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Showing posts from March, 2024

रणनीति

 *मोदीजी योगीजी जैसा झंझावात चाहिए !!* ✍️ २४७२  *विनोदकुमार महाजन* 🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷 संगठन की शक्ती और कार्य बढाने के लिए उस संगठन प्रमुख के अंदर झंझावात जैसा कार्य चाहिए ! तूफान चाहिए ! वायुगती से कार्य आगे बढाने की शक्तिशाली रणनीती और चुस्ती स्फूर्ती चाहिए ! कार्य के प्रती निष्ठा और आत्मा की शुध्दी चाहिए ! तभी कार्य आकाश को छुयेगा !  *उपर के सारे ईश्वरी गुण मोदीजी योगीजी के अंदर दिखाई देते है !* इसिलिए उनका कार्य भी हरदिन तेज गती से आगे बढ रहा है और नई उंचाईयों को प्राप्त कर रहा है ! मगर एक अत्यंत महत्वपूर्ण बात यहांपर मैं उपस्थित करना चाहता हूं की , हिंदुत्व विचारधारा के देश विदेशों में अनेक आध्यात्मिक ,सामाजिक संगठन है ! राष्ट्रीय राजकीय संगठन भी है ! मगर कार्य वायुगती से आगे बढाने की , झंझावात निर्माण करके कार्य को यशस्वी बनाने की वास्तविक क्षमता कितने व्यक्तीयों के अंदर अथवा संगठनों के अंदर है ? ( मोदिजी और योगीजी जैसी ) संगठन तो है मगर वह संगठन मुर्दाड पडा हुवा है ? तो ऐसें संगठनों का क्या फायदा ? और ऐसे अनेक संगठन भी है !  *समाज मन की चेतना जगाने के* लिए उतने ही चैतन्यदाई , स्फुर्

षड्यंत्र

 हिंदुओं के मंदिर के पैसों से ही हिंदुओं के खात्मे का भयंकर षड्यंत्र ⁉ कौन है षड्यंत्रकारी ❓ विनोदकुमार महाजन

मंदिर का पैसा

 हिंदुओं के मंदिर के पैसों से ही हिंदुओं के खात्मे का भयंकर षड्यंत्र ⁉ कौन है षड्यंत्रकारी ❓ विनोदकुमार महाजन

सबसे बडा रूपैया

 *दौलत की किमया !!*   *सबसे बडा रूपैया !!*  @$@$@$₹₹₹₹ कर्मगती के अनुसार कोई भिखारी बनकर अथवा पागल बनकर रास्ते से भटक रहा है और उसके नजदिक से उसका नजदिकी रिश्तेदार गुजर रहा है तो ? वह रिश्तेदार मूंह मोडकर उस बेचारे से दूर  चला जायेगा ! और अगर वही भिखारी अथवा पागल कर्मगती से फिरसे पैसेवाला बनेगा तो यही दुनियादारी उसके पिछे भागेगी !  *अजीब दस्तुर है दुनिया का*   *और दुनियावालों का !!*  पैसों की सब माया !! धनदौलत की सब किमया !! धन की खनखनाहट से ही दुनिया चलती है ! धनदौलत की ही दुनिया दिवानी है ! " *ना बाप बडा ना भैया ! "*  " " *सबसे बडा रूपैया ! " "*  @$₹@$₹@$₹❓  *विनोदकुमार महाजन*

नशा

 समाज बरबाद करने का नया तरीका ?? समाज को नशेड़ी ,शराबी बनाव केजरीवाल सुत्र ⁉ विनोदकुमार महाजन

पाय ओढणे

 *पाय ओढणे*  ✍️ २४७१  *विनोदकुमार महाजन*  🤔🤔🤔🤔🤔 आमच्या हिंदू धर्मात साधारणतः एक गोष्ट खूपच प्रकर्शाने जाणवते. एकमेकाचे पाय ओढणे. एकमेकाप्रती कागाळ्या , द्वेष ,मत्सर , निंदा नालस्ती एवढी भयंकर टोकाची करतात की एखाद्याच जगणचं असह्य व्हावं. पराचा कावळा करायचा अन् बदनामीच सत्र आरंभून एखाद्याच जगणंच मुश्कील करायचं. एखाद्याचा मानसिक छळ करून त्याला अगदी पार वेड करायचं. अन् एवढ्यावरच थांबायच नाही तर त्याला वेडा बनवून पुन्हा वर भयंकर मानसिक छळ आरंभ करायचा.त्या वेड्याला सुध्दा सुखाने जगू द्यायच नाही.  *त्यालाही दगडं मारायची*  अन् हसत मजा बघत बसायची ?  *कसली मानसिकता आहे ही ?*   *काय कारण असाव कळत नाही*  पण हे विष ब-याच ठिकाणी बघायला मिळते. एखादा पुढे चालला , नावं , प्रतिष्ठा ,पैसा कमवायला लागला की त्याला नामोहरम करणं , त्याला जास्तीत जास्त बदनाम करणं , त्याच्या पायात पाय घालून तोंडघशी पाडणं , पराचा कावळा करून एखाद्याला भयंकर बदनाम करून त्रस्त करणं , शहानिशा न करताच एखाद्याच आयुष्य उध्दस्त करणं हे असले प्रकार ब-याच वेळा , ब-याच ठिकाणी बघायला मिळतात. एखादा धर्म कार्य करतो आहे , ईश्वरी कार्य कर

सोच

 सोच ? ✍️ २४७० ------------------------------- जो तुम्हारे मन का विचार करता है केवल उसी के मन का विचार करो ! अगर तुम तडपकर मर रहे हो और अगर तुम्हारे मन का विचार कोई भी नहीं करता है उसके मन का विचार तुम भी मत करो ! पत्थर और पत्थरदिल लोगों से प्रेम करने से क्या फायदा ?? सदैव सतर्क रहो ,सावधान रहो ! पत्थरदिल लोगों से और मतलबी दुनिया से बचके रहो ! इसीमें ही आत्मकल्याण है ! हर हर महादेव ! विनोदकुमार महाजन

कर्म

 कुणाचं कर्म कसं ? ✍️ २४६९ ------------------------------ दुर्योधनाच कर्म वाईट होत म्हणून त्याला अवदसा आठवली अन् प्रत्यक्ष परमात्मा श्रीकृष्ण जवळ असुनही वाईट वागला अन् स्वत:चा सर्वनाश करून घेतला. तर दुसरीकडे अर्जुनाच कर्म चांगल होतं म्हणून त्यानं श्रीकृष्णाच्या पवित्र चरणकमलावरती सर्वस्व  समर्पित केलं अन् जन्म जन्मांतराच कोट कल्याण करून घेतलं . आखिर ? प्रारब्ध अपना अपना. और हर एक का प्रारब्ध भी अलग अलग. माझ्या सद्गुरु आण्णांनी मला सांगीतलेलं आहे की जो श्रीकृष्णाला शरण जातो त्याचा उध्दार स्वतः श्रीकृष्णच करतो. सब ईश्वर की माया. हरी बोल विनोदकुमार महाजन

ईश्वर

 झूठे और मायावी रिश्तेनातों का रिश्ता मैंने सदा के लिए तोड दिया है और जन्म जन्मांतर का असली और सही मेरे सद्गुरू और ईश्वर का नाता मैंने सदा के लिए जोड दिया है ! हरी बोल विनोदकुमार महाजन

जगात

 जगात...खरंच कुणीही कुणाच नसतं ? आणी तरीही कुणाच कुणावाचून अडत नसतं ? विनोदकुमार महाजन

भगवंत

 भगवंताच्या परीक्षेत जो खरा ठरतो तो मायावी मानवाच्या दुनियेत खोटा ठरतो...अजब दुनायादारी !! विनोदकुमार महाजन

मायावी

 मायावी माणसाच्या मोठेपणा देण्याचा काय उपयोग ? मोठेपणा , मान - सन्मान द्यावा तो भगवंताने !! हरी बोल !! विनोदकुमार महाजन

Money

 Everybody wants only MONEY Then that may be white money or black money BUT Anybody don't want...GOD Is this real fact of every HUMANS ?? MAYA - VI DUNIYA VINODKUMAR MAHAJAN

२४ में ४२४

 *चौबीस में ? चारसौ चोबीस !* 【 २४ में ४ २४ 】 🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷 २४ में ४२४  समझ गये ना दोस्तों ? लोकसभा चुनाव का माहौल चल रहा है ! देश को हर क्षेत्र में , नयी उंचाईयों तक पहुंचाने के लिए मोदिजी जैसे युगपुरुष दिनरात अथक मेहनत कर रहे है ! लगातार ! सुसंस्कृत ,संपन्न भारत के निर्माण के लिए , हम सभी भारतवासियों का अब दाईत्व भी यही है कि ,मोदिजी का ४०० पार का सपना पूरा करना ! क्योंकि हम सभी भारतीय *मोदिजी का परिवार है !*  और हम सभी को अब केवल ४०० पार के लिए ही आगे बढना नहीं है !  बल्कि २४ में ४२४ पार के लिए कमर कसनी है ! और हमारे ईश्वर तुल्य प्रधानमंत्री जी को ४२४ लोकसभा सिट जिताकर आश्चर्यचकित करना है ! हमें गर्व से यह कहना है की , मोदिजी आप माँगते है ४०० पार ! मगर हम आपके प्रेम के प्रति ,आपके परिवार के खातीर इसबार ४२४ पार करके दिखाते है ! इसीलिए हमें क्या करना है ? १ ) भाजपा का मतदान बढाने के लिए समाज जागृती अभियान तेज करना है ! २ ) हर मतदाताओं को मतदान केंद्र तक ले जाने की और मतदान बढाने की यशस्वी रणनीति बनानी है ! ३ ) नोटावाले , पैसा बाँटकर मतदान बेचने वालोंपर बारीकी से ध्यान देकर , उनको उनके

दुष्टों के सामने

 संभाजी महाराज , गुरु गोविंदसिंग जैसे महान  आत्माओं ने तडपतडपकर मरना पसंत किया ! मगर सैतानी शक्तियों के सामने , दुष्टों के सामने शरण जाना अथवा झुकना पसंत नहीं किया ! यह होता है स्वाभीमान ! स्वाभीमान शून्य और लाचार समाज तथा व्यक्तियों के लिए यह एक अत्यंत जाज्वलशाली उदाहरण है ! हिंदुत्ववादी राजकीय पार्टीयों को छोडकर " इधर उधर " भटकनेवाले स्वाभीमान शून्य ,लाचार और सत्ता ,संपत्ती के लालची जयचंदों के लिए यह एक आदर्श उदाहरण है ! सौ के एक नोट से अपना एक मत बेचनेवाले हिंदुओं अथवा नोटों के बंडलों के लिए अपना इमान बेचनेवाले हिंदुओं जरा स्वाभीमान से जीना सिख लो ! हिंदुत्व ही हमारी आन - बान - शान है ! हिंदुत्व ही हमारी जान है ! हिंदुत्व ही हमारा जीवन है ! हिंदुत्व की जीत यही हमारे जीवन का लक्ष है ! सभी हिंदुत्ववादी व्यक्ती ,आध्यात्मिक ,सामाजिक, राजकीय संगठनों का त्रिवार जयजयकार हो ! हिंदुत्व की अंतिम जीत के लिए ही संपूर्ण जीवन समर्पित है ! विनोदकुमार महाजन

चेतना जागृती अभियान

 मरी हुई चेतना के समाज में रहना मतलब नरकतुल्य जीवन जीना ! क्या मोदिजी और योगीजी ऐसे ही मरी हुई चेतना के समाज को फिरसे जागृत करने का जी तोड प्रयास कर रहे है ? और उनके प्रयासों से क्या ऐसे चेतनाशून्य समाज की फिरसे चैतन्यजागृती हो रही है ? जी हाँ ! ऐसा ही हो रहा है ! युगपुरुष ,महापुरुष ,सिध्दपुरूष ,महासगिध्दयोगीयों का यही कार्य होता है ! और ऐसा निस्वार्थ भाव का कार्य वायुगती से संपूर्ण ब्रम्हाड में फैलता भी है ! विश्व स्वधर्म सुर्यै पाहो अर्थात विश्व विजेता हिंदू धर्म यह मेरा कार्य भी वायुगती से मगर योजनाबध्द तरीकों से और गुप्त निती से हरदिन आगे ही बढ रहा है ! कृष्णअवतारी ज्ञानेश्वर महाराज की भी यही इच्छा है ! जय श्रीकृष्ण ! विनोदकुमार महाजन

लडाई

 🙏 *अकेले ही लड़नी होती है*,  *जिंदगी की लड़ाई क्योंकि लोग सिर्फ तसल्ली देते है साथ नही।*  *“शिक्षक” और “सड़क”* *दोनों एक जैसे होते हैं* *खुद जहाँ है वहीं पर रहते हैं* *मगर दुसरो को उनकी* *मंजिल तक पहुंचा हीं देते है!!*  *विनोदकुमार महाजन*

ठंडे दिमाग

 ठंडे दिमाग का क्रूर व्यक्ति धरती पर राज करेगा और फिरसे संपूर्ण पृथ्वी पर सनातन संस्कृति की  पुनर्स्थापना करेगा !! फ्रेंच भविष्यवेत्ता नास्त्रेदमस विनोदकुमार महाजन

कौन जिम्मेदार ?

 *दोष किसका ? सजा किसको ?*   *कौन जिम्मेदार ?*  ✍️ २४६३  *विनोदकुमार महाजन*  ********************* यह एक निष्पाप बेटी की कर्मकहाणी है ! सत्यघटनाओं पर आधारित है ! ( थोडाबहुत बदलाव करके ! ) जब माँ बाप अपने बच्चों के लिए , उनका भविष्य उज्वल बनाने के लिए अथक प्रयास करते है , दिनरात मेहनत करते है तो शायद ? निश्चित ही उन बच्चों को उसका जीवनभर के लिए फायदा ही मिलता है ! और एक निश्चिंत जीवन प्राप्त होता है ! मगर अगर माँ बाप ही बच्चों का मानसिक उत्पीड़न करते है , उनपर नन्ही सी उमर में लगातार भयंकर अत्याचार करते रहते है तब ? उसका बुरा असर भी उन बच्चों पर जीवनभर के लिए रहता ही है ! और ऐसे कमनशीबी बच्चों का जीवन लगभग बरबाद ही हो जाता है ! आखिर नशीब अपना अपना होता है ! यह एक सत्य घटना पर आधारित कहाणी है ! अपनी माँ की गलती की वजह से कैसे एक निष्पाप लडकी का जीवन बरबाद हो गया ! और आजीवन के लिए उसे कैसे नारकीय जीवन प्राप्त हुवा ? शायद आपकी आत्मा भी काँप उठेगी यह पढकर ! कथा पढकर आप कहेंगे ? गलती किसकी ? सजा किसको ? और ऐसी अनेक घटनाएं समाज में हमेशा घटीत होती रहती है ! आखिर इसका जिम्मेदार कौन ? समाज ? समा

शेतकरी

 *शेतक-याचं स्वप्न !!* ✍️ २४६२  *विनोदकुमार महाजन* 🍇🍇🍇🍇🍇🍇🍇 प्रत्येक शेतक-याचं एक स्वप्न असतं.जवळजवळं एकसारखंच. विहीर खणायची , बोअर घ्यायच , पाणी करायच अन् बागायती शेती करायची. बागायतदार शेतकरी व्हायचं. इकडून तिकडून पैसा पैसा जमा करून ,शासकीय कर्ज घेऊन , कर्जबाजारी होऊन तो बागायतदार होण्याचा प्रयत्न करतो. कधी द्राक्षबाग लावतो ,कधी केळी ,पपई ,पानमळा ,मोसंबी ,लिंबोणी , असे अनेक प्रयोग करत राहतो. स्वाभिमानानं जगण्याची अहोरात्र धडपड. पण नशीबी मात्र अहोरात्र उपेक्षा. गरीबी. आर्थिक चणचण. कसलं जगणंन कसलं काय ? वाढती मजुरी ,मजुरांची अरेरावी , औषध - खतं यांची महागाई यांना तोंड देत देत , अवकाळी पाऊस , गारपिट , दुष्काळी परिस्थिती यावर मात करत , कसातरी मार्केटला माल पाठवतो. अन्....?? बेभरवशाच्या शेतीला आणी शेतमालाला व्यापा-यांकडून चांगलाच दणका हाणला जातो. वर्षभर मरून ,काबाडकष्ट करून ,हाडांची काडे करून सुध्दा म्हणावा तसा भाव शेतमालाला न मिळाल्यामुळे हताश - उदास मनाने घरी परततो. अन् इकडे व्यापारी मात्र ? एक दिवसातच दुप्पट नफा कमावतो. शेतकऱ्यांना वर्ष भर कष्ट करून जे मिळत नाही , ते व्यापारी एक

गौमाता बचाव

 गौमाते , अगर तेरे प्राणों की रक्षा करने में हम असमर्थ है तो हम हिंदू कहने के लायक नहीं है और नाही हमें जीने का हक भी है ! निरर्थक जीवन !! व्यर्थ जीवन !!! उन्मादी राक्षसों ?? का सर्वनाश यही होना चाहिए सभी हिंदुओं के जीवन का उद्देश !! गौमाता बचाव सजीव बचाव ! गौमाता बचाव सृष्टी बचाव ! गौमाता बचाव सृष्टीचक्र बचाव ! पापमुक्त भारती माता ! पापमुक्त धरती माता ! जय गौमाता की !! विनोदकुमार महाजन

मोदीराज

 सभी समस्याओं का एक ही इलाज ? केवल और केवल ? मोदिराज !! विनोदकुमार महाजन

मोदी

 मैं भी मोदी का परिवार बनकर हम सभी को केवल और केवल मोदिजी को ही मतदान करना है  गलती से भी " इधर उधर " मतदान नहीं करना है ! घर घर मोदी !! विनोदकुमार महाजन

मंदिर

 चाहे अनेक मंदिर गिरने दो संस्कृति भी डूबने दो धर्म भी समाप्त होने दो... हमपर कोई फर्क नहीं पडता है अगर ऐसी ही धारणा अनेक हिंदुओं की होगी ? तो क्या ऐसे भयंकर लोगों को ईश्वर भी बचा पायेगा ? बोलो...??? विनोदकुमार महाजन

दुनियादारी

 जब मुसिबत की घडी आती है और कालरूपी सर्प गर्दन को जकडता है तब दुर्जन भी ईश्वर की और सत्पुरूषों की याद करते है ! और जब उनकी कृपा से मुसीबतें समाप्त हो जाती है कालरूपी सर्प से गरदन मुक्त हो जाती है...तब यहीं दुर्जन कहते है.... " कहाँ है ईश्वर ? दिखावो तो ? " " कौन सत्पुरुष ? मैं किसीको नहीं पहचानता ! " यहीं दुनियादारी है मित्रों !? क्या रिश्तेदारी भी ऐसी ही  होती है ? आखिर अनुभव अपना अपना ! जय हरी !! विनोदकुमार महाजन

दाईत्व

 सनातन संस्कृती के पुनर्स्थापना का दाईत्व पुर्णतः खुद ईश्वर का है ! मगर हमारा भी कुछ  दाईत्व तो होता ही है !! विनोदकुमार महाजन

हिंदू

 भविष्य में विश्व स्तरपर और गतीसे लाखो करोडो लोग , हिंदू धर्म को अपनाएंगे !! विनोदकुमार महाजन

भगवंता

 भगवंता , तू महणजे शक्तिमान आणी तुझा भक्त मात्र ? दुर्बल ? कंगाल ? हे असं विचित्र गणित नाही चालायचं हां ! भक्त सुध्दा शक्तिमानच असला पाहिजे  जय हो विनोदकुमार महाजन

हठयोग

 *सिस्टम फेल ??*  ✍️ २४६०  *विनोदकुमार महाजन* 🕉🕉🕉🕉🕉🕉 आज के लेख का विषय संपूर्णतः आध्यात्मिक विषय पर आधारित है ! शायद इसीलिए अनेक लोगों को पसंद भी नहीं आयेगा ! क्योंकि आध्यात्म यह विषय साधारणतः अनेक लोगों को क्लिष्ट विषय लगता है ! मगर आध्यात्म का मतलब ही आद्य आत्मा होता है ! और आज पृथ्वी निवासी ईश्वर निर्मित इंन्सान आध्यात्म को ही भूल गया है !?  खुद के आत्मा को भी भूल गया है !?  और आत्मा की आवाज भी !? शायद भूल ही गया है !! मरी हुई आत्मा की एक ही सोच ?? ( वास्तव में आत्मा कभी मरती नहीं है ! ) केवल पैसा और पैसों से मिलने वाले सभी भौतिक साधन जूटाना ! खावो ,पिवो और ऐश करो ! इसके लिए खूब धन जमा करो ! ऐसी ही सामाजिक धारणा बन रही है ?? फिर भी इसी विषय पर लिखने का एक छोटासा प्रयास जारी रहेगा ! पिछले अनेक लेखों में मैंने अनेक गूढ़ विषयों पर लिखने का प्रयास किया है ! आज के लेख का शिर्षक है...  *सिस्टम फेल ??*   *कौनसा सिस्टम ?*  मनुष्य समुह का संपूर्ण सिस्टम !? जो ईश्वरी शक्तीयों को हमसे जोडता है !  कर्म ,भक्ति , ज्ञान और योगद्वारा ! अब योगशक्ति के बारे में छोटासा विवेचन और विश्लेषण का प्रया

मोदिजी को पत्र ( ७२ )

 जातीयता में बाँटो और राज करो काँग्रेस की गंदी हरकत अब महाराष्ट्र में भी ठीक ऐसा ही हो रहा है मराठा विरुद्ध ओबीसी लडाओ मराठा विरूद्ध ब्राह्मण लडाओ और हिंदुत्व को तोडो रामलहर रोकने के लिए हिंदुत्व को रोकने के लिए मोदिलहर को रोकने के लिए ऐसे हथकंडों को अपनाया जा रहा है कठोर कानून से ही ऐसा संभव होगा इस बार = ४०४ पार लडाई है आरपार जीत होगी मोदिजी की शानदार भारत माता की जय वंदेमातरम 🙏🙏🙏👍🚩🕉

ज्ञानभारती

 आप मुझे गुरूसमान है ! सनातन धर्म के वैश्विक कार्य का रास्ता आसान किजिए ! स्वामी विवेकानंद , स्वामी दयानंद सरस्वती जी का अधूरा सपना वायुगती से पूरा करने के लिए आशिर्वाद दिजिए ! आपके चरणों में सारा जीवन समर्पित है ! कोटि प्रणाम ! हरी ओम् विनोदकुमार महाजन 🙏🙏🙏

विश्वास ?

 *विश्वास और घात ??* ✍️ २४५९  *विनोदकुमार महाजन* 🙊🙊🙊🙊🙊 विश्वास ? बहुत ही महत्वपूर्ण शब्द ! ऐसा कहते है की , विश्वास से ही दुनिया चलती है ! मगर आज के भयावह समय में क्या आपको लगता है की ? विश्वास से ही दुनिया चलती है ? शायद विश्वास यह शब्द आज के जमाने में शाप सा बन गया है ! क्योंकि विश्वास शब्द के आगे ही जब घात शब्द लगाया जाता है तो...विश्वासघात... यह शब्द बनता है ! और आज का माहौल शायद विश्वासघात का ही दिखाई देता है ! कैसे ? न जाने क्यों हम किसी पर विश्वास ,भरौसा रखते है तो ? घात हो जाता है , हमारे साथ धोखा हो जाता है ! वह भी इंन्सानों द्वारा ! अपनों द्वारा ! तब ? अंतरात्मा भी तडपती है ! क्योंकि धोखा ,घात जैसे शब्द जहर से भी जालीम होते है ! और अगर बारबार हमारे साथ ऐसा ही होने लगता है तो ? मन में विचार आता है... आखिर विश्वास ,भरौसा करें तो किसपर करें ? और अगर प्रेम में धोखा हुआ तो ? क्योंकि प्रेम भी आखिर विश्वास रखकर ही किया जाता है ना ? इसीलिए प्रेम में भी जब धोखा होता है तब... शायद उसी आदमी का जीना ही मुश्किल होता है ? या फिर जीवन ही बरबाद होता है ? क्योंकि प्रेम यह एक पवित्र शब्द

गुप्त ईश्वर

 एखाद्याच्या घरात गुप्त रूपाने प्रत्यक्ष देव रहात असतो. कोणत्या व्यक्तिच्या आत देवत्व आहे हे समजत ही नसतं . पण कर्म झोपलेली माणसं त्या देवाला ओळखून त्याला आनंदी ठेवायचं सोडून त्या देवतूल्य माणसांनासुध्दा नित्यनेमाने खेटराने मारत असतात.अन् समाजात , पाव्हण्यारावळ्यात त्याच्या भयानक बदनाम्या करून त्याचं जगणचं मुश्कील करून टाकत असतात. धर्म कार्यात सुध्दा त्याला सहकार्य करायचं , त्याच्या पाठीशी उभ रहायचं सोडून सतत त्याच्या ह्रदयावर क्रूर आघात करत असतात . उदाहरणार्थ ? एकनाथ महाराज आणी हरी पंडित . हिरण्यकश्यपू आणी भक्त प्रल्हाद. आणी अशी हजारो उदाहरणे. ईश्वरी गुणसंपन्न महान राजे शिवबा सारखा थोर युगपुरुष ? औरंगजेबासारखा महाभयानक राक्षस ही , शिवबांना नजरकैदेत ठेऊन सुध्दा संपवू शकला नाही. पण ? मात्र राजगडावर पोचल्यावर असं काय महाभयंकर षडयंत्र स्वकियांकडून घडलं की शिवबांचा अकाली मृत्यु झाला ? म्हणजे ? महाबलाढ्य शत्रु ही जे करू शकला नाही ते भयंकर पाप स्वकियांकडून घडलं ? ( जर राजांचा मृत्यु अनैसर्गिक असेल तर ) अशा अनेक भयानक प्रसंगामुळे हिंदू धर्माचे वारंवार भयंकर नुकसान झाले आहे. अजूनही वेळ हातात आ

भगवंता

 भगवंता , माझ्या जीवनाची सत्वपरीक्षा अन् अग्निपरीक्षा एवढी भयावह असेल  असं वाटलं नव्हत. कित्येक वर्ष प्रत्येक वर्ष , महिना , दिवस , मिनिट अन् सेकंद...? अतीभयावह आगीत जळत होतो. दहादिशांनी संकटांचे आगीचे लोळ. आणी एकाकी लढत. वेदना वेदना वेदना तडफड तडफड तडफड अतीभयानक , अतीभयावह , असह्य , जीवघेणा संघर्ष पण.... माझ्या आण्णांनी  साकार निराकारात अहोरात्र सोबत राहून ही अतीभयावह अग्निपरीक्षा व सत्वपरीक्षा पास केली. आता सनातन धर्माच्या उत्तुंग वैश्विक कार्याचा माझा अश्व  कोण अडवू शकणार ? पाहिजे होतं ते सगळच प्राप्त झालं . सद्गुरु आण्णा की जय ! भगवान श्रीकृष्ण की जय ! कल्कि भगवान की जय ! विनोदकुमार महाजन

नातीगोती

 गौतमबुध्दाने बायकापोरं ,घरदारं सोडलं ते कायमचंच . पुन्हा मागं वळून बघितल नाही. कोण मेलं ,कोण जगलं याची चींता केली नाही. भक्तिवेदांत प्रभुपादांचही तेच. सुभाषचंद्र बोस यांचही तेच. आणी अनेक महापुरुष , सिध्दपुरूषांचं जीवनही असंच. म्हणूनच ते महापुरुष झाले.अजरामर झाले. कसली नातीगोती नी कसले आप्तेष्ट ? सगळचं मिथ्या. मोहमायेचा खोटा फापटपसारा. सगळा भुलभुलैया. म्हणूनच भाग्यवान आहेत नरेंद्र मोदी , योगी आदित्यनाथ , रामदेवबाबा सारखे महापुरुष. ज्यांनी धर्म कार्यासाठी ,ईश्वरी कार्यासाठी घरदार ,नातीगोती एका फटक्यात झुगारून दिली. अन् ईश्वरी कार्यासाठी स्वत:च संपूर्ण आयुष्यच झोकून दिलं. श्रीहरी. विनोदकुमार महाजन

चेतावणी

 *देशवासियों को महत्वपूर्ण* *चेतावणी !!*  ✍️ २४५५  *विनोदकुमार महाजन*  ***********************  *रामलहर को रोकने के लिए*   *हिंदुत्व की लहर रोकने के लिए*   *मोदी लहर रोकने के लिए*  समाज में *अनेक माध्यमों* द्वारा अनेक *संभ्रम फैलाये* जायेंगे ! समाज को *संभ्रमित* करने के लिए अनेक झूठे तथा *नौटंकीबाज आंदोलन* देश के अनेक कोने में खडे किए जायेंगे !  *हिंदुओं को आपस में तोडने* के लिए जातीय विद्वेष वायुगती से फैलाया जायेगा ! इसिलिए मेरे प्यारे हिंदू भाईयों हमेशा सावधान रहिए ,सचेत रहिए , सतर्क रहिए !  *और दगाबाज ,नौटंकीबाजों से* *बचकर रहिए !*  और ऐसी देशविघातक शक्तियों को हमेशा के लिए जमीन में गाडने के लिए *मोदीजी की शक्ती* बढाईये !  *२०२४ का लोकसभा चुनाव आ* *रहा है !*   *सावधान !*   *त्रिवार सावधान !!*  आपका *केवल एक मत* संपूर्ण देश में *क्रांती* ला सकता है ! इसिलिए नौटंकीबाजों से ,धोकेबाजों से सदैव सावधान रहिए ! दूर रहिए !  *जातीय विद्वेष* फैलाकर , हिंदुओं को तोडने के जालीम और कुटील षड्यंत्रो से दूर रहिए !  *जालीमों को पहचानीये !*  समाज में अराजकता फैलानेवाले जहरीले साँपों को पहचानीये !  *द

क्रांति

 क्रांति की लहर लायेंगे !! विनोदकुमार महाजन 🚩🚩🚩🚩🚩🕉️🕉️ संपूर्ण देश में ? क्रांति की लहर लायेंगे ! सन्माननीय , परम वंदनीय अश्विनीकुमार उपाध्याय जी के तेजस्वी विचार देश के कोने कोने में पहुंचायेंगे ! चप्पा चप्पा जगायेंगे ! हर एक की आत्मा जगायेंगे ! नया कानून बनायेंगे ! घटीया कानून हटायेंगे ! आग की तरह यह तेजस्वी विचार देश के हर कोने में पहुचायेंगे ! फेसबुक, इंस्टाग्राम ,ट्विटर ,कू - एप , लिंक्डइन , शेअर चैट , कुटुम्ब एप जैसे प्रभावी सोशल मीडिया द्वारा समाज जागृती अभियान , करोड़ों लोगों तक पहुचायेंगे ! यूट्यूब , हमारी निजी वेबसाइट द्वारा भी देशविदेशों में यह तेजस्वी विचार पहुचायेंगे ! सामाजिक क्रांति की लहर लायेंगे ! संपूर्ण क्रांति और संपूर्ण परिवर्तन का बिगुल बजायेंगे ! हर हर महादेव !! 👍👍👍👍👍🚩🕉️

मोदिजी को पत्र ( ७२ )

 काँग्रेस का हाथ आतंकियों के साथ काँग्रेस का हाथ पाकिस्तान के साथ काँग्रेस का हाथ पाकिस्तान प्रेमीयों के साथ काँग्रेस का हाथ राष्ट्रद्रोहियों के साथ काँग्रेस हटाव देश बचाव

मोदिजी को पत्र ( ७१ )

 कर्नाटक माँगे बिजेपी राज आगामी लोकसभा चुनाव में कर्नाटक में बीजेपी को अपेक्षा से भी जादा सिटे मिलेगी पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में भी ऐसा ही होगा मगर इसके लिए केंद्र सरकार की संपूर्ण निगरानी में भयमुक्त मतदान की सख्त जरूरत है सरकार इसपर जादा ध्यान देगी ऐसी आशा करता हूं