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Showing posts from November, 2024

हमारा पैसा

 " हमारा " पैसा चाहिए ? " हमारे " मठ मंदिरों का भी पैसा चाहिए ? और ?? " हमारे " पैसों से ही ? हमारा , हमारे सर्वनाश का सपना देखते हो ? ऐसी अनेक गुप्त योजनाएं भी चलाते हो ? वारे बेईमानों , नमकहरामों ,गद्दारों ! मगर हमारे सर्वनाश का तुम्हारा भयंकर सपना कभी भी पूरा नहीं होगा ! क्योंकि ? सत्य का रखवाला और  सृष्टि का विधाता दिनरात जागता रहता है ! और तुम्हारे जैसे भयावय उन्मादीयों का ऐन मौका आते ही सर्वनाश भी कर देता है ! युगों युगों से युगों युगों तक  संभवामी युगे युगे और तुम्हारे भयावय उन्माद के अंत का समय सृष्टिकर्ता के अनुसार नजदीक है ! उन्मादीयों सावधान !! चक्रधर भगवान श्रीकृष्ण की जयजयकार हो !! विनोदकुमार महाजन

सत्ययुग

 " मेरा " सत्य का , ईश्वर का , ईश्वरी सिध्दांतों का , कुदरत के कानून का , सनातन धर्म का , राज्य आरंभ हो रहा है ! सत्ययुग आ रहा है !! भयंकर , भयावय ,भयानक विनाशकारी , उन्मत्त , उन्मादी ,हाहाकारी कलीयुग के चंगूल से सत्य छूट गया ! अब अधर्म का भी नाश होगा ! अधर्मी , हाहाकारी , उन्मादीयों का भी संपूर्णत: सर्वनाश होगा ! धरती पर स्वर्ण युग लौटकर आयेगा !  धरती पर फिरसे सत्ययुग आयेगा ! सनातन का स्वर्णीम युग आरंभ होगा ! " रामराज्य " धरती पर फिरसे लौट के आयेगा ! अंधेरा छट गया ! सूरज निकल गया !! ।। सुर्य देवाय नमः ।। विनोदकुमार महाजन

गणेशजी

https://youtu.be/a4VljA-vEsU  My Puja  धनलाभ एवं ऐश्वर्य प्राप्ति के लिए यहाँ होता है अनुष्ठान यह स्थान मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर से तकरीबन पांच कलोमीटर दूरी पर है ! यहां पर एक जागृत गणेश जी का मंदिर है ! धनप्राप्ति तथा ऐश्वर्य प्राप्ति के लिए यहां पर विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है ! राजा विक्रमादित्य ने भी यहां पूजा की थी ! बनवास के समय जब यहां राम , लक्ष्मण और सीतामाता आये थे तब यहांपर तीनोंने एक ही स्थान पर पूजा की थी ! भगवान श्रीराम ने चिंतामणि गणेशजी की , लक्ष्मण ने इच्छामण गणेशजी की और माता सिता ने सिध्दीविनायक की पूजा की थी ! यहां पर तीनों गणेशजी एकसाथ विराजमान है ! चींता हरनेवाला चिंतामणि , इच्छीत फल देनेवाला , इच्छामण और हर प्रकार की सिध्दीयाँ देनेवाला सिध्दीविनायक यहां पर एकसाथ उपस्थित है ! इसीलिए यहां के पूजा विधान का विशेष महत्व होता है ! अष्ट ब्राह्मणों द्वारा मेरे नाम और गोत्रोच्चार से , मैंने भी यहां पर विशेष अनुष्ठान एवं अभिषेक कराया ! इस वीडियो में यह अनुष्ठान दिखाई देता है ! ।। जय गजानन श्री  गजानन ।। ।। गण गण गणात बोते ।। गणेशजी की आप सभी पर कृपा बनी रहे ! विनोदकुमा

तडपती मछली !

 *जलबीन मछली ?* ✍️ २५५१ ( बोधकथा ) 🦈🐟🦈🐟🦈🐟 एक थी मछली ! स्वच्छ समंदर में आनंद से विहार करनेवाली ! अमृतसागर में मस्त होकर रहनेवाली ! मगर ? एक लहर आ गई ! विनाशकारी लहर ! और उस आनंदी मछली को सागर के किनारे पर ले गई ! लहर वापिस गई ! गहरे समंदर में एकरूप हो गई ! निष्पाप मछली को समंदर के किनारे अकेला छोडकर ... जलबीन तडपने के लिये ... अनेक सालों तक... समंदर किनारे पर भटकने के लिए ,मौजमजा करने के लिए... अनेक लोग आते थे... हँसीमजाक करते थे ! तडपती हुई , अकेली , अनाथ मछली की ओर भी देखते थे.... और...चले जाते थे ! उस बेचारे मछली को , कर्मगति से तडपती मछली को ... ऐसा लगता था... कोई तो भी देवदूत आयेगा.. उस जलबीन तडपती मछली को अपने हाथ में लेकर , गहरे समंदर में छोड़ देगा... फिर से आनंद से विहार करने के लिए.... मगर अनेक साल बितते गये मछली तडपती रही ! ना समंदर में वापिस जा सकती थी ! और...? ना ही उसकी मृत्यु होती थी ! तडप और तडप ! कर्मगति का फेरा ! ईश्वर भी उस निष्पाप , निष्कलंक मछली को ना तो समंदर में पहुंचाने के लिए सहायभूत होता था ! ना मृत्यु देता था ! कर्म गति के उल्टे फेरे के आगे ईश्वर भी क्या

सुख के सब साथी ?

 *जब हम मुसिबतों में होते* *है ?* ✍️ २५५० 👆👇👆👇👆👇 जब हम मुसिबतों में होते है , चारों ओर से घोर मुसिबतों में फँस जाते है , दुखी मन हमेशा तडपता रहता है ... तब.... हमें ऐसा लगता है की , मुसिबतों की घडी में हमें कोई सहायता करें , आधार दें ! आर्थिक ना सही कम से कम दो प्रेम के शब्दों का आधार दें ! " चींता मत करना , ईश्वर सबकुछ ठीक करेगा ! " ऐसे दो शब्द बोलें ! ऐसे समय में ऐसे दो शब्दों के लिए , आत्मा तडपती रहती है ! मगर ऐसे पत्थरदिल समाज में , ह्रदयशून्य समाज में , हमारी अपेक्षा पूरी होना तो दूर की बात.... उल्टा हमारे कोमल ह्रदय पर , ह्रदयशून्य लोगो द्वारा , क्रूर समाज द्वारा , कुठाराघात होता है तब... सचमुच में मृत्यु भी अच्छी लगने लगती है ! चारों तरफ से घोर उपेक्षा , विडंबना , अपमान , मनस्ताप से ह्रदय भी घायल हो जाता है ! जिसके साथ जी जान से प्रेम किया , जीसके मुसिबतों की घडी में पहाड़ बनकर आधार दिया , वोभी हमारे मुसिबतों में और पीडा और नरकयातनाएं देते रहते है ...तब ? जीवन ही असह्य लगने लगता है ! मुसिबतों की घडी में साथ देना तो दूर की बात है , सब दूर ही भाग जायेंगे ! कुछ नामर्

सिरीअस ??

 *काम बंद ? रास्ता चालू ??*  ( *सिरिअस मैटर ?? )*  ✍️ २५४९ ❓❓❓❓❓❓ आज के लेख का विषय ? गंभीर ! सिरिअस मैटर ?? सारे प्रश्न ही प्रश्न !? उत्तर ? शून्य ? फिर वहीं विषय ? वैश्विक समस्या ! विनाशकारी राष्ट्रीय समस्याओं का भयंकर प्रश्न ? और...शायद वैफल्यग्रस्त वैश्विक मानवसमुह के पास  उत्तर ? हल ? ना के बराबर ! वैश्विक स्तरपर समस्त मनुष्य प्राणी इतने भयंकर गहरे चक्रव्यूह में फँस गया है कि , इसके बारे में , विचार करने के लिए भी , सामुहिक मनुष्य प्राणी के पास समय नहीं है ! समस्याएं , चिंताएं गहरी होती जा रही है ! वैश्विक समस्याएं ! और ऐसे महत्वपूर्ण विषय पर , चर्चा करके यथोचित रास्ता निकालकर , समस्त मानवसमुह तथा समस्त सजीव सृष्टि को ऐसे विनाशकारी मुसिबतों से बाहर निकालने के लिए , ... शायद... सारे रास्ते बंद से हो गये है ! मतलब ? मुख्य काम बंद है मगर रास्ता तो चालू है ! संपूर्ण विश्व के जो दो चार प्रतिशत तत्ववेत्ता है , सृष्टि के हितचिंतक है , वह पुण्यात्माएं इस विषय पर जरूर विचार करेंगे !  मगर फिर भी , अगली रणनीति बनाना असंभव लगता है !? क्योंकि उन्हें एक करना , एक व्यासपीठ पर लाना भी असंभव है !

खेला होबे ??

 क्या ? दुनिया का अंत ?? निश्चित है ??? ✍️ २५४८ 🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞 अगर कल्कि आयेगा तो ? धरती का नब्बे प्रतिशत पाप जलाकर राख कर देगा ! ?? इसमें केवल पुण्यपुरूष ही बचेंगे ?? और अगर कल्कि नहीं भी आयेगा तो भी सुर्यदेव धरती के बढते भयंकर तापमान ( ग्लोबल वार्मिंग ) से ? सजीव सृष्टि को जलाकर भस्म कर देगा ?? इसमें भी आश्चर्यजनक तरीकों से केवल और केवल पुण्यपुरूष ही बचेंगे !?? क्या सचमुच में , पापियों  का थोडे दिनों का " खेला " बाकी बचा है ??? ईश्वर भी आखिर कबतक सहेगा ?? असत्य जब " खेला होबे " शुरू कर देता है तो ?? ईश्वर का " खेला होबे ?? " तो ? अतिभयंकर ही  होगा ना ??? विनोदकुमार महाजन 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩

सत्य

 जब सत्य को असत्य साबित करने की होड सी लग जाती है तब अदृश्य रूप से नियती कुछ अलग ही खेल आरंभ कर देती है ! विनोदकुमार महाजन

मच्छरों की रणनीती

 मच्छरों की रणनीती ?? ✍️ २५४७ एक मच्छर भी रणनीति बनाकर मनुष्यों का खून चूसता है ! तो इंन्सानरूपी खून  पिनेवाले भयंकर मच्छर कितनी तगडी रणनीति बनाते होंगे ? और ऐसे भयंकर उपद्रवी रक्तपिपासु मच्छरों का सदा के लिए सफाया करने के लिए कितनी शक्तिशाली रणनीति  बनानी पडेगी ?? सोचो !?? हर हर महादेव ! विनोदकुमार महाजन

मच्छर

 मच्छरों की रणनीती ?? ✍️ २५४७ एक मच्छर भी रणनीति बनाकर मनुष्यों का खून चूसता है ! तो इंन्सानरूपी खून  पिनेवाले भयंकर मच्छर कितनी तगडी रणनीति बनाते होंगे ? और ऐसे भयंकर उपद्रवी रक्तपिपासु मच्छरों का सदा के लिए सफाया करने के लिए कितनी शक्तिशाली रणनीति  बनानी पडेगी ?? सोचो !?? हर हर महादेव ! विनोदकुमार महाजन

तीनों जब एक होंगे

 तीनों जब एक होंगे ! ✍️ २५४६ इस्त्राएल की तरह आक्रामक भारत बनेगा इस्त्राएल की तरह अमरीका भी बनेगा और तीनों देश एक होकर संपूर्ण विश्व के आतंकवाद के विरूद्ध वायुगती से आगे बढेंगे तो शायद ? दस दिन के अंदर ही विश्व के सभी आतंक का तुरंत और सदा के लिए सफाया हो जायेगा ! मोदिजी... अब इस ईश्वरी कार्य के लिए आप ही आगे आकर , निर्णायक भूमिका निभाएंगे ऐसी संपूर्ण भारतीयों की  आशा है ! तभी देश के अंदर का संपूर्ण आतंकीयों का सरदर्द सदा के लिए समाप्त हो जायेगा ! देश में छूपे हुए राष्ट्रद्रोहियों का और घुसपैठियों का भी सदा के लिए बंदोबस्त हो जायेगा ! और विशेष महत्वपूर्ण बात पाकिस्तान का सरदर्द सदा के लिए समाप्त हो जायेगा ! मोदिजी आगे बढो ! जय भवानी ! जय शिवाजी ! विनोदकुमार महाजन

मेरा क्या है ??

 मेरा क्या है  ??  🚩🚩🚩🚩🚩 मेरा सुखदुःख मेरा यशअपयश मेरा पापपुण्य मेरा जन्ममृत्यु मेरी नामकिर्ती मेरी गरीबीअमीरी मेरा है ही नहीं ! सबकुछ सद्गुरू का और ईश्वर का है  ! ना मेरा कुछ था  !  ना मेरा कुछ है  !  ना मेरा कुछ रहेगा  !  सबकुछ ईश्वर का है !  सबकुछ मेरे सद्गुरू आण्णा का है  !  ना यह पंचमहाभूतों  का देह मेरा है  !  ना इस देह के अंदर वास करनेवाला आत्मा मेरा है  !  ना ही चल रही श्वास भी मेरी है  !  ना जन्म मेरा है  !  ना मृत्यू मेरी है  !  ना ईश्वरी कार्य भी मेरा है  !  सबकुछ ईश्वर का है  !  सबकुछ सद्गुरू का है  !  और... सबकुछ पवित्र सद्गुरू चरणकमलों पर और ईश्वरी चरणकमलों पर समर्पित है  !!  जय श्रीकृष्ण  !!!  विनोदकुमार महाजन 🕉🕉🕉🕉🕉

आत्मरक्षा

 *हिंदू साथीयों,*   *आत्मरक्षा के लिए धैर्यवान* *बनो !* ✍️२५४४ 🤺🤺🤺🤺🤺 देशविदेश के मेरे प्यारे सभी हिंदू साथीयों तथा सत्यप्रेमी , मानवतावादी साथीयों , समय केवल आत्मचिंतन का नहीं है बल्कि प्रत्यक्ष कृती का है ! क्योंकि हमारे अस्तित्व का प्रश्न निर्माण हो गया है और भविष्य अंधकार मय दिखाई दे रहा है ! इसिलिए केवल संगठित होने से काम नहीं चलेगा बल्कि आक्रमक भी बनना पडेगा ! और क्रूर भी ! और साहसी और धैर्यवान भी ! देवीदेवताओं का ध्यान करो ! देवीदेवता केवल शक्तिशाली ही नहीं होते है बल्कि हर समय में आसुरी शक्तियों का विरोध तथा विनाश करने में भी सक्षम होते है ! और शक्तिशाली , बलशाली , संपन्न होकर भी , देवीदेवताओं के हाथ में हमेशा शस्त्र भी होता है ! केवल आसुरीक संपत्ति का विरोध ही नहीं बल्कि मुसिबतों की घडी में आत्मरक्षा भी महत्वपूर्ण होती है ! अब हमें भी देवीदेवताओं की तरह शक्तिशाली ,बलसंपन्न , धनसंपन्न तो बनना तो पडेगा ही ! साथ में चौबीसों घंटे सजग , सावधान भी रहना पडेगा ! और अधर्म का तथा अधर्मियों का हरपल डटकर सामना करने की हिम्मत भी रखनी चाहिए ! हम तो बडे दयालु ,सहिष्णु होते है ! मगर अब धर

गरीब हिंदू ?

 *हम हिंदू गरीब , असहाय* *क्यों बनते गये ??* ✍️ २५४३ ❓❓❓❓❓❓❓ जब घर परिवार अथवा देश में आर्थिक संपन्नता ,समृध्दि होती है तब खुशहाली , आनंद और निश्चिंत जीवन होता है ! जीवन में स्थैर्य रहता है ! सुखी ,समाधानी , आनंदी जीवन शैली ! और लगभग सभी मानवसमुह आर्थिक संपन्नता के लिए ही आजीवन प्रयासरत रहता है ! हमेशा उसी दिशा में चारों ओर प्रयत्न करता रहता है ! अनेक धार्मिक अनुष्ठान , धार्मिक विधि भी , अनेक बार आर्थिक स्थैर्य प्राप्ति के लिए भी किए जाते है ! मगर जब आर्थिक मुसिबतों का भयंकर दौर आरंभ होता है तब , .... मती गूंग हो जाती है , त्राहिमाम त्राहिमाम जैसी भयंकर विदारक स्थिति बनती है ! भगवान श्रीराम , श्रीकृष्ण से लेकर , राजा विक्रमादित्य जैसे महानायकों तक , लगभग यह देश संपन्न , समृद्ध था ! इसीलिए इस देश को सोने की चिडिय़ा वाला देश भी कहा जाता था ! आर्थिक संपन्नता के साथ साथ , विचारों की संपन्नता , सुसंस्कृत और शालीन ,परोपकारी समाज , मानवताप्रिय तथा धर्माभिमानी और धर्मावलंबी आदर्श समाज भी था ! चारों ओर ऐसे ही आदर्श सनातन धर्म और सनातन संस्कृति का राज था ! सुसंपन्न , सुखवस्तु , सुखवास्तु समाज था

बिना माँगे

 किसीको ❓कुछ भी ❓ माँगना नहीं ! अगर सचमुच में.... ईश्वर साथ है तो ?? बिना माँगे ही सबकुछ मिलेगा ! और.... वैश्विक ईश्वरी कार्य संपन्न होकर ही रहेगा ! न मागे तयाची रमा होय .. दासी...सद्गुरु आण्णा वचन....!!! ।। अवधूत चींतन श्री गुरूदेव दत्त ।। विनोदकुमार महाजन

गौमाता का श्राप

 गौमाता का श्राप ❓ ✍️ २५४१ " हम हिंदू " अगर गौमाता के तेजस्वी पूत्र है और उसके जान की रक्षा भी  " हम हिंदू " नहीं कर सकते है तो ❓ हमारा यह जीवन ही व्यर्थ गया ना ?? सोचिए !!❓ ऐसा भयावह दृष्य ना तो आँखों से देखा जा सकता है और नाही सहा जा सकता है !! इससे बेहतर तो मृत्यु भी लगती है ! धिक्कार है हम " हिंदुओं का ! " जो ऐसे नारकिय जीवन जीते है ! हमारी संवेदना ही लगभग मर सी गई है ! और ऐसे संवेदनशून्य ⁉ समाज में रहने से ❓ बेहतर है हिमालय में ?? चले जाना.... गौमाता बचाव !! उसके श्राप से संपूर्ण सृष्टि संतुलन खतरे में आ गया है !! कामधेनु बचाव !! जय गौमाता !!! विनोदकुमार महाजन

पंछी

 खुले पंछी खुले आसमान में आनंद से विहार करेंगे किसी को सक्ती से पिंजरे में कैद किया तो ईश्वर भी दुखी होता है हरी ओम् विनोदकुमार महाजन

हम जीतेंगे

 हम जीतेंगे !!! ✍️ २५४० 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩 देशविदेशों के सभी... आध्यात्मिक ,सामाजिक , राजनीतिक हिंदुत्ववादी संगठन मुझे हिंदुत्व के कार्य में आत्मीय सहयोग करते है तो...निश्चित रूप से संपूर्ण देश में और संपूर्ण विश्व में सनातन धर्म की वैश्विक क्रांति कर सकता हूं ! निती तैयार है ! यशस्वी रणनीति के अनुसार कार्य तेजी से आगे बढाने के लिए , संपूर्ण विश्व से महत्वपूर्ण व्यक्तियों के सहयोग की अपेक्षा करता हूं ! इस वैश्विक कार्य के लिए , मैं मोदिजी और योगीजी का संपूर्ण और तुरंत आत्मीय , सहयोग चाहता हूं ! इसी आधार पर सभी देशों में , संपूर्ण विश्व में , सनातन का कार्य तेजी से आगे बढेगा ! इसके लिए सभी मान्यवरों के लिए , पत्रव्यवहार करने का विस्तृत मसुदा बना रहा हूं ! अब वैश्विक क्रांति अभियान तेज होगा ! और इसे रोकने की किसी की हिम्मत भी नहीं होगी ! क्योंकि सबकुछ ईश्वर की इच्छा के अनुसार ही हो रहा है ! हम सभी सनातन धर्म प्रेमी जीतकर ही रहेंगे ! हर हर महादेव ! विनोदकुमार महाजन 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩

पाणी पाणी करके...

 *पाणी पाणी करके तडपकर* *मर रहा है ...?*  ✍️ लेखांक : - २५३९  *विनोदकुमार महाजन*  ***************** कोई... पाणी पाणी करके तडप तडपकर मर रहा है तो ? सारी दुनियादारी और ? आज की कलीयुगी रिश्तेदारी भी ? पाणी के अभाव से उस तडपकर मरनेवाले को ? सचमुच में पाणी पिलायेगी ? या फिर ? उसे पाणी के अभाव से तडपातडपाकर मारेगी ? उसे तडपातडपाकर मारने में ही दुनियादारी को भयंकर राक्षसी आनंद होगा ? पाणी के अभाव से तडपकर मरनेवाले को ही दुनिया उलटी हँसेगी ? क्रूर से ? उस तडपनेवाले को ही पागल करार देगी ? उसकी तडप समझनेवाला ? एक भी माई का लाल ? इस दुनिया में नही होगा ? कोई मुसिबत की भयंकर आग में तडपकर मर रहा है तो ? उसे सहयोग करने के बजाए , उल्टा उसका ही क्रूरता से मानसिक उत्पीडन  किया जायेगा ? तो ऐसा व्यक्ती एक तो तडपकर मरेगा ? या फिर आत्महत्या करेगा ? या फिर सचमुच में पागल बनकर ही रास्ते पर आयेगा ? जी हाँ दोस्तो... यह मेरे देश का वास्तव रहा है...यह मेरे समाज का वास्तव रहा है...मेरे हिंदू धर्म का भी यही वास्तव रहा है... दुर्दैव से यह सत्य है ! और सभी को स्विकारना ही होगा ! हिंदू धर्म के लिए कार्य करनेवाले अनेक

अखंड भारत

 जल्दी से जल्दी हिंदुराष्ट्र बनाने की अखंड भारत बनाने की और असुर मुक्त  भारत बनाने की शक्तिशाली निती खोजो !! किसका दिमाग काम  करेगा ❓ विनोदकुमार महाजन

आतंकवादी

 कश्मीर में मोदिजीने आतंकीयों को ठोकना आरंभ किया तो कश्मीर भी शांत और भारत देश भी शांत इनको केवल बंदुक की गोली की ही भाषा समझती है तभी ये शांत रहते है बॅंटेंगे तो कटेंगे सोचेंगे तो बचेंगे जागो हिंदुस्तानी