Posts

Showing posts from February, 2023

दुनियादारी

 अजब की दुनियादारी है दोस्त, ना जीने देगी, ना मरने देगी !!! ✍️ २१८६ विनोदकुमार महाजन -------------------------------- दुनियादारी ! मनुष्यों की ! बडी अजब गजब की है ये दुनियादारी ! ना जीने देगी, ना मरने देगी ! किसी को भी सुखचैन से नही जीने देगी,इसी का नाम ही दुनियादारी है दोस्त ! संभल के रहना, बचके रहना ! कोई सुख में जी रहा है, तो दुनियादारी, दुनियावाले लोग उसे सुख शांती से जीने नहीं देंगे ! और अगर कोई मुसिबतों में है,दुखदर्द, पीडा झेल रहा है , तो...? तो भी यही दुनियावाले, उसे और जादा पीडा,यातना, दुखदर्द, आत्मक्लेश देंगे ! मुसिबतों के बूरे दौर में,विचित्र क्षणों में,कोई सहारा देनेवाला नहीं मिलेगा ! मगर पग पग पर पीडा देनेवाले ,रूलाने वाले बहुत मिलेंगे ! अश्रु पोंछने वाला शायद कोई नहीं मिलेगा ! मगर अश्रु देनेवाले ही बहुत कुछ देखने को मिलेंगे ! मुसिबतों के दौर में,दूरसे तमाशा देखने वाले और हँसकर बरबादी देखनेवाले भी बहुत कुछ मिलेंगे ! शायद, जिसे हम हमारा समझ रहे थे,उसके मुसिबतों में हम उसका सहारा बने थे,शायद ऐसे लोग भी ,हमारे मुसिबतों के क्षणों में दूर भाग जायेंगे, दूरसे तमाशा देखेंगे ! अथवा

कुछ लोग

 " कुछ लोग " कहते है मेरे पास पैसा है ! पैसों से मैं कुछ भी कर सकता हूं ! कुछ भी खरीद सकता हूं ! अरे पगले, पैसों से तू ईश्वर को  नहीं खरीद सकता है !!! विनोदकुमार महाजन

साँपों के मुंह से अमृत ?

 साँपों के मुंह से अमृत ? ✍️ २१८५ विनोदकुमार महाजन 🐍🐍🐍🐍🐍 साँप, साधारणतः जहर उगलने वाली प्रजाति ! सभी साँप जहरीले नही होते है ! फिर भी, साँप ऐसा शब्द मुंह से निकलते ही,मनुष्य प्राणी सजग हो जाता है ! क्या साँपों के मुंह से, जहर के जगह, कभी अमृत भी निकलेगा ? ऐसा सोचना भी ठीक रहेगा ? क्योंकि, आखिर साँप तो साँप ही होता है ! और उसके मुंह से अमृत निकलना कभी भी संभव नहीं है ! ठीक इसी प्रकार से दुष्ट लोग होते है ! इसीलिए ऐसे दुष्ट लोगों पर कोई भी विश्वास, भरौसा नहीं करता है ! बल्कि दुष्ट मानव प्राणी दिखते ही,लोग ऐसे दुष्टों से दूर चले जाते है, अथवा सावधानी बरतते है ! क्योंकि दुष्ट व्यक्ति हमेशा दूसरों का बूरा ही सोचता रहता है ! दूसरों का बूरा ही करता रहता है ! दुष्टों की चाहे आरती भी उतारेंगे, तो भी ऐसे लोगों का आचरण कभी भी सुधरता नहीं है ! दूसरों की हमेशा, विनावजह नींदा करते रहना, दूसरों को दुखदर्द, पीडा,तकलीफ देते रहना, दूसरों का हमेशा बूरा ही करते रहना, यही दुष्ट लोगों का स्वभाव होता है !और जिस प्रकार से, साँपों के मुंह से अमृत निकलना असंभव होता है, ठीक इसी प्रकार से,दुष्टों से,अच्छाई क

रामजी को काल्पनिक कहने वाले जाहिल ?

 रामजी को काल्पनिक कहनेवाले, जाहिलों का साथ ? ✍️ २१८४ विनोदकुमार महाजन -------------------------------- हमारे आदर्श देवता, श्रीराम ! जिसका हमारे ह्रदयस्थान पर हमेशा वास्तव्य रहता है ! इस रामनाम के सिध्दांतों की जीत के लिए, अनेक हिंदुत्ववादी, हमेशा मर - मिटने को भी तैयार रहते है ! कितना उच्च कोटि का प्रेम,श्रद्धा, विश्वास, भक्ति है लोगों के मन में ? रामजी के प्रती ? और हमारे ऐसे आदर्श को, अगर कोई शपथपत्र देकर, काल्पनिक पात्र कहेंगे, वह भी न्यायालय में ? तो...? हमें अंदर ही अंदर भयंकर दुखदर्द ,पीडा,यातना, क्लेश तो होंगे ही ना ? हमारे ही देश में,हमारे ही आदर्शों पर हमले ? सभी में एकसमान आत्मतत्व देखकर सभी धर्म - पथ - पंथों का आदर करनेवाले, सभी पर प्रेम करनेवाले,हम सुसंस्कृत समाज के लोग ,सुसंस्कृत समाज, सुसंस्कृत परिवार के ,सहिष्णु लोग...?  और हमपर, हमारे ही आदर्शों पर,हमारे ही आदर्श सिध्दांतों पर,कुठाराघात ? आखिर कैसे सहेंगे ऐसा कुठाराघात ? और क्यों सहेंगे ? ऐसे हैवानियत का जमकर विरोध तो होगा ही ना ? और...? हमारे ही कुछ गद्दार, जयचंद, चंद संपत्ति और सत्ता के लिए, रामजी को न्यायालय में,शपथ

धर्म कार्य

 धर्म का कार्य ? ना रे बाबा ना !!! ✍️ २१८३ विनोदकुमार महाजन ------------------------------ दुनिया के लगभग सभी देशों में, अपने अपने धर्म के प्रती,लगभग सभी व्यक्ति सदैव जागृत रहते है ! और धर्म का अनादर ना हो,इसिलिए सदैव तत्पर भी रहते है ! मगर अनेक हिंदुओं की मानसिकता क्या है ? धर्म के प्रती उदासीनता ! वजह ? अपने धर्म के प्रति आस्था और आदर का अभाव ! आखिर ऐसा क्यों ? क्योंकि धर्म के प्रति, नितदिन,हरपल... जोडने के प्रभावी माध्यमों का अभाव ! और निजी स्वार्थ के कारण जीवन की व्यस्तता ! इसिलिए धर्म के प्रति उदासीन लोगों को पुछेंगे... की.... धर्म का कार्य करना है... तो....? उत्तर आयेगा ...! " धर्म का कार्य ? अरे भई,ये तो बुढापे में किया जाता है ! अभी धर्म का कार्य करेंगे, तो व्यावसाय - धंधा कैसे करेंगे ? और पैसा कैसे कमायेंगे ? और परिवार का पालनपोषण कैसे करेंगे ? " साधारणतः यही मानसिकता दिखाई देगी ! दूसरी विचारधारा शायद यह भी है की... " धर्म का कार्य...? अरे बापरे ! ना रे बाबा ना ! इतने आक्रमण हुए, इतना खूनखराबा हुवा...धर्म की इतनी हानी हो गयी... अरे बापरे... यह तो हमसे बहुत दूर क

दिव्य आत्माएं

 अनेक दिव्य आत्माएं, धरती पर आ चुके है !!! ✍️ २१८२ विनोदकुमार महाजन 🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉 हिंदुराष्ट्र निर्माण अखंड भारत और, विश्व गुरू भारत बनाने के लिए, अनेक दिव्य आत्माएं धरतीपर आ चुके है ! और गुप्त रूप से धरती पर भ्रमण भी कर रहे है ! और कार्यारंभ भी हो गया है !! " उन्हें " पहचानने के लिए केवल और केवल दिव्य नेत्रही चाहिए !!! इस कार्य के यथोचित तथा अपेक्षित  परिणाम कुछ दिनों में ही दिखने आरंभ हो जायेंगे !! प्रभुइच्छा को आखिर  कौन रोक सकता है ? और कौन टाल भी  सकता है ? हरी ओम् विनोदकुमार महाजन 🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉 विक्रम संवत् २०७९ फाल्गुन शु. ६ ( शनीवार २५ / २ /२०२३ )

हिंदुराष्ट्र निर्माण तक...

 हिंदुत्ववादी साथीयों, हिंदुराष्ट्र निर्माण तक.....सावधान रहिए !!! ✍️ २१८१ विनोदकुमार महाजन 🚩🚩🚩🚩🚩 हिंदुत्ववादी साथीयों, तथा हिंदुत्व पर जी - जान से प्रेम करनेवाले, देशविदेशों के, अनेक पथ - मत - पंथीय साथीयों, यह राष्ट्र तो हिंदुराष्ट्र तो है ही !क्योंकि यहाँ की आबादी बहुसंख्यक हिंदुओं की है ! और हर एक की जीवनप्रणाली भी हिंदुत्व से ही निगडित है ! और हिंदुत्व ही इस देश का प्राण भी है ! फिर भी,कानूनी तौर पर इसे हिंदुराष्ट्र घोषित होने तक हम सभी को डटकर आगे बढना है ! और... शायद... ईश्वर ने भी हमें, हम सभी को, हिंदुराष्ट्र निर्माण के लिए ही भेजा है ! इसिलिए हिंदुराष्ट्र निर्माण होने तक हम स्वस्थ और शांती से नहीं बैठेंगे ! इसके लिए, संपूर्ण देश में भी और संपूर्ण विश्व में भी,तेजीसे...हिंदुराष्ट्र निर्माण के लिए,चारों तरफ से, जनजागृति अभियान तेज करना है ! और यह हम सभी का दाईत्व भी है !  क्योंकि यह समय बडा विचित्र तथा मुसिबतों का चल रहा है ! इसिलिए हम सभी को, हिंदुराष्ट्र निर्माण होने तक, हर कदम बहुत सोच समझकर और बिल्कुल ठंडे दिमाग से आगे बढाना है ! अनेक मुसिबतें आ सकती है, अथवा राष्ट्रद्

हिंदुत्व के लिए

 हम आत्मा बेचने वाले नहीं है ! ✍️ २१८० विनोदकुमार महाजन 🚩🚩🚩🚩🚩 कुछ लोग... कहते है, हिंदुत्व के लिए इतना लिखते हो ! दिनरात एक करते हो ! क्या हिंदुत्व तुम्हें दस - बीस करोड़ देता है ? मोदी - योगी के लिए, बिजेपी के लिए निरंंतर लिखते हो ! क्या मोदी - योगी ,बिजेपी तुम्हें बीस - पच्चीस करोड़ देती है ? आर.एस.एस.के लिए लिखते हो ! क्या आर.एस.एस.तुम्हें बीस - पच्चीस करोड़ देती है ? और भी कहते है, हमारे यहाँ आओ ! हमारे लिए लिखो ! पैसा कमाओ ! मालामाल बन जाओ ! लाखों - करोड़ों कमाओ ! ऐश की जींदगी जीओ ! तत्व, सिध्दांत छोड दो ! आखिर पैसों से ही दुनियादारी चलती है ! हम सभी सनातनीयों का,कट्टर हिंदुत्ववादियों का,एक ही उत्तर रहेगा....सदैव... नहीं चाहिए हमें ऐशोआराम की जींदगी ! ना ही हम इमान बेचनेवाले है ! और नाही हमारी पवित्र आत्मा बेचने वाले है ! भूके रहेंगे, प्यासे रहेंगे ! मगर हिंदुत्व और हिंदुत्ववादी पार्टीयों के लिए, हिंदुत्ववादी सामाजिक संगठनों के लिए, आजीवन तक प्रचार - प्रसार करते रहेंगे ! आत्मा की आवाज सुनकर, ईश्वरी कार्यों के लिए, जीवनभर के लिए, हिंदुत्व से जुडे रहेंगे ! राजऐश्वर्य छोडकर, सिध्दां

हिंदुत्ववादी साथियों

 हिंदुत्ववादी साथीयों ! ✍️ २१७९ विनोदकुमार महाजन 🚩🚩🚩🚩🚩🕉 प्यारे, कट्टर हिंदुत्ववादी साथीयों ! आपका एक छोटासा प्रयास भी हिंदुराष्ट्र निर्माण के लिए बहुत मौलिक सिध्द हो सकता है ! निष्क्रियता छोडिए, हिंदुत्व से नाता जोडिए ! मौन छोडिए, हिंदुत्व का प्रचार - प्रसार करते रहिए ! दिन में पाँच दस लोगों को हिंदुत्व का महत्व बताते रहिए ! मित्रों में भी हिंदुत्व और हिंदुराष्ट्र बनाने की चर्चा किजिए ! अगर आप काफी व्यस्त भी है, तो भी दिन में पाँचदस मिनट हिंदुत्व जागरण के लिए दिजिए ! कम से कम हिंदुत्व जागरण के लिए छोटासा प्रयास तो किजिए ! हिंदुत्व के बारे में कुछ तो भी जरूर बोलिए, लिखिए, चर्चा कीजिए ! याद रखिए, हिंदुत्व ही हमारे जीवन का तत्व है, सत्व भी है ! हिंदुत्व ही हमारी आन - बान - शान है ! हिंदुत्व ही इस देश का प्राण है ! हिंदुत्व ही हमारा - तुम्हारा, हम सभी का प्राण है ! हिंदुत्व ही सत्य है ! हिंदुत्व ही सत्य सनातन है ! जियेंगे तो हिंदुत्व के लिए ही जियेंगे ! हिंदुराष्ट्र निर्माण के कार्य को गती देने के लिए, जागृत होकर आगे बढेंगे ! बढते रहेंगे ! फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, शेयर चाट,कू

साधुसंतों के देश में

 साधुसंतों के देश में, अब ऐसा नहीं चलेगा !!! ✍️ २१७८ विनोदकुमार महाजन 🚩🚩🚩🚩🚩 साधुसंतों के इस देश में, कुछ लोगों के लिए, " मदर,फादर,चादर " चलते है ! मगर विश्वकल्याणकारी,सभी के हितकारी, बहुसंख्यक हिंदुओं के देश में, हिंदु साधुसंत नहीं चलते है ! आखिर ऐसा क्यों ? साधुसंतों के इस पवित्र भूमि पर, देवीदेवताओं के इस देश में ,साधुसंतों से ही नफरत क्यों ? मगर अब ऐसा नहीं चलेगा ! साधुसंतों से नफरत करने वालों को,साधुसंतों के खिलाफ गलतफहमियां फैलाने वालों के विरूद्ध... अब ईश्वरी सिध्दांतों के अनुसार ही उत्तर दिया जायेगा ! जैसे ? योगीबाबा ! और आदर्श योगीराज !! और इसी तरह से,संपूर्ण देश में भी,बेईमान, गद्दारों को तुरंत कानूनी सबक सिखाया जायेगा ! अत्याचारी, आक्रमणकारी, " मदर,फादर,चादर " वालों को उनके देशों में भगाया जायेगा ! ( घुसपैठिए ) देखते है अब, धधगते ईश्वरी तेज को ,ईश्वर भक्तों को, कौन रोकता है ? ईश्वर है रखवाला - साधुसंतों का ! हर हर महादेव जय श्रीराम हरे कृष्णा 🕉🚩🚩🚩🪷🪷

एक विश्लेषण

 एक विश्लेषण ✍️ २१७७ विनोदकुमार महाजन ----------------------------- मेरा, " सद्गुरु चरण " यह लेख पढकर मुझे अपने ग्रुप से तथा दूसरे अनेक ग्रुप से कुछ महात्माओं ने फोन और मेसेज दे कर यह पूछा है की, आपने इस लेख में जो अनुभव लिखे है... यह क्या वास्तव मे आये है ? या स्वप्न दृष्टांत हो गये है ? इसिलिए यह विश्लेषण जरूरी हो गया है ! कुछ महात्माओं ने लिखा है की, आध्यात्मिक दिव्यानुभुती यह गुप्त धन जैसा विषय होता है ! यह विषय किसी को बताने योग्य नही होता है ! इसका विश्लेषणात्मक उत्पन्न यह है की, सज्जनगड के समर्थ रामदास स्वामी जी ने जब कठोर तपश्चर्या की और तपश्चर्या के पश्चात,उन्हे साक्षात रामजी के तथा हनुमानजी के भी दर्शन हो गये ! रामदास स्वामी को गुरूमंत्र कैसे मिला,कितने सालों की तपश्चर्या हो गई और श्रीराम तथा हनुमान जी के दर्शन कब और कैसे हुए,इसका विस्तृत विवेचन देखने को मिलता है! और यह जानकारी संपूर्णतः रामदास स्वामी जी द्वारा ही उधृत की गई है ! दुसरी महत्वपूर्ण बात, कठोर तपश्चर्या के बाद,अनेक सिध्दीयाँ हासिल करने के बाद भी,देवीदेवताओं का वरदान प्राप्त होने पर भी, आसमानी और सुलतानी

कहानी दो ठगों की

 " दो ठगों "का शातीर दिमाग ✍️ २१७६ विनोदकुमार महाजन 🤔🤫🤦‍♂️ साथीयों, यह कहानी आटपाट नगर की है ! और संपूर्ण काल्पनिक है ! इसका कोई व्यक्ति अथवा व्यक्ति विशेष से संबंध नहीं है ! फिर भी आपको कोई संबंध लगता है तो... यह एक " विचित्र " संयोग समझीये ! ईश्वर निर्मीत छोटेसे देहधारी दो विचित्र जीव ! और दोनों का देह भी भयंकर छोटासा ! और उनका दिमाग ? कितना छोटासा होगा ? सोचिए ! मच्छर और खटमल ! कितना छोटासा दिमाग होगा ना इन दोनों का ? मगर योजनाएं ? कौनसी योजनाएं ? खून चुसने की ! इंन्सानों का खून ! क्योंकि इंन्सानों का खून चुसने के लिए ही ईश्वर ने इनको ऐसे योनियों में धकेल दिया है ! कितनी शातिर दिमाग की योजनाएं है ना दोनों के छोटेसे दिमाग की ? खून पिने की ? अद्भुत व्युहरचना ! आश्चर्य ! कैसे ? हर इंन्सानों का सोने का ठिकाना और समय तय करना ! वैसी निती बनाना ! और खून चुसने की रणनीति बनाकर, बेजोड़ हमला करना ! छोटासा देह,छोटासा दिमाग ! मगर व्यूहरचना ? गजब की ? ईश्वर भी कमाल का है ,जो ऐसे  " रक्तपिपासु " जीवों को भी कमाल का दिमाग देता है ! अब देखते है, आटपाट नगर के दो महाठगो

:हिंदु

 हिंदु  : - एक वास्तव ! ✍️ २१७५ विनोदकुमार महाजन -------------------------------- हिंदु ! निद्रीस्त समाज !!! क्या अनेक महापुरुषों की कीमत उनके जीवीत होते हुए...हिंदु समाज को समझ में आयी ? शायद नहीं ! सावरकर जैसे महापुरुष की सही कीमत हिंदुओं को समझी ? नहीं ! सुभाषचंद्र बोस की ? नहीं ! स्वामी विवेकानंद की ? नहीं ! संत तुकाराम, ज्ञानेश्वर की ? नहीं ! ईश्वरी कृपा प्राप्त अनेक महापुरुषों की ? नहीं ! सिध्दपुरूषों की ? नहीं ! अनेक पुण्यात्माओं की ? नहीं ! उल्टा, महापुरुषों को पीडा,दुखदर्द, यातना, क्लेश देना ही शायद हिंदुओं को मंजूर होगा ! और परदेशी " मदर " जैसे संतों की पूजा करना, उनको सरपर लेकर नाचना ! सब विडंबना ! और फिर भी हमारे देश के महापुरुष ,महात्माएं ,हमेशा सभी के अखंड कल्याण की ही ईश्वर को प्रार्थना करते है ! जिस समाज ने उन्हें निरंंतर तडपाया,उन्ही के मंगल कामनाओं के लिए अखंड कार्य करते है ! और आज की घडी में मोदीजी की,उनके विश्वव्यापक ईश्वरी कार्य की सत्ता और संपत्ति के लालची जयचंदों ने मोदी विरोध में उत्पात मचाया है ! अनेक हिंदुही आज भी उनके महान ईश्वरी कार्यों का भी विरोध

सद्गुरु के चरणकमल

 सद्गुरु के पवित्र चरणकमल ही अमृत के महासागर होते है !!! ✍️ २१७१ विनोदकुमार महाजन --------------------------------- सद्गुरु ! सद्गुरु का वर्णन लेखनी कैसी कर सकेगी ? सद्गुरु चरणों की प्राप्ति जिसे भी हो गई ,उसका जन्म जन्मांतर का कोट कल्याण हो गया ! ऐसा व्यक्ति परमभाग्यशाली,महाभाग्यवान होता है ! सद्गुरु के प्रेम की महती,व्याप्ति, श्रेष्ठता, महानता कोई कर ही नहीं सकता है ! सद्गुरु के चरणकमल,साक्षात महासागर होते है ! सद्गुरु के चरणकमलों पर सर्वस्व समर्पण ही जीवन का उद्दीष्ट होता है ! सद्गुरु चाहे साकार में हो अथवा निराकार में,उनका अद्वितीय, अलौकिक, पारलौकिक प्रेम जन्म जन्मांतर तक,अखंड रहता ही है ! सद्गुरु के चरण मतलब - साक्षात अमृत का सागर ! साक्षात स्वर्ग ! सभी देवीदेवताओं का सहवास ! संपूर्ण ब्रम्हांड की व्यापकता ! सभी सुखों का भंडार ! सुख - शांती - समाधान - आनंद - वैभव - ऐश्वर्य - यश -  किर्ती का भंडार ! आत्मानंद और आत्मकल्याण की अलौकिक दिव्य अनुभूति ! जीव - शीव का मिलन ! आत्मा - परमात्मा का मिलन ! सद्गुरु चरणों में लीन होना यही ध्यान है ! यही समाधी है ! और यही मोक्ष भी है ! इससे बढकर अन

वो छोडेगा नहीं

 " वो " छोडेगा नहीं ! ✍️ २१७४ विनोदकुमार महाजन ------------------------------ " उसे " जो चाहिए वह सबकुछ  " वह " करता ही है ! करके ही दिखाता है ! " बडे बडों के " छक्के आजतक उसने छुडाएं है ! बहुत तेज है वो ! ईश्वरी तेज ! धधगता अंगार ! छाती ठोंककर वह बडे आराम से कहता है, " यह अकेला शेर, तुम सब को भारी है ! " सचमुच में वो शेर ही है ! और शेरदिल भी ! दहाडने वाला भी,और कर दिखाने वाला भी ! और सचमुच में " तुम सभी को " वह अकेला शेर ही काफी है ! " बुरे लोगों को " वह डरता नहीं है, और " अच्छे लोगों " को हमेशा संन्मानीत ही करता है ! जिसने मुक्ति मेहबूबा, फारूक अब्दुल्ला जैसे महाघमंडीयों का भी,घमंड भी चकनाचूर किया है ! अनेक सालों का, " उनका साम्राज्य " उध्दस्त,तहस - नहस किया है ! उसने धारा ३७० भी हटाई ! राममंदिर भी बनवाया ! काशी, उज्जैन भी को धरती का स्वर्ग भी बनवाया ! वायुगती से दौडकर, वह देश का कोना कोना संपन्न, समृद्ध, सुसंस्कृत बना रहा है ! सभी के अंदर का ईश्वरी तेज,स्वाभीमान वह जगा रहा है ! और ? " तुम

पागलों के गुलाम

 पागलों के गुलाम ! ✍️ २१७३ विनोदकुमार महाजन ------------------------------ पागलों के गुलाम ! कौन ? अनेक भारतीय ! कैसे ? पढे विस्तार से ! भयंकर क्रूर,अंधे,अधर्मी, हत्यारे, लुटेरे... हिंसक धर्मप्रचारक आक्रमणकारी ! जिन्होंने इस देशपर क्रूरतापूर्वक राज किया ! उन्हीं क्रूर लुटारूओं के,हत्यारों के नाम आज भी हमारे गली, गाँव शहरों को लगाये गये है ! कलंक ! और आज भी अनेक भारतीयों को इससे कुछ लेना देना नहीं है ! जिन्होंने पागलों की तरह, हमारे देश, धर्म, संस्कृति पर हमले किए,उनका धर्म बढाने के लिए  " वह सभी हैवान " पागल हो गए, उन... " पागलों के गुलाम "... " कुछ भारतीय बन गये ! " आज भी ! सरेआम गुलामी ! अनेक आक्रमणकारियों ने,लुटेरों ने, हमारे उत्सव, त्यौहार बंद किए... उन पागलों के हम गुलाम हो गए ! क्योंकि हमारे महान उत्सव, त्यौहार भूलकर हम... वैलैंटाईन डे,हैप्पी बर्थडे जैसे अनेक ( कु ) त्यौहार बडे आनंद से अनेक भारतीय बढ चढकर मनाने लगे ! निरांजन लगाकर, दिपक जलाकर,औक्षण करके,आयुष्मान भव कहने के बजाए... हम अंधे,पागल बनकर, दिपक ( मोमबत्तियां ) बुझाने लगे और...? बडे आनंद से

हिंदु बोर्ड

 हिंदु बोर्ड ! ✍️ २१७२ विनोदकुमार महाजन 🚩🚩🚩🚩🚩 देश के और संपूर्ण विश्व के हिंदुओं के कल्याण के लिए तथा रक्षा के लिए, केंद्र सरकार द्वारा, हिंदु बोर्ड की स्थापना की जायेगी ! जिसके अंतर्गत १ ) हिंदु मंदिरों का सभी पैसा हिंदु बोर्ड के दायरे में रहेगा ! २ ) हिंदु बोर्ड द्वारा देश विदेश के हिंदुओं के संपूर्ण तथा सर्वांगीण विकास के लिए विशेष प्रयास किया जायेगा ! ३ ) हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों का निपटारा, कानूनी तौर पर, तुरंत किया जायेगा ! ४ ) " दूसरे " बोर्ड को नियमन करने का,नियंत्रित करने का,प्रतिबंधित करने का संपूर्ण अधिकार, हिंदु बोर्ड के हाथ में रहेगा ! ५ ) देश के और विदेशों के सभी मंदिरों का संपूर्ण विकास, जीर्णोद्धार इसी हिंदु बोर्ड द्वारा ही किया जायेगा ! ६ ) संस्कृति रक्षा तथा अभिवृद्धि का संपूर्ण प्रयास वैश्विक स्तर पर तेजीसे किया जायेगा ! ७ ) हिंदु हितों के अनेक विषयों में निर्णय लेने का संपूर्ण अधिकार हिंदु बोर्ड के हाथों में रहेगा ! सरकार द्वारा तुरंत हिंदु बोर्ड बनाया जायेगा ऐसी अपेक्षा करते है ! जय श्रीराम 🕉🕉🕉🕉🕉🙏

किशोरकुमार

 एक कलंदर, बहुआयामी,हरहुन्नरी कलाकार  : -  किशोर कुमार  ✍️ २१७० विनोदकुमार महाजन ----------------------------- किशोर कुमार ! जादुई आवाज का बादशाह ! हरहुन्नरी कलाकार ! कलंदर कलाकार ! गायक भी,निर्माता भी,दिग्दर्शक भी और अभिनेता भी ! विनोदी अभिनेता ! झुमरू,पडोसन,चलती का नाम गाडी जैसे अनेक विनोदी फिल्मों का निर्माता ! गजब का कलाकार ! और किशोर कुमार की आवाज ? जादुई ! चाहे राजेश खन्ना हो,धर्मेंद्र हो,अमिताभ बच्चन हो...ऐसे अनेक अभिनेताओं को,जादुई और हुबहु आवाज देनेवाला अप्रतिम व्यक्तित्व ! बच्चन का ,नमक हराम फिल्म का...पग घुंगरू बांध मीरा नाची थी,यह गाना हो अथवा जोशपूर्ण...मुकद्दर का सिकंदर का... रोते हुए आते है सब..हँसता हुवा जो जायेगा,यह गाना हो,राजेश खन्ना का...आराधना फिल्म का...मेरे सपनों की रानी,कब आयेगी तू...यह गाना हो...अथवा... मेहबुबा फिल्म का...मेरे नयना सावन भादो...यह अप्रतिम गाना हो...किशोर कुमार की आवाज आज भी कानों में गूंजती रहती है ! वैसे हर कला तो ईश्वर का वरदान होता है ! और यह वरदान किशोर कुमार को ईश्वर ने भरभरके दिया था ! ऐसे ही अनेक फिल्मी कलाकार, भारतीय ईतिहास में अजरामर हो

शूद्र विचारवाले

 शूद्र विचारवालों से दोस्ती मत किजिए ! ✍️ २१६९ विनोदकुमार महाजन ---------------------------- शूद्र ! यह शब्द आज जोरों पर प्रचलित हो रहा है ! आखिर शूद्र कौन ? शूद्र जाती में पैदा हुवा है,क्या वह शूद्र है ? अरे पागल, ईश्वर के दरबार में तो नाही शूद्र है,और नाही उच्च ! उसके दरबार में भेद कहाँ है ? भेद है ही नहीं ! उसी के नजर में तो सभी जीव एकसमान ! सभी पशुपक्षी भी उसी की संतान है ! मनुष्य प्राणी भी ! सभी में आत्मतत्व एकसमान ! तो मनुष्य प्राणीयों में यह व्यर्थ का झगड़ा क्यों ? तो मनुस्मृति, जातीव्यवस्था यह आखिर क्या है ? मनुस्मृति हो या जातीव्यवस्था ! यह तो केवल चौ-यांशी लक्ष योनियों में केवल और केवल मनुष्य प्राणीयों में ही है ! और यह एक व्यवस्था है ! मनुष्य निर्मीत ! और यह व्यवस्था इसिलिए बनाई गई है...ता की मनुष्यों का जीवन और जीवनपध्दती सुकर हो ! जो सोने का काम करेगा - वह सुनार ! लोहे का काम करेगा - वह लुहार ! इसी प्रकार से सुतार, कोष्टी,ब्राह्मण, कोली यह भी एक व्यवस्था है ! मगर मनुष्य ? ईश्वरी सिध्दांतों को भूलकर जाती में ही अटक गया ! और असली ईश्वरी सिध्दांत भी भूल गया ! और व्यर्थ का झगड़ा

ठंडा दिमाग

 सभी समस्याओं का एकमेव रामबाण 🏹 इलाज : - ठंडा दिमाग ! ✍️ २१६८ विनोदकुमार महाजन -------------------------------- अब दुनियादारी बिल्कुल बदल गई है ! ईश्वर की खोज,ईश्वर प्राप्ति, अंतिम सत्य की खोज,मनुष्य जन्म का उद्देश्य... यह सभी बाते मनुष्यप्राणी लगभग भूल सा गया है ! और शायद...पैसों की खोज यही जीवन का अंतिम उद्दीष्ट भी बन गया है ! लगभग सभी को पैसा चाहिए ! पैसा ही पैसा चाहिए ! और उसके द्वारा मिलनेवाली सभी सुखसुविधाएं भी ! और ऐशोआराम का जीवन भी ! फिर पैसा चाहे भले मार्ग का हो,अथवा बुरे मार्ग का हो ! आखिर सभी को चाहिए तो पैसाही ! और इसी के लिए ही जीवन की सारी खटपट और लटपट है ! ठीक है ! आखिर पैसा तो चाहिए ही चाहिए ! सुखी जीवन के लिए ! सभी दुखों पर मात करने के लिए ! और... जीवन जीने के लिए भी ! पैसा तो जरूरी है ही है ! मगर एक बात भी पक्की है की, पैसा ही सबकुछ नहीं है ! नाही जीवन का अंतिम उद्दीष्ट भी पैसा है ! मगर फिर भी पैसा तो चाहिए ही ! मगर पैसा चाहिए तो संन्मार्ग का ही चाहिए ! और संन्मार्ग से तो मनचाहा पैसा मिलता ही नहीं है ! तो आखिर पैसा कमाने के लिए  करेंगे क्या ? पैसा कमाने की होड ! भयं

नतदृष्टों का सामना

 नतदृष्टों का सामना ! ✍️ २१६७ विनोदकुमार महाजन मोदिजी, आप किसीको कितना भी फ्री में चाहे जीवनभर के लिए राशन भी दें दो...सारी सुखसुविधा भी दें दो... फिर भी समाज में कुछ नतदृष्ट,बेईमान, नमकहराम ऐसे भी होते है... जो.. " मतदान ..विरोधियों को ही... " करेंगे... फिर भी... " नवराष्ट्र निर्माण के लिए..." एकेक कदम, बडे हिम्मत से आगे बढाना ही होगा... जो आप निरंंतर आगे बढा भी रहे है ! हर हर महादेव

बुलंद हौसले

 बुलंद हौसले !!! ✍️ २१६६ हमारी भी मन - भावनाएं होती है,यह धारणा हमारे हितशत्रुयोंको और हमारे विरोधियों को कभी भी नहीं  होती है ! " और ह्रदयशून्य समाज को भी  ! " इसिलिए हमारे हितशत्रु हमारे ह्रदय पर चौबिसों घंटे वज्राघात ही करते रहते है ! और हमारे मन तथा भावनाओं को निरंतर चोट पहुंचाते ही रहते है ! इसिलिए हमारे हितशत्रुयोंके मन - भावनाओं का भी विचार किए बगैर हमारे दिव्य और उदात्त मंजिल तक और हमारे उदात्त,व्यापक,सर्वसमावेशक, ध्येयपूर्ती तक एकेक कदम दृढ निश्चय पूर्वक आगे बढाना ही होता है ! तभी कामयाबी हासिल हो सकती है ! इसिलिए, ध्येयवादी साथीयों... चलो शिघ्रगती से, " हिंदुराष्ट्र निर्माण " की ओर ! चलो एकेक कदम, दृढ निश्चय और निर्धार से, " नवयुग निर्माण " की ओर ! " हौसले जब बुलंद होते है...! " तब " कामयाबी भी " हमारे चरण छूकर ही रहती है !!! हर हर महादेव ! जय श्रीराम ! हरी ओम् ! विनोदकुमार महाजन

मस्त रहेंगे

 मस्त जीयेंगे, स्वस्थ जीयेंगे ! ✍️ २१६४ विनोदकुमार महाजन @@@@@@@@@ पशुपक्षीयों की तरह मस्त,स्वस्थ,स्वच्छंद,  आनंदी,कलंंदर,उत्साही, नैसर्गिक जीवन ही... असली जीवन होता है ! ईश्वरीय आनंददायी जीवन ! और हम सब मिलकर अब ऐसा ही आनंदी जीवन जीयेंगे ! खूब जीयेंगे, मस्त कलंंदर बनकर जीयेंगे ! खुद सुखी रहेंगे, दूसरों को भी सुखी बनायेंगे ! हँसी खुशी से सारा जीवन, हर्षोल्लास से जीयेंगे ! सामाजिक समरसता पाकर जय जय श्रीराम का नारा लगाकर, रामराज्य लायेंगे ! हर हर महादेव के जयकारे से आसमान में बडे शान से भगवान का भगवा ध्वज लहरायेंगे ! हिंदुराष्ट्र बनायेंगे !  हिंदुराष्ट्र बनाकर ही रहेंगे !!! वादा रहा ! भारत को भी विश्व गुरू बनाकर ही रहेंगे ! उच्च सनातन हिंदु संस्कृति को विश्व के कोने कोने में पहुंचायेंगे ! कैसे ? समाज जागृती जनआंदोलन तीव्र बनायेंगे ! विश्व अभियान भी चलायेंगे ! चलो उठो तेजस्वी ईश्वर पुत्रों हम सब मिलकर एक... नया युग बनाते है ! कामयाब भी होते है ! माँ भारती के हर संतानों को, अब हम सब मिलकर, खुशहाल - संपन्न - सुसंस्कृत भी बनायेंगे ! धरती का भी स्वर्ग बनायेंगे ! हर एक का मन जगाएंगे ! सपना हकी

अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य

 अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य 🤦‍♂️ ✍️ २१६३ विनोदकुमार महाजन ------------------------------- देश में अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य किसको है ? जेएनयू वालों को है ! तुकडा गैंग वालों को है ! फिल्लम् वालों को भी है ! हिंदुओं के धर्म ग्रंथ जलाने वालों को भी है ! देवीदेवताओं को,महापुरुषों को बदनाम करनेवालों को भी है ! मनचाही झूटी न्यूज चलाने वाले टिवी चैनलों को भी है ! और भी कुछ लोगों को अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य जरूर है ! मगर ??? अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य किसको नहीं है ? देशप्रमीयों को अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य नहीं है ! हिंदुहितों के लिए लिखने वालों को अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य नहीं है ! सत्य लिखने - बोलने वालों को अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य नहीं है ! और ??? सुदर्शन टिवी चैनल के प्रमुख सुरेश चव्हाण के जी को अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य नहीं है ! बागेश्वर धाम के धिरेंद्र शास्त्री जी को अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य नहीं है ! रामदेव जी बाबा को अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य नहीं है ! देवकीनंदन ठाकुरजी को अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य नहीं है ! और भी बहुत कुछ है... इस देश में ! जो लीखा नहीं जा सकता ! बोला भी नहीं जा सकता ! और ? ?? देखा भी नहीं जा स

अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य

 अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य 🤦‍♂️ ✍️ २१६३ विनोदकुमार महाजन ------------------------------- देश में अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य किसको है ? जेएनयू वालों को है ! तुकडा गैंग वालों को है ! फिल्लम् वालों को भी है ! हिंदुओं के धर्म ग्रंथ जलाने वालों को भी है ! देवीदेवताओं को,महापुरुषों को बदनाम करनेवालों को भी है ! मनचाही झूटी न्यूज चलाने वाले टिवी चैनलों को भी है ! और भी कुछ लोगों को अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य जरूर है ! मगर ??? अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य किसको नहीं है ? देशप्रमीयों को अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य नहीं है ! हिंदुहितों के लिए लिखने वालों को अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य नहीं है ! सत्य लिखने - बोलने वालों को अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य नहीं है ! और ??? सुदर्शन टिवी चैनल के प्रमुख सुरेश चव्हाण के जी को अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य नहीं है ! बागेश्वर धाम के धिरेंद्र शास्त्री जी को अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य नहीं है ! रामदेव जी बाबा को अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य नहीं है ! देवकीनंदन ठाकुरजी को अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य नहीं है ! और भी बहुत कुछ है... इस देश में ! जो लीखा नहीं जा सकता ! बोला भी नहीं जा सकता ! और ? ?? देखा भी नहीं जा स

कठोर शासक

 संस्कृती पुनर्स्थापना के लिए, देश का आज का, भयंकर अराजक का माहौल और संपूर्ण बुराईयाँ को, एक ही झटके में समाप्त करके, अच्छाईयों को तथा ईश्वरी सिध्दांतों को ,संस्कृति को , कठोर कानून द्वारा , तुरंत पुर्नस्थापीत करने  के लिए,  देश को आज तुरंत कठोर शासक की सख्त जरूरत है ! हरे कृष्णा ! विनोदकुमार महाजन

सुखी जीवन

 खुद सुखी बनो दुसरों को भी सुखी सुखी बनाओ ! जो दुख,पीडा देता है उससे सदा के लिए दूर चले जाओ ! विनोदकुमार महाजन

शेरदिल

 हजारों मरे हुए मन के लोगों में रहने से बेहतर होता है,कुछ गीनेचुने  शेरदिल वाले मित्रों के सानीध्य में जीवन बिताएं ! जैसे ? आप सभी मित्र ! विनोदकुमार महाजन

षट्चक्र भेदन

 जब षट्चक्रों का भेदन होगा तब इंन्सान ईश्वर स्वरूप हो जायेगा ! हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

सनातन धर्म क्या है

 सनातन धर्म क्या है ? ✍️ २१६२ विनोदकुमार महाजन 🕉🕉🕉🕉🕉🚩 सनातन धर्म का अर्थ क्या है ? केवल कर्मकांड,पूजापाठ करनेवाले, चोटी रखने वाले,छूआछूत करनेवाले,और भी कुछ... इतना सनातन धर्म का  सिमीत अर्थ नहीं है ! सनातन मतलब अनादी अनंत ! सनातन मतलब ईश्वरी सिध्दांत ! सनातन मतलब चराचर ! सनातन मतलब ब्रम्हांड ! सनातन मतलब संपूर्ण सजीव सृष्टी ! सनातन मतलब पूर्णत्व ! सनातन मतलब आध्यात्म ! सनातन मतलब अनेक गूढ़ विषयों का रहस्य उद्घोषित करनेवाला धर्म ! सनातन मतलब आत्मा परमात्मा की खोज ! सनातन मतलब ईशत्व ! सनातन मतलब मनुष्योपयोगी धर्म ग्रंथों का,अनेक शास्त्रों का,अनेक कलाओं का निर्माण ! सनातन मतलब सभी सजीवों का सुख समाधान ! सनातन मतलब धर्म - अर्थ - काम - मोक्ष का विस्तृत विवेचन ! सनातन मतलब सभी सजीवों सहीत संपूर्ण मानवजाती का निरंतर कल्याण ! सनातन मतलब सत्य ! सनातन मतलब ईश्वरी तेज ! सनातन मतलब साक्षात ईश्वर ! और सनातन मतलब ? हिंदुत्व ! विश्वव्यापक हिंदुत्व ! सभी के कल्याणकारी हिंदुत्व ! मानवताप्रेमी हिंदुत्व ! सभी को जोडने वाला हिंदुत्व ! सभी पर पवित्र ईश्वरी प्रेम करने को सिखाने वाला हिंदुत्व ! सभी प्रा

हिंदुओं को ठोको

 हिंदुओं को ठोको... ✍️ २१६१ विनोदकुमार महाजन --------------------------- बहुत बुरा लगता है ना यह पढकर ! और आश्चर्य भी लगता है ना ? मगर, बहुसंख्यक हिंदुओं के देश में रहकर, हिंदुओं के मंदिरों के पैसों से पलकर.... हिंदुओं को ठोकना बहुत आसान सा हो गया है अब ! आखिर न्याय नाम की चिज है या नहीं इस देश में ? न्याय कहाँ है न्याय ? अभिव्यक्ति की आजादी सभी को है ! बोलने की,लिखने की भी ! धर्म ग्रंथों को जलाने की भी ! मगर हिंदु अगर कोई बोलता, लिखता है... तो...??? तुरंत गुनहगारों के पिंजड़े में खडा किया जाता है ! वाह रे लोकतंत्र की परिभाषा ! हमारे आस्था, भक्ति ,श्रद्धा के साथ खेलो...कोई बोलेगा नही ! हमारे ईश्वर के प्रती प्रेम को ठोको...कोई कार्रवाई नहीं ! मगर, रामदेव बाबा हिंदुत्व पर अगर दो शब्द बोलते है तो...? कानूनी अपराध ! सुरेश चव्हाण के हिंदुराष्ट्र कि शपथ लेते है तो...? कानूनी अपराध ! सरसंघचालक मोहन भागवतजी पंडित शब्द बोलते है तो...? कानूनी अपराध ! बागेश्वर धाम सरकार के धीरेंद्र शास्त्री कुछ बोलते है तो...? कानूनी अपराध ! और मोदिजी ? मोदी का तो नाम भी मत लो ! अगर मोदीजी देश का विकास करें...? तो

उत्तर आपको देना है

 उत्तर आपको ही देना है !!! ✍️ २१६० विनोदकुमार महाजन 🤔🤔🤔🤔🤔 साथीयों, मेरे हर प्रश्न का उत्तर आपको देना है ! चिंतन,मनन करके केवल और केवल सत्य और सही उत्तर की ही अपेक्षा है ! यह प्रश्नावली है ! और पशुपक्षीयों को छोडकर केवल मनुष्य प्राणीयों के लिए ही यह प्रश्नावली है ! क्योंकि मनुष्य प्राणी छोडकर सभी सजीव ईश्वरी सिध्दांतों के आधार पर ही चलते है ! प्रश्न यह है की, श्रेष्ठ कौन ? ईश्वर पुत्र या आसुरीक सिध्दांतों पर चलनेवाले ? पढने के बाद यह सत्य सभी को बताना है ! इसका प्रचार - प्रसार करना है ! परिचित दस लोगों को जगाना है ! उनके साथ चर्चा और विचार विमर्श करना है ! क्योंकि ? आप दस को जगायेंगे तो...? दस सौ को...सौ हजारों को... हजारों लाखों को...और लाखों ? करोड़ों को जगायेंगे ! इसी प्रकार से सत्य का प्रकाश वायुगती से विश्व में फैलाने में सहायभूत होगा ! खुद जागो और दुसरों को भी जगाओ ! अब देखते है प्रश्न ! १ ) विश्व में सबसे जादा सहिष्णु कौन ? और सबसे जादा हिंसक कौन ? २ ) परोपकारी कौन और कृतघ्न, बेईमान ,विश्वासघातकी कौन ? ३ ) मानवताप्रेमी कौन और मानवता के शत्रु कौन ? ४ ) सभी का कल्याण चाहनेवाले

स्वाभिमान शून्य, लाचार हिंदुओं

 स्वाभीमानशून्य, लाचार हिंदुओं... ✍️ २१५९ विनोदकुमार महाजन ------------------------------ स्वाभीमानशून्य, लाचार हिंदुओं धिक्कार है तुम्हारा,त्रिवार धिक्कार है ! क्यों ? क्योंकी.... जरा खुद का आत्मपरीक्षण और अवलोकन करके तो देख लो ! क्योंकी स्वाभीमान, आत्मसन्मान तुम खो चुके हो ! और लाचार, हीन - दीन बन गये हो ! कैसे ? तो मेरा यह लेख विस्तार से पढो ! ( जो हिंदुत्व की लडाई दिनरात लड रहे है... उन सभी का साथ देकर ! ) मैं तुम्हारा स्वाभिमान जगाने को आया हूं! और तुम सभीको एक स्वाभिमानी नवजीवन देने को आया हूं ! इसिलिए सोचो,गहराई से सोचो ! और जाग जाओ ! गहरी नींद से जागो !!! हमारे महापुरूषों का,हमारे देवीदेवताओं का,हमारे आदर्शों का,हमारे संस्कृती का,हमारे धर्म का ,हमारे धर्म ग्रंथों का,अगर कोई बारबार अपमान करता है...और हम मरे हुए मन से सबकुछ सहन करते है... तो...? हमारे जैसा निद्रीस्त,कृतघ्न कौन हो सकता है ? हमारा स्वाभीमान सचमुच में मर गया है ? क्या हम सचमुच में जींदा लाशें बन गये है ? क्या आक्रमणकारी मुगल, अंग्रेजों की गुलामी करते करते हमारा आत्मसंन्मान ही मर गया है ? हम कठपुतलियां बन गये है ? हम

हिंदुत्व का कार्य करनेवालों के लिए

 हिंदुत्व का कार्य करनेवालों के लिए.... ✍️ २१५८ विनोदकुमार महाजन 🚩🚩🚩🚩🚩🕉 साथीयों, तन - मन - धन से संपूर्ण समर्पित भाव से और आजीवन समर्पित भावनाओं से,अच्छे - बुरे परिणामों की चिंता किए बगैर,अनेक मुसिबतों का और आर्थिक समस्याओं का सामना करते करते,हिंदुत्व के लिए जिन्होने जीवन अर्पीत किया है,उन सभी के लिए यह लेख समर्पित है ! बहुसंख्यक हिंदुओं के देश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरूद्ध आवाज उठाने में ,और हिंदुराष्ट्र निर्माण के लिए,ऐसे समर्पित कार्यकर्ता दिनरात जी - तोड मेहनत कर रहे है ! सभी हिंदुत्ववादी संगठन तथा कार्यकर्ताओं के लिए ऐसे दैवीय कार्य के लिए अनेकानेक शुभकामनाएं ! मेरे प्यारे साथीयों, हम जो हिंदुत्व का निरंतर कार्य कर रहे है,इसके लिए हमारी हमारे हिंदू समाज से,अडोस पडोसिओं से,रिश्तेदारों से ,रागद्वेष भूलकर, हमें संपूर्ण सहयोग तथा समर्थन मिलने की हम अपेक्षा रखते है ! ( चाहे शुध्द और पवित्र प्रेम मिलें या ना भी मिलें ! ) और ऐसी अपेक्षा रखना रास्त भी होता है ! हम हिंदुत्ववादी सभी के उज्वल भविष्य के लिए,अगली पिढी के उज्वल भविष्य के लिए, दिनरात जी जान से मेहनत कर रहे है