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Showing posts from March, 2025

प्रहार

 " उनपर ? " विजय प्राप्त करने का केवल और केवल एक ही सही रास्ता है ! " नेस्तनाबूद " होने तक  " उनपर " जमकर प्रहार करो !! शक्तिशाली  " प्रहार "करेंगे तभी बचेंगे !! अन्यथा ? संपूर्ण नेस्तनाबूत और अस्तित्व शून्य हो जायेंगे ! विनोदकुमार महाजन

युगों युगों से

 *युगों युगों से....*  ✍️ २६२६ ✅✅✅✅✅ उन्मादी , हाहाकारी , परपिडा देने में ही सदैव आनंदित रहनेवाले , रावण , दुर्योधन , कँस , हिरण्यकशिपु ,जरासंध जैसे अनेक भयंकर महाराक्षस ईश्वरी शक्तियों द्वारा , चुनचनकर मारे जाते है ! जी हाँ मारे ही जाते है ! कोई भी नहीं बचता है ! युगों युगों से युगों युगों तक ! अब भी उन्मादी , हाहाकारी असुरों के सर्वनाश का समय ? नजदीक है ?? आपको क्या लगता है ??? सुदर्शन चक्रधारी भगवान श्रीकृष्ण की जय हो !! भगवान विष्णु की जय हो !! 🌞🌞🌞🌞🌞  *विनोदकुमार महाजन*

कर्मगती

 आयूष्यभर सगळ्यांच चांगल चिंतुनही जर एखादा आयुष्यभरासाठी द्वेषाचा धनी होणार असेल तर त्याला काय करणार ? यालाच कदाचित कर्मगतिचा फेरा म्हणत असावेत. जय हरी विठ्ठल. 🙏🙏🙏🕉🚩 विनोदकुमार महाजन

सफलता

 *कार्य सफल कैसे होगा ?*  ✍️ २६२५ 🚩🚩🚩🚩🚩 हिंदुराष्ट्र निर्माण और अखंड भारत बनाने की अपनी अंतरात्मा की आवाज , अंदर की आग , लाव्हा और ज्वाला कायम रखेंगे और उसी दिशा में चौतरफा यशस्वी रणनीती बनायेंगे तो ? दयालू ईश्वर भी हमारे कार्यों में तुरंत सफलता देकर रहेगा ! मुर्दा मत बनो , जींदा रहो ! अंदर की आग जींदा रखो ! गलितगात्र , हतोत्साहीत ,हीन, दीन,लाचार मत बनो ! स्वाभीमानी , तेजस्वी , शूर , वीर बनेंगे तभी बचेंगे.... राजा शिवबा जैसा , छत्रपती संभाजी जैसा महापराक्रमी बनेंगे ! कसम शिवबा की खाते है... आक्रमणकारी , अत्याचारी , विदेशी आक्रांताओं का सदा के लिए नामोनिशाण मिटाते है ! हर गली गाँव शहरों के , आक्रमणकारीयों के नाम , सदा के लिए मिटाते है ! ( कार्य सफलता के लिए हर जगहों पर सामुहिक साधना और देवीदेवताओं का हवन जरूरी है ! ) जय भवानी जय शिवाजी ! भगवा राज ! हर हर महादेव !! ( लाखों , करोडो महात्मा हिंदू राष्ट्र और अखंड भारत की ओर आँख लगाकर बैठे है , उन सभी पुण्यपुरूषों को यह मनोगत समर्पित ) 🚩🚩🚩🚩🚩  *विनोदकुमार महाजन*

भाईचारा

 जिस गाय को हम माता मानकर पूजते है  उसी गाय को काटकर खानेवाला हमारा दोस्त कैसे होगा मंदिर में जाकर पूजा करने वाले हम हमारे मंदिरों को तोडनेवाला हमारा दोस्त कैसे होगा भाईचारे की नौटंकी बंद करो , अकल के अंधे बनना भी बंद करो और आँखें खोलों भाईचारा सब नौटंकी है  विनोदकुमार महाजन

नागा साधू

 नागा साधुओं का ? शस्त्र और शौर्य जिसदिन बाहर आयेगा तो क्या होगा ? पाप का अंत !  पुण्यात्माओं कि खुली श्वास ! विनोदकुमार महाजन

असुरमुक्त भारत

 असुरमुक्त भारत असुरमुक्त विश्व बनाने की एक यशस्वी रणनीति बनानी होगी और शक्तिशाली अंतरराष्ट्रीय टीम बनाकर और तर्क संगत बुध्दिवादीयों का यशस्वी नेटवर्क बनाकर कार्य संपन्न और सफल बनाना होगा ! कौन सारथी बनेगा ?? विनोदकुमार महाजन

मौलिक विचार

 *मौलिक विचार...*  ✍️ २६२३ दु:खी आहात ? तर मग ? एकटे जगायचं शिका.कुणाकडेही आधार मागू नका.दुनिया फार मतलबी आहे . तुम्ही दु:खी आहात हे बघून , तुम्हाला आधार देणारे कुणीचं भेटणार नाहीत.उलटपक्षी नरकयातनाचं देणारे भेटतील.अगदी पावलोपावली.  ज्यांना छातीची ढाल करून आधार दिला , तेही रडवतील.म्हणुनच दु:खात कुणाचाही आधार शोधू नका. प्रसंगी एकटे जगा. ईश्वरावर भार सोपवा , त्याचा आधार घ्या. ये भी दिन जायेंगे. तेरे भी दिन आयेंगे. असं मनोमन  सतत म्हणत रहा. ईश्वरी चिंतनाने सैरभैर मन शांत करा. वाटल्यास, " चंदन चावल बेल की पतीया , शिवजी का ध्यान धरो रे , हे प्रभो , मेरा काम करो रे..." हे गजानन महाराजांच आवडतं भजन सतत गुणगुणतं रहा. नक्कीच दु:खमुक्त व्हाल. हर हर महादेव.  *विनोदकुमार महाजन*

रणबीर सेना

 " रणबीर सेना ? " शायद नब्बे प्रतिशत हिंदुओं को  पता ही नहीं होगी ! जब ? सौ प्रतिशत हिंदू  " गोपाल पाठा " बनेंगे तो ?  उत्तर...अपने आप मिलेगा ! क्रांति, शौर्य , साहस और पराक्रम का धधगता अंगार ! सत्य का रखवाला ! और सत्य की अंतिम जीत का संग्राम ! विनोदकुमार महाजन

धर्मासाठी

 स्वतः साठी खूप जगलातं. आता थोडं तरी समाजासाठी , देशासाठी , धर्मासाठी जगा. विनोदकुमार महाजन

नियोजन

 ईश्वराने सुध्दा.. " नियोजन " करूनच उन्मादी , हाहा:कारी राक्षसांचा संहार केला. बोध ??? काय घ्याल ? विनोदकुमार महाजन

विश्व स्वधर्म

 *वैश्विक सनातन संस्कृति*  ✍️ २६२२ 🌞🕉🚩🌞🌞 इंन्सान के भरौसे , विशेषत: " हिंदुओं के " भरौसे नहीं बल्कि कठोर तपश्चर्या द्वारा ईश्वर प्राप्ति से और उसके मनचाहे वरदान से ही अब हिंदुराष्ट्र और अखंड भारत बनेगा !  क्या यह समय भी नजदीक है ? स्वयं ईश्वर भी यही चाहता है ? समय सचमुच में करवट बदल रहा है ? नया युग , नयी रोशनी लेकर आ रहा है ?  वैश्विक सनातन संस्कृति और वैदिक सनातन हिंदू धर्म का समय आरंभ हो गया है ? उत्तर के लिए ? बस्स्... समय का और थोड़ासा इंतजार ! ।। विश्व स्वधर्म सुर्ये पाहो ।। [ संत ज्ञानेश्वर : - पसायदान ] 🌞🌞🌞🕉🚩  *विनोदकुमार महाजन*

कौन है वो २

 *कहाँ से आयेगा वो ??*  ✍️ २६२१ 🚩🚩🚩🚩🚩 अब , हिंदुराष्ट्र निर्माण के लिए बहुत बडे " धमाके की " सख्त जरूरत है ! अखंड भारत निर्माण के लिए भी शक्तिशाली " धमाकेदार " व्यक्तित्व की भी सख्त जरूरत है ! केवल घोषणाबाजी और स्वप्नरंजन से कुछ भी साध्य नही होगा !⁉ कुछ भी हासिल नही होगा !! चर्चा पे चर्चा लोकसभा में चर्चा राज्यसभा में चर्चा अखबार में चर्चा टिव्ही पर चर्चा सोशल मीडिया पर चर्चा जनमानस में चर्चा इससे हल कुछ भी नहीं निकलेगा ! " तबतक जहरीला साँप " गुप्त रूप से अपनी शक्ति शतगुना बढायेगा ! और  " उसे जो चाहिए...🐍🐍 वह...सबकुछ ❓" हासिल करेगा ! करके ही रहेगा ! आजतक का " उसका " यही इतिहास है और इतिहास में " इसकी " अंतिम काट भी बहुत कम दिखाई देती है ! तेजीसे सख्त और कठोर कदम ही " इसकी ! " अंतिम तथा यशस्वी  काट है ! इसिलए , अब देश को चाहिए ?❓ धमाकेदार व्यक्तित्व ? धमाकेदार नेतृत्व ? धमाकेदार कर्तृत्व ? जो असंभव को संभव में बदल देगा !?? अब चाहिए केवल और केवल  " एक ही माई का लाल ? " जो देश की दशा और दिशा बदल देगा ! ...

कौन है वो ?

 कौन है वो ? कहाँ है वो ? कहाँ से आयेगा वो ?? देश का सारा चित्र ही बदल देगा वो ??? 🌞🌞🌞🌞🌞 विनोदकुमार महाजन

सुरक्षितता

 " अलिकडे " सर्वच क्षेत्रात सुरक्षितता खूपच महत्वाची झाली आहे , कारण ?  माणूस ❓माणूसच राहिलेला नाही. बढती हैवानियत का इलाज ?❓⁉भी ❓ कुछ भी नहीं है !! सुरक्षित गेट , सिक्युरिटी , सिसिटिवी , सेफ्टी डोअर , सेफ्टी ग्रील ?? तरीही सुरक्षितता वाटतच नाही. उन्मत्त , उन्मादी भयंकर कली का प्रभाव ? ❓ और अराजकता ❓⁉ विनोदकुमार महाजन

सावधान

 हर डालपर तुम्हारे मौत का इंतजार करनेवाले गिद्द बैठे हुए है ! हर कदमपर तुम्हें बरबाद करने का सपना देखने वाले चालाक ऊल्लू बैठे है ! हर कदम , हर पल , हर क्षण तुम्हें फूंकफूंककर चलना होगा ! नये उजाले की ओर बढना होगा ! सनातन का उजाला करना होगा ! हर हर महादेव !! विनोदकुमार महाजन

श्रीकृष्ण

 *श्रीकृष्ण ऊवाच : -* माझ्या हातून एकही हैवान , सैतान कच्चा सुटत नाही. आजपर्यंतचं माझं हे किर्तीमान आहे.भलेही माझा सख्खा मामा कंस का असेना ? त्या उन्माद्यालाही मी माफ करत नाही. युगे युगे मी यासाठी अनेक देह धारण करून येतच असतो. पुढेही येतच राहीन. विनोदकुमार महाजन

अंदर का ईश्वर

 *ईश्वर कहाँ है ❓*  ✍️ २६१७ ईश्वर कहाँ है ? ईश्वर का धधगता तेज कहाँ है ?? वो तो हमारे अंदर ही है !? ईश्वर का सारा चैतन्य , तेज , धधगती ज्वाला भी हमारे अंदर ही है ! फिर भी हम ? हतोत्साहित , गलीतगात्र , नामोहरम , तेजोहीन क्यों ? क्यों ?? ❓⁉ राम भी हमारे अंदर है ! कृष्ण भी हमारे ही अंदर है ! धधगता नारसिंह भी हमारे अंदर है ! परशूराम भी हमारे अंदर ही है ! धर्म रक्षा के लिए रावणदहन करनेवाले राम अब बनना है ! मुरली की धून बजाने वाला , सुदर्शन चक्र धारी श्रीकृष्ण बनकर , सगामामा कँस , दुष्ट दुर्योधन , शकुनी जैसे अधर्मीयों का नामोनिशान ? मिटाना है ! सदा के लिए ! धधगता लाव्हा बनकर , नारसिंह बनकर , उन्मादी , हैवानी हिरण्यकशिपु का भी संहार करना है ! सिध्दांतों के लिए , माता रेणुका का का भी... सर ...??? करनेवाला चिरंजीव परशु धारी परशुराम भी बनना है ! धर्म संकट गहरा है ! अधर्म का अंधेरा भयानक है ! अधर्मीयों का उन्माद विनाशकारी है ! धरती माता भी पाप के भय से थरथर काँप रही है ! सजीव सृष्टि मुसिबतों में है ! सृष्टि चक्र भी असंतुलित है ! तो चलो .... फिर से रामकृष्ण बनते है ! नारसिंह परशुराम बनते ...

सृष्टिसंतूलन

 " सृष्टिसंतूलन " बिगाड़ने वाले...सब के सब , अधर्मी , उन्मादी ,पापी ठोकें जायेंगे ! जय कल्कि भगवान !! विनोदकुमार महाजन

चर्चा

 हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की " केवल " चर्चा हो रही है इस्त्रायल जैसे ठोस कदम  ? नही उठाये जा रहे है ⁉ चर्चा और चर्चा ...🤦‍♂️ विनोदकुमार महाजन

हम सब

 हम सब हिंदू है और हम सब एक है , इसका हमें अभिमान है ! एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे ! बटेंगे तो कटेंगे ! हर हर.महादेव !! विनोदकुमार महाजन

इतिहास

 *महापुरुष !!* 💎💎💎💎💎 ✍️ ( लेखांक )२६१६ ज्यावेळी एखाद्याच्या आयुष्यात अति भयावह घटना घडतात,जीवन मरणाचे सतत प्रसंग उद्भवतात,त्यावेळी ती व्यक्ति हतबल होऊन आयुष्यातुनच उठते. जर एखाद्या निष्पाप व्यक्तिचा कोणी वैयक्तिक राक्षसी स्वार्थासाठी , अनन्वीत , असह्य मानसिक छळ करून, त्यालाच उलटा भयंकर व चौफेर बदनाम करून , आयुष्यातून, माणसातून,समाजातून, नात्यासंबंधातून उठवण्याचा अहोरात्र प्रयत्न करत असेल ,तर हे अति भयावह व असह्य होय. विशेषतः अनेक महापुरूषांच्या बाबतीत, विशेषतः आदर्श सनातन हिंदू धर्मातच अशा घटना घडत असतील तर ती नक्कीच धर्मग्लानी होय. आद्य शंकराचार्य , ज्ञानेश्वर महाराज , शिवाजी महाराज अशी अनेक उदाहरणे आपल्याच धर्मात सापडतील. पण महत्त्वाचे म्हणजे अशा अति भयावह व असह्य कुठाराघातून सावरून सुध्दा , असे महापुरुष आपल्या वैयक्तिक कार्याने व धगधगत्या ईश्वरी तेजाने इतिहास घडवतात व अजरामरही होतात. इतिहास साक्षी आहे. भक्त प्रल्हाद व हिरण्यकश्यपू हे याचे ठळक उदाहरण आहे. ध्रुव बाळ हेही यातले आदर्श उदाहरण आहे. ।। जय जय रामकृष्णहरी ।।  *विनोदकुमार महाजन* 💎💎💎💎💎

दुष्ट

 दुष्टों का साथ ❓ जीवन का सत्यानाश 💀 विनोदकुमार महाजन

भगवंत

 भगवंत भगवंताच प्रेम फार जबरदस्त असतं. आणी भगवंताचा क्रोधही भयावह असतो. त्यामुळे भगवंताचा क्रोध जागृत करू नये तर भगवंताच प्रेम मिळवाव. मी तरी भगवंताचं दिव्य प्रेम मिळवलं आहे. भक्तरक्षणासाठी नारसिंव्हाने हिरण्यकश्यपूला टरटरा फाड़तानाचं भगवंताच क्रौर्य आपणच बघितल आहे. म्हणूनच रात्रंदिवस भगवंतावर प्रेम करा. जय हरी विठ्ठल. विनोदकुमार  महाजन

इलाज

 ऐसी 👆 भयंकर बिमारी का केवल एक ही इलाज है  = योगी आदित्यनाथ

अंतरराष्ट्रीय फिल्में

 हिंदुत्व पर आधारित अंतरराष्ट्रीय फिल्में बनानी है लगभग 300 करोड़ रूपयों की जरूरत लगेगी इससे संपूर्ण विश्व में हमारी और सनातन संस्कृति की पहचान बनेगी और अगले कार्यों का रास्ता आसान हो जायेगा कार्यों में तुरंत सफलता मिलेगी ऐसी आशा करता हूं जय श्रीकृष्ण 🙏🕉🚩

रामकृष्ण हरी

 https://youtu.be/NUy8Ntkdl6c?si=T6ntOGzQ92IdAOJ8 रामकृष्णहरी इस दिव्य, स्वयंसिद्ध, अलौकिक मंत्र जाप के अद्भुत अनुभव आपको भी मिलेंगे  रामकृष्णहरी जय जय रामकृष्णहरी  🙏🙏🙏🕉️🚩

ह्रदयशून्य ?

 *ह्रदयशून्य !!*  💔💔💔💔💔 ज्यावेळेला एखाद्याला मायेच्या दोन शब्दांची गरज असते, आधाराच्या चार शब्दांची गरज असते , अशावेळी जर हे नाही मिळालं,उलटपक्षी द्वेषाचं भयंकर विषच पावलोपावली मिळतं गेलं तर , अशा माणसांचं आयुष्यचं पार बदलून जातं. विशेषतः ज्याच्यावर निरपेक्ष ,निर्वाज्य प्रेम केलं आणी त्यांनीच उलटपक्षी मनावर भयंकर कुठाराघात केले तर त्याचा सगळ्या जगावरचाच विश्वास पार संपून जातो. आणी अशी माणसं एकाकी बनत जातात , मात्र  अंतिम सत्य असणाऱ्या ईश्वराच्या मात्र अगदी जवळ जातात. जय श्रीकृष्णा !!  *विनोदकुमार महाजन*  💔💔💔💔💔

दिवानसिंग

 [11/03, 3:49 pm] Divansingh Bist, Haldwani: नमस्कार महाजन जी।    मान्यवर, विपक्षी दलों द्वारा उलूल जुलूल मुद्दों का संसद में उठाया जाना और फिर बहस कराने, सार्थक बहस में सौम्यता के साथ सम्मिलित होने के बजाय  संसद से वाक आउट करना एक असंसदीय परम्परा है जिसका नुकसान देश को भुगतना पड़ता है। विपक्ष की इस परम्परा को रोकना अति आवश्यकीय है।          मेरे विचार से जब भी विपक्ष संसद से वाक आउट करे कोई भी सांसद कोई ऐसा विधेयक संसद के पटल पर रख दे जिसके पास होने से विपक्ष को हानि हो। विपक्ष न संसद से वाक आउट कर सके न बहस में बाधा डाल सके। यदि हंगामा करे तो इसका वीडियो देश भर में खूब प्रसारित किया जाए। पहले भी विपक्ष द्वारा वाक आउट किए जाने पर कई विधेयक लोक सभा में पारित किए जा चुके हैं। [11/03, 4:03 pm] vinodkumarm826: दिवानसिंगजी आपके विचार मोदीजी तक पहुंचाने का मेरा प्रयास रहेगा  आपके विचारों में काफी सच्चाई है  👍🙏

चारों ओर से

 चारों ओर से अ - धर्मींयोंपर चारों ओर से टूट पडने से पहले उसकी अदृश्य रूप से चारों ओर से बाँधी कर लो ! फिर सौ प्रतिशत जीत धर्म की ही है !! अ - धर्म का नाश हो ! धर्म की जयजयकार हो ! गीतामाता का उपदेश हो ! गायत्री माता का नितदिन जाप हो ! गौमाता की रक्षा हो ! गंगामैय्या की जयजयकार हो ! सत्य की जीत हो ! अ - सत्य का नाश हो ! संपूर्ण धरती पर सत्य सनातन धर्म की जयजयकार हो ! ईश्वरी सिध्दांतों की जीत हो ! हाहाकारी हैवानियत का सदा के लिए नाश हो ! चलो हम सभी भगवे के एकछत्र के निचे आते है ! संपूर्ण विश्व में वैश्विक महाक्रांति का शंखनाद करते है ! विश्व मानव को जगाते है ! जय श्रीराम ! जय श्रीकृष्ण ! हर हर महादेव ! विनोदकुमार महाजन

लोकं चालली पळून

 परदेशात लोकं ? चालली पळून ?? ✍️ २६११ 🤔😳🤔😳🤔😳 प्रोग्रेस, प्रगति याच्याविषयी ब-याचं लोकांना कांहीही घेणंदेणं नसतं. फक्त लाथाळ्या , लाथाळ्या आणी लाथाळ्या. आयुष्यभर लाथाळ्या अन् एकमेकांच उणदुणं काढणं. प्रोग्रेस साठी शून्य प्रयत्न. आयुष्यभर फक्त द्वेष, मत्सर ,हेवेदावे, निंदा,नालस्ती ,कुटील कारस्थान यांनीच अख्ख जीवन भरलेलं. कर्तृत्व ? शून्य ! अन् कुणी पुढे चालला , स्वकर्तृत्वाने मोठा व्हायला लागला की ? त्याला सहकार्य सोडाच... त्याचेच पाय ओढणं , त्याला बदनाम करणं,त्याला अपमानास्पद वागणूक देणं, त्यालाच स्वार्थी, मतलबी, ढोंगी म्हणणं.... हेच चाललंय का हो अख्खा देशात ? अन् हिंदू समाजात ? म्हणूनच हिंदू अन् देशसुध्दा मागं आहे का हो ? घरोघरी मातीच्या चुली ? ( स्साँरी...घरोघरी लोखंडी गँस ?...कारण काळ बदललायं ना ? चुली गेल्या अन् गँस आला ? ) डोकं खरंच चक्रावून जातं ना असल्या भयंकर प्रकारानं ? कांहीच सुचत नाही. स्वतः पुढं जायचं नाही. दुस-याला पुढं जावु द्यायचं नाही. पुढ जाणाराला रात्रंदिवस दुषण देऊन छळतं रहायचं ? त्याला एकट्याला तरी आनंदाने जगु द्या ना रे बाबांनो ? खरंच , आम्ही कधी सुधारणार ?...