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Showing posts from June, 2024

कारी गांव

 आपल्या कारी गावचा चौफेर व सर्वांगीन विकास व्हावा व प्रत्येकाची आर्थिक भरभराट होऊन गावामध्ये आध्यात्मिक वातावरण वाढावे म्हणून हा ग्रुप स्थापन करण्यात आलेला आहे. शिवाजी महाराजांचे हिंदुत्वाला पूरक असा या ग्रुपचा उद्देश आहे.त्यामुळे अशा विचारी व्यक्तिंना ग्रुपवर घेण्यात आलेले आहे. शिवाजी महाराजांच्या हिंदुत्वाचा ग्रुपवर प्रचार प्रसार व्हावा ही अपेक्षा आहे. विनोदकुमार महाजन पत्रकार ( कारीकर ) पुणे / मुंबई

भयभीत भारत ?

 *मोदिजी ,योगीजी मैं बेचैन हूं ,* *अस्वस्थ हूं , परेशान हूं !!* ✍️ २५०९ 😭😭😭😭😭😭😭 मोदिजी , योगीजी सचमुच मे मैं आज बहुत ही दुखी हूं , परेशान हूं , बेचैन हूं , अस्वस्थ भी हूं ! मेरे वैयक्तिक समस्याओं के कारण , मेरे निजी समस्याओं के कारण मैं दुखी नही हूं ! बल्की देश का बढता भयंकर अराजक , आक्रमणकारीयों की बढती शक्ती , राष्ट्रविघातक शक्तियों का तेजीसे बढता सामर्थ्य देखकर मैं दिनरात चिंतीत हूं , व्यथीत हूं ! और लगभग सभी राष्ट्रप्रेमीयों की भी यही स्थिति है ! मोदिजी ,योगीजी तेजीसे , आग की तरह चारों ओर बढता हुवा अराजक हटाईये देश बचाईये ! सज्जन शक्ती बचाईये , संभ्यता ,संस्कृती ,शालीनता , मानवता , ईश्वरी सिध्दांत , गौमाता बचाईये ! सनातन संस्कृति बचाईये ! हैवानों की रणनीति भयंकर तगडी और शक्तिशाली बनती जा रही है ! संपूर्ण देश से ही और संपूर्ण धरती से ही उन्हें सभ्यता , सत्य हटाना है ! और हमारा समाज गहरी नींद में है ! इसिलिए अब आखिरी आस आप ही हो ! कुछ तो भी किजिए , आत्मा भयानकता देखकर तडप रही है ! एक छोटासा इस्त्राएल ,उनके छोटेसे हमले के बाद ,गाजापट्टी का नामोनिशान ही मिटा देता है ! कितनी जबरद

अराजक

 संपूर्ण देश में भयंकर अराजक आग की तरह फैलाया जा रहा है इसे तुरंत रोकेगा कौन ? सरकार अपयशी हो रही है ?? विनोदकुमार महाजन

श्रीकृष्ण

 जिस देश में भगवतगीता जैसा तेजस्वी धर्मग्रंथ है और भगवान श्रीकृष्ण जैसी तेज:पूज और अष्टपैलू देवता है उसी देश की इतनी भयंकर दुर्दशा क्यों ? यहाँ का समाज तेजोहिन ,गलितगात्र क्यों ? और कैसे ?? चलो उठो , हर एक का तेज जगाते है.!! विनोदकुमार महाजन

मतदान

 मतदान के दिन ? हिंदुओं के भरौसे में ? मत बैठो बल्कि अपनी रणनीति बदलो ! विनोदकुमार महाजन

सावधान

 ठंडे दिमाग का मगर क्रूर शासक बनकर तथा एकाधिकार शाही का उपयोग करके ही देश का अराजक हटाया जा सकता है ! अभी नहीं तो कभी भी ? नहीं !! " २९  उनका है ! " विनोदकुमार महाजन

फिल्म

 " हिंदुराष्ट्र " बिग बजेट आंतरराष्ट्रीय फिल्म निर्माण के लिए फायनान्सर चाहिए ! विनोदकुमार महाजन आंतरराष्ट्रीय पत्रकार व्हाटस्अप 8329894106

क्रांती अभियान

 *नितीयाँ बदलनी पडेगी*   *बहुत मेहनत करनी पडेगी.!!* ✍️ २५०६  *विनोदकुमार महाजन* ********************* लाखों कार्यकर्ताओं की फौज हाथ में होकर भी अपेक्षित परीणाम नहीं मिलते है , संपूर्ण परिवर्तन नहीं होता है , जीत का पक्का भरौसा नहीं मिलता है तो ? रणनीति विफल हो रही है ? ऐसा समझना ही उचित रहेगा ? आखिर हमारी रणनीति कहाँ अपयशी हो रही है ? अगर तेज गति से अपेक्षित परिणाम नहीं मिल रहे है तो निश्चित रूप से जरूर कुछ कमीयाँ हो सकती है - जो कमीयाँ तुरंत कम करने की जरूरत है ! मतलब ? हिंदुओं का मतदान का कम प्रतिशत होना और राष्ट्रीय पुनर्निर्माण में अनेक बाधाएं उत्पन्न होना ! तथा राष्ट्रविघातक शक्तियाँ फिर से ताकतवान बनने की कगार पर आना ? मतदाताओं के हर घर में जाकर प्रबोधन करने में और हरएक मतदाताओं को पोलिंग बुथ पर पहुंचाने में हम विफल क्यों हो गये ? मेरे अनेक लेखों में मैंने बारबार इस विषय पर विस्तृत लिखा है ! इसके सिवाय ही घुसपैठीयों का मतदान रोकने में , बोगस मतदान रोकने में तथा लालच दिखाकर मतदान प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करनेवाली शक्तियों को रोकने के लिए शासकीय तौर पर अपयश क्यों मिल गया ?  इसके

मुर्ख हिंदू ?

 *हिंदू इतना मुर्ख क्यों ?*  ✍️ २५०८ 🤔🙊🤔🙊🤔🙊🤦‍♂️  *हिंदू इतने मुर्ख क्यों और कैसे* *बन रहे है ?*  सदियों के अतीभयानक और भयावह अन्याय और अत्याचार भी कैसे भूल रहे है ? हिंदुत्व खतरे में है तो भी क्यों जाग नहीं रहे है ? हिंदुत्ववादी पार्टीयों को भी मतदान नहीं कर रहे है ? या फिर मतदान के लिए भी बाहर नहीं निकल रहे है ? और उल्टा समाजवाद का विनाशकारी ढोल भी पिट रहे है ? मोदिजी और योगीजी ने सोने का भारत बनाने की योजनाएं बनाकर भी ?  *सबकुछ आश्चर्य ही आश्चर्य है !*  हिंदुही हिंदुत्व को नकार रहा है ? हिंदुही हैवानियत को स्वीकार रहा है ? अगर हाँ , तो यह सबकुछ अतीभयावह हो रहा है ! और इसका जालीम इलाज और अंतिम उत्तर भी क्या है ? हिंदुत्व बचाने का ? सनातन संस्कृति बचाने का ?? हिंदुही जहरीले साँप बनकर हिंदुत्व को , सत्य को , सत्य सनातन को , मानवता को , ईश्वरी सिध्दातों को , कुदरत के कानून को भी डस रहा है ? हिंदू ही हिंदुत्ववादियों को डस रहा है ? और विनाशकारी हैवानियत को बढावा देकर खुद का सर्वनाश भी कर रहा है ? तो *मोदी योगी भी आखिर क्या* करेंगे ? हतबल समाज ? मृतप्राय समाज ? गुलामी में ही मदमस्त ह

माझा भगवंत

 *माझा भगवंत*  माझा भगवंत सगळ्यांना पुरून उरलेला आहे. सगळ्या  ब्रम्हांडात भरून उरलेला आहे. प्रल्हादाच्या रक्षणासाठी धावत येणारा प्रल्हादाच्या अत्याचारी बापालाही न सोडणारा व टरटरा फाडून काढणारा माझा नारसिंह माझ्या रोमारोमात अहोरात्र भरलेला आहे. गुरू दत्तात्रेयासह माझे सद्गुरू आण्णा माझ्या डोक्यावर वरदहस्त ठेवून मला यशस्वी वैश्विक कार्यासाठी आशिर्वाद देतात ते माझे आण्णा रात्रंदिवस माझ्या रोमारोमात भरलेले आहेत . सापासारख्या भयंकर विषारी शत्रुवर तुटून पडण्यासाठी माझा हनुमंत माझ्यासमोर अहोरात्र उभा आहे. " कशाला रडतोस ? कशाला काळजी करतोस ? कशाला चींता करतोस ? मी आता तुझ्या घरी रहायला आलेली आहे " असे म्हणून माझ्या डोक्यावरून वात्सल्याने हात फिरवणारी ,माझे अश्रू पुसणारी  साक्षात जगदंबा , माझी खरी आई कोल्हापूर निवासी माता महालक्ष्मी माझी अहोरात्र चींता करते तर मग माझे हितशत्रु  माझे काय वाकडे करणार आहेत ? दस-याच्या खंडेनवमीचा , शस्त्रपूजनाचा , आई सिध्दीदात्रीच्या प्रत्यक्ष वरदानाचा हा दिवस माझा जन्मदिवस आहे तर मग माझ्या धधगत्या तेजस्वी ईश्वरी शक्तिपुढे माझ्या दुष्ट हितशत्रुंचा माझ्याप

आरपार की लडाई

 *मोदिजी अब बम धमाका तो ?*   *करना ही पडेगा !!* ✍️👆२५०५  *विनोदकुमार महाजन*  ⁉❓⁉❓⁉❓  *मोदिजी ,*  अब समय हाथ से बाहर निकल चुका है !  स्पष्ट बहुमत नहीं है ! बैसाखी सरकार है ! पहले जैसी तेज निर्णय क्षमता का और निर्णायक फैसलों का समय नहीं है ! अगला पंचवर्षीय लोकसभा चुनाव जीतने का कोई भरौसा लगता नहीं है ! घुसपैठीयें , तेजीसे बढती उनकी भयंकर आबादी और विरोधियों की मतविभाजन न होने देने की अचूक रणनीति भविष्य अंधकार मय कर सकती है ! इसीलिए कम समय में सख्त निर्णय लेने ही होंगे ! समय हाथ से निकल चुका है ! सर से उपर पाणी बह चुका है ! अब सबका साथ सबका विकास यह मुद्दा नहीं चलेगा !  उनका कितना भी विकास करों अथवा उनको सोने का राजमहल बना दो , आपको वो कभी भी मतदान नहीं करेंगे , यह बात पक्की ध्यान में रखनी होगी ! जनसांख्यिकीय आधार  " पर ? " चुनावी लडाई जीतने की उनकी पूरी तैयारी हो चुकी है ! खतरा भयंकर है ! खतरा तेजीसे बढ भी रहा है ! अब कृष्णशिष्टाई का समय समाप्त हो चुका है ! सज्जनों का रक्षण , दुर्जनों का विनाश यह निती अब तेजी से अमल में लानी ही होगी ! कठोर फैसले तेज गति से लेने ही होंगे !  *सज्

विश्वास

 भगवंतावर विश्वास , श्रद्धा व नितांत प्रेम असेल तर तो आयुष्याचं बिघडलेलं गणीत  सुध्दा सुरळीत करतो. विश्वास ठेवा. विनोदकुमार महाजन

फन

 हरामखोर ,बेईमान ,गद्दार नमकहरामों को मुक्त का राशन , घर और अन्य सुविधा मत बाँटों मोदीजी ! क्योंकी यह तो आस्तीन के जहरीले साँप है !! कठोर कानून बनाकर इनका सदा के लिए सर कुचला दो !! विनोदकुमार महाजन

साँपों को

 *साँप को मारेंगे ? देवताओं को* *पूजेंगे ??* ✍️ २५०४  *विनोदकुमार महाजन* 🐍🕉👆🤷‍♂️👍 मनुष्य जन्म बडा विचित्र होता है ! सुखदुखों का मेला ! साधारणतः सुख कम और दुख जादा ! लगभग सभी लोगों की यहीं कहानी ! ऐसे अजीबोगरीब मनुष्य जन्म में , नशीब के फेरों में ,सभी के साथ हरदिन अनेक घटनाएं होती रहती है ! कभी चित्रविचित्र भी , कभी आश्चर्यजनक भी , कभी विचित्र भी और कभी हैरान करनेवाली भी ! वैसे तो हरदिन हमारा संपर्क अनेक व्यक्तियों से होता रहता है ! लोग भी बडे चित्रविचित्र मिलते रहते है ! कभी साँपों जैसे फन निकालने वाले अथवा दंश करनेवाले जहरीले लोग मिलते है ! तो एखादबार कभी कभी देवता तूल्य महात्माओं के दर्शन होते है और पूरा दिन आनंद से गुजरता है ! साधारणतः हरदिन की दिनचर्या में दुर्जन ही जादा मिलते है और सज्जन - सत्पुरुष कभी कभार ! असली साँप भी कभी कभार दर्शन देकर दूर चले जाते है ! मगर साँपों जैसे जहरीले दुष्टात्मे मनुष्य प्राणी हर जगहोंपर दिखाई देते है ! जो परपीडा देने में ही माहिर होते है ! इसिलिए मनुष्य प्राणियों में ही साँपों जैसे लोग भी दिखाई देते है ! तो कभी देवता स्वरूप व्यक्ति भी सौभाग्य से

बचपन

 अगर बचपन में तुम्हारा कोई मानसिक छल कपट करता है तो यह गहरी  जख्म तुम्हारे दिलोदिमाग में आजीवनताजी रहती है और उसी याद से तुम्हारी आत्मा निरंतर तडपती रहती है ! छोटे बच्चे फूलों जैसे !! विनोदकुमार महाजन

जडें

 ' हर जगहोंपर " उगनेवाले जहरीले पेडों की शाखायें मत काटो बल्की एक ही  झटके में सभी जहरीले पेडों  की एकसाथ जडे ही काट डालों  कैसै ? संपर्क करना ! विनोदकुमार महाजन

मोदी का तूफान

 *क्या मोदी नाम का तूफान रोक* *दिया गया है ?*    ✍️ २१०३  *विनोदकुमार महाजन* ×××××××××××××××× साथीयों , क्या आपको लगता है कि , मोदिजी नाम के शक्तिशाली वैश्विक तूफान को रोक दिया गया है ? तो मैं कहता हूं *हरगिज़ नहीं !* सोचो..... सावरकरजी क्या कहते थे ? मुझे दूसरों से जादा हिंदुओं का ही डर सताता है ! और इसी लोकसभा चुनाव में भी यहीं दिखाई दिया ! मोदिजी ,योगीजी का इतना जबरदस्त शक्तिशाली झंझावात , नेटवर्क ,आश्चर्यचकित करनेवाली विकास कार्यों की गति , तूफान जैसी अनेक सभाएं....? आखिर क्या दर्शाती है ? और इतना होने के बावजूद भी , उदासीन ,मृतप्राय हिंदुओं ने ही सचमुच में घात किया ? मोदिजी और योगीजी के प्रति उदासीनता और मतदान प्रक्रिया में बढचढकर सहभागिता दिखाने के बजाय ? मतदान को ही बाहर नहीं निकालना , अथवा छुट्टियां मनाने के लिए , मतदान के दिन दूर जाना , यह कौनसी मानसिकता दर्शाती है हिंदुओं की ? मतलब साफ है !  *सावरकरजी का शब्द सही* *साबित हुवा !*  फिर भी साथीयों , गहराई से सोचो.... हिंदुओं की उदासीनता , जाँर्ज सोरेस जैसे अंतरराष्ट्रीय पातालयंत्री का भयंकर षड्यंत्र , जो अमरीका के डोनाल्ड ट्रंप क

मुर्दाड हिंदू ?

 *मुर्दों को जींदा कौन करेगा ?*  👆✍️  २५०२  *विनोदकुमार महाजन*  🙊🙊🙊🙊🙊🙊🤦‍♂️ देश में क्रांति ❓नहीं होगी ! क्योंकि हिंदू ❓थकाहारा ही नही तो ❓🙊🤦‍♂️मरा हुआ है ! मुर्दाड हिंदुओं को जगाना ⁉ उन्हें ❓फिरसे जींदा करना ❓ साधारण बात नहीं है ! क्योंकि " इन्हे " अमृत पिलाकर " इनका " चैतन्य जगाना ❓ साधारण सी बात नहीं ! क्योंकि हिंदू अब ❓ चैतन्यशून्य ❓बन गया है ❓ मुर्दाड मन से ❓ अपमानित ❓कलंकित ❓ जीवन जीना ❓ सिख गया है ⁉❓ धर्म , देव और देश के लिए ❓ संस्कार और संस्कृति के  लिए ❓जीना इन्होंने ❓ कब का छोड दिया है ❓ मत जगाओ रे मुर्दाडों को मत अमृत पिलाओ नंपुसंकों को अगर जींदा भी हुवा ❓ तो क्या करेगा ❓ राममंदिर की जगहपर ❓ फिरसे ❓....वहीं बनायेगा ⁉❓❓❓❓❓ जो आक्रमणकारियों ने ❓ अत्याचारीयों ने ❓ चोर , लुटेरों ने ❓ सदीयों से ⁉....बनाया था....! मत जाग रे हिंदु( राजा )? ! तेजोहीन माती का पुतला ऐसा ही तु सोता जा ! मरता जा ! जातीपाती में बँटता जा ! हरदिन , हरजगह कटता जा ! भागता भी जा ! स्वाभिमान शून्य ,लाचार , हीन दीन बनकर , नीचे मुंडी करके ❓ जीता जा ! कोई करें कितने भी अन्याय - अत्याच

खाते में

 आप के खाते में ⁉ फटाफट फटाफट फटाफट 8500 / ₹ रूपये आये क्या ❓ मेरे खाते में तो नहीं आयें !! तो चलो , " उसके " घर के सामने रूपये मिलनेतक धरनेपर बैठते है !! विनोदकुमार महाजन

चमत्कार

 *क्या सचमुच में चमत्कार होगा ?*  ✍️ २५०१ 👆👍👆👍👆👍👆  *भविष्य में ?*  काँग्रेस के पैंसठ से सत्तर सांसद कट्टर हिंदुत्ववादी बनकर ? बिजेपी में प्रवेश करेंगे ? दूसरे पार्टीयों के सांसद भी ? बिजेपी ज्वाईन करेंगे ? और चारसौ पार हो जायेगा ? ( छह महीने बाद ?? ) और ? देश का इतिहास और ? भूगोल भी बदल जायेगा ? और ? आज बहुमतों के कारण ? असंभव लगनेवाले *सभी कार्य ?*  संभव में बदल जायेंगे ? ईश्वर की इच्छा कौन जाने *बाँस ??*  क्योंकि यह परिवर्तन की घडी है ! युगपरिवर्तन की महत्वपूर्ण घडी ! इसमें असंभव लगनेवाले भी सभी कार्य संभव में बदल जायेंगे !?  *इसके साथ ही ?*  आतंक से पिडित सभी देश भी वैश्विक आतंकवाद के विरूद्ध एकसाथ मोर्चा खोलेंगे ? जिसमें ?  अंदर के और बाहर के सभी आतंकवादी , हाहाकारी घुसपैठियों का ? सदा के लिए ? *संपूर्ण बंदोबस्त* किया जायेगा ?  *और सभी देश ?*  सुखी , संपन्न ,समृद्ध जीवन जियेंगे ? शांतिपूर्ण जीवन ?  *संपूर्ण वैश्विक शांति ?*  अब राम नहीं   *बल्कि कल्कि चाहिए ??*  बोलो ??? ईश्वर भी यही चाहता है ???  *ईश्वर की इच्छा कौन जानें !??*  ईश्वर ने अगला रास्ता तो ?  *दिखाया है !!*  अब

घाततंत्र

 यह लोकतंत्र है या फिर ? घाततंत्र है ? जेल में बंद होकर भी कोई ? लोकसभा चुनाव लड सकता है ? और ? चुनकर भी आता है ? घोर लोकतंत्र ? घोर कलियुग ? विनोदकुमार महाजन

लालच

 फ्री के लालच में ❓ खुद की आत्मा बेचनेवाला ❓ नमकहराम ❓जयचंद ❓ हिंदू ❓हिंदू ❓❓ हिंदू ❓❓❓ विनोदकुमार महाजन

चुनाव ?

 सभी विरोधियों की धांदली हेराफेरी की तुरंत जाँच हो और फिरसे लोकसभा का चुनाव घोषित करें ! कठीण है मगर असंभव नही है ! विनोदकुमार महाजन

निवेदन

 *महत्वपूर्ण निवेदन* सद्या समाजामध्ये प्रत्येक क्षेत्रामध्ये सामाजिक आक्रोश ,उदासीनता ,एकाकीपन ,बेफिकीरी , सुसंस्कृत पणाचा अभाव , नात्यागोत्यामध्ये दुरावा , अशांति , प्रक्षोभ प्रचंड प्रमाणात वाढतो आहे . माणूस हताश होतो आहे. आणी समाजामध्ये एकाकी ,एकटा पडतो आहे . रस्त्याच्या कडेला एखादा मनुष्य मरून पडला तरी त्याकडे ढुंकूनही बघण्याची तयारी कोणीच दाखवत नाही. एवढा ह्रदयशून्य मनुष्य प्राणी कसा व कधी झाला कुणाला कांही कळालेच नाही. त्यातूनच अनाथपण , निराधार - निराश्रीतपण , असहायता वाढतच गेली . परदेशी जाणारी मुलं आपल्या नातेसंबंधाला विसरून गेली . आणी कायमची तिकडचीच झाली. मग त्यांच्या संकटात सापडलेल्या ,समाजात एकाकी पडणा-यांना आधार कुणाचा ? आधारच संपला. आजारी माणसाला दवाखान्यात नेणारे कोणी नाही. कदाचित जवळ पैसाही नाही. असह्य जीवन. हे ओळखुनच समाजातील निराश्रीत - निराधार घटकांना आधार देण्याच्या उद्देशाने , संबंधिताची निरपेक्ष व धनाची अपेक्षा न ठेवता सेवा करण्यासाठी आम्ही एक राष्ट्रीय सामाजिक संघटन उभे करत आहोत.निराधारासाठी अनेक गावातून विनामुल्य हाँस्पीटलस् निर्माण करण्याचा संकल्प आहे. त्यासाठी ७

नालायक हिंदू ?

 *सच्चा हिंदू ? हार गया ?*   *बेईमान हिंदू ? जीत गया ??*  ✍️ २४९९  *विनोदकुमार महाजन*  🙊🙊🙊🙊🙊🙊🙊 आज संपूर्ण देश में ? क्या हिंदुत्व हार गया ? और ? इससे साबित हुवा ? की...  *हिंदुओं को ...* ??? हिंदुत्व से ? राममंदिर निर्माण से ? देश के तेज विकास से ? आदर्श सिध्दांतों से ? सनातन संस्कृती से ? धर्म से ? भगवान के भगवे से ? कुदरत के कानून से ? ईश्वरी सिध्दांतों से ? सत्पुरूषों से ? ईमानदारी से ? महापुरूषों से ? आदर्श संस्कृती से ?  *कुछ लेनादेना ही नही है ??*   *इससे भी भयावह बात यह भी है* *की...* ? अनेक अत्याचारी ? हिंदुहत्यारे ? आतंकवादी ? परकीय लुटेरों से ? घुसपैठीयों से ? मुगल , अंग्रेज और ? हमारे ? अपने ? अत्याचारी ?  *काले अंग्रेजों से ?*  उनके अनन्वित अत्याचार से ? कुछ लेना देना ही नहीं है ?  *इतना ही नही तो ?*  मोदी नाम के महापुरुष से ? महानायक से ? युगपुरुष से ? ईश्वरी कृपाप्राप्त महात्मा से भी ?  *विशेषत: कुछ हिंदुओं को भी ?*  कुछ भी ? लेनादेना ही ? नहीं है ? अगर लेनादेना होता तो ?  *चारसौ पार ?*  बना ही देते !! फिर भी ? इतना भयंकर होने के बावजूद भी ?  *वह महानायक ?*  तीसरी

फिर एक बार

 *एक अकेला शेर ?*   *सबको भारी पड गया !!*  👍👍👍👍👍👍👍 " एक अकेले " शेर ने अलीबाबा और  " चालीस चोरों को " जंग जंग पछाड़ने के बाद भी सत्ता से दूर रखा ! और " देश की चाबी " अपने हाथ में ही रख दी ! घुसपैठियों का निर्णायक और एकगठ्ठा मतदान , शायद ? बोगस मतदान भी ? पैसों का लालच भी ? हिंदुओं को जातीयों में तोडने की रणनीती भी ? इतना होने के बावजूद भी " चालीस चोर "  सत्तातक नहीं पहुंच सकें !  *एक अकेला शेर सबको*   *भारी साबित हो गया !*  और ? बासट सालों बाद ? फिरसे नया इतिहास बना दिया ! एक की पक्ष का , एक ही व्यक्ति , बहुमतों के साथ ?  *तीसरी बार ? !!*  फिरसे सत्तास्थानपर स्थानापन्न हुवा !  *फिर एक बार ?*   *मोदी सरकार !!*   *विनोदकुमार महाजन* 👆👍🚩👍🚩👍🚩

अकेला शेर

 " एक अकेले " शेर ने अलीबाबा और " चालीस चोरों को " जंग जंग पछाड़ने के बाद भी सत्ता से दूर रखा ! और " देश की चाबी " अपने हाथ में ही रख दी ! विनोदकुमार महाजन