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कहाँ है तू ?

 *कहाँ है तू ???*  ✍️२४५४  *विनोदकुमार महाजन*  ( आध्यात्मिक पत्रकार ) ⁉️‼️❓⁉️‼️❓⁉️ प्रत्यक्ष देहरुप से परमात्मा श्रीकृष्ण अभिमन्यु के साथ होकर भी ? अभिमन्यु को नहीं बचा सकें ! ऐसा क्यों ? प्रत्यक्ष परमात्मा श्रीकृष्ण के माँबाप क्रूर और दुष्ट कँस के कारागृह में बंदिस्त रहे ! ऐसा क्यों ? राम को राजऐश्वर्य का त्याग करके बनवास भोगना पडा ! ऐसा क्यों ? परशुराम को अपने हे पीता के आदेश के लिए अपनी माता रेणुका का सर काटना पडा ! ऐसा क्यों ? भक्त प्रल्हाद को अपने ही दुष्ट पीता का भयंकर विनाश देखना पडा ! ऐसा क्यों ? और... राजा शिवछत्रपती को सारा ईश्वरी साम्राज्य क्रूर और अधर्मी औरंगजेब के झोली में एक ही झटके में , मिर्जाराजे जयसिंग के सामने , डालना पडा ! ऐसा क्यों ? धर्म प्रेमी संभाजी राजे को क्रूर , अधर्मी औरंगजेब के सामने ही मृत्यु आ गई ! ऐसा क्यों ? गुरू गोविंद सिंह का परिवार अधर्मियों ने नेस्तनाबूद किया ! ऐसा क्यों ? सावरकर का धधकता सत्य जीत न सका ! ऐसा क्यों ? सुभाषचंद्र बोस के साथ प्रधानमंत्री पद की योग्यता , क्षमता होने के बावजूद भी और चौतरफा यश की रणनीति होने के बावजूद भ...

बाबा का बुलडोजर

 *योगीबाबा का बुलडोजर चाहिए*  ✍️२४५३  *विनोदकुमार महाजन*  ( प्रखर राष्ट्रप्रेमी पत्रकार ) 👍👍👍👍👍👍👍 सत्य की जीत के लिए ? योगीबाबा का बुलडोजर ! सत्य सनातन की जीत के लिए ? योगीबाबा का बुलडोजर ! अधर्म के नाश लिए ?  योगीबाबा का बुलडोजर ! देश का अराजक तुरंत समाप्त करने के लिए ? योगीबाबा का बुलडोजर ! संपूर्ण देश में शांति सद्भाव स्थापित करने के लिए ? योगीबाबा का बुलडोजर ! केरल समस्या के लिए ? योगीबाबा का बुलडोजर ! पश्चिम बंगाल की भयानक समस्या के लिए ? योगीबाबा का बुलडोजर ! आतंकवाद का संपूर्ण सफाया करने के लिए ? योगीबाबा का बुलडोजर ! फर्जी किसान आंदोलन द्वारा संपूर्ण देश को गुमराह करके  खलिस्तान प्रेमीयों के लिए ? योगीबाबा का बुलडोजर ! चाहिए ही चाहिए !! देश के चौतरफा और गतिशील विकास के लिए यही जरूरी है ! योगीबाबा जींदाबाद ! योगीराज जींदाबाद ! योगीबाबा की त्रिवार जयजयकार हो !! संपूर्ण देश में ? योगीराज लागू हो !! जय श्रीराम !! हर हर महादेव !! गुरु गोरक्षनाथ की जय हो !! 👍👍👍👍👍👍👍

लीन

 भगवंताने एखाद्याला भरभरून जर सुखं दिली असतील आणी त्याला जर माज आला तर ? भगवंताला ती सुखं काढून घ्यायला ही वेळ लागत नाही. तात्पर्य : - ईश्वरी शक्तीपुढे नेहमी लीन व नतमस्तक रहावे. विनोदकुमार महाजन

अश्रुओं का मोल

 जहाँ हमारे अश्रुओं का मोल नही है वह रिश्ता जीवनभर के लिए तोड दिजिए !! विनोदकुमार महाजन

कर्म की गठरी

 कर्म की गठरी !! ✍️ २४५२ विनोदकुमार महाजन ★★★★★★★ कर्म की गठरी !  मतलब हमारे संचित कर्म ! प्रारब्धभोग ! हमारे पिछले जन्म के पापपुण्य का हिसाब किताब ! सुखदुखों का हिसाब ! हम अगर हमेशा सुखी जीवन जी रहे है तो ? पिछले जन्म के हमारे पुण्य कर्म अच्छे और प्रभावी होते है ! और अगर हम निरंतर दुख ही दुख भोग रहे है , अनेक समस्याओं से निरंतर घिरे हुए है , शत्रुबाधा से परेशान है , बिमारियां ,आर्थिक परेशानियां पीडा दे रही है , हमारे स्वकीय भी हमें सहयोग करने के बजाए ,हमें निरंतर पीडा देते है , बदनामीयाँ करते है , दुखदर्द देते है , नरकयातनाएं देते है... तो भी... यह भी हमारे ही पिछले जन्म का पापपुण्यों का हिसाब किताब ही होता है ! यही कर्म की गठरी है ! हमारे सुखदुखों के कारण हम स्वयं ही होते है ! इसीमें दोष किसिका भी नहीं होता है ! व्यक्ति निमित्त मात्र होते है ! क्योंकि हमारे कर्म ही हमें जीवन में सुखदुख देते रहते है ! इसिलिए हमेशा अच्छे कर्म करते रहिए ! यही दुखों से मुक्ति का एकमात्र रास्ता है ! श्रीहरि !! 🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷

दुखों से छूटकारा

 दुखों से छूटकारा ! ✍️ २४५१ विनोदकुमार महाजन 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 मन की धारणा जितनी अच्छी , शक्तिशाली ,प्रभावी , आनंदी ,उत्साही रहेगी...उतना ही हम हमेशा के लिए आनंदी रहेंगे ! उत्साही रहेंगे ! प्रफुल्लित रहेंगे ! इसिलिए मन की धारणा हमेशा अच्छी ही होनी चाहिए ! इसिलिए निरंतर ,नितदिन ,हरपल उत्साही ,आनंदी , प्रफुल्लित ,तेजस्वी रहने का प्रयास किजिए ! सुखदुख तो हरेक के जीवन में आताजाता ही है ! फिर भी हमेशा मस्त रहिए ! हमेशा मन की धारणा ऐसी ही रखिए कि , मैं हमेशा मस्त रहूंगा ,स्वस्थ रहूंगा ,खुशहाल रहूंगा , आनंदी रहूंगा ! और...मेरे संपर्क में आनेवाले हरेक व्यक्ति को , पशुक्षीयों को मैं निरंतर आनंदित करने का प्रयास करूंगा ! सभी को सुखी करने का हमेशा प्रयास करूंगा ! सभी से निरंतर , निष्कपट ,दिव्य प्रेम ही करूंगा ! करते रहूंगा ! और मैंने ऐसा दिव्य ,पवित्र प्रेम करनेपर भी किसीने मुझे धोखा दिया , मेरे साथ छल कपट किया , विश्वासघात किया तो मैं उस व्यक्ति से सदा के लिए दूर चला जाऊंगा ! आजीवन उसका मुंह भी नहीं देखुंगा ! क्योंकि उसकि नकारात्मक तथा बूरी शक्तीयों का मुझपर असर ना पडे ! और मेरे ईश्वरी कार्यों ...

हिंदुराष्ट्र

 *हिंदुराष्ट्र की माँग ?*   *उचित या अनुचित ??* ✍️ २४५०  *विनोदकुमार महाजन*  ( अंतरराष्ट्रीय पत्रकार ) 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩 यह राष्ट्र हिंदूराष्ट्र बनना चाहिए या नहीं इस विषय पर आज विस्तृत चर्चा करते है ! क्या हिंदुराष्ट्र की माँग उचित है या नहीं ? जी हाँ बिल्कुल उचित है ! कैसे ?? विस्तार से पढीये ! हिंदुराष्ट्र की अपेक्षा करनेवाले और विरोध करनेवाले भी !! साधारणतः जिस समाज की आबादी जनसंख्या के आधार पर जादा होती है , उसी के अनुसार वहाँ की शासनप्रणाली और कानून व्यवस्था , उसी समाज के लिए पोषक होती है ! विश्व के सभी देश इसके प्रमाण है ! तो फिर हमारे देश की आबादी हिंदूओं की जादा है ! इसीलिए इसे हिंदुस्थान भी कहा जाता है ! इसी आधार पर प्रमाणित करते हुए यह हिंदुराष्ट्र ही है ! और उसी के अनुसार कानून व्यवस्था भी ऐसी ही और हिंदुहितों की ही अपेक्षित है ! मतलब उन्हीके संरक्षण की शासनप्रणाली ! और साथ में सभी धर्मीयों के लिए भी समान न्यायप्रणाली ! मगर आजादी के बाद , यह राष्ट्र निधर्मी घोषित किया गया ! ऐसा क्यों किया गया ? यह बात अब देखते है ! निधर्मी राष्ट्र कहने के लिए क्या यहाँ ...