ! अखंड भारत का प्रयास भी जारी ही रखेंगे ! हिंदुमय विश्व का प्रयास भी जारी ही रखेंगे ! और हमारे उद्दीष्टों में जीतकर ही रहेंगे ! जब हौसले होंगे बुलंद, तो कामयाबी भी हासील करके ही रहेंगे ! अगर हौसले बुलंद होते है,तब नियती भी सहायक होती है ! और सफलता के लिए ईश्वर भी प्रसन्न होकर आशिर्वाद देता ही है ! हर हर महादेव ! जय महाँकाल ! जय श्रीराम ! हरे कृष्णा ! हरी ओम् ! विनोदकुमार महाजन

हिंदुत्व के लिए कट्टर बनो !

 हिंदुत्व के लिए कट्टर बनो ! ( लेखांक : - २११३ ) विनोदकुमार महाजन ------------------------------ साथीयों, हर धर्मीय व्यक्ति अपने धर्म के लिए कट्टर होता है ! उनके धर्म के खिलाफ कोई बोलेगा,तो वह तुरंत एक्शन में आ जाते है ! अनेक बार भयंकर हिंसक भी बन जाते है ! क्या आपको यह बात मंजूर है ? तो क्या, हर हिंदू, अपने धर्म के प्रती कट्टर होता है ? अपने धर्म पर कोई उंगली उठाता है, हमारे धर्म को बदनाम करता है,हमारे देवीदेवताओं का मजाक उडाता है ! क्या ऐसा होनेपर तुम सभी का खून खौल उठता है ? हमारे संस्कृति को बदनाम करनेवाले के खिलाफ क्या तुम,दूसरे धर्मीयों की तरह सख्त एक्शन में आ जाते हो ? शायद ना के बराबर ! सदीयों से इतना भयंकर अत्याचार सहने के बावजूद भी, तुम्हारा खून ठंडा क्यों और कैसे पड गया ? क्या तुम्हारे अंदर खून ही नहीं है ? बात कडवी है,मगर सच्ची है ! और आपको मेरी यह बात स्विकारनी ही होगी ! हमारे देवीदेवताओं को,आदर्शों को चाहे कोई कितना भी बूरा कहेंगे... तो भी हम मौन,शांत और ठंडे ! कमाल है ! सभी के प्रती सहिष्णु जरूर रहना चाहिए ! यही हमारी आदर्श संस्कृति है !यही हमारे आदर्श सिध्दांत भी है ! य

हिंदुराष्ट्र कैसे बनेंगे ?

 हिंदुराष्ट्र कैसे बनेंगे ? ( ले : - २११२ ) विनोदकुमार महाजन ------------------------------ संपूर्ण विश्व पर सत्य सनातन धर्म का ही,ईश्वरी राज्य था ! हिंदुओं का ही राज्य था ! क्या आपको यह मंजूर है ? जी हाँ ! सप्रमाण मंजूर है ! तो सोचो,संपूर्ण विश्व पर हिंदुओं का ही राज्य था ना ? तो ऐसा क्या हो गया की, विश्व में अनेक ख्रिश्चन देश बन गये,बौध्द देश भी बन गये,मुस्लिम देश भी बन गये ! यहुदियों का छोटासा इस्त्राएल भी बन गया ! ऐसी कौनसी जादू हो गई की,उन सभी धर्मीयों ने अपने अपने अनेक देश बनाये ? उत्तर आसान है ! उन सभी ने जीत के लिए एक जबरदस्त रणनीति बनाई ! और अनेक सालों तक उसपर काम किया ! परिणाम ? उनके धर्म के आधार पर अनेक देश बन गये ! मंजूर ? अब देखो मजे की बात ! मगर हिंदुराष्ट्र एक भी नहीं रहा ! क्यों ? क्योंकि समय के अनुसार एक जबरदस्त तगडी रणनीति बनाने में और उसे कार्यान्वित करने में हम असफल रहे ! तेजस्वी ईश्वर पूत्र होकर भी ! क्यों ? क्योंकि हम हमारा ईश्वरी तेज ही भूल गये ! और इतने कमजोर, हीन,दीन,लाचार, कंगाल हो गये की,हमारा एखाद देश बनना भी दूर,हम तो दिनबदिन अस्तीत्व शून्य भी बनते जा रहे ह

मुझे मोदिजी, योगीजी का सहयोग चाहिए

 वैश्विक स्तर पर मुझे मोदिजी, योगीजी, अमीत शाहजी का संपूर्ण सहयोग चाहिए !!! ( लेखांक : - २१११ ) विनोदकुमार महाजन -------------------------------- सनातन हिंदू संस्कृति को,सत्य को,ईश्वरी सिध्दांतों को विश्व के कोने कोने में वायु गति से फैलाने के लिए एक जबरदस्त, तगडी, वाँटरप्रुफ, साउंडप्रूफ, एअरप्रुफ, बुलेटप्रूफ रणनीति की सख्त जरूरत है ! और ईश्वरी कृपा से ऐसी तगड़ी रणनीति मेरे दिमाग में तैयार है ! मेरे अनेक मित्र, मोदीजी, योगीजी, अमीत शाहजी के अत्यंत करीबी है ! और मेरे अनेक लेख,शायद ऐसे महात्माओं तक पहुचते होंगे,ऐसी आशा करता हुं ! मेरा यह मनोगत भी उनतक पहुंचेगा ऐसी आशा है ! आप सभी का सहयोग भी मिलेगा, ऐसी आशा रखकर, यह लेख लिख रहा हुं ! मेरे अनेक मित्र, मेरे अनेक लेख,देशविदेशों में भी भेजते रहते है,यह मेरा परम सौभाग्य भी है,और उन सभी मित्रों का प्रेम देखकर मुझे आत्मसंतुष्टि भी मिलती है ! मगर इससे कार्य आगे नहीं बढेगा ! जमीनी तौर पर कार्य वायुगती से आगे बढाने के लिए एक जबरदस्त शक्तिशाली रणनीति बनानी पडेगी ! जो रणनीति सत्य सनातन धर्म को वायुगती से विश्व के कोने कोने में पहुंचाने के लिए सहायक ह

सत्य सनातन हिंदू धर्म

 सत्य सनातन हिंदू धर्म... मतलब ? ( ले : - २११० ) विनोदकुमार महाजन ------------------------------------ १ ) अनादी अनंत काल से चलता आया है - सत्य सनातन हिंदू धर्म ! २ ) ईश्वर निर्मीत है - सत्य सनातन हिंदू धर्म ! ३ ) धर्म संस्थापक कोई मनुष्य नही ऐसा है - सत्य सनातन हिंदू धर्म ! ४ ) मानवता पर प्रेम करने को सिखाता है - सत्य सनातन हिंदू धर्म ! ५ ) पशुपक्षीयों पर प्रेम करने को सिखाता है - सत्य सनातन हिंदू धर्म ! ६ ) अनेक अद्भूत रहस्यों को उजागर करता है - सत्य सनातन हिंदू धर्म ! ७ ) अनेक धर्म ग्रंथों को सप्रमाण सिध्दांतों से जोडने वाला - सत्य सनातन हिंदू धर्म ! ८ ) असत्य - आसुरीक सिध्दांतों का निरंतर विरोध करनेवाला - सत्य सनातन हिंदू धर्म ! ९ ) यूगों यूगों से सिध्दांतों पर चलनेवाला आदर्श - सत्य सनातन हिंदू धर्म ! १० ) अनेक देवीदेवताओं का,यूगपुरूषों का,महापुरूषों का,साधूसंतों का,ऋषीमुनियों का,सिध्दपुरूषों का,चमत्कारी साधुओं का बना है - सत्य सनातन हिंदू धर्म ! ११ ) प्रेम से विश्व विजेता बननेवाला..." विश्व - विजेता - हिंदू - धर्म " है - सत्य सनातन हिंदू धर्म ! १२ ) दया, क्षमा, शांति ,पर

जागो मानवताप्रेमीयों !

 जहाँ जायेंगे, वहाँ गंदगी फैलायेंगे ! ( लेखांक : - २१०९ ) विनोदकुमार महाजन ---------------------------------- साथीयों, आज के लेख का विषय थोडा अलग है !  मेरे अनेक लेखों पर आप सदैव...जैसा प्रेम करते है - ठीक वैसे ही मेरा यह लेख भी आप सभी को पसंद आयेगा ऐसी आशा करता हुं ! " जहाँ जायेंगे, वहाँ गंदगी फैलायेंगे ! क्योंकि गंदगी फैलाना हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है ! और यह अधिकार हमसे कोई छीन नही नहीं सकता ! जो भी ऐसी कोशिश करेगा...उसे...?? समाप्त किया जायेगा ! क्योंकि दूसरों को समाप्त करना भी मेरा जन्मसिद्ध अधिकार ही है ! और इसमें कोई दखलअंदाजी नहीं कर सकता ! " यही भयंकर सोच रखनेवालों से संपूर्ण विश्व परेशान है,हैरान है,बेचैन है,अस्वस्थ है ! इस भयंकर बिमारी का वैश्विक स्तर पर..." आखिर इलाज है या नही ? अगर है तो....कौनसा ? राम का बाण..." रामबाण " इलाज लागू होगा ? " इसपर ? संपूर्ण विश्व मानव को सोचना ही होगा ! अनेक जगहों पर " ऐसे भयानक लोग " या तो आक्रमणकारी बनकर जायेंगे, और चारों तरफ भयंकर आतंक फैलाकर,तबाही फैलाकर,इंन्सानीयत की,मानवता की हत्या करके...चारों तर

हम हिंदु...

 हम हिंदु सहिष्णु है ! मगर... डरपोक भी नहीं है !!! ( ले : - २१०८ ) विनोदकुमार महाजन -------------------------------- हम हिंदु सहिष्णु है ! सभी पर पवित्र प्रेम करते है ! सदीयों से ऐसा प्रेम करते आये है ! सभी में एकसमान आत्मतत्व देखकर, सभी में ईश्वर का स्वरूप देखते है ! सभी धर्मीयों का हम सदीयों से मानसंन्मान करते आये है ! सभी को हमारे देश में महत्व देते आये है ! इतिहास साक्ष है ! मगर हम सहिष्णु है,इसका मतलब यह नहीं है की हम डरपोक है ! हम जीस प्रकार से सभी में एकसमान आत्मतत्व देखकर, सभीपर पवित्र प्रेम करते है, ठीक ऐसी ही अपेक्षा हमें दूसरों से भी करते है ! कहीं ऐसा ना हो की,हम सभीपर प्रेम करते रहे,और दूसरे हमें फँसाते रहे,हमारे साथ षड्यंत्र करते रहे,हमें धोका देते रहें,हमारे साथ कपटनिती का प्रयोग करके,हमारी संस्कृति, धर्म, ईश्वरी सिध्दांत, हमारी आस्था, श्रद्धा पर हमले करते रहें !भाईचारे का नाटक करके हमारे ही अस्तित्व पर प्रहार करते रहे ! ऐसा हम कदापि नहीं सहेंगे ! सोने की चिडिय़ा वाला मेरा सुसंस्कारित देश...आक्रमणकारियों ने भरभरके,लूट करके हमारा धन - वैभव उनके देश में लेते गये ! उन आक्रमण

जया बच्चन जी

 जया बच्चन ( भादुड़ी ) जी जरा संभलकर बोलीए ! ( लेखांक : - २१०७ ) विनोदकुमार महाजन ------------------------------- जया बच्चन जी अर्थात भादुड़ी जी,जरा संभलकर भाषा का प्रयोग किजिए ! यह आंग्लस्तान नहीं है, जो चाहे बोल दे ! यह हिंदुस्तान है ! यहाँ की आदर्श संस्कृति, सभ्यता, शालीनता, आदर्शवाद सारा विश्व मानता है और स्वीकारता भी है ! और जयाजी आप एक ऐसे आदर्श लोगों के देश में वास्तव्य करती हो ! इसीलिए आपको भाषा का प्रयोग बहुत संभलकर ही करना पडेगा ! आपकी गंदी जूबान के कारण, संपूर्ण विश्व स्तरपर संपूर्ण भारतीय समाज बदनाम हो सकता है,इसका भी जरा ध्यान रखिए !और आपके बेलगाम भाषा और शब्दों पर जरा ध्यान दिजीए ! आपने क्या कहा आपको पता है ? आपने कहा... " मेरी नातीन शादी से पहले गर्भवती होगी तो मुझे इसमें कोई विशेष नही लगेगा ! " संपूर्ण भारतीय समाज आपकी ओर और बच्चन परिवार की ओर बहुत ही संम्मान से देखता है ! आपका अभिनय, आपकी कलाकारी देखकर, अनेक भारतीयों ने आपको और बच्चन परिवार को बहुत उंचा स्थान दिया है ! बहुत इज्जत और प्रेम करते थे हम आपसे ! आपके परिवार की लगभग सभी फिल्में हम सुपर हीट बनाते थे !

ठग का साथी

 दिल्ली के ठग का साथी ? राम और कृष्ण को मिटा रहा है ? ( ले : - २१०६ ) विनोदकुमार महाजन ----------------------------------- कुछ दिन पहले, दिल्ली के महाठग का एक साथी,शपथ पर खुद कह रहा था...और दूसरों को भी शपथ देकर कह रहा था... " मैं राम और कृष्ण  को नही मानूंगा " कौन कहता है तुझे राम और कृष्ण को मानने को ? और तेरे मानने ना मानने से ईश्वर पर कोई थोड़ा ही असर पडेगा ? आखिर ईश्वर तो ईश्वर होता है ! मगर राम और कृष्ण को ना मानने के लिए कहकर, तुने तो तेरी लायकी ही दिखा दी ! बहुसंख्यक हिंदुओं के बीच में रहकर, यहाँ का खाकर, ऐसा जहर उगलना ठीक नहीं है दोस्त ! हम हिंदु सहिष्णु तो है की ! दूसरे धर्मों को कभी भी भला बूरा तो नहीं कहते है ! उल्टा सभी को मानसंन्मान देते है !सभी में एकसमान ईशत्व और आत्मतत्त्व देखकर, सभी पर प्रेम ही करते है ! दूसरे धर्मीयों के आस्था और श्रद्धा पर आघात नहीं करते है,बल्कि सभी का संन्मान ही करते है ! क्योंकि हमारे खून में यही आदर्श संस्कार बसे है ! राम और कृष्ण को ना मानने की शपथ लेकर, तुने तो तेरी औकात, क्षमता,लायकी और संस्कार भी दिखा दिए ! और धार्मिक लोगों का अपमान

माहौल बहुत ही खराब है ?

 माहौल बहुत खराब है ! ( ले : - २१०५ ) कौनसा माहौल ? देश का माहौल ! और ? दिल्ली का भी ! आखिर हुवा क्या है ? सब अराजकता है, भयंकर अराजकता ! कौन जिम्मेदार ? आक्रमणकारी मुगल, अंग्रेज  और ? आजादी के बाद अनेक सालों तक गुप्त तरीकों से भयंकर अत्याचार बढानेवाले,हमारे ही  " काले अंग्रेज ! " तो मोदी, योगी क्या कर रहे है ? इतने सालों की भयंकर गंदगी साफ करने में समय तो लगेगा ही लगेगा ! मगर जनता जनार्दन अगर हिम्मत से मोदी, योगी के पिछे निरंतर खडी रहती है....तो...? " सफाई अभियान " सफल होगा ? जी जरूर होगा ! बिल्कुल होगा ! क्यों नहीं होगा ? मगर समय तो भयंकर तेज गति से दौड़ रहा है ! और...??? " अंडर ग्राउंड अजगर ( ? ) " तो भयंकर कुटिल निती द्वारा  " चौतरफा " जीत की रणनीति बना रहा है ! और...? सत्तालोलुप गद्दार जयचंद भी " अजगर का " साथ दे रहे है ! इसका कोई जालीम इलाज, रामबाण औषधि है कोई हमारे पास ? जो शिघ्र गती से अपेक्षित परीणाम दिखा सकें ? शायद.... कुछ योजनाएं... रणनीति... बन रही होगी ! क्या " अजगरों के चंगुल से " सारा देश और संपूर्ण देशवासी मुक्

महँगाई

 महँगाई का रोना !!! ( लेखांक : - २१०४ ) आलू प्याज पर रोनेवाले कहते है...मोदिजी ने महँगाई बढाई ! उनसे मेरा एक महत्वपूर्ण प्रश्न है... विदेशों में भी महँगाई बढ रही है क्या इसके लिए भी मोदिजी  " ही " जिम्मेदार है ? सोचो, मोदिजी, योगीजी का राज है इसीलिए हम सभी आज सुरक्षित भी है ? और चौतरफा प्रगति भी कर रहे है ! सचमुच में मेरा देश बदल रहा है साथीयों ! अन्यथा...??? मोदिजी, योगीजी के बिना हमारा, हम सभी का भविष्य भयंकर अंधकार मय है ! और इसीलिए हम सभी को आलू प्याज का, महँगाई का रोना बंद करके... हमारी संपूर्ण शक्ति और हमारी आत्मीयता केवल और केवल मोदिजी, योगीजी के पिछे ही खडी करनी है ! भूलभुलैया करनेवाले और गुमराह करनेवाले, नौटंकीबाज हमेशा मोदिजी को बदनाम ही करते रहेंगे साथीयों ! इसिलए हमें भुलभुलैया से बाहर आकर, हमारा और हमारे अगले पिढी का उज्वल भविष्य बनाना है तो...आज देश को और संपूर्ण देशवासियों को मोदिजी,योगीजी के सिवाय दूसरा कोई पर्याय ही नहीं बचा है ! इसिलिए साथीयों, नौटंकीबाजों के भूलभुलैया में फँसकर हमारा और हमारी अगली पिढी का भविष्य बरबाद मत किजिए ! महँगाई का तो आपको भटकाने का

वो और हम

 " वो " बिनधास्त, खुलेआम बडे गर्व और अभिमान से दाढी रखते है,टोपी पहनते है ! और " हम ? " माथे पर तीलक लगाने के लिए भी शरमाते है ! धन्य है ऐसे लोगों की ! क्या ईश्वर भी " हमें " बचा पायेगा ? विनोदकुमार महाजन

कालीया मर्दन

 जहरीला कालीया मर्दन !!! साँपों पर प्रेम करने से मनस्ताप ही होता है ! साँपों पर चाहे कितना भी प्रेम करो वह निरंतर जहर  ही उगलेगा और मौका  मिलते ही दंश ही करेगा ! और हमारा सर्वनाश ही कर देगा ! इसिलिए मेरे प्यारे सभी दोस्तों अखंड  सावधान ही रहना होगा ! क्योंकी साँपों से प्रेम की नहीं बल्की उसका जहरीला दाँत निकालने की अथवा उसका सर कुचलने की ही भाषा उसको समझती है अथवा ऐसी भाषा ही योग्य होती है ! इसिलिए साथीयों, भगवान श्रीकृष्ण ने कालीया से प्रेम नहीं किया बल्की उसका मर्दन ही किया ! कृष्ण भक्तों, मेरा इतना छोटासा मनोगत पढकर आप सभी समझे कुछ ? या फिर आज भी नासमझ ही हो ? और आज समाज में अदृश्य रूप से अनेक जहरीले कालीया समाज मन को अपने जालीम जहर से डस रहे है ! और सत्य को और सत्यवादीयों को हर पल परेशानियों में डाल रहे है ! इसका हल क्या है ? हम सभी को भगवान श्रीकृष्ण की निती से चलकर, ठंडे दिमाग से कानूनी लडाई लडकर, समाज में जहर फैलाने वाले अनेक गुप्त कालीया का मर्दन तो करना ही होगा ! जी हाँ साथीयों ! तभी सत्य बचेगा, तभी सत्यवादी भी बचेंगे ! तभी ईश्वरी सिध्दांत बचेंगे ! तभी मानवता बचेगी ! तभी पशुपक

अलौकिक कृष्ण भक्ति

 जीसके भाग्य अच्छे होंगे,उनको यह सुंदर कृष्ण कथा...पढने को,सुनने को मिलेगी।जीसका कृष्ण प्रेम अलौकिक है...उसके आँखों में यह कथा पढते समय,कृष्ण भक्ति और दिव्य कृष्ण प्रेम से आँसुओं की जलधारा निकलने लगेगी, समझो उन्हींकी कृष्ण भक्ति अलौकिक है।भगवान श्रीकृष्ण ऐसे परमभाग्यशाली, परमभक्तों को चौ-यांशी लक्ष योनियों से मुक्ति तो जरूर देंगे ही।साथ ही निरंतर अपने सानिध्य में बसा भी लेंगे। जय जय श्रीकृष्णा। जय जय मुरलीमनोहर। जय जय सुदर्शन चक्र धारी। भगवान श्रीकृष्ण की जय हो,जय हो। हरी हरी: ओम् विनोदकुमार महाजन पढीये 👇कृष्ण की सुंदर कथा। *इस कथा को जो पढ़ेगा उसे 84 लाख योनियों से मुक्ति मिल जायेगी*        एक बार की बात है कि यशोदा मैया प्रभु श्री कृष्ण के उलाहनों से तंग आ गयीं और छड़ी लेकर श्री कृष्ण की  ओर दौड़ीं। जब प्रभु ने अपनी मैया को क्रोध में देखा तो वह अपना बचाव करने के लिए भागने लगे।भागते- भागते श्री कृष्ण एक कुम्हार के पास पहुँचे । कुम्हार तो अपने मिट्टी के घड़े बनाने में व्यस्त था। लेकिन जैसे ही कुम्हार ने श्री कृष्ण को देखा तो वह बहुत प्रसन्न हुआ। कुम्हार जानता था कि श्री कृष्ण साक्षात् पर

चेतावनी !

 चेतावनी !!! आक्रमणकारियों ने अनेक सालों तक भयानक ,भयावह क्रौर्य दिखाकर हिंदु धर्म समाप्त करने के लिए आजतक अनेक अत्याचार किए है ! यह भयानक क्रौर्य और वही षड्यंत्र ,वही भयावह साजिश आज भी गुप्त तरीकों से,संपूर्ण देश में और अनेक दूसरे देशों में भी चल रही है ! यह भयावह षड्यंत्र, साजिश का तुरंत समयसुचक हल निकालना, अती आवश्यक... अत्यावश्यक हो गया है ! ( १ ) पाणी बहुत गहरा है ! गहरे पाणी में डुबकी लगाकर ही... " भयंकर जहरीले कालीया का... और कालयवन का संपूर्ण नाश " करना ही पडेगा ! ( २ ) सर से उपर पाणी बह चुका है ! अस्तित्व की लडाई है ! अस्तित्व बचाने के लिए, योग्य समय पर कठोरता पूर्वक निर्णय लेने  " ही पडेंगे ! " ( ३ ) " २४...."  " हमारे ही " " लोगों का क्या भरौसा ? " जो करना है, अभी करना होगा ! समय भयानक है ! गुप्त षड्यंत्र भयावह है ! यह देखने के लिए कोई ज्योतिषाचार्य की जरूरत नहीं है ! सावधान !!! भगवान श्रीकृष्ण ने, कौरवों के,कँस के संपूर्ण नाश के लिए जो भयंकर क्रौर्य दिखाया, भगवान राम ने, रावणवध के लिए जो क्रौर्य दिखाया, दुर्गा ने अनेक महाराक

हिंदुही हिंदुत्व का नाश करेगा ?

 क्या ? हिंदुही हिंदुत्व का नाश कर देगा ??? ( ले : - २१०० ) विनोदकुमार महाजन ----------------------------- साथीयों, गौर से पढो... गौर से सोचो... सोचकर इलाज ढूंढेंगे... तभी बचेंगे ??? क्या हिंदुही हिंदुत्व का नाश करेगा ? और आज अनेक ( कुछ जयचंदों का साथ देकर )हिंदु विपरीत आचरण द्वारा, हिंदुत्व पर ही आघात कर रहे है ??? कैसे...? १) हिंदुत्व बचाने के लिए मतदान के लिए नही जायेगा ? २ ) हिंदुत्ववादी पार्टीयों को मतदान नही करेगा ? ३ ) हिंदुत्व विरोधी पार्टीयों को मतदान करेगा ? ४ ) हिंदुत्व के खिलाफ प्रचार करेगा ? ५ ) देवीदेवताओं को बदनाम करेगा ? ६ ) हिंदुत्व का मजाक उडायेगा ? ७ ) विनाषकारी, आक्रमणकारियों का ही साथ देगा ? ८ ) कोई जगाने के लिए आयेगा तो उल्टा उसको ही बदनाम कर देगा ? ९ ) हिंदुत्व पर,संस्कृति पर,धर्म पर संकट आ रहा है यह देखकर भी मौन रहेगा, शांत रहेगा ? और आखिर में कठिन समय आनेपर भागता रहेगा ? प्यारे दोस्तों, आपको क्या लगता है ? हिंदुही निष्क्रिय बनकर हिंदुत्व पर कुठाराघात कर रहा है ? अगर हाँ... तो इसका इलाज क्या है ? सर्वोच्च सत्तास्थान के शासक को अब धर्म रक्षा के लिए, कठोर होकर, कठ

सैतानों का इलाज

 मंदिर के नजदीक बैठते है " सैतान " बहुत बढ गये अब ऐसे " सैतान " मंदिर के नजदीक बैठकर बहुत पैसा कमाते है ये " सैतान " और मन ही मन मंदिर विध्वंस की अनेक योजनाएं बनाते है ये " सैतान " अब आप ही पहचानो साथीयों ऐसे महाभयंकर " सैतान ??? " और ऐसे " सैतानों " का रामबाण इलाज भी बताओ अन्यथा बढ जायेगा भयंकर, भयानक " उन्मादी " हाहाकार !!! अतएव हो जावो सावधान साथीयों, हो जाओ सावधान !!! ऐसे महाभयानक " सैतानों " ने संपूर्ण विश्व में बढाया है हाहाकार !!! सावधान साथीयों सावधान ! व्यापक वैश्विक क्रांति की लहर और लाना होगा जनजागृति अभियान ! हो जाओ तैयार साथियों, मानवता बचाने के लिए, ईश्वरी सिध्दांतों को बचाने के लिए... हाहाकारी आसुरिक संपत्तियों के सर्वनाश के लिए, सामुहिक, वैश्विक लहर लायेंगे ! जन जन जगायेंगे ! हर जन का मन भी जगाएंगे ! वैश्विक क्रांति लायेंगे ! हो जाओ तैयार साथीयों, हो जाओ तैयार !!! हर हर महादेव ! जय जय श्रीराम ! हरे कृष्णा ! हरी ओम् ! विनोदकुमार महाजन